उच्चकोटी के विचारक तथा लोकतांत्रिक समाजवाद के समर्थक जवाहरलाल नेहरु महान मानवतावादी थे। बच्चों के प्रिय चाचा नेहरु अपने देश में ही नही वरन सम्पूर्ण विश्व में सम्मानित और प्रशंशनीय राजनेता थे। मानव-मात्र का उत्थान, कल्याण तथा उनका सुख एवं आंनद नेहरु जी के चिंतन की धुरी थे। उनका मानवीय दृष्टीकोंण ही था कि, वे गुलामी को मनुष्य पर होने वाला सबसे बङा अत्याचार मानते थे। स्वतंत्रता प्राप्ति हेतु संघर्ष करने वाले देश उन्हे अपना सच्चा हमदर्द और मसीहा मानते थे। मानवीय गरिमा को उच्चतम शिखर तक … [Read more...]
युगदृष्टा जवाहरलाल नेहरु Pandit Jawaharlal Nehru Essay in Hindi
Pandit Jawaharlal Nehru Essay in Hindi पंडित जवाहरलाल नेहरु पर हिंदी निबंध व जीवनी युगदृष्टा जवाहरलाल नेहरु जी का जन्म 14 नवम्बर, 1889 को इलाहाबाद के एक अतिसंपन्न परिवार में हुआ था। कानून शास्त्र के ज्ञाता मोतीलाल नेहरू उनके पिता थे जो जटिल से जटिल मामलों को भी बङी सरलता से हल कर देते थे। उनकी माँ का नाम स्वरूप रानी नेहरू था। Related: लोकतांत्रिक समाजवाद के प्रर्वतक जवाहरलाल नेहरु (नेहरु जयंती पर लेख) मोतीलाल जी के घर में कभी भी किसी प्रकार की घार्मिक कट्टरता और भेद-भाव नही बरता जाता था। … [Read more...]
पंडित जवाहरलाल नेहरु के अनमोल विचार Jawaharlal Nehru Quotes in Hindi
Name Pundit Jawaharlal Nehru / पंडित जवाहरलाल नेहरु Born 14 November 1889Allahabad, North-Western Provinces, British India Died 27 May 1964 (aged 74)New Delhi, India Nationality Indian Field Politics , Law Achievement First Prime Minister of India (15 August 1947 – 27 May 1964). Served twice as President of the Indian National Congress during the Independence Struggle.Wrote The Discovery of India ( भारत की खोज) during his imprisonment in 1942-1946 at Ahmednagar … [Read more...]
पंडित जवाहरलाल नेहरु Tryst With Destiny Speech
Dear friends, आज AchhiKhabar.Com पर हम आपके साथ भारत के प्रथम प्रधानमंत्री श्री जवाहरलाल नेहरु (Jawaharlal Nehru) द्वारा, August 14, 1947 की मध्यरात्रि को दी गयी Famous Speech "TRYST WITH DESTINY" HINDI में share कर रहे हैं। यह प्रसिद्द भाषण नेहरु जी ने India's Constituent Assembly (precursor to Parliament) को संबोधित करते हुए दिया था। Tryst with Destiny " Speech in Hindi by Pundit Jawaharal Nehru हमने नियति को मिलने का एक वचन दिया था, और अब समय आ गया है कि हम अपने वचन को निभाएं, पूरी तरह … [Read more...]