Chikungunya Treatment in Hindi – Cause, Symptoms & Prevention
चिकनगुनिया बीमारी का इलाज व घरेलू उपचार
चिकनगुनिया क्या है?
चिकनगुनिया एक वायरल डिजीज है जो मच्छरों द्वारा काटने से फैलती है। पहली बार चिकनगुनिया को 1952 में दक्षिणी तंजानिया में रिपोर्ट किया गया था। और अब ये बीमारी दुनियाभर के 60 से अधिक देशों में फ़ैल चुकी है। एक बार फैलने के बाद अक्सर यह बीमारी 7-8 साल के इंटरवल के बाद दुबारा फैलती है। For ex: दिल्ली में 2010 चिकनगुनिया spread हुआ था और इस समय 2016 में एक बार फिर यह चर्चा में है।
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इस बीमारी का नाम चिकनगुनिया कैसे पड़ा?
“Chikungunya” शब्द Southern Tanzaniya में बोले जाने वाली Kimakonde / Makonde भाषा से लिया गया है, जिसमे इसका अर्थ “ ,मुड़ा हुआ” या “विकृत” होता है। दरअसल, चिकनगुनिया से त्रस्त लोगों को भयंकर जॉइंट पेन से गुजरना पड़ता है और ऐसे में वे ठीक से चल नहीं पाते और अक्सर झुक-झुक कर चलते हैं, यही कारण है की इस बीमारी को Chikungunya का नाम दिया गया।
चिकनगुनिया फैलता कैसे है?
जब चिकनगुनिया से ग्रसित किसी आदमी को कोई मच्छर काटता है और फिर वही मच्छर किसी और आदमी को काट लेता है तो दुसरे व्यक्ति को भी चिकनगुनिया हो जाता है। मादा मच्छर ( Aedes Aegypti और Aedes albopictus) मच्छर की प्रमुख प्रजातियाँ हैं जो इस बीमारी को फैलाती हैं । ये मच्छर दिन में काटते हैं। Chikangunya का वायरस कैरी करने वाला एक मच्छर अपने जीवन काल में करीब 1 दर्जन लोगों को इन्फेक्ट कर सकता है। They are really dangerous. Aren’t they?
चिकनगुनिया से बचने के उपाय / Prevention of Chikungunya
- चिकनगुनिया एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को केवल मच्छरों के काटने से फ़ैल सकता है, इसलिए जहाँ तक हो सके मच्छरों के काटने से बचें।
- घर में या आस-पास जल-जमाव ना होने दें।
- मच्छरदानी का प्रयोग करें, दिन के समय भी!
- दिन में भी mosquito repellents, like Good Knight, Mortein जला कर रखें।
- बाहर जाते समय ओडोमॉस का प्रयोग किया जा सकता है।
- ऐसे कपड़े पहनें जो शरीर का अधिक से अधिक भाग ढक सकें।
- कुछ दिनों तक बच्चों को बाहर खलने न भेजें।
चिकनगुनिया के लक्षण क्या हैं? / Chikungunya Symptoms in Hindi
इसके शुरूआती लक्षण डेंगू से मिलते-जुलते हैं और आम तौर पर ये जानलेवा नहीं होता। लेकिन इसकी वजह से होने वाला जॉइंट पेन महीनो तक परेशान कर सकता है। यदि एक बार आपको चिकनगुनिया हो गया तो शरीर इसकी प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर लेता है और बहुत rare है कि लाइफ में आपको दुबारा ये बीमारी होगी।
Chikungunya के लक्षण infected mosquito के काटने के 3 से सात दिन बाद दिखाई देते हैं; इसके symptoms निम्नलिखित हैं:
- अचानक से बुखार हो जाना (आम तौर पे ये 2-3 दिन में ठीक हो जाता है, लेकिन बाकी सिम्पटम्स कई दिनों तक बने रह सकते हैं)
- जोड़ों में बहुत अधिक दर्द होना। कभी-कभी ये दर्द लम्बे समय तक बना रह सकता है।
- मांसपेशियों में दर्द
- थकान
- उल्टी
- सर दर्द
- शरीर पर छोटे-छोटे लाल धब्बे ( red spots)
- नवजात बच्चे और 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों के लिए ये बीमारी घातक हो सकती है, साथ ही जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर, डायबीटीज या हृदय रोग है उनके लिए भी चिकनगुनिया खतरनाक हो सकता है।
दोस्तों, हो सकता है Chikungunya के symptoms पढने के बाद आपको ऐसा लगने लगे कि आपको भी ये बीमारी है। But don’t panic, ये बहुत लोगों के साथ होता है कि किसी बीमारी के लक्षण पढने के बाद वे अपने अन्दर उसके लक्षण देखने लगते हैं। बस थोड़ा सावधान रहें और preventive measures लेकर खुद को safe रखें।
कुछ कम पाए जाने वाले लक्षण / Rare Chikungunya Symptoms
- मुंह के छाले
- आंख आना (conjunctivitis)
- मुंह का स्वाद चला जाना
चिकनगुनिया डेंगू से अलग कैसे है? / Difference Between Chikungunya and Dengue in Hindi
चिकनगुनिया |
डेंगू |
चिकनगुनिया के लक्षण 5-6 दिनों में नज़र आते हैं। | डेंगू के लक्षण 3-4 दिनों में नज़र आते हैं। |
चिकनगुनिया के प्रमुख लक्षण तेज बुखार और जोड़ों का दर्द है। | डेंगू में तेज बुखार तो होता है पर जोड़ों में दर्द कम होता है, इसमें आँखों के पीछे दर्द होता है। |
अधिकतर मामलों में चिकनगुनिया जानलेवा नहीं होता है। | डेंगू जानलेवा हो सकता है। |
अल्फावायरस की वजह से होता है। | डेंगू वायरस के कारण होता है। |
चिकनगुनिया के लक्षण 3-6 महीनो तक बने रह सकते हैं। | डेंगू के लक्षण लगभग 15 दिनों में ख़त्म हो जाते हैं। |
चिकनगुनिया में प्लेटलेट काउंट नहीं गिरता। | डेंगू में प्लेटलेट काउंट तेजी से नीचे आता है। |
कैसे पता चलेगा कि मुझे चिकनगुनिया है कि नहीं? / How to diagnose Chikungunya?
