पीलिया का आयुर्वेदिक व घरेलू उपचार
Ayurvedic Treatment and Home Remedies for Jaundice in Hindi
इस लेख में हम आपको jaundice या पीलिया का इलाज करने के आयुर्वेदिक उपाय व आसान घरेलू नुस्खे बताएंगे जिनके जरिये आप घर पर ही पीलिया रोग का उपचार कर सकेंगे, साथ ही पीलिया के
लक्षण व इसके होने के कारण, आयुर्वेदिक दवा आदि सभी के बारे में पूरी जानकारी यहाँ दी जा रही है.
पीलिया रोग सामान्यतः जानलेवा नहीं होता लेकिन अगर रोगी समय पर पीलिया का treatment न करवाए तो यह एक गंभीर रोग में परिवर्तित हो जाता है. गंभीर स्थिति में रोगी के शरीर में खून की कमी
हो जाती है, उसका पूरा शरीर पीला पड़ जाता है. रोगी को बहुत तकलीफ उठानी पड़ती है. इसीलिए कहा जाता है कि-
उपचार से बेहतर बचाव होता है.
क्या होता है पीलिया / What is Jaundice in Hindi
हमारे खून में बिलीरुबिन (Bilirubin) नाम का एक yellow pigment पाया जाता है. आमतौर पर लीवर इसे सही ढंग से process कर देता है, लेकिन कभी-कभी बिलीरुबिन की मात्रा बहुत अधिक बढ़ जाने के कारण या लीवर में आई खराबी के कारण लीवर यह काम ठीक से नहीं कर पाता है और हमारे शरीर में बिलीरुबिन की मात्रा normal से कहीं अधिक बढ़ जाती है. इस परिस्थिति में हमारी त्वचा और आँखों में पीलापन दिखने लगता है, जिसे हम पीलिया या jaundice के नाम से जानते है.
किन-किन कारणों से हो सकता है पीलिया / Jaundice Causes in Hindi
पीलिया होने के बहुत से कारण हो सकते है, जिनमे प्रमुख है-
- गन्दा पानी पीने से
- दूषित व बासी भोजन करने से
- Unhygienic hotel, ढाबों इत्यादि में खाने-पीने से
- लीवर कमजोर होने से
- रोग-प्रतिरोधक क्षमता की कमजोरी से
- किसी रोगी का झूठा पानी व भोजन करने से
- बार-बार बुखार आने से
- मलेरिया होने से
- ज्यादा शराब पीने से
पीलिया के लक्षण – ऐसे करे पीलिया की पहचान / Jaundice Symptoms in Hindi
कारण जानने के बाद अब हम बात करते है पीलिया के लक्षणों के बारे मे. जॉन्डिस के लक्षण के बारे में जानना बेहद जरुरी है, क्योंकि कई लोगों को यह रोग हो जाता है और उन्हें बहुत देर से यह एहसास होता है की उनको पीलिया हो गया है. तो आइये पीलिया पीलिया के लक्षण कौन-कौन से होते है यह जान लें.
- पेशाब पीले या गाढ़े रंग का होना
- आंखें पीली पड़ जाना
- हाथों की हथेलियां व नाख़ून हलके पीले रंग के हो जाना
- पूरा शरीर हल्का पीला हो जाता है
- जरा सा काम करने पर थकान महसूस करना
- बुखार का लगातार बने रहना
- खून की कमी हो जाना
पीलिया का आयुर्वेदिक उपचार व घरेलू इलाज / Ayurvedic Treatment & Home Remedies for Jaundice in Hindi
पीलिया स्वयं में कोई बीमारी नहीं होती है, यह हमारे शरीर की एक स्थिति होती है जो दर्शाती है कि शरीर का कोई न कोई अंग ठीक से काम नहीं कर रहा है. यह पीला बुखार यानी पीलिया या जॉन्डिस हमारी अनियमित जीवनशैली के वजह से होता है. अगर हम सही खान-पान करने लगे व प्राकृतिक जीवन जीने लगे तो पीलिया का उपचार बड़ा आसान हो जाता है. इसीलिए पीलिया में परहेज करने पर विशेष ध्यान दिया जाता है.
तो दोस्तों अब हम आपको पीलिया का इलाज करने के लिए आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे व घरेलू उपाय बताने जा रहे है. हम यहां असरकारी घरेलू नुस्खों के बारे में बताएंगे जिनका सेवन कर आप घर पर ही पीलिया से छुटकारा पा सकते है. इसके बाद अंत में हम आपको पीलिया में क्या खाये, परहेज क्या करें आदि के बारे में बताएंगे.
पीलिया के घरेलू उपचार
1. पीलिया में निम्बू से करे इलाज
नींबू अपने लीवर-चिकित्सा गुणों के कारण पीलिया का इलाज कर सकता है. प्रकृति में मूत्रवर्धक होने के नाते, नींबू मूत्र उत्पादन को बढ़ावा देता है. जिससे बिलीरुबिन सहित हानिकारक अपशिष्ट पदार्थ शरीर से समाप्त हो जाते है. इसके अलावा, यह लीवर के पित्त (Liver bile) के उत्पादन को प्रोत्साहित करता है और mineral absorption को बढ़ावा देता है जिससे लीवर की कमजोरी भी दूर होती है व बिलीरुबिन की मात्रा भी कम हो जाती है.
ऐसे करें प्रयोग: एक गिलास पानी में आधा नीबू का रस मिलाकर अच्छे से मिक्स कर लें. दिन में तीन से चार बार तक इस तरह से पानी पिएं.
ऐसा लगातार 2-3 सप्ताह तक करे. इस छोटे से प्रयोग से बहुत लाभ होगा, शरीर में जो भी व्यर्थ पदार्थ इकट्ठा हुआ होगा वह इस नुस्खे को आजमाने से शरीर से बाहर निकल जायेगा. आप इस आधे नीबू के रस में चुटकी भर नमक डालकर भी पी सकते है.
इसके अलावा पीलिया रोग का इलाज करने के लिए आप नीबू की जगह नीबू की पत्तियों का उपयोग भी कर सकते है. करीबन 8-10 नीबू की पत्तियां लें और इन्हें एक पानी से भरे बर्तन में डालकर 5-7
मिनट्स तक अच्छे से उबाले. इसके बाद थोड़ा ठंडा होने पर उस पानी को पी जाएं. यह आयुर्वेदिक उपाय भी पीलिया में बहुत लाभ देगा.
2. गन्ने का रस (पीलिया की अचूक दवा से कम नहीं है)
गन्ने का पीलिया में विशेष महत्व होता है, यह पीलिया का आयुर्वेदिक उपचार करता है. पीलिया के दौरान, ग्लूकोज स्तर में अचानक गिरावट होती है. गन्ना में पाए जाने वाले आसानी से पाचन योग्य चीनी आपकी ऊर्जा स्तर को बढ़ाने में मदद करता है और तेजी से लीवर व शरीर को स्वस्थ करता है. इसके अलावा गन्ना प्रकृतिक रूप से क्षारीय (alkaline) है, यह आपके शरीर में एसिड कम स्तर कम बनाए रखने में मदद करता है और शरीर को हाइड्रेटेड रखता है.
ऐसे करें प्रयोग: एक गिलास गन्ने के रस में आधा निम्बू निचोड़ कर इसे अच्छे से मिक्स कर लें. इस तरह रोजाना दिन में तीन से चार बार इसका सेवन करे ऐसा आपको दो से तीन सप्ताह तक करना होगा. गन्ने का रस पीलिया में रामबाण होता है.
यह शरीर से पेशाब को निकालने में बहुत मदद करता है. इसके अलावा पीलिया रोग में होने वाली थकान व कमजोरी को दूर करता है. अगर आप गन्ने का इस तरह से प्रयोग नहीं करना चाहते तो आप इस तरह से भी पीलिया में गन्ने का सेवन कर सकते है:
गन्ने के रस में गेहूं के दाने के बराबर चूना डालकर पीने से एक सप्ताह में ही लाभ हो जाता है. इसके अलावा सत्तू खाकर गन्ने का रस पीने से भी अत्यंत लाभ होता है. यह दोनों प्रयोग पीलिया का सात दिन में इलाज कर देते है.
3. जौ का उपयोग करे पीलिया में
एक और प्रभावी पीलिया उपाय जौ है. जौ एक मूत्रवर्धक के रूप में कार्य करता है और शरीर के बाहर हानिकारक विषाक्त पदार्थों और बिलीरूबिन को दूर करने में मदद करता है. जौ के नियमित सेवन से extra बिलीरुबिन पदार्थ धीरे-धीरे ख़त्म होने लगता है.
