कुछ दिनों पहले मुझे AchhiKhabar.Com (AKC) के एक regular reader , Mr. Bharat Sasnani ने सरश्री की लिखी एक किताब भेजी “ The Power of Happy Thoughts”, ये एक अच्छी किताब है और इसका central idea “Law of Attraction (LOA) ” का लाइफ में सही इस्तेमाल करना है .
इसी किताब में negative thoughts को mould कर के positive में convert करने का एक बहुत आसान तरीका बताया गया जिसके बारे में हम आज बात करेंगे .
पर पहले जो लोग LOA के बारे में नहीं जानते उनके benefit के लिए इसे थोड़ा सा explain कर लेते हैं .
LOA कहता है कि हम जो भी सोचते हैं उसे अपने जीवन में आकर्षित करते हैं , फिर चाहे वो चीज अच्छी हो या बुरी . For Ex: अगर कोई सोचता है कि वो हमेशा परेशान रहता है , बीमार रहता है और उसके पास पैसों कि कमी रहती है तो real life में भी ब्रह्माण्ड घटनाओं को कुछ ऐसे set करता है कि उसे अपने life में परेशानी , बीमारी और तंगी का सामना करना पड़ता है .
वहीँ दूसरी तरफ अगर वो सोचता है कि वो खुशहाल है , सेहतमंद है और उसके पास खूब पैसे हैं तो LOA कि वजह से real life में भी उसे खुशहाली , अच्छी health और समृद्धि देखने को मिलती है .
LOA एक controversial topic है , कई लोग इसे मानते हैं तो कई नहीं , पर जहाँ तक मेरा सवाल है मैं इसे मानता हूँ , और इसके दो main reasons हैं –
पहला , मेरे खुद के कुछ experience जो इसे सच ठहराते हैं . For e.g. मैं AKC शुरुआत से ही सोचता था कि इसे लाखों लोग पढ़ रहे हैं और आज वो एक हक़ीक़त है , इसी तरह जब मैं MBA कर रहा था उससे पहले से ही सोचता था कि मैं अपने home town Gorakhpur में जॉब कर रहा हूँ …और coincidentally Delhi-NCR में होते हुए भी मेरी college placement वहीँ हुई .
दूसरा , कुछ महान व्यक्तिओं के कथन जो इसे validate करते हैं ; इनमे प्रमुख हैं :
“हम जो सोचते हैं , वो बन जाते हैं.”
“हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है, इसलिए इस बात का धयान रखिये कि आप क्या सोचते हैं. शब्द गौण हैं. विचार रहते हैं, वे दूर तक यात्रा करते हैं.”
खैर ,अगर आप dilemma में हों कि इसे मानें कि नहीं तो मैं यही suggest करूँगा कि इस पर believe करिये . हो सकता है आपने कुछ books पढ़ी हों और आप ऑथर कि बातों से convince ना हुए हों … पर इसका ये मतलब नहीं कि law गलत है …ये उस ऑथर या ऑथर्स कि कमी भी हो सकती है कि वे ठीक से इसे explain न कर पाएं हों …या ये आपकी भी कमी हो सकती है कि आप ठीक से इसे समझ ना पाये हों …
दूसरी तरफ इसका एक प्रूफ ऐसे भी मिल सकता है —- आप सोचते हैं कि LOA गलत है और real life में भी आपको ऐसे ही experiences मिलते हैं तो भी तो LOA सही हुआ , क्योंकि as per LOA आप जैसा सोचेंगे real life में भी आपको ऐसे ही अनुभव मिलेंगे.
