Friends, 1 Dec 2013 का दिन कुछ ख़ास था , क्योंकि इसी दिन Birla Institute of Management Technology (BIMTECH), जहाँ से मैंने MBA किया है ने His Holiness The Dalai Lama को “ Success & Happiness ” पर अपनी thoughts share करने के लिए invite किया था .
BIMTECH ने अपने 25th Anniversary celebrations की कड़ी में इस event के लिए Jaypee Integrated Sports Complex, Greater Noida में कुछ ख़ास इंतज़ाम किये थे ,जहाँ corporate leaders , civil servants, academicians , thought leaders से लेकर हर एक क्षेत्र के जाने-माने लोग उपस्थित थे . कार्यक्रम की शुरुआत में BIMTECH के Director Dr. H Chaturvedi , Chairperson Ms Jayashree Mohta और Birla Family के behalf पे Mrs. Rajashree Birla ने H H The Dalai Lama का स्वागत किया .
मुझे अफ़सोस है कि मैं personally उस gathering का हिस्सा नहीं बन पाया लेकिन बाद में मैंने उनकी speech पढ़ी और आज मैं उसी भाषाण की कुछ ख़ास बातें आपसे हिंदी में share कर रहा हूँ .
His Holiness The Dalai Lama Speech Organized by BIMTECH
BIMTECH द्वारा आयोजित परम पूज्य श्री दलाई लामा का भाषण
यह मेरे लिए बड़े सम्मान की बात है कि मुझे आप जैसे भाइयों और बहनो के साथ अपने views share करने का मौका मिला . मैं खुद को बस एक आम आदमी मानता हूँ और हममें कोई ख़ास अंतर नहीं है . मुझे याद है शायद वो 20 April 1959 का दिन था जब मैं मसूरी के Birla House पहुंचा था . कुछ समय बाद पंडित नेहरू मुझसे मिलने आये . मैं 1954 में पहली बार उनसे पेकिंग में मिला था , और उसके बाद बुद्धा जयंती के अवसर पर 1956 में . उस समय तक Tibet में संकट आ चुका था और मैंने उनसे कहा कि मैं वापस जाने के बारे में नहीं सोच रहा हूँ . तब उन्होंने सलाह दी कि बेहतर होगा मैं वापस जाऊं और 17 point agreement के आधार पर situation को manage करने की कोशिश करूँ . “
Birla house में stay करने से अब तक लगभग 55 साल बीत चुके हैं . मैंने अपना घर खोया और मुझे नया घर मिला भारत में , एक ऐसा देश जिसे अपनी studies की वजह से मैंने हमेशा अपने करीब महसूस किया है . भारत सरकार ने हमारा ख़याल रखा . मैं एक शरणार्थी हूँ , लेकिन मैं भारत सरकार का सबसे लम्बे समय तक ठहरने वाला अतिथि भी हूँ . भारत की मदद और यहाँ मिलने वाली स्वतंत्रता की वजह से मैंने बहुत सी चीजें सीखी हैं , उनमे से एक है प्राचीन भारत का विचार – अहिंसा या non-violence.
ज़रूरी नहीं कि किसी के action से अहिंसा का पता लगाया जाए , बल्कि उस काम के पीछे के motivation से अहिंसा का पता लगाया जा सकता है . यदि हम किसी को धोखा देना चाहते हैं और उससे कुछ फायदा उठाना चाहते हैं और इसलिए हम उससे मुस्कुरा कर बात करते हैं , मीठे बोल बोलते हैं , कोई तोहफा देते हैं तो यह एक तरह की हिंसा है , क्योंकि इसमें negative emotion involved है . वहीँ दूसरी तरफ यदि किसी कि भलाई के लिए हम कठोर शब्द इस्तेमाल करते हैं तो ये अहिंसा है , क्योंकि इसमें positive emotion involved है .
भारत में भ्रष्टाचार बहुत फैला हुआ है और यह काफी गम्भीर समस्या है ; और छल-कपट की तरह ये भी एक तरह की हिंसा है .
शांतिपूर्ण , non-violent action warmheartedness से सम्बंधित है ; जो कुछ ऐसा है जिसे secularism के आधार पर बढ़ावा देने की ज़रुरत है . क्योकि भारत एक multi-religious society है , स्वतंत्रता सेनानियों ने सोचा कि एक धर्मनिरपेक्ष संविधान होना चाहिए . एक धर्म को दुसरे पर थोपना काम नहीं करता , वहीँ , भारत के दृष्टिकोण से धर्मनिरपेक्षता सभी दहरमो का सम्मान करती है और यहाँ तक कि नास्तिक होने के अधिकार का भी . इसका उदहारण Chavaka या hedonist school of thought , जिसने आत्मिक तरीके को challenge किया के प्रति प्रतिक्रिया से मिलता है . उनके भी गुरुओं को ऋषि या sages कहते हैं .
मैंने पढ़ा है कि आज 7 अरब लोगों में से कम से कम 1 अरब खुद को नास्तिक मानते हैं . लेकिन बचे हुए 6 अरब लोग , जिनमे शायद कुछ यकीन बाकी है , उनमे से बहुत से बस ऊपर -ऊपर से ऐसा मानते हैं . जब तक आप अपनी धार्मिक गतिविधियों के प्रति गम्भीर और ईमानदार नहीं हैं , तब तक पाखण्ड का बहुत बड़ा खतरा है . दरअसल , यदि नैतिक मूल्यों की कमी हो तो धर्म को बड़ी आसानी से लोगों का फयदा उठाने और हेर-फेर करने के लिए प्रयोग किया जा सकता है . 1973 में मेरी पहली Europe यात्रा के समय से मैंने समझा है कि हम एक वैश्विक जिम्मेदारी की समझ विकसित करने के ज़रुरत है, जो पूरी मानवता के प्रति हमारा ध्यान खींचता हो।
कोई भी problem नहीं चाहता , लेकिन हम खुद उसे पैदा करते हैं . वो हमारे आत्म -केंद्रित attitude की वजह से पैदा होती हैं. इसके उलट , करुणा और दूसरों के प्रति लगाव एक peaceful world बनाने के लिए key factors हैं . यदि हमारे करुणा का आधार धार्मिक विश्वास है तो वो एक सीमा में बंध जाएगा . इसकी जगह यदि हम धर्मनिरपेक्ष तरीके से काम करते हैं तो जो हम हासिल कर सकते हैं उसकी कोई सीमा नहीं है .
हमें अपने common experience के बारे में चिंतन करना चाहिए : हमारी माँ से हमारा जन्म और वो प्रेम जिससे वो हमारा ख़याल रखती है , हमें दूसरों के प्रति प्रेमपूर्ण होने की क्षमता देता है .
अपने खुद के अनुभव से मैं बता सकता हूँ कि शारीरिक स्वस्थ्य के लिए मन की शांति प्रभावशाली है . वैज्ञानिक , धर्मनिरपेक्षता के दृष्टिकोण से meditate करने से करुणा के प्रति होने वाले लाभ को दो से तीन हफ़्तों तक किये जा रहे प्रयोगों द्वारा माप के जांच रहे हैं .
उन्हें low blood pressure , कम stress और दूसरों से बेहतर interaction के परिणाम मिले हैं . इसलिए , सफलता और ख़ुशी का सीधा नाता एक प्रेम में डूबे शांत दिमाग को विकसित करने से है . यदि हम आंतरिक मूल्यों के तरफ ध्यान दें , ज़िन्दगी खुशाल हो सकती है . Problems होंगी , लेकिन जरूरी बात ये है कि हम उनको कैसे approach करते हैं .
Question-Answer Session
Q: बुद्धिमत्ता और नैतिक मूल्यों में क्या ज्यादा ज़रूरी है ?
A: क्योंकि बुद्धिमत्ता कहती है कि सच्चे रहो …ईमानदार रहो .. इसलिए बुद्धिमत्ता ज्यादा ज़रूरी है .
Q: कौन पहले आया सफलता या ख़ुशी ?
A: मुझे नहीं पता , मैं बस इतना बता सकता हूँ कि ख़ुशी का सम्बन्ध एक शांत दिमाग होने से है . और शांत दिमाग गलत – सही का निर्णय करने का आधार है .
————— परम पूज्य श्री दलाई लामा के महान विचार——————-
Note: हिंदी में अनुवाद करने में सावधानी बरतने के बावजूद कुछ त्रुटियाँ हो सकती हैं. कृपया क्षमा करें.
निवेदन: कृपया अपने comments के through बताएं की H H The Dalai Lama द्वारा दी गयी Inspirational Speech का Hindi Translation आपको कैसा लगा .
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अनिल साहू says
परम पूजनीय दलाई लामा जी के शांति और अहिंसा के बारे में बहुत ही अनमोल विचार हैं. ये भारतवर्ष का सौभाग्य है कि हमें उनका सानिध्य मिला.
हिंसा और अहिंसा के बारे में बहुत अच्छी बात कही है आपने- “यदि हम किसी को धोखा देना चाहते हैं और उससे कुछ फायदा उठाना चाहते हैं और इसलिए हम उससे मुस्कुरा कर बात करते हैं , मीठे बोल बोलते हैं , कोई तोहफा देते हैं तो यह एक तरह की हिंसा है , क्योंकि इसमें negative emotion involved है . वहीँ दूसरी तरफ यदि किसी कि भलाई के लिए हम कठोर शब्द इस्तेमाल करते हैं तो ये अहिंसा है , क्योंकि इसमें positive emotion involved है.”
प्रवीण पाण्डेय says
प्रेरक विचार और अनुभव
Pratibha Sisodia says
It is a laudable effort, this translation will surely develop broader out llk for Hindi speaking people,
Anonymous says
very very nice & true
Anonymous says
thougtfull word power.
Khem says
It’s mind & big speech…
saurabh kumar says
acche logo aur acche vicharo ki jarurat aaj har kisi ko hai…….
Anonymous says
very good