- चिकनगुनिया के लक्षण डेंगू और जिका बीमारी से मिलते-जुलते हैं और इन बीमारियों को फैलाने वाले मच्छर ही चिकनगुनिया भी फैलाते हैं।
- अगर आपको ऊपर बताये गए लक्षण में से कुछ महसूस हो रहा है और आप ऐसे इलाके में हैं जहाँ ये बीमारी फैली हुई है तो आपको डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए।
- यदि आप किसी ऎसी जगह से घूम कर आये हैं जहाँ ये बीमारी फैली है और आपको अपने अन्दर चिकनगुनिया के कुछ लक्षण दिख रहे हैं तो भी आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए।
- डॉक्टर बीमारी का पता लगाने के लिए कुछ ब्लड टेस्ट लिखते हैं, जिन्हें करा कर आप जान पायेंगे कि आपको चिकनगुनिया है कि नहीं।
- यदि आपको चिकनगुनिया है तो अपनी बीमारी के पहले हफ्ते में मच्छरों के काटने से बचिए, क्योंकि इस दौरान Chikungunya virus आपके खून में मिल सकता है और आपको काटे हुए मच्छर से और लोगों में फ़ैल सकता है।
Suggested Tests by Doctors:
Enzyme-linked immunosorbent assays (ELISA): इस टेस्ट में किसी इन्फेक्शन से रिलेटेड एंटीबॉडीज का पता लगाया जाता है। यदि चिकनगुनिया से सम्बन्धित antibodies पायी जाती हैं तो इसका मतलब चिकनगुनिया है।
Reverse transcriptase–polymerase chain reaction (RT–PCR): इसमें DNA से सम्बंधित जांच करके पता लगाया जाता है की व्यक्ति चिकनगुनिया से ग्रसित है कि नहीं।
Complete blood count (CBC): यदि इस टेस्ट में व्हाइट ब्लड सेल्स या प्लेटलेट काउंट में कमी आती है तो चिकनगुनिया या डेंगू हो सका है।
Virus Isolation Test: इस टेस्ट में 1 से 2 हफ्ते लग जाते हैं। इसमें मरीज का blood sample लेकर उसमे वायरस इंट्रोड्यूस किया जाता है और कुछ दिनों तक उसमे होने वाले परिवर्तन को देखा जाता है जिससे चिकनगुनिया की मौजूदगी का पता चल जाता है।
चिकनगुनिया बीमारी का इलाज व घरेलू उपचार / Chikungunya Treatment in Hindi
चिकनगुनिया के लिए खासतौर से कोई वैक्सीन या दवा नहीं बनी है। लेकिन, चूँकि चिकनगुनिया हमारे immune system द्वारा ठीक किया जा सकता है इसलिए लगभग सभी मामलों में चिंता की अधिक बात नहीं होती। Symptoms के आधार पर ही इसका इलाज चलता है- जैसे कि जोड़ों के दर्द के लिए painkillers देना। मरीज को खाने में अधिक से अधिक तरल पदार्थ देना। खूब आराम करना इत्यादि। दवा लेने में ये ध्यान रखें की Aspirin का सेवन न किया जाए।
अधिकतर तीन दिन के बाद चिकनगुनिया का प्रभाव कम पड़ने लगता है और पूरी तरह ठीक होने में दो हफ्ते लग जाते हैं। लेकिन वृद्ध लोगों में रिकवरी स्लो होती है और पूरी तरह स्वस्थ होने में तीन महीने तक लग सकते हैं। Extreme cases में जॉइंट पेन एक साल तक भी रह सकता है।
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चिकनगुनिया ठीक करने के आयुर्वेदिक व घरेलू उपाय
Home Remdies and Ayurