Swine Flu Symptoms Cause Treatment in Hindi
स्वाइन फ्लू : लक्षण कारण बचाव व उपचार
Source: One India
दोस्तों, इन statistics को देख कर आपको थोड़ी चिंता हो सकती है, लेकिन घबराइये नहीं अगर हम सावधानी रखें तो इस बीमारी से बचा जा सकता है. और कहा भी गया है –
Prevention is better than cure. / इलाज से बेहतर है रोकथाम.
आइये आज AchhiKhabar.Com पर हम Swine Flu के बारे में डिटेल में जानते हैं और इस disease से खुद भी बचते हैं और अपने प्रियजनों को भी बचाते हैं.
तो सबसे पहेल जानते हैं-
Swine Flu से जुड़े कुछ Myths
स्वाइन फ्लू को लेकर बहुत से मिथक या अफवाहें हैं, जो बिलकुल बेबुनियाद हैं, इनसे बच कर रहें-
1. Pork (सूअर का मांस) खाने से स्वाइन फ्लू हो सकता है. ऐसा बिलकुल नहीं है.
2. स्वाइन फ्लू का इलाज नहीं है. इलाज है, in fact अगर स्वाइन फ्लू के सिम्पटम्स आने के 48 घंटे के अन्दर अगर इसकी दवा खा ली जाए तो ये काफी हद तक नियंत्रित हो जाता है.
3. यदि गले में खराश के साथ-साथ खांसी और छींक आ रही है मतलब स्वाइन फ्लू हो गया है. नहीं, इसका सही पता टेस्ट से ही चलता है.
4. भारत में स्वाइन फ्लू के इलाज के लिए दवाओं की कमी है. ऐसा भी नहीं है, भारत में पर्याप्त दवाएं और vaccinations मौजूद हैं.
5. अगर आप 5 साल से अधिक और 65 साल से कम हैं तो आपको स्वाइन फ्लू नहीं हो सकता. ये किसी को भी हो सकता है, पर 5 से कम और 65 से ज्यादा उम्र के लोगों को खतरा अधिक होता है.
क्या होता है स्वाइन फ्लू? / What is Swine Flu in Hindi
स्वाइन फ्लू क्या होता है, ये समझने से पहले हमें कोल्ड और फ्लू के बारे में जान लेना चाहिए.
इन्फ्लुएंजा, जिसे आमतौर पर “फ्लू” कहा जाता है, एक बेहद संक्रामक, यानी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को फैलने वाली सांस से सम्बंधित बीमारी है। यह बीमारी influenza A या B viruses द्वारा फैलती है.
कई बार लोग कोल्ड और फ्लू term interchangeably use करते हैं, लेकिन दोनों में अंतर होता है.
कोल्ड, जिसे हम सर्दी-ज़ुकाम भी कहते हैं कम खतरनाक होता है और नाक बहने, छींक आने, गले में खराश जैसे परेशानी लेकर आता है.
वहीं दूसरी तरफ फ्लू में शुरूआती दिक्कतें तो कोल्ड जैसी ही होती हैं पर बाद में ये खतरनाक रूप ले लेता है और व्यक्ति तेज बुखार, थकावट और कमजोरी की गिरफ्त में आ जाता है.
इसी फ्लू का एक भयानक रूप है स्वाइन फ्लू जो H1N1 flu वायरस द्वरा होने वाला एक तरह का रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन (श्वसन संक्रमण) है. यह पहली बार 2009 में फैला था और पूरी दुनिया में इसका असर देखने को मिला था. इसके तेजी से फैलने की क्षमता के कारण वही WHO ने August 2010 में इस बीमारी को pandemic, यानी एक महामारी घोषित कर दिया था.
इस बीमारी का नाम स्वाइन फ्लू नाम क्यों पड़ा?
Swine का अर्थ होता है सूअर, शुरुआत में जब इस डिजीज का पता चला था तब एक ट्रेंड ये देखा गया था कि ये बीमारी अधिकतर उन्ही लोगों को हो रही है जो pigs से कांटेक्ट में रहते हैं. इसीलिए इसका पॉपुलर नाम swine flu पड़ गया. हालांकि कुछ सालों बाद एक नए तरह के वायरस के कारण ये बीमारी उन लोगों को भी होने लगी जिनका सूअरों से कोई लेना-देना नहीं था.
H1N1 स्वाइन फ्लू फैलता कैसे है?
ठीक वैसे ही जैसे सर्दी-जुकाम या सीजनल फ्लू फैलता है. जब इस बीमारी से ग्रसित कोई रोगी खांसता या छींकता है तब वो अनजाने में इस बीमारी के वायरस हवा में छोटे-छोटे बूंदों के रूप में छोड़ देता है.
- यदि आप इन बूंदों के touch में आ जाते हैं.
- या उस चीज को छू देते हैं जिस पर ये बूंदें गिरी हैं. जैसे कि दरवाजे की हैंडल, टेबल का सरफेस, etc. या
- कोई ऐसी चीज छू देते हैं जिसे संक्रमित व्यक्ति ने जल्द ही छुआ है तो आपको H1N1 Swine Flu हो सकता है.
स्वाइन फ्लू के लक्षण / Swine Flu Symptoms in Hindi
Swine Flu से ग्रसित व्यक्ति में इन लक्षणों के देखा जा सकता है:
Swine Flu Symptoms in Hindi
1. बुखार: Fever होने स्वाइन फ्लू का सबसे common symptom है.
100 degree Fahrenheit या उससे अधिक का temperature हो तो इसकी वजह स्वाइन फ्लू हो सकता है. होता क्या है कि जब भी हमारे शरीर में कोई foreign body enter करती है तो हमारा immune system उसे kill करने के लिए immune cells produce करता है. इस कारण से cytokines और histamines release होते हैं जो शरीर का तापमान बढ़ा देते हैं.
2. सिर दर्द: स्वाइन फ्लू होने पर आपको सर दर्द की शिकायत हो सकती है. चूँकि सर्दी और सीजनल फ्लू के भी यही लक्षण होते हैं अतः बाकी लक्षणों को भी ध्यान से देखना चाहिए.
3. सांस फूलना: स्वाइन फ्लू वायरस से affected होने पर nasal linings में swelling आ सकती है. जिससे सांस लेने में दिक्कत होने लगती है. अगर बुखार के साथ-साथ अचानक ही आपको सांस लेने में दिक्कत महसूस हो रही है तो आपको फ़ौरन सतर्क हो जाना चाहिए.
4. ठण्ड लगना: बुखार आने के साथ साथ ठण्ड का अनुभव होना भी स्वाइन फ्लू का लक्षण हो सकता है.
5. डायरिया: स्वाइन फ्लू का असर जब बढ़ जाता है तो व्यक्ति को loose motions (दस्त) हो सकते हैं.
6. मतली और उल्टी: H1N1 वायरस से संक्रमित व्यक्ति को मतली और उलटी की शिकायत भी हो सकती है.
7. गले में दर्द व खराश: स्वाइन फ्लू से ग्रसित कुछ लोगों में infected होने के कुछ दिनों बाद sore throat की शिकायत हो सकती है. कुछ मामलों में गले में घाव भी हो सकता है.
8. थकावट: जैसे-जैसे ये बीमारी बढ़ती है मरीज को थकावट का अनुभव होने लगता है. ऐसा हमारे प्रतिरक्षा प्रणाली ( इम्मयून सिस्टम) की वायरस से लड़ पाने की अक्षमता के कारण होता है. ये सिम्पटम infected होने के 2-3 बाद देखा जा सकता है. इस हालत में आराम करना चाहिए और immune system को मजबूत करने वाले खाद्य पदार्थ लेने चाहिए.
9. खांसी: स्वाइन फ्लू की वजह से खांसी आना एक आम बात है. दरअसल, शरीर के बदले हुए तापमान और गले में हो रही दिक्कत की वजह से खांसी की समस्या भी शुरू हो जाती है.
10. नाक बहना: नाक का लगातार बहना या उसका भरा रहना भी H1N1 का लक्षण हो सकता है.
11. छींक: जब H1N1 वायरस बहुत एक्टिव हो जाता है तो छींक आने लगती है. ऐसे में ये बीमारी सबसे तेजी से फैलती ही. अतः छींकते वक्त मुंह पर disposable paper या रुमाल ज़रूर रख लेना चाहिए.
इनके अलावा कुछ लोगों में निम्नलिखित लक्षण भी देखे जाते हैं:
- लाल आँखें
- बदन दर्द
- भूख ना लगना
नोट: इन लक्षणों का होना इस बात की गारंटी नहीं है कि आपको स्वाइन फ्लू है. लेकिन अगर कोई भी लक्षण 2-3 दिन से अधिक बना हुआ है तो आपको फ़ौरन डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए.
- ये भी पढ़ें: सर्दियों में स्वस्थ रहने के घरेलू उपाय
Surety के साथ कैसे पता चलेगा कि स्वाइन फ्लू है या नहीं? / Swine Flu Test in Hindi
चूँकि कोल्ड और सीजनल फ्लू के लक्षण भी काफी हद तक स्वाइन फ्लू के लक्षणों से मिलते हैं इसलिए tests के द्वारा ही इस बीमारी को diagnose किया जा सकता है.
डॉक्टर आपको इन टेस्ट्स के लिए कह सकता है-
- ब्लड टेस्ट
- चेस्ट x-ray
- Nose or throat swab test : इस टेस्ट के लिए डॉक्टर नाक के अन्दर और गले के भीतर से एक swab (पट्टी) के माध्यम से specimen collect करता है, जिसे जांच के लिए भेजा जाता है.
नोट: Nose or throat swab test सभी pathology में available नहीं होते, इसलिए किसी बड़ी पैथोलॉजी में ही इसकी जांच कराने जाएं.
स्वाइन फ्लू टेस्ट कितने रुपये में होता है?
इसकी रेट area to area and pathology to pathology बहुत differ कर सकती हैं. मैं Gorakhpur में रहता हूँ, और जब मैंने यहाँ की Lal Path Labs में पता किया तो इस टेस्ट का दाम Rs. 4500 बताया गया.
स्वाइन फ्लू होने का खतरा किन लोगों को अधिक होता है?
- 5 साल से छोटे बच्चे
- 65 साल से ऊपर के वयस्क, हालांकि 20 से 60 साल के भी बहुत से वयस्कों को ये बीमारी हो रही है.
- गर्भवती महिलाएं – पढ़ें: प्रेगनेंसी के दौरान क्या करें क्या ना करें!
- अस्थमा, हृदय रोग, डायबिटीज, किडनी, लीवर, की बीमारी से पीड़ित व्यक्ति
- ऐसे लोग जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर है
स्वाइन फ्लू का इलाज / Swine Flu Treatment in Hindi
यदि swine flu detect हो जाता है तो इसका इलाज एंटीवायरल दवाओं के माध्यम से होता है. आमतौर पर जो antiviral drugs सीजनल फ्लू का इलाज करने में प्रयोग होती हैं वे Swine Flu Treatment में भी काम करती हैं. Doctors इन दवाओं को prescribe कर सकते हैं:
- Oseltamivir (Tamiflu),
- Peramivir (Rapivab), and
- Zanamivir (Relenza)
💡 स्वाइन फ्लू के उपचार में antibiotics काम नहीं करतीं क्योंकि यह बीमारी वायरस के कारण होती है, बैक्टीरिया के नहीं. हालांकि, दर्द, बुखार वगैरह के लिए आप Over-the-counter medicines ले सकते हैं.
😈 कोई भी दवा लेने से पहले डॉक्टर की सलाह ज़रूर ले लें.
स्वाइन फ्लू से कैसे बचें? / Swine Flu Prevention in Hindi
इससे बचने का सबसे अच्छा उपाय है वैक्सीनेशन. आमतौर पर जो flu vaccination होता है वही स्वाइन फ्लू से बचाव में भी काम आता है. इसलिए यदि आपके इलाके में इस बीमारी के फैलने की खबर है और आप ऐसे ग्रुप में आते हैं जिन्हें इस बीमारी का खतरा अधिक है तो आप ऐतिहातन ये vaccination ले सकते हैं.
क्या vaccination लेते ही मैं बिलकुल safe हो जाऊँगा?
नहीं, वैक्सीनेशन के बाद antibodies develop होने में लगभग 2 हफ्ते का समय लगता है, इसलिए २ हफ्ते तक आप पर भी उतना ही खतरा है जितना किसी और पर. और २ हफ्ते बाद भी आपको बाकी लोगों की तरह ही precautions लेने चाहिए, prevention is always better than cure.
➡ 6 महीने से छोटे शिशु को यह vaccination नहीं दिया जा सकता है. अतः गर्भवती महिलाओं को डॉक्टरी सलाह लेकर पहले ही अपना वैक्सीनेशन करा लेना चाहिए.
इस vaccination का असर कब तक रहेगा?
इसका असर अमूमन 8 से 12 महीने तक रहता है. इसलिए better होगा कि आप इसे मई के महीने में लें ताकि heightened influenza activity के 2 पीरियड्स – July-August और December-January इसमें cover हो जाएं.
Flu Vaccination कराने के कितने पैसे लगते हैं?
Again, ये amount बहुत differ कर सकता है. मैंने पास की एक clinic से पता किया तो उन्होंने इसका दाम Rs. 1000 बताया.
स्वाइन फ्लू से बचाव / Swine Flu Prevention in Hindi
Swine Flu से बचने के लिए ये चीजें करें:
- दिन भर में कई बार अपना हाथ पानी से धोएं, खासतौर से जब घर से बाहर हों.
- अपने साथ hand sanitizer रखें और समय समय पर प्रयोग करें.
- अपना मुंह, नाक और आँखों को कम से कम छुएं.
- सर्दी-जुकाम से ग्रसित लोगों से बचें.
- भीड़-भाड़ वाले इलाकों में कम जाएं, यदि जाना भी पड़े तो मास्क का प्रयोग करें.Public places या ऑफिस में चीजों को कम से कम छुएं.
- खूब पानी पियें और पौष्टिक चीजें खाएं ताकि आपकी इम्युनिटी बढ़ सके. इन चीजों को लें:
- प्याज, लहसुन, अदरक,
- Citrus fruits, जैसे संतरा, नीम्बू आदि का सेवन अधिक करें.
- ग्रीन टी, इसमें मौजूद antioxidants आपकी immunity को boost कर सकते हैं.बीच-बेच में गरम दूध, चाय, सूप इत्यादि लेते रहे. ये मुंह और गले में मौजूद microorganisms को kill कर देंगे.
- यदि स्वाइन फ्लू का कोई लक्षण दिखे डॉक्टर से कंसल्ट करने में देर ना करें.
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Friends, मैंने कोशिश की है कि मैं स्वाइन फ्लू पर आपको एक detailed और काम की जानकारी दे पाऊं. उम्मीद करता हूँ ये पोस्ट आपके काम आएगी और at least कुछ लोगों को स्वाइन फ्लू से बचाने में मददगार साबित होगी.
अपना ध्यान रखियेगा !
Thanks
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MAHESH SHARMA says
Thanks u for sharing
Very good and useful information
Rohitwww says
wow very good information..keep sharing !!
Anurag Pathak says
स्वाइन फ्लू एक फेलने वाली बीमारी है, इससे पेहले से ही बचाव रखा जाए तो ही अच्छा है| गोपाल सर आपने बिलकुल सही और डिटेल जानकारी दी
anuj kumar says
aapne swine flu ke baremen vistarpurvak jankari dekhar logo ke dilo me baithi huyi galtfaimi ko kam kar diya.
Anuj says
बैसे तो स्वाइन फ्लू एक वायरल इन्फेक्शन के कारण होता है लेकिन जैसा कि आप ने बताया है कि ये सुगरो से होता है तो सुगरो के संपर्क में न रहे और रहे तो कोई मास्क अवश्य पहेन ले मास्क पहनेने से इससे बचा जा सकता है।
Ravi Bhardwaj says
गोपाल सर आपने बहुत ही अच्छी जानकारी दी हैं |आपका धन्यवाद
KRISHNA KANT says
wow very good information..keep sharing !!
kumar says
very nice information sir
Gyanipandit says
aaj kal ke vatavaran me bahut bimariya badh rahi hain isliye apni khud ki dekhbhal hame khud karni chahiye,
Gopal ji, aapne swine flu ke baremen vistarpurvak jankari dekhar logo ke dilo me baithi huyi galtfaimi ko kam kar diya.
Abhay Dixit says
Wow bhut hi accha post beneficial…
Sir aapne starting main hindustan times ki ek report di h…to sir newspapers ka copyright hota h ya nahin?
Gopal Mishra says
Source mention kar ke show kar sakte hain.