दास प्रथा के दिनों में एक मालिक के पास अनेकों गुलाम हुआ करते थे। उन्हीं में से एक था लुक़मान।
लुक़मान था तो सिर्फ एक गुलाम लेकिन वह बड़ा ही चतुर और बुद्धिमान था। उसकी ख्याति दूर दराज़ के इलाकों में फैलने लगी थी।
एक दिन इस बात की खबर उसके मालिक को लगी, मालिक ने लुक़मान को बुलाया और कहा- सुनते हैं, कि तुम बहुत बुद्धिमान हो। मैं तुम्हारी बुद्धिमानी की परीक्षा लेना चाहता हूँ। अगर तुम इम्तिहान में पास हो गए तो तुम्हें गुलामी से छुट्टी दे दी जाएगी। अच्छा जाओ, एक मरे हुए बकरे को काटो और उसका जो हिस्सा बढ़िया हो, उसे ले आओ।
लुक़मान ने आदेश का पालन किया और मरे हुए बकरे की जीभ लाकर मालिक के सामने रख दी।
कारण पूछने पर कि जीभ ही क्यों लाया ! लुक़मान ने कहा- अगर शरीर में जीभ अच्छी हो तो सब कुछ अच्छा-ही-अच्छा होता है।
मालिक ने आदेश देते हुए कहा- “अच्छा! इसे उठा ले जाओ और अब बकरे का जो हिस्सा बुरा हो उसे ले आओ।”
लुक़मान बाहर गया, लेकिन थोड़ी ही देर में उसने उसी जीभ को लाकर मालिक के सामने फिर रख दिया।
फिर से कारण पूछने पर लुक़मान ने कहा- “अगर शरीर में जीभ अच्छी नहीं तो सब बुरा-ही-बुरा है। “
उसने आगे कहते हुए कहा- “मालिक! वाणी तो सभी के पास जन्मजात होती है, परन्तु बोलना किसी-किसी को ही आता है…क्या बोलें? कैसे शब्द बोलें, कब बोलें.. इस एक कला को बहुत ही कम लोग जानते हैं। एक बात से प्रेम झरता है और दूसरी बात से झगड़ा होता है।
कड़वी बातों ने संसार में न जाने कितने झगड़े पैदा किये हैं। इस जीभ ने ही दुनिया में बड़े-बड़े कहर ढाये हैं।जीभ तीन इंच का वो हथियार है जिससे कोई छः फिट के आदमी को भी मार सकता है तो कोई मरते हुए इंसान में भी प्राण फूंक सकता है । संसार के सभी प्राणियों में वाणी का वरदान मात्र मानव को ही मिला है। उसके सदुपयोग से स्वर्ग पृथ्वी पर उतर सकता है और दुरूपयोग से स्वर्ग भी नरक में परिणत हो सकता है। भारत के विनाशकारी महाभारत का युद्ध वाणी के गलत प्रयोग का ही परिणाम था। “
मालिक, लुक़मान की बुद्धिमानी और चतुराई भरी बातों को सुनकर बहुत खुश हुए ; आज उनके गुलाम ने उन्हें एक बहुत बड़ी सीख दी थी और उन्होंने उसे आजाद कर दिया।
मित्रों, मधुर वाणी एक वरदान है जो हमें लोकप्रिय बनाती है वहीँ कर्कश या तीखी बोली हमें अपयश दिलाती है और हमारी प्रतिष्ठा को कम करती है। आपकी वाणी कैसी है ? यदि वो तीखी है या सामान्य भी है तो उसे मीठा बनाने का प्रयास करिये। आपकी वाणी आपके व्यत्कित्व का प्रतिबिम्ब है , उसे अच्छा होना ही चाहिए।
किरण साहू
रायगढ़ (छ.ग.)
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Mr. Kiran पिछले कुछ समय से एक प्रेरणादायक हिंदी किताब “हमारी सफलता” पर कार्य कर रहे हैं . वह एक स्टूडेंट होने के साथ एक मोटिवेशनल राईटर हैं. उनका रुझान समाज सेवा और आध्यात्म में गहरा होता जा रहा है. साथ ही वो एक प्रोफेशनल ब्लोगर और ब्लॉग डिजाईनर भी हैं. आप उनके ब्लॉग पर विजिट कर उनके लेख पढ़ सकते हैं.
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ajay,[email protected] says
chup rahena bhi kai tarhe ka hai jase koi hame gali nikal raha hai to chup rah sakte hai lekin agar koi chori kar raha hai ya adharm kar raha ya kisi garib ko taklif de raha to chup nahi rahena chaiy
suresh hembram says
exatally this story is very helpful for a good day !!
pawan dhakad says
Mithi bani bolne se hmare man ko v shanti milti h or samne bale ko v achha lgta h…
Isliye hme sich smjkr bolna chaiye….
……………
Very interesting story.
कनिष्क शर्मा says
मनुष्य की वाणी ताकत रखती है| साफ़ पवित्र और भीतर का सफ़र तै करने वाले मनुष्य वाणी से समाज को बदल डालते है,तो हिटलर,स्टेंलिन,सद्दाम हुसैन जैसे बुरे मन अपनी कटु वाणी से ओरो के मन को प्रभावित कर समाज का सर्वनाश भी कर डालते है| यह बात सिर्फ हमपर निर्भर करती है, की हम अपनी वाणी का प्रयोग कैसे करते है… समाज की भलाई के लिए, या समाज के सर्वनाश के लिए |
कनिष्क शर्मा..
ब्लॉग- http://www.k-positive.in
shakuntala gomatishankar trivedi says
it is a true statement of reality of life very nice
HEMANT says
Really good message.
anita says
लेकिन किसी को अगर जानबूझकर अपशब्द बोलकर नीचा दिखाने की आदत पड़ गई हो तो क्या करें । आजकर मीठे बोल की कोई मूल्य नहीं है । हमारे चुप् रहने से क्या होगा । हमारी चुप्पी आजतक किसी को सुधार नहीं पाई । बचपन में एक बात सीखी थी एक चुप सौ सुख ।
Manpreet singh says
This is very motivational story
amul sharma says
बहुत ही प्रेरणादायक कहानी है। ज्यादा नहीं बस इतना कहना चाहूंगा कि जीभ के द्वारा निकले बोल वातावरण को रसगुल्ले जैसा मीठा भी बना सकते हैं और करेले जैसा कड़वा भी बना सकते हैं, निर्णय आपके ऊपर है कि कैसा बोलना है।
From-
aapkisafalta
p k debnath says
verry good story
gyanipandit says
एकदम सही सर आपने ,हमारी वाणी से ही हमारा व्यक्तित्व समझ में आता है,
भगवान ने हमें मधुर वाणी का वरदान दिया है तो उसका उपयोग अच्छा करना चाहिए,
अच्छा और मधुर बोलने से हम लोकप्रिय बनेंगे, इसलिए हमेशा मीठी वाणी बोलो