क्या हो यदि आपको आपके बचपन में वापस ले जाकर खड़ा कर दिया जाए ?
क्या हो यदि बचपन की वो स्कूल की प्यारी यादें, मम्मी पापा की कुटाई, भाई बहन का झगड़ा – सब कुछ आपके मानस पटल पर सजीव हो जाए, ऐसे जैसे वो जीवन एकदम अभी-अभी गुजरा हो ?
‘नॉस्टैल्जिक नाइनटीज़’ एकऐसी ही पुस्तक है जिसकी छोटी-छोटी कहानियाँ आपको आपके बचपन में ले जायेंगी।
ये पुस्तक नाइनटीज़ के दौर के एक ऐसे लड़के के बारे में है, जिसे उसकी किस्मत, एक छोटे से गाँव के हिन्दी मीडीयम स्कूल से सीधे लखनऊ के अंग्रेजी मीडीयम स्कूल में ले जाती है।
एक हिन्दी मीडीयम का लड़का, ठेठ देशी तौर तरीकों से रहने वाला, हिन्दी भाषा को ही समझने वाला, किस प्रकार अंग्रेजी से जूझता है।
पाँच छोटी छोटी कहानियों के संग्रह के रूप में आप इस लड़के की आप बीती इस पुस्तक में पढ़ सकते हैं\ इन कहानियों के शीर्षक कुछ इस प्रकार हैं –
- हिन्दी वाला जन्मदिन
- हमारी दीदी झूठी है
- बड़ों की किताब
- आजादी
- कुटाई
मुझे विश्वास है कि कहीं ना कहीं ये पुस्तक आपको भी आपके बचपन के स्मृतियों की झलक तो जरूर ही दिखला देगी।
‘नॉस्टैल्जिक नाइनटीज़’ – रजनीश चतुर्वेदी की दूसरी पुस्तक है, और इसे आप अपने किन्डल एप पर पढ़ सकते हैं। किन्डल एप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया सकता है। जहाँ लेखक की पहली
पुस्तक अंतर्मन एक गंभीर फँतासी कहानी थी, वहीं ये पुस्तक अपने अंदर हास्य समेटे हुए, आपको अंदर तक गुदगुदा देगी। लेखक से नीचे दिए गए FB पेज पर संपर्क किया जा सकता है ।
Facebook: https://www.facebook.com/authorrajneeshchaturvedi
पुस्तक का लिंक: http://amzn.to/3rBQmVZ
साभार,
रजनीश चतुर्वेदी
epandulipi.com
रजनीश चतुर्वेदी एक MNC में कार्यरत हैं अभी लखनऊ में रहते हैं । इसके इलावा एक part time writer, blogger हैं। उनके लेख indianethos.com पर देखें जा सकते हैं। लेखक का Facebook Page URL है – https://www.facebook.com/authorrajneeshchaturvedi
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well said
Yeahh!!! Here I got it what I exactly needs. Such a great job!!
बेहतरीन जानकारी धन्यवाद
Sir mai is Book ko jaruar lunga thank you for your article
सुंदर