ब्राह्मणों का असली सच! कौन हैं ब्राह्मण ?
Who are Brahmins in Hindi ?
महाभारत में यक्ष धर्मराज युधिष्ठिर से पूछते हैं.
व्यक्ति की सबसे मूल्यवान संपत्ति क्या है?
उत्तर मिलता है – ज्ञान
वेस्टर्न फिलोसोफी में भी कहा गया है – “knowledge is power”. ज्ञान ही शक्ति है. यानी भारतीय और पाश्चात्य दर्शन, दोनों में ही “ज्ञान” को सबसे महत्त्वपूर्ण माना गया है.
और दोस्तों, जब बात ज्ञान की आती है, तो भारत सहित पूरे विश्व में एक विशेष जाति का नाम सबसे पहले लिया जाता है, और वो जाति है – ब्राह्मण.
नमस्कार दोस्तों, मैं अजय अजमेरा स्वागत करता हूँ आपका आपके अपने ब्लॉग Achhikhabar.com पर.
करोड़ों भारतीय रोज सुबह उठते ही अपने मोबाइल पर “हनुमान चालीसा” लगा कर सुनते हैं. उसे लिखने वाला कौन- गोस्वामी तुलसीदास जी – एक ब्राह्मण.
हर रोज करोड़ों बच्चे स्कूल में राष्ट्रगान “जन गण मन” गाते हुए गर्व से सीना तान कर खड़े हो जाते हैं…. उसे लिखने वाला कौन – गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर – एक ब्राहमण भारत ही नहीं पूरे विश्व को ज्ञान का प्रसाद देने में सबसे अग्रणी अगर कोई है तो वह है ब्राह्मण.
दोस्तों, आदि काल से ज्ञान शाश्त्र को हो या शस्त्र का, उसे प्रदान करने वाला गुरु एक ब्राहमण ही रहा है. और आज इस लेख में मैं आपसे ब्राह्मणों के बारे में ही चर्चा करने जा रहा हूँ. प्लीज पोस्ट अंत तक पढियेगा, क्योंकि कुछ बातें, कुछ फैक्ट्स आपको आश्चर्य में डाल देंगे और आप सोचने पर मजबूर हो जायेंगे कि आखिर इस देश की आत्मा में रचा-बसा ब्राह्मण है क्या चीज!
लेकिन आगे बढ़ने से पहले मैं बड़ी विनम्रता के साथ एक बात साफ़ करना चाहूँगा कि मैं caste-system में believe नहीं करता, मेरा मनना है कि हर इंसान बराबर है और कर्म ही सबसे प्रधान है.
और आज मैं जिन ब्रहामणों का जिक्र इस लेख में करने जा रहा हूँ वो भी उनके जन्म के नहीं बल्कि कर्म के कारण ही करने जा रहा हूँ. साथ ही ये भी कहना चाहूँगा कि इतिहास में ऐसे कई उदहारण हैं जहाँ लोग जन्में तो किसी और कुल में लेकिन अपने कर्म से वे ब्राहमण बने. यानी ब्राहमण कोई भी हो सकता है जो वो कर्म करे जिसे ब्राह्मण करता है.
तो आइये सबसे पहले यही जान लेते हैं कि ब्राहमण कहते किसे हैं ? | Who are Brahmins in Hindi ?
जिसे ब्रह्म का ज्ञान हो, उसे ब्राह्मण कहते हैं.
ब्राह्मण वह है जो ब्रह्म को जानता है, ब्रह्म को जीता है, और ब्रह्म को जगाता है.
वह जो सृष्टि के रहस्यों को समझता है,
जो अंधेरे में प्रकाश की किरण बनता है,
जो ज्ञान की अग्नि को सदा प्रज्वलित रखता है.
ब्राह्मण वह है जो:
– वेदों का ज्ञाता हो, पर उससे भी बढ़कर उनका व्याख्याता हो
– शास्त्रों का पंडित हो, पर उससे भी अधिक जीवन का शिल्पी हो
– मंत्रों का उच्चारणकर्ता हो, पर उससे भी महत्वपूर्ण मानवता का रक्षक हो
– ब्राह्मण केवल एक जन्म नहीं, एक कर्म है.
– एक पद नहीं, एक जिम्मेदारी है.
– एक अधिकार नहीं, एक कर्तव्य है.
Who are Brahmins in Hindi ? ब्राह्मण वह है जो:
‘सर्वे भवन्तु सुखिनः’ का मंत्र न केवल बोलता है, बल्कि जीता है.
जो ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की भावना को हर सांस में महसूस करता है.
