AchhiKhabar.Com (AKC) पर आप निरंतर अनिता शर्मा जी के लेख पढ़ते आ रहे हैं। उनके द्वारा दृष्टिबाधित लोगों के लिए किये गए सामाजिक कार्यों को पूरे भारत में सराहा जाता है। AKC के भी बहुत से पाठक उनके साथ जुड़े हुए हैं और कुछ एक मौकों पर मुझे भी उनके साथ ऐसे कार्यक्रमों में हिस्सा लेने का अवसर मिला है, in fact पिछले महीने ही उनके द्वारा आगरा के पास जलेसर में दृष्टिबाधितों के लिए किये गए स्वरोजगार वर्कशॉप में भी मुझे participate करने की opportunity मिली।
उनके बारे में विस्तार से जानने के लिए यह लेख पढ़ें: नेत्रहीन लोगों के जीवन में प्रकाश बिखेरती अनीता शर्मा
दोस्तों, अनिता जी अपने efforts के through अधिक से अधिक blind लोगों की मदद करना चाहती हैं और इसलिए वह बहुत दिनों से एक NGO form करके अपने काम को विस्तार देने का सोच रही थीं, और आज मुझे ये बताते हुए ख़ुशी हो रही है कि उन्होंने अपनी NGO का registration करा लिया है। इसी बारे में वे आपको इस लेख में बता रही हैं:
अनिता दिव्यांग कल्याण समिती
अच्छीखबर के सभी पाठकों को हर्ष के साथ सुचित करना चाहते हैं कि, “अनिता दिव्यांग कल्याण समिती” का रजिस्ट्रेशन हो गया है। वाइस फॉर ब्लाइंड की छत्र-छाया में वर्ष 2011 से दृष्टीबाधित लोगों को शिक्षा के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने का कार्य निरंतर और निःशुल्क गतिमान है। अब इस कार्य को विकास की नई ऊँचाइयों तक ले जाने में अनिता दिव्यांग कल्याण समिती का विशेष योगदान रहेगा। जिसके तहत एक ऑडियो लाइब्रेरी बनाने का सपना है।
शायद आप सोचें कि कार्य तो बिना पंजियन/ रजिस्ट्रेशन के भी चल रहा था फिर पंजियन की आवश्यकता क्यों ?
मित्रों, दृष्टीबाधित लोगों के लिये अध्ययन सामग्री को रिकॉर्ड करने का कार्य तथा परीक्षा के समय सहलेखन का कार्य यकीनन बेहतर चल रहा है किन्तु इसे नई तकनीक के साथ आगे बढाने के लिये पंजियन एक मजबूत पहल है। 2015 में हम डेजी / DAISY (Digital Accessible Information Systems) की सदस्यता ले चुके हैं लेकिन सदस्यता की शर्त थी कि भविष्य में संस्था रजिस्टर्ड होना चाहिये। नई तकनीक डेजी के माध्यम से रिकॉर्ड की गई पुस्तक से पढाई अधिक सुविधा जनक है। अब समझते हैं डेजी के बारे में:
डेजी क्या है ?
डेजी एक ऐसा तकनीकी मापन है, जिसके माध्यम से रिकॉर्ड की गई पुस्तक को सभी दृष्टीबाधित साथी आराम से सुन सकते हैं। ये तकनीक अत्याधुनिक है, जिसमें दृष्टीबाधित लोग जैसे आम लोग पुस्तक पढ़ते हैं वैस ही उसे सुन सकते हैं। जैसे कि, प्रत्येक पंक्ति, पैराग्राफ, पेज अनुसार, हैडिंग के अनुसार इत्यादि।
For example: यदि किसी को सीधे 10वां पेज ही सुनना है तो वह डायरेक्ट 10वां पेज खोलकर पढ सकता है। ऐसा सामान्य recording में संभव नही है। कहने का आशय ये है कि, डेजी के माध्यम से की गई recording को सामान्य पुस्तक की तरह पढा/सुना जा सकता है जिससे उन्हे बहुत फायदा होगा। इस तरह की recording को सुनने के लिये डेजी उपकरण भी आता है। जिसे सरकार की तरफ से उपलब्ध कराया जा रहा है। इसमें एक तकनीक ऐसी भी है, जिससे टेक्सट संदेश का प्रदर्शन भी होता है और आवाज भी आती है। डेजी तकनीक दृष्टीबाधित लोगों के लिये बेहतर भविष्य है। विदेशों में इस तकनीक का लाभ हमारे दिवयांग साथी ले रहे हैं। भारत में भी कुछ शहरों में शुरुवात हुई है लेकिन अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।
मेरी और मेरे साथियों कि आवाज किसी कि आँखें बन जायें इसी मकसद के साथ हम निरंतर आगे बढ रहे हैं जिसके तहत जो भी नई तकनीक दृष्टिबाधितों के लिये लाभदायक होती है उसे सीखकर उस माध्यम से recording करना हमें खुशी देता है। अब तक हम 2000 से भी ज्यादा किताब mp3 में रिकॉर्ड कर चुके हैं, जो निरंतर जारी है। इसी के साथ अब डेजी में भी पुस्तक रिकॉर्ड करना शुरु कर दिये हैं। डेजी में अब तक 6 पुस्तक रिकॉर्ड हो चुकी हैं।
