शुभांशु शुक्ला की जीवनी | Shubhanshu Shukla Biography Hindi

जीवन केलव पृथ्वी पर संभव है. परंतु ब्रह्मांड किसी अनसुलझी पहेली की तरह है. हमारी धरती पर उपलब्ध स्रोतों की एक मर्यादा है, लेकिन जनसंख्या दिन पर दिन बढ़ती जाती है, इस लिए संसाधनों और सुविधाओं की खोज और विकास निरंतर अनिवार्य है. इसी प्रयोजन से देश दुनियां के वैज्ञानिक पृथ्वी से दूर विभिन्न ग्रहों और अंतरिक्ष पर जा कर प्रयोग करते रहते हैं. ताकि नई संभावनाएं तलाशी जा सके. (Shubhanshu Shukla Biography Hindi)
Axiom Mission 4 की जानकारी
हाल ही में भारत के शुभांशु शुक्ला Axiom Mission 4 पर ISS (इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन) गए. उनके दल में और 3 अंतरिक्षयात्री भी थे. चारो एक्सट्रोनॉट की जानकारी कुछ इस प्रकार है.
(1) Shubhanshu Shukla – भारत (Pilot)
(2) Peggy Whitson – अमेरिका (Commander)
(3) Sławosz Uznański‑Wiśniewski – पोलैण्ड (Mission Specialist)
(4) Tibor Kapu – हंगरी (Mission Specialist)
लॉन्च : 25 जून 2025, 06:31 UTC (2:31 a.m. EDT)
रिटर्न : 15 जुलाई 2025, लगभग 09:30 UTC (5:30 a.m. EDT)
Axiom Mission 4 की कुल अवधि कुल 18 दिन रही है. उनके सफर की बात करें तो 320 कक्षाएं पार की और यान ने करीब 8.4 मिलियन मिल की यात्रा की.

परिचय : शुभांशु शुक्ला का जन्म 10 अक्टूबर 1985 के दिन हुआ, उनकी जन्मभूमि लखनऊ, उत्तरप्रदेश (भारत) बताई जाती है. उनके पिताश्री का नाम शंभु दयाल शुक्ला है. माता का नाम ज्ञात नहीं. शुभांशु का विवाह कामना मिश्रा से हुआ है, जो एक दंत चिकित्सक है. वे दोनों बचपन के दोस्त रहे हैं. दोनों ही अपनी पर्सनल और पेशेवर लाइफ को अच्छे से मैनेज कर के एक दूसरे के काम में सपोर्टिव रहते हैं. इस दंपत्ति को एक पुत्र है.
अभ्यास : उन्होंने वर्ष 2006 में भारतीय वायुसेना में भर्ती होने से पूर्व एविएशन और फ्लाइट साइंस का अभ्यास किया है. और Navy में सेवाएं देने के पश्चात एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में एम.टेक. की डिग्री हासिल की है.
रूचि : शुभांशु शुक्ला को कसरत करने का बहुत शौख है. उन्हें विज्ञान विषय में भी गहन रूचि रही है. वे फ्री समय में इस विषय पर कंटेंट पढ़ते रहते हैं. खुद को अज्ञेयवादी बताने वाले शुभांशु राशिफल और वास्तु जैसी बातों पर भी ध्यान देते हैं.
करियर : मध्यमवर्ग के परिवार से आनेवाले शुभांशु बाल्यकाल से ही विमानन और अंतरिक्ष में रूचि रखते थे. आगे चल कर उन्होंने नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) में दाखिला लेने का प्रयास किया, लेकिन उम्र बाधा के चलते उन्हें सफलता नहीं मिली.
वायुसेना में कार्यकाल की जानकारी
2000 घंटे से अधिक उड़ान का अनुभव
भारतीय वायुसेना में टेस्ट पायलेट के तौरपर सेवाएं दी
Su-30 MKI, MiG-21 और जगुआर जैसे विभिन्न विमानों को उड़ाने का अनुभव
वर्ष 2019 में अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण के लिए चुना गया (उन्होंने रूस के यूरी गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षण लिया है)
आजीविका : Axiom Mission 4 के लिए उन्हें किसी अतिरिकित भुगतान की जानकारी नहीं है, लेकिन भारतीय वायुसेना में जॉब की वजह से उन्हें ग्रुप कैप्टन पद पर बहाली के लिए वार्षिक 30 से 46 लाख सैलेरी मिलती है. जिसमें बेसिक और अलाउंस शामिल है.
गगनयान और Axiom Mission 4
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को ISRO के स्पेस कार्यक्रम के लिए अंतरिक्ष यात्रियों में से एक के रूप में चुना गया था. जानकारी के अनुसार उन्हें Axiom Mission 4 के “मिशन पायलेट” के रूप में ISS (इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन) पर भेजा गया था. तिथि की बात करें तो यह Mission 25 जून को शुरू हुआ था और 18 दिन बाद इसका समापन हुआ. शुभांशु शुक्ला ISS पर जाने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बने हैं.

अंतरिक्ष में हुए प्रयोग की जानकारी (2025)
शुभांशु शुक्ला और उनकी टीम को Axiom Mission 4 पर भेजा गया जहाँ ISS पर उन्होंने 60 प्रयोगों में हिस्सा लिया. इन सभी एक्सपेरिमेंट्स में से कुल 7 भारत के ISRO द्वारा डिजाइन किए गए थे. डिटेल की बात करें तो, सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण में जिवों का व्यवहार, मांस पेशियों का पुनर्जनन, बीज अंकुरण और ट्रडिग्रेडस पर गहन रिसर्च शामिल है.
शुभांशु शुक्ला से पहले राकेश शर्मा ने की है “अंतरिक्ष यात्रा”
ग्रुप कैप्टन “शुभांशु शुक्ला” पहले भारतीय नागरिक बने हैं जिन्होंने ISS (इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन) की यात्रा की है और वे राकेश शर्मा के बाद दूसरे भारतीय अंतरिक्ष यात्री हैं.
गौरतलब है की, राकेश शर्मा 3 अप्रैल 1984 के दिन सोवियत यूनियन के Soyuz T‑11 मिशन के माध्यम से Baikonur Cosmodrome से लॉन्च हुए और Salyut 7 अंतरिक्ष स्टेशन से जुड़े थे.
उन्होंने कुल 7 दिन, 21 घंटे और 40 मिनट अंतरिक्ष में बिताए थे और 11 अप्रैल 1984 को कज़ाख़स्तान में लौटे थे.
Note : शुभांशु शुक्ला ISS (इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन) जानेवाले सौप्रथम भारतीय है और अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बने हैं.

शुभांशु शुक्ला से जुड़े फैक्ट्स
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैप्टन शुभांशु शुक्ला की सकुशल वापसी पर ख़ुशी जताई. उन्होंने अंतरिक्ष से धरती पर लौटने की इस यात्रा को मील का पत्थर करार दिया है.
शाहजहांपुर के लीड कान्वेंट स्कूल में ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से वापसी पर बच्चों ने अपनी रचनात्मकता के माध्यम से विचार व्यक्त किए। बच्चों ने विभिन्न पोस्टर बनाकर शुभांशु शुक्ला को हार्दिक बधाई दी।
मंगलवार, 15 जुलाई 2025 को धरती पर लौटे शुभांशु शुक्ला के स्पेस क्राफ्ट से बाहर आने पर उनकी माता ख़ुशी के मारे रो पड़ी थीं. उन्होंने लखनऊ से लाइव लेंडिंग देखी थी. वह बोली की, बेटे का दोबारा जन्म हुआ ऐसा लगा, वह बहुत बड़ा मिशन पूरा कर के लौटा है, साथ ही पिता बोले, भगवान की कृपा से बेटा सुरक्षित लौट आया.
बॉलीवुड अभिनेत्री रकूलप्रीत सिंह ने Axiom-4 मिशन की सफलता पर शुभांशु शुक्ला और उनकी टीम को बधाई दी.
Shubhanshu Shukla Life Story (QNA)
Q – शुभांशु शुक्ला किस कार्य के चलते प्रसिद्ध हुए हैं?
A – वे ISS (इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन) जानेवाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बने हैं.
Q – शुभांशु शुक्ला 2025 में किस मिशन पर अंतरिक्ष में गए थे?
A – वे “Axiom Mission 4” के तहत मिशन पायलेट की हैसियत से इस अंतरिक्ष यात्रा पर गए थे.
Q – Axiom Mission 4 कितने दिन चला?
A – यह मिशन कुल 18 दिन चला था. (शुरुआत 25 जून 2025, अंत 15 जुलाई 2025)
Q – ISRO ने शुभांशु शुक्ला की इस ISS यात्रा के लिए कितना खर्च किया?
A – ISRO ने Axiom Mission 4 पर शुभांशु शुक्ला को भेजने के लिए 550 करोड़ रुपयों का खर्च किया है.
Q – ISRO कब अपना मानव मिशन “गगनयान” अंतरिक्ष में भेजने वाला है?
A – वर्ष 2027 में ISRO गगनयान अंतरिक्ष में भेजने वाला है, जिसमें अनुभवी शुभांशु शुक्ला की मजबूत दावेदारी रहेगी.
Q – Axiom Mission 4 यात्रा पर गया दल वापसी में धरती पर कहाँ लैंड हुआ?
A – शुभांशु शुक्ला और अन्य 3 अंतरिक्ष यात्रियों के साथ ISS गया यान, SpaceX के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट पर सवार होकर धरती पर लौटा. ड्रैगन का यह कैप्सूल मंगलवार, 15 जुलाई को भारतीय समयानुसार तकरीबन दोपहर के 3.01 बजे अमेरिका राष्ट्र के कैलिफोर्निया तट के पास प्रशांत महासागर में “स्प्लैशडाउन” हुआ था.
Q – Axiom Mission 4 इंडिया के लिए महत्वपूर्ण क्यों है?
A – क्यों की वर्ष 2027 में भारत अपना खुद का मिशन “गगनयान” स्पेस में भेजने वाला है, इस लिहाज से शुभांशु शुक्ला को प्राप्त यह यात्रा अनुभव बेहद महत्वपूर्ण है.
Q – Axiom Mission 4 पर जा कर किये गए शुभांशु शुक्ला के खास एक्सपेरिमेंट कौनसे थे?
A – मांसपेशियों के नुकसान (मसल्स लॉस) को डिकोड करना, मश्तिष्क कंप्यूटर इंटररफेस विकसित करना और अंतरिक्ष में हरे चने और मेथी के बीज को अंकुरित करने के प्रयोग शामिल थे.
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Garv mahsoos hotaa hai… well done Shubhanshu
शुभांशु शुक्ला की ISS यात्रा भारत के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। अंतरिक्ष में 18 दिन बिताकर उन्होंने न केवल वैज्ञानिक शोध में योगदान दिया, बल्कि देश के करोड़ों युवाओं को भी प्रेरित किया। उनकी यह उपलब्धि साबित करती है कि भारतीय प्रतिभा अब वैश्विक मंच पर नेतृत्व कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें “एक अरब सपनों की प्रेरणा” बताया, जो बिल्कुल सही है।