ऋषिकेश के एक प्रसिद्द महात्मा बहुत वृद्ध हो चले थे और उनका अंत निकट था . एक दिन उन्होंने सभी शिष्यों को बुलाया और कहा , ” प्रिय शिष्यों मेरा शरीर जीर्ण हो चुका है और अब मेरी आत्मा बार -बार मुझे इसे त्यागने को कह रही है , और मैंने निश्चय किया है कि आज के दिन जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश कर जाएगा तब मैं इहलोक त्याग दूंगा .”
गुरु की वाणी सुनते ही शिष्य घबड़ा गए , शोक -विलाप करने लगे , पर गुरु जी ने सबको शांत रहने और इस अटल सत्य को स्वीकारने के लिए कहा .
कुछ देर बाद जब सब चुप हो गए तो एक शिष्य ने पुछा , ” गुरु जी , क्या आप आज हमें कोई शिक्षा नहीं देंगे ?”
“अवश्य दूंगा “, गुरु जी बोले
” मेरे निकट आओ और मेरे मुख में देखो .”
एक शिष्य निकट गया और देखने लगा।
“बताओ , मेरे मुख में क्या दिखता है , जीभ या दांत ?”
“उसमे तो बस जीभ दिखाई दे रही है .”, शिष्य बोला
फिर गुरु जी ने पुछा , “अब बताओ दोनों में पहले कौन आया था ?”
“पहले तो जीभ ही आई थी .”, एक शिष्य बोला
“अच्छा दोनों में कठोर कौन था ?”, गुरु जी ने पुनः एक प्रश्न किया .
” जी , कठोर तो दांत ही था . ” , एक शिष्य बोला .
” दांत जीभ से कम आयु का और कठोर होते हुए भी उससे पहले ही चला गया , पर विनम्र व संवेदनशील जीभ अभी भी जीवित है … शिष्यों , इस जग का यही नियम है , जो क्रूर है , कठोर है और जिसे अपने ताकत या ज्ञान का घमंड है उसका जल्द ही विनाश हो जाता है अतः तुम सब जीभ की भांति सरल ,विनम्र व प्रेमपूर्ण बनो और इस धरा को अपने सत्कर्मों से सींचो , यही मेरा आखिरी सन्देश है .”, और इन्ही शब्दों के साथ गुरु जी परलोक सिधार गए .
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Onkar lal mewara says
Not only my self but every person like it.
Rasubha says
Namste gopalji
aapne Jo guruji ka aakhri sandes bheja he vo share manvjat ko sansar sugar par karasakta he
Vimal chaudhary says
Gopal sir namaskar.
Bahut hi achhi kahani hai. Lekin ye kahani hamne bahut pahle hamarisafalta par padhi thi lekin bahut changes ke sath isme padhne ko mila. Itni achhi kahaniyon ka collection aap kahan se kar lete hain. Hamarisafalta achhikhabar dono me alag alag kahaniyan padhne ko milti hain collection kahan se hota hoga.
Shukriya..
अनिल साहू says
छोटी सी कहानी में जिन्दगी की बड़ी सीख छुपी हुई है. कई बार हमारी विनम्रता हमें बहुत ही ताकतवर बना देती है.
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dan bahadur says
बहुत अच्छी कहानी हे इस कहानी से हमेँ सीख मिलती हे कई जीब की तरह रहना चाहिएिके दाता की तरह मेरा नाम दान बहादुर हेँ मेँ सभी पाठकोँ को हार्दिक अभिनंदन करता हूँ और अच्छी khabar.com कोबार बार धंयवाद करता हूँ
Anmol says
Carry On Inspire Us….
Sunita Pradhan says
Very true story.I really liked it!Thanks Gopal ji.
Prachi Dandekar says
Nice & inspirativ story.
Anshul Kumar says
बहुत बड़ी बात कही है आपने गोपाल जी. सच ही है जो सरल और विनम्र है वही रहता है. जैसे : तूफ़ान आने पर बड़े बड़े वृक्ष गिर जाते हैं और नष्ट हो जाते हैं पर वहीँ ज़मीन पर उगी घास का बाल भी बांका नहीं होता. ऐसी अदभुत पोस्ट के लिए साधुवाद.
jyoti says
i like story. i will have inspire story.
DR.PARITOSH TRIVEDI says
बहोत ही सुन्दर और प्रेरणादायी कहानी।
गुरूजी अपने आखरी संदेश में शिष्यों को जीवन का सबसे बड़ा पाठ पढ़ा दिया हैं।
धन्यवाद !