मित्रों, मेरी इच्छा तो वाइस फॉर ब्लाइंड नाम से ही संस्था बनाने की थी किंतु पंजियन कार्यलय के अधिकारी को ये नाम उचित नहीं लगा, अतः अनिता दिव्यांग कल्याण समिती नाम अस्तित्व में आया। फिलहाल वाइस फॉर ब्लाइंड के लोगो का ट्रेड मार्क रजिस्ट्रेशन करवा लिये हैं जिसके संरक्षण में जो दृष्टीबाधित बच्चे रोजगार करके आगे बढना चाहते हैं उनकी मदद की जा सकेगी।
दोस्तों, अब मेरा सपना है कि इंदौर में एक स्टुडियो बनाने का जहाँ उच्चकोटी की recording हो और अध्ययन सामग्री की बेहतरीन ऑडियो लाइब्रेरी का गठन हो। इस कार्य हेतु धरातलीय आधर हम उपलब्ध करा रहे हैं किन्तु स्टुडियो के निर्माण का जो बज़ट है वो लगभग 12 लाख का है जो अकेले मेरे लिये संभव नही है। सभी पाठकों से निवेदन है कि, शिक्षा के इस प्रकाश में आप भी सहयोग का एक दीपक अवश्य प्रज्वलित करें।
भविष्य में मेरी योजना है कि, recording के बाद एडिटिंग का काम अपने दृष्टीबाधित साथियो को प्रशिक्षित करके के उनके द्वारा सम्पादित करवाना। जिसका सुखद परिणाम ये होगा कि जब हमें कोई ऐसा सहयोगी मिलेगा जो इस कार्य हेतु उनकी तनख्वाह की व्यस्था करता है तो उन्हे एक रोजगार मिल जायेगा। जिससे वे समाज में आत्मसम्मान से जीवन यापन कर सकेगें।
एक बार हम पुनः याद दिलाना चाहेंगे कि हमारा उद्देश्य है, शिक्षा के माध्यम से दृष्टिबाधित लोगों को आत्मनिर्भर बनाना और हमें विश्वास है कि आपके सहयोग और शुभकामनाओं से हम हज़ारों दृष्टिबाधित लोगों के जीवन में प्रकाश ला पायेंगे!
धन्यवाद
अनिता शर्मा
Educational & Inspirational Videos: YouTube videos
Blog: http://roshansavera.blogspot.in/
Mail Id:- [email protected]
मित्रों अनिता जी दृष्टिबाधित लोगों के लिए एक रिकॉर्डिंग स्टूडियो का निर्माण करना चाहती हैं जिसके लिए उन्हें 12 लाख रुपये की आवश्यकता है! कृपया मेरी तरह आप भी इस काम में सहयोग दें! आपका पैसा सही हाथों में जा रहा है इस बात के लिए आश्वस्त रहें!
आर्थिक सहयोग के लिए इच्छुक पाठक कृपया [email protected] पर सम्पर्क करें!
याद रखें आपका छोटा सा योगदान हज़ारों जिंदगियां रौशन कर सकता है!
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Anuj Sharma says
sab se pehle to gopal ji apka tahe dil se dhanyavaad ye jankari share karne k liye.Mai bhi ek blind student hoon. & anita mam apka b dhanyavaad aap hamare liye itna badiya kam kr rhi h.Mai b mam k whatsapp & fb group me add hoon mai bahut dino se whatsapp check nhi kar paya jis se mujhe ye info nhi mil saki.Mai b study k liye dazy files ka use karta hoon.Jo mai device use karta hoon use PlexTalk bolte h.Jo ek useful device h.
Mohammed says
sir ji great work .. bahut badhiya
Rakesh kumar says
Aap ka paryaas jarur safal hoga.
Vishnu Kant says
Anita ji aap Bahut hi nek kaam kar rahi hai .
Aapko tahe dil se dhanyawad.
gyanipandit says
अनीता जी, बहुत अच्छा प्रयास कर रही हैं आप, भगवान ने हर किसी के जीवन में कुछ न कुछ कमी होती हैं, लेकिन इस कमी को दूर करके जीने को जिंदगी कहते हैं, आपका ये प्रयास दृष्टिबाधित लोगों के जीवन में जरुर प्रकाश की एक किरण लायेंगा
kailash says
वाकई आपका यह प्रयास सराहनीय है आजकल के दौर में बहुत से लोग अपनी ज़िन्दगी से दो पल नहीं निकाल सकते ऐसे में आप नेत्रहीनो का सहारा बन रही हैं तो भगवान् जरूर आप पर अपनी कृपा करेगा
Anita Sharma says
धन्यवाद गोपाल, आप सबके सहयोग से अपने दिव्यांग साथियों के लिये एक बङे स्तर पर शैक्षणिक ऑडियो पुस्तकों की व्यवस्था अवश्य होगी । भविष्य में कोई भी दृष्टीबाधित साथी पाठ्य पुस्तक के अभाव में शिक्षा से वंचित नही होगा। मित्रों, शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार समाज के हर वर्ग को एक समान है।
Nilesh verma says
bahut hi achha pryash hai,digitak ke madhyam se bahut si samshyaon ka samadhan ho sakta hai,anita ji ne bahut mahan kaam kiya hai.