खैर जो भी हो अब जरा कुछ महीनो तक इसे मान कर देखिये … आपको इसके सच होने के सबूत ज़रूर मिलेंगे, महीनो तक मानने के लिए इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि result मिलने में टाइम लग सकता है , इसलिए सिर्फ कुछ दिन believe किया और result नहीं मिला तो निराश होने कि ज़रुरत नहीं है अपनी सोच कायम रखिये …
Well, जो लोग LOA मानते हैं वे समझते हैं कि positive सोचना कितना ज़रूरी है …वे जानते हैं कि हर एक negative thought हमारी life को positivity से दूर ले जाती है और हर एक positive thought life में खुशियां लाती है . और किसी ने कहा भी है , ” अगर इंसान जानता कि उसकी सोच कितनी पावरफुल है तो वो कभी निगेटिव नहीं सोचता !”
पर क्या हमेशा positive सोचना संभव है ?
संभव तो है , probably हमारे ऋषि – मुनि जो हिमालय पे जाकर वर्षों तक तपस्या करते थे , मन को नियंत्रित करना सीख लेते थे वे ऐसा कर पाते हों … पर हमारे -आपके जैसे लोग चाह कर भी हमेशा positive नहीं सोच पाते …मन को नियंत्रित नहीं कर पाते …और दिनभर में कईओं बार negative सोच ही लेते हैं ….
तो हम क्या कर सकते हैं ?
यहीं पर काम आते हैं हमारे लेकिन ,किन्तु , परन्तु ….
Friends, वैसे तो ये शब्द ज्यादातर negative context में use होते हैं;
For ex आप लोगों को कहते सुन सकते हैं : मैं सफल हो जाता लेकिन ….
सब सही चल रहा था किन्तु ….etc
पर जैसा कि Maths में होता है negative और negative जब multiply होते हैं तो positive हो जाते हैं , ठीक वैसे ही हम इन शब्दों का प्रयोग negative sentences के अंत में करके उन्हें positive में convert कर सकते हैं.
कुछ examples से समझते हैं :
जैसे ही आपके मन में विचार आये … “दुनिया बहुत बुरी है ” तो आप इतना कह कर या सोच कर रुके नहीं … तुरंत realize करें कि आपने एक negative sentence बोला है और देर -सबेर ये आपको नुक्सान पहुंचा सकता है , इसलिए तुरंत alert हो जाएं और sentence को कुछ ऐसे पूरा करें
” दुनिया बहुत बुरी है… लेकिन अब चीजें बदल रही हैं , बहुत से अच्छे लोग समाज में अच्छाई का बीज बो रहे हैं और सब ठीक हो रहा है “
कुछ और examples देखते हैं :
“मैं पढ़ने में कमजोर हूँ… लेकिन अब मैंने मेहनत शुरू कर दी है और जल्द ही मैं पढ़ाई में भी अच्छा हो जाऊँगा .”
“मेरा boss बहुत #%$% है … पर धीरे -धीरे वो बदल रहे हैं और उनको knowledge भी बहुत है ,मुझे काफी कुछ सीखने को मिलता है उनसे …”
“मेरे पास पैसे नहीं हैं … लेकिन मुझे पता है मेरे पास बहुत पैसा आने वाला है , इतना कि न मैं सिर्फ अपने बल्कि अपने अपनों के भी सपने पूरे कर सकूँ। “
मेरे साथ हमेशा बुरा होता है … लेकिन मैं देख रहा हूँ कि पिछले कुछ दिनों से सब अच्छा अच्छा ही हो रहा है, और आगे भी होगा ….”
फ्रेंड्स, यहाँ सबसे important बात है ये realize करना कि कब आपके मन में एक Negative thought आई है और तुरंत alert हो कर इसे “लेकिन ” लगा कर positive में convert कर देना. और ये आपको सिर्फ तब नहीं करना जब आप किसी के सामने बात कर रहे हों … सबसे अधिक तो आपको ये अकेले रहते हुए अपने साथ करना है … आपको अपनी सोच पर ध्यान देना है … aware रहना है कि आपकि thoughts positive हैं या negative और जैसे ही negative thought आये आपको तुरंत उसे positive में mould कर देना है .
और एक चीज आप इस बात की चिंता ना करें की आपने ‘लेकिन‘ के बाद जो लाइन जोड़ी है वो सही है या गलत , आपको तो बस एक सकारात्मक वाक्य जोड़ना है , और आपका subconscious mind उसे ही सही मानेगा और ब्रह्माण्ड आपके जीवन में वैसे ही अनुभव प्रस्तुत करेगा !
ये तो आसान लग रहा है !!
हो सकता है ये आपको बड़ा simple लगे , कुछ लोगों के लिए वाकई में हो भी , पर maximum लोगों के लिए thoughts को control करना और उनके प्रति aware रहना चैलेंजिंग होता है , इसलिए अगर आप इस तरीके को practice करते वक़्त कई बार negative thoughts को miss भी कर जाते हैं तो no need to worry… जैसे तमाम चीजों को practice से सही किया जा सकता है वैसे ही thoughts को भी practice से positive बनाया जा सकता है .
तो आइये हम सब अभी से positive thoughts कि practice शुरू कर दें और इस दुनिया और अपने जीवन को और भी खूबसूरत बना दें .
Let’s be positive, and let’s spread positivity.
Thanks 🙂
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नोट: यदि आपके मन में कोई नेगेटिव थॉट आती है और आप जानना चाहते हैं कि “लेकिन” लगा कर उसे कैसे पॉजिटिव में बदलें तो आप कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं।
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Md. Talim Khan says
I Think, It Is Very Useful. Because Maine Ise Apni Life Me Aajmakr Dekha Hai, Or Mujhe Fayda Bhi Hua Hai. Mai Sabhi Se Yahi Kahta Hu,”Be Positive Think Positive”.
prasoon mishra says
sir jaise isme bola gya hi ki hmare though clear hone chahiye so ager koi person ki 2 chijo ki chahat hi to fir vo kaise pa sakta hi use kyoki vo to dono though ko sochega plz give ans ki dono milna posible hi kya
Himmat says
Sir mujhe ek baat bahut paresan karti h mai apne pariwar ke liye kuch accha nahi kar pa raha hu
Gopal Mishra says
Jaise hii ye vichar aaye aap iski vipreet disha me sochein ….main apne parivarke liye kuch achha nahi bahut achha kar paa raha hun…mera jo bhi saamrthya hai usme main apne parivar ko khuh rkhne ka prayaas karta hun aur main khud ko bhtar dhang se taiyaar kar raha hun taaki apni family ko ek bright future de sakun…
Punaji patil says
Jab ham sochtey hai konsabhi kam Karna chahte hai lekin o pura kar nahi pate kyu
prashant nighwekar says
it works 100%
vishal says
सर क्या LOA स्वास्थ्य पर applicable होता है ।
जैसे में। काफी महीनो से Body pain से परेशान हु
सुबह नींद खुलते ही भयानक दर्द होता है ।
पुरे दिन ने होता है
Treatment भी चालू है ।लेकिन कोई फायदा नहीं ही रहा है । क्यों ऐसी स्तिथि में law of attraction applicable होता है । में वर्तमान में Secret book भी read karta hu . पर इसे real life में कैसे लाये समझ में नहीं आ रहा ।
Gopal Mishra says
जी हाँ, ये काम करता है!
Raj says
Mera manna he ki ye puri tarah to nhi lekin apko fifty percent to fayda karega agar app pain hone k bavjud bhi ye sochege ki muje pain nhi ho rha he to fayda hoga
bkrajesh says
iska pryog ap sote sote raat ko kr sakte h.jb h jagate rahte h to chetan mn active rhta h aur jb sote h to avchetan mn (sub conscious mind) active rhta h. aise me jb ap soto sote mn ko body ke liye jo thought create karte h wo use pura krne me lg jata h. jaise – mai puri tarah swasth hu …meri puri body relax avstha me h….body ka hr ang swasth h…. aise sochte sochte ap so jaye . ap payenge ki ye pryog krne se aur anubhav krne se apki pain gayab ho jayegi, dhyan rahe ise sote sote daily krna h continue…7day /21day