🙂 बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🙂
बचपन
पक्की सड़कें, ऊंचे घर हैं चारो ओर मगर, बचपन की वो कच्ची गलियां भूल नहीं सकता।
मंहगी-मंहगी मोटर हैं, कारें हैं चारों ओर, पर वो घंटी वाली लाल साइकिल भूल नहीं सकता।
झूले वाले आ जाते हैं अक्सर यहां मगर, जाने क्यों वो पेड़ की डाली भूल नहीं सकता।
चाकलेट और टाफी के डिब्बे घर में रखे हैं फिर भी खट्टा मिट्ठा चूरन अपना भूल नहीं सकता।
मोबाइल ने बना दिया है सब कुछ बड़ा सरल, पर जाने क्यूं वो पोस्टकार्ड निराला भूल नहीं सकता।
सौ – सौ चैनल टीवी पर आते हैं रातो दिन, पर बुद्धवार का चित्रहार मै भूल नहीं सकता।
कम्प्यूटर पर गेम खेलना अच्छा लगता है, पर पोसम पा और इक्खल दुक्खन भूल नहीं सकता।
चाइना की पिचकारी ने मचा रखी है धूम बहुत, पर होली वाला कींचड़ फिर भी भूल नहीं सकता।
मोबाइल की घण्टी से खुल जाती है नींद मगर, चिड़ियों की वो चूं चूं चैं चैं भूल नहीं सकता।
बिग बाज़ार से लेकर आते मंहगे – मंहगे फल, पर बगिया की वो कच्ची अमिया भूल नहीं सकता।
सुपरमैन और हल्क की फिल्में अच्छी तो लगती हैं पर, चाचा चैधरी, बिल्लू, पिंकी भूल नहीं सकता।
बड़े ब्रैण्ड के जूते चप्पल चलते सालों साल मगर, सिली हुई वो टूटी चप्पल भूल नहीं सकता।
बनते हैं हर रोज़ यहां दोस्त नये अक्सर, पर बचपन की वो टोली अपनी भूल नहीं सकता।
बारिश में अब पापकार्न घर में ही मिलता है, पर भरभूजे की सोंधी लइया भूल नहीं सकता।
दोस्तों के संग वाटर पार्क जाता हूं मै अक्सर, पर गुड़िया के दिन की बड़ी नहरिया भूल नहीं सकता।
सोफे पर बैठे – बैठे जाने क्यूं लगता है मुझको, आंगन की वो टूटी खटिया भूल नहीं सकता।
पढ़ लिख कर मै आज सयाना क्यूं न बन जाऊं मगर, ट्यूशन वाले मास्टर जी को भूल नहीं सकता।
अब जेब में रहते पैसे हर दम, पर मां – पापा की दी हुई अठन्नी भूल नहीं सकता।
कुछ भी हो जाये जीवन में पर इतना निष्चित है मित्रों, मरते दम तक अपना बचपन भूल नहीं सकता।
Avdhesh Gupta
Kanpur
🙂 HAPPY CHILDREN’S DAY 🙂
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बच्चों पर अनमोल विचार
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We are grateful to Mr. Avdhesh Gupta for sharing this excellent Poem in Hindi with AKC. In fact I do not publish poems on AKC , but I really liked this one and could not hold myself from sharing it with you all. Thanks Avdhesh.
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ripan arora says
very gud g
Dev yadav says
Very Nice Avdesh gupta ji
Naw Linda George says
Heart touching one……
vishal tamre says
save the girl ..because girls are a heart of world
anshika pandey says
Bahot aaaacha hai sir aaapkiii poem ……. bachpan ke din yaaad aaaaaa gaye
urmila mohta says
Thanks sir really Bachpan ki Yaaden taaza ho gayi hai.
sahil says
dil ko chu gayi sir ye poem
ankit gupta says
Respected Avdhesh ji & Gopal ji both r the great person because aap dono hi present k sath sath past ka bhi utna hi khyal rakhte h.
really amazing job by both at this present conditions of India
thanks
Rajesh Kumar Pathak says
Thanks to remember again my past.
MANOJ KUMAR SHARMA says
ये शोहरत भी ले लो ,——————–मगर ला दो मुझको वो बचपन का जीवन .