Friends, क्या आपने ध्यान दिया है कि जब कोई strong belief टूटती है तो फिर वो टूटती चली जाती है …. let’s see some examples:
पहले माना जाता था कि किसी human being के लिए 10 sec के अन्दर 100 m दौड़ना impossible है , फिर एक दिन Jim Hines ने 9.95 second में ये दूरी तय कर के इस belief को तोड़ दिया …और उसके बाद आज तक ना जाने कितने athletes ये कारनामा दिखा चुके हैं …
बॉलीवुड की बात करें तो किसी फिल्म के लिए 100 crore कमाना असंभव माना जाता था …फिर ग़जनी आई और ये कारनामा कर दिखाया …और उसके बाद तो 100 crores कमाने वाली movies की झड़ी सी लग गयी ….Salman Khan की फिल्मे तो लगातार एक के बाद ऐसा करने में कामयाब रहीं ….
इसी तरह आप कुछ और fields में भी देख सकते हैं जब कोई ऐसा record बनता है जिसे पहले लोग असंभव मानते थे ।तो फिर एक के बाद एक कई लोग उसे तोड़ते चले जाते हैं .
ऐसा क्यों होता है ?
क्योंकि रिकॉर्ड का बनना सालों से लोगों के अन्दर बैठी किसी strong belief को तोड़ देता है . पहले जिस काम को हमारा दिमाग असंभव समझता था अब उसे संभव मानने लगता है …और जब हमारा दिमाग ऐसा मान लेता है तो वो हमारे शरीर को उस काम को करने के लिए तैयार कर देता है … अब बात ये नहीं रह जाती की ये हो सकता है या नहीं …अब तो पूरा focus होता है कि ये कैसे करना है …और ultimately हम उसे कर डालते हैं …belief टूटती चली जाती है ..
That means हामरी BELIEF या हमारा यकीन हमसे कोई काम करा भी सकता है और उसे करने से रोक भी सकता है.
कहीं आप भी किसी ऐसी belief की कैद में तो नहीं ?
हो सकता है की जाने अनजाने आपने भी अपनी कुछ personal limiting beliefs बना रखी हों , मैं ये नहीं कर सकता मैं वो नहीं कर सकता …For example: Because मेरी फॅमिली में कभी किसी ने business नहीं किया इसलिए मैं भी नहीं कर सकता …या मैं पढाई में कमजोर रहा हूँ इसलिए कोई competition नहीं beat कर सकता …मैं लड़की हूँ इसलिए बाहर का काम नहीं कर सकती …मैं कुछ भी कर लूं अमीर नहीं बन सकता !!
यदि आप ऐसी किसी belief की कैद में हैं तो आज इससे आज़ाद हो जाइये …आप कुछ भी कर सकते हैं …बस आपको अपने belief system को इसका यकीन दिलाना होगा की हाँ आप कर सकते हैं …
इसी बात को emphasize करते हुए मैंने AKC पे एक कहानी पोस्ट की थी …यहाँ short में उसे repeat कर रहा हूँ ….
“ एक आदमी ने कुछ विशालकाय हाथियों के पैर रस्सीयों से बंधे देखा …उसे आश्चर्य हुआ की इतने ताकतवर हाथी इन मामूली रस्सीयों से कैसे बंधे हैं …ये तो जब चाहें तब इसे तोड़ कर जा सकते हैं …., उसने अपनी ये जिज्ञासा माहावत से बाते …महावत बोला , “ दरअसल , जब ये हाथी पैदा होते हैं तभी से हम इन्हें इन रस्सीयों से बाँध कर रखते हैं …चूँकि तब ये कमजोर होते हैं इसलिए बार – बार कोशिश करने पर भी इसे तोड़ नहीं पाते , और बड़े होने पर भी ये यही समझते हैं की वे इस बंधन को नहीं तोड़ सकते और इसका प्रयास ही नहीं करते …”
Friends, unfortunately ये सिर्फ हाथियों के साथ नहीं होता हम मनुष्य भी इसी तरह से अपने mind को condition कर लेते हैं और ऐसा generally subconscious level पे होता है , इसलिए इसपर आपका ध्यान ही नहीं जाता …just observe की कहीं आपने भी तो ऐसा कुछ नहीं कर रखा है …कहीं आप भी किसी ऐसे यकीन को मान कर नहीं बैठे हैं जो आपको कमजोर बनाता हो …अगर है तो just get rid of it…इस belief को तोड़ दीजिये …और वो कर डालिए जो आप करना चाहते हैं …जब एक बार आप ये कर लेंगे तो फिर करते चले जायेंगे … आपकी और भी limiting beliefs टूटती चली जायेगी और आप अपनी life बेहतर बना पायेंगे.
All the best. 🙂
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कृपया अपने comments के through बताएं कि ये article आपको कैसा लगा ?
डॉ.अजय यादव says
बहुत ही सकारात्मक लेखन ,
आपके ब्लॉग के लिंक कों मैंने अपने ब्लॉग पर ‘सकारात्मक लेखक और उनके ब्लॉग’ शीर्षक के अंतर्गत दिया हैं ,
नया लेख-
“ तेरा एहसान हैं बाबा !{Attitude of Gratitude}”
Mukesh Tiwari says
Ek umeed! Thank You!
narendrasinh says
very very nice motivational thanks
swati tandon says
topic.. is ”there is no alternative to hardwork…” tell me sumthing abt this
swati tandon says
its awsm …. realy its hlp me lot…
Adarsh rajput says
Sir apne jo articles de hai use mai apni dayari me note karunga mai apka sukrgujar hoo mai bhi yahi sochta hoo ki mai zindge mai bahut aage badu THENGS
Khilesh says
GOPAL Ji very nice article and article padhne ke ba yeh quotes yaad aata hai.
The greatest force is derived from
the power of thought. The finer the
element, the more powerful it is.
The silent power of thought
influences people even at a distance,
because mind is one as well as many.
The universe is a cobweb; minds are
spiders.
– Swami Vivekananda
साहिल कुमार says
सर लेख तो बहुत अच्छा है पर इसे एक बार पढ़ लें मुझे यहाँ पर गलती लग रही है. ऐसा क्यो होता है वाले Point पर. गलती यह हो सकती है अब तो सार focus ही हो सकता है
Gopal Mishra says
Thanks Sahil..corrections done.
JITENDER CHHABRA says
aapka paryas achha he par do din me sab bhul jata he ..
PARITOSH TRIVEDI says
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति गोपालजी !
आपने वो कहानी तो सुनी ही होंगी जिसमे मालिक सिर्फ गधे के पैर को सिर्फ रस्सी से बांधने की action करता है पर रस्सी उसके पास होती ही नहीं है और गधा वहा से कही नहीं जाता.आज हम सब में भी कही न कही दिमाग में उस गधे के अदृश्य रस्सी बंधी है और जब तक हम उस रस्सी को नहीं तोड़ेंगे,हम जीवन में कुछ नहीं कर पाएंगे.
आशा है आपने यह motivational कहानी पढ़ी होंगी.
http://www.nirogikaya.com/2013/08/embrace-your-fear.html