ऐसे करें प्रयोग: एक कप जौ लें और इसे 3 लीटर पानी में डाल दें, अब इसे कुछ घंटों के लिए उबाल लें, ठंडा होने पर इसमें स्वाद के लिए नींबू का रस, नमक और चीनी मिलाएं.
जब तक पीलिया के लक्षण दूर न हो जाए तब तक चार से पांच गिलास जौ के पानी का रोजाना सेवन करें.
जौ का प्रयोग आप इस तरह भी कर सकते है – भुना हुआ जौ का पाउडर एक चम्मच की मात्रा में लेकर एक कप पानी में दाल दें. अब इसमें एक चम्मच शहद भी मिला दें, फिर इसे अच्छे से मिक्स कर लें. रोजाना इसी तरह इस उपाय को करते रहे जब तक की पीलिया ठीक न हो जाए. कुछ ही दिनों में आपको आराम महसूस होने लगेगा.
4. हल्दी से करे आयुर्वेदिक उपचार
हल्दी का आयुर्वेद में उच्च स्थान है, यह शरीर की व लीवर की detoxification प्रक्रिया में बहुत मदद करता है. इसमें ऐसे गुण होते है जो की शरीर में मौजूद विषाक्त को ख़त्म करते है, शरीर के खून की सफाई करते है, आदि. इन गुणों से पीलिया में बहुत लाभ होता है.
ऐसे करें प्रयोग: हलके गर्म पानी के गिलास में हल्दी पाउडर के एक चौथाई चम्मच मिलाएं और पी जाएं. कुछ हफ्तों के लिए इस प्रयोग को दो या तीन बार दोहराएं. कुछ ही दिनों में आपको इससे राहत महसूस होने लगेगी.
इसके अलावा पीलिया में हल्दी का इस तरह से भी सेवन कर सकते है – एक चम्मच हल्दी का पाउडर लें, एक नीबू का रस, एक चम्मच शहद इन सभी को लेकर एक कप गर्म पानी में मिलाकर अच्छे से मिक्स कर के पी जाएं. इस नुस्खे को रोजाना आजमाने से कुछ ही समय में पीलिया दूर होने लगता है.
5. अदरक क प्रयोग करें
अदरक एक प्राकृतिक detoxifier है और liver को विभिन्न समस्याओं से बचाता है.
ऐसे करें प्रयोग: अदरक के टुकड़े में से उसका रस निकाल लें. अब इस रस में पोदीना का रस एक चम्मच और एक चम्मच नीबू का रस मिला लें. स्वाद के लिए आप इसमें एक चम्मच शहद भी मिला सकते है. इस आयुर्वेदिक नुस्खे का पीलिया में एक दिन के अंदर तीन से चार बार तक सेवन करे कुछ ही हफ़्तों में आराम महसूस होने लगेगा.
6. मूली भी है पीलिया में कारगर
मूली लीवर के लिए बहुत अच्छा स्त्रोत है यह खून को शुद्ध करने और शरीर से बिलीरूबिन सहित हानिकारक विषाक्त पदार्थों और कचरे को समाप्त करने में सहायता के लिए एक शक्तिशाली detoxifier के रूप में कार्य भी करता है. पीलिया के उपचार में मूली और मूली के पत्ते दोनों का उपयोग किया जा सकता है.
ऐसे करें प्रयोग: ताज़ा मूली की पत्तियों का रस निकाल लें, करीबन एक ग्लास मूली की पत्तियों के रस का रोजाना दिन में दो बार सेवन करें. पीलिया का तुरंत इलाज करने के लिए इस आयुर्वेदिक उपचार का दस दिनों तक प्रयोग करें, राहत मिलेगी. स्वाद बढाने और इसे ज्यादा प्रभावकारी बनाने के लिए आप इसमें तुलसी के पत्ते भी मिला सकते है.
अगर आप मूली का रस नहीं पीना चाहते है तो रोजाना मूली खाना शुरू कर दें. अच्छा होगा अगर आप काली मूली का सेवन करेंगे तो, अगर यह न मिले तो साधारण मूली का ही सेवन करे. इसका रोजानासुबह के समय सेवन करना होगा करीबन दो सप्ताह तक. इसके अलावा आप भोजन में मूली की सलाद मिलाकर भी खा सकते है.
7. टमाटर से खून बढाएं
टमाटर का detoxifying nature और इसमें मौजूद लाइकोपेन की उच्च पीलिया रोग से लड़ने में सहायक है. पीलिया में रोगी के शरीर में खून की कमी आ जाती है, ऐसे में टमाटर का सेवन पीलिया में अनोखा इलाज कर सकता है क्योंकि टमाटर खून की मात्रा को बढ़ता है व शरीर के सेहत को बनाये रखता है.
ऐसे करें प्रयोग: 5 टमाटर को 10-15 मिनट के लिए पानी में डालकर उबाले. इसके बाद टमाटर को पानी से अलग निकालकर इसके ऊपरी परत को निकाल दें. फिर टमाटर को दबाये व इसका रस बाहर निकाल लें और उसमे थोड़ा सा नमक डाल कर रोजाना सुबह के समय खाली पेट सेवन करें. दो सप्ताह तक इसका प्रयोग करने से पीलिया का उपचार हो जाता है.
8. बादाम भी है पीलिया के घरेलू नुस्खे में से एक
बादाम खून से waste को दूर करने, संक्रमण से लड़ने और स्वस्थ liver के कामकाज को समर्थन देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसके अलावा, बादाम फाइबर, रिबोफ्लेविन, मैग्नीशियम, लोहा और कैल्शियम जैसे पोषक तत्वों में समृद्ध है जो लीवर के लिए अच्छे हैं.
ऐसे करें प्रयोग: रात को सोते समय 10 बादाम लें, तीन सूखे खजूर (dried dates) लें और तीन इलाइची लें इन सभी को एक बर्तन में पानी डाल दें अब इस बर्तन को पानी से पूरा भर दें. इन सभी को रात भर के लिए ऐसे ही छोड़ दें. अगले दिन सुबह इन सभी को पानी से निकालकर इनके ऊपर की परत को निकाल दें. इन सभी का पेस्ट बनाये और रोजाना सुबह के समय इसका सेवन करें.
9. गाजर का रस
पीलिया के लिए गाजर भी एक कारगर घरेलू उपाय है. यह लीवर की सफाई और किसी भी क्षति की मरम्मत में बहुत प्रभावी है. इसके अलावा, गाजर बीटा-कैरोटीन में समृद्ध है, जो शरीर विटामिन ए में परिवर्तित होता है, इसमें ऐसे गुण है जो की पीलिया रोग से हुई क्षत्री की पूर्ति करते है.
ऐसे करें प्रयोग: इसका प्रयोग बड़ा आसान है, आपको रोजाना सिर्फ एक गाजर का रस पीना है, इसके अलावा आप गाजर का अन्य रूप में भी सेवन कर सकते है जैसे कच्ची गाजर खाना, गाजर की सब्जी खाना आदि. इनमे सबसे अच्छा व प्रभावी तरीका गाजर का रस लेना है.
10.संतरे का रस व नारियल पानी
संतरे का रस digestive system को मजबूती देता है व शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर करने में मदद करता है. नारियल पानी भी पीलिया का इलाज करने में अहम भूमिका निभाता है.
ऐसे करें प्रयोग: बाज़ार से ताजे संतरे लायें और लगभग 1 गिलास रस निकाल कर रोजाना खाली पेट सुबह के समय पियें. रोजान दिन में 4 बार नारियल पानी पिएंगे तो आपको पीलिया में सिर्फ एक सप्ताह के अंदर ही लाभ दिखने लगेगा.
पीलिया में खानपान व परहेज
- पीलिया में आप हल्का आहार लें
- हो सके तो फलों के रस का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें
- खाने में हरी पत्तेदार सब्जियों का अधिक प्रयोग करें
- लौकी का रस, लौकी की सब्जी, पालक की सब्जी, मूली की सब्जी, सलाद, सूप, दलिया आदि का सेवन करें
पीलिया में परहेज का बहुत महत्त्व होता है. अतः
- तली हुई चीजें बिलकुल न खाएं
- घी का सेवन ना करें
- तेल से बने पदार्थ न खाएं
- ज्यादा काम न करें
- सम्भोग ना करें,
- धुप में अधिक न निकलें
- कोई भारी काम ना करें
दोस्तों उम्मीद करती हूँ की पीलिया सम्बंधित यह जानकारी आपके लिए बहुत लाभप्रद साबित होगी. आप चाहें तो इसी विषय पर मेरा (पीलिया का इलाज) यह लेख भी पढ़ सकते हैं.
धन्यवाद!
Sheenu Sharma
Website: Hindi Gharelu Upay & Ilaj
We are grateful to Sheenu ji for sharing a very informative Hindi article on Jaundice. We wish her all the best for her bright career in Ayurveda.
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navin sharma says
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