और अंत में, ब्राह्मण वह है जो जानता है कि असली ज्ञान विनम्रता में छिपा है, असली शक्ति करुणा में निहित है, और असली महानता सेवा करने में है.
दोस्तों, मैं खुद जैन धर्म से हूँ और मुझे नहीं पता कि ब्राह्मणों के साथ आपका अनुभव कैसा रहा है. पर अजमेरा फैशन में बहुत से ब्राहमण काम करते हैं और मैंने उनमे तीन चीजें कॉमन पाई हैं – ज्ञान, विनम्रता और मृदु भाषा.
दोस्तों, अगर आबादी की बात करूँ तो ब्राह्मणों की संख्या भारत की कुल आबादी का 5% से भी कम है लेकिन अगर वैदिक काल के भारतवर्ष से लेकर मॉडर्न डे इंडिया तक की बात करूँ तो धर्म, दर्शन, विज्ञान, कला, साहित्य, खेल, बिजनेस जैसे अलग-अलग क्षेत्रों में ब्राह्मणों का योगदान उनकी संख्या के मुकाबले कई गुना अधिक है.
कुछ फैक्ट्स बताता हूँ जिसे जानकार मैं खुद आश्चर्य में पड़ गया था.
- आज तक सिर्फ 9 भारतीयों को नोबेल प्राइज मिला है. इनमे से 6 ब्राह्मण हैं.
- अब तक 48 व्यक्तियों को भारत रत्न से नावाज़ा गया है, जिसमे से 23 ब्राहमण हैं.
- भारत में अब तक 15 प्रधान मंत्री हुए हैं, जिसमे से 6 ब्राह्मण थे. और उनमे से एक श्री अटल बिहारी वाजपेयी मेरे पसंदीदा PM रहे हैं.
- अगर भारत के इतिहास को एक किताब में संजोया जाए तो ऐसा कोई पन्ना नहीं होगा जिसपर ब्राह्मणों ने अपनी छाप ना छोड़ी हो.
- याद कीजिए महर्षि वाल्मीकि को, जिन्होंने रामायण जैसे महाकाव्य की रचना की. या फिर वेदव्यास को, जिन्होंने महाभारत लिखा वे ब्राहमण ही तो थे.
- और वो मनोज कुमार का गाना तो आपने सुना ही होगा….जब जीरो दिया मेरे भारत ने मेरे भारत ने ….मेरे भारत ने….
- वो जीरो देने वाला कौन था…. आर्यभट्ट, एक ब्राहमण
- आयुर्वेद के जनक सुश्रुत कौन थे ? एक ब्राह्मण
- आज योग पूरे विश्व में विख्यात है….योगसूत्र लिखने वाले महर्षि पतंजलि कौन थे ? एक ब्राह्मण
अपनी जटा में प्रतिज्ञा की गाँठ बाँध कर, अखंड भारत की नींव रखने वाले चाणक्य कौन थे ? एक ब्राहमण, जिनके बताये अर्थशाश्त्र और चाणक्य नीति का आज भी कोई जवाब नहीं!हमें ये नहीं भूलना चाहिए कि जब मुगलों ने हमारे ग्रंथों को जलाने की ठानी, हमारे मंदिरों को मिट्टी में मिलाने का प्रयास किया, तब ब्राह्मणों ने विद्या और धर्म की लौ को बुझने नहीं दिया.
अपने प्राणों की आहुति देकर भी, उन्होंने हिंदू धर्म की जड़ें हिलने नहीं दीं. उनके तप, त्याग, और संकल्प ने धर्म की रक्षा की, और भारत की सनातन संस्कृति को अमरत्व प्रदान किया. पेशवा राजवंश के बाजीराव ने 41 युद्ध लड़े और सभी में विजय प्राप्त की. मुगल साम्राज्य की चूलें हिलाने वाले पेशवा एक ब्राह्मण ही तो थे.
अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध में भी ब्राह्मणों का योगदान
1857 में भी अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध का बिगुल ब्राह्मणों ने ही बजाया था. मंगल पांडे, नाना साहेब, रानी लक्ष्मीबाई, तात्या टोपे जैसे ब्राह्मणों का बलिदान इतिहास में अमर है. भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में क्रांतिकारी के रूप में बाल गंगाधर तिलक, चंद्रशेखर आजाद, रामप्रसाद बिस्मिल, राजगुरु, वीर सावरकर, सुखदेव और बटुकेश्वर दत्त जैसे ब्राह्मणों ने अपनी बुद्धि और बल से अंग्रेजों की नींद उड़ा दी. यहाँ तक कि महात्मा गांधी के गुरु गोपाल कृष्ण गोखले भी एक ब्राह्मण थे.
दोस्तों, वास्तव में आज हम जिस महान भारतवर्ष पर गर्व करते हैं उसे गौरवान्वित करने में बहुत बड़ा योगदान ब्राह्मणों का है. आज कुछ राजनीतिक कारणों से और कुछ ब्राह्मणों द्वारा किये गए भेदभाव के कारण बहुत से लोग पूरी ब्राह्मण जाति को ही कटघरे में खड़ा करने लगते हैं, लेकिन शायद उन्हें ये नहीं भूलना चाहिए कि बचपन से वे जिन पंचतंत्र की कहानियों को सुन कर बड़े हुए हैं, उनसे नैतिक शिक्षा ग्रहण की है, उसे लिखने वाले विष्णु शर्मा एक ब्राह्मण थे.
उन्हें ये नहीं भूलना चाहिए कि जिस तेनालीराम और बीरबल की चतुराई ने सैकड़ों बार उनके चेहरे पर मुस्कान बिखेरी है, वो दोनों बुद्धिमान व्यक्ति ब्राहमण ही थे. और अगर हम समय में आगे बढ़ कर आज की बात करें तो
भारत में दो चीजें सबसे अधिक popular हैं- क्रिकेट और फिल्में
यहाँ भी ब्राह्मणों का योगदान आपको हैरत में डाल देगा… (Five Real Examples)
- क्रिकेट का भगवान् कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर एक ब्राह्मण हैं.
- Fab Four के नाम से मशहूर – सचिन, राहुल, सौरव और लक्षमण – ये चारो ही ब्राह्मण हैं.
- भारत के महान गेंदबाज – अनिल कुंबले, आश्विन, श्रीनाथ – ब्राह्मण
- मौजूदा कप्तान रोहित शर्मा, हार्दिक पंड्या, रिषभ पन्त – ब्राह्मण
- Cricket से हट के अगर शतरंज की बात करें तो इसे भारत में प्रसिद्ध बनाने वाले विश्वनाथन आनंद भी एक ब्राह्मण हैं.
अब मनोरंजन की दुनिया में भी देख लीजिये….
भारत की सबसे महान गायिका- लता मंगेशकर – ब्राह्मण
करोड़ों भारतीयों के फेवरेट सिंगर- किशोर कुमार – ब्राह्मण
अजय देवगन, पंकज त्रिपाठी, मनोज बाजपेयी, दीपिका पादुकोण, आलिया भट्ट, ये सभी ब्राहमण और हाँ, इन सबसे बढ़ कर the Father of Indian cinema — दादा साहेब फाल्के वो भी एक ब्राह्मण ही थे. आश्चर्य होता है कि सिर्फ 5% से भी कम होने के बावजूद ब्राह्मणों का हर क्षेत्र में योगदान इतना बड़ा कैसे है.
बिजनेस की बात करें तो दुनिया की दो सबसे बड़ी कम्पनियाँ, माइक्रोसॉफ्ट और गूगल को चलाने वाले सत्य नाडेला और सुन्दर पिचाई भी ब्राह्मण हैं. Infosys founder नारायण मूर्ती और Paytm founder विजय शेखर शर्मा भी ब्राह्मण हैं. अपनी बात करूँ तो अजमेरा फैशन से जुड़ने वाले बहुत से व्यापारी, खासकर, UP और बिहार से– ब्राह्मण हैं.
अजमेरा ट्रेंड्स की फ्रैंचाइज़ी लेने वालों में भी कई ब्राह्मण शामिल हैं और उनमे से अधिकतर बिजनेस में काफी अच्छा कर रहे हैं.
तो सवाल उठता है कि- हम ब्राह्मणों से क्या सीख सकते हैं?
मेरी समझ से मुख्यतः ऐसी चार बातें हैं –
पहली, ज्ञान लो और ज्ञान दो: ब्राह्मण आज इसीलिए आगे हैं क्यों उन्होंने शुरू से ही ज्ञान की शक्ति को समझा है. आज भी ब्राहमण परिवारों में पढ़ाई-लिखाई पर बहुत अधिक ध्यान दिया जाता है.
और दोस्तों ज्ञान के बारे में एक बात प्रसिद्ध है – यह बांटने से बढ़ता है. ब्राह्मणों ने ज्ञान अर्जित करके सिर्फ अपने पास नहीं रखा उसे दूसरों को सिखाया. हमें भी पहले खुद अपनी स्किल्स डेवलप करनी चाहिए और फिर उसे आगे बढ़ाना चाहिए.
दूसरी, निष्ठा और ईमानदारी : इतिहास उठा कर देखा जाए तो ब्राह्मण किंग कम King Maker अधिक रहे हैं. गुरु वशिष्ट हों, गुरु द्रोणाचार्य या चाणक्य, इनके पास कई आवासर थे जब वे सत्ता की बागडोर अपने हाथों में ले सकते थे. लेकिन ये हेमशा धर्म के मार्ग पर चले और राजा और राज्य के प्रति निष्ठा और ईमानदारी दिखाई.
तीसरी, देशभक्ति : ब्राह्मणों ने शुरू से ही राष्ट्र और धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों की बाजी लगाई है. चाहे वह मुघलों का आक्रमण हो, या अंग्रेजों का अत्याचार ब्राह्मणों ने हमेशा अपनी बुद्धि, साहस और बलिदान से देश और धर्म की रक्षा की है. Bajirao Peshwa बाजीराव पेशवा से लेकर captain मनोज पाण्डेय तक ब्राह्मणों ने देश के प्रति सर्वोच्च आहुति दी है.
और अंत में एक और बात हो हम ब्राह्मणों से सीख सकते हैं वह है –
परंपरा और संस्कृति का सम्मान : आज जिस सभ्यता और संस्कृति पर भारतवासी गर्व करते हैं, आदि काल से उसे संजोने, सवारने और जीवति रखने में ब्राह्मणों का बहुत बड़ा योगदान है. हमें भी अपनी संस्कृति और परंपराओं का सम्मान करना चाहिए और उन्हें जीवित रखने का प्रयास करना चाहिए.
दोस्तों, अंत में मैं इतना ही कहना चाहूँगा कि ब्राह्मण एक जाति नहीं, बल्कि एक विचारधारा है. वह विचारधारा जो ज्ञान, सेवा, और समर्पण की मिसाल है. एक ऐसा समुदाय जिसने न केवल भारत को दिशा दी, बल्कि विश्व को भी ज्ञान के प्रकाश से आलोकित किया.
“जिनके तप से जगमगाता रहा यह धरा का आँगन,
जिनकी वाणी से गूंजा धर्म का यह वंदन.
वह ब्राह्मण थे, हैं, और रहेंगे,
जिनकी साधना से रोशन रहेगा हर जीवन.”
दोस्तों, ब्राह्मणों को लेकर आप क्या सोचते हैं? कमेन्ट में ज़रूर बताइयेगा. साथ ही लेख पसंद आया हो तो इसे लाइक और शेयर करना मत भूलियेगा. आज अपना कीमती वक़्त देने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद.
जय हिन्द जय भारत जय भगवान परशुराम
अजय अजमेरा
फाउंडर & सीईओ
Read Also :
- जैन धर्म में क्या होता है “मिच्छामी दुक्कड़म” का अर्थ
- राजा की तीन सीखें
- सबसे बड़ा पुण्य !
- कृष्ण, बलराम और राक्षस
- श्रीमद्भगवद्गीता अनमोल वचन
- कृष्ण, बलराम और राक्षस – प्रेरक प्रसंग
- महाशिवरात्रि
- श्री कृष्ण जयंती – कृष्ण जन्माष्टमी पर लेख
- कहाँ हैं भगवान्?- छोटी सी हिंदी कहानी
- सबसे बड़ा गुरू- महाभारत की कहानी
Did you like Who are Brahmins in Hindi ? कौन हैं ब्राहमण ! ब्राह्मण का अर्थ, स्वरूप और स्वर्णिम इतिहास/ The Meaning of a Brahmin : Rich History of Brahmins यह लेख आपको कैसा लगा ? Please share your comments.
यदि आपके पास Hindi या English में AI Topic Related article, या Trending Story या जानकारी है जो आप हमारे साथ share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी Id है: [email protected] .पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!
Mukesh Agnihotri says
Bramhamano par isse achha lekh ho hi nahi sakta…charan vandnakrta hun aapki
Akhilesh Mishra says
Jai Bhagwan Parashuram
Abhishek Pandey, UP says
Main khud ek brahman hun. Sachmuch Ajay Ajmera ji ne dil jeet liya. Bahut bahut dhanywaad. Mian aapse jaroor judunga.
Paresh says
Thanks For Sharing Informative Post,Specailly Jab Social Media Par Brahmins Ke bare Me Bahut Galat Bola Jata Hai, Aap Ne Unka Ujjval Itihas Batata Article Share Kiya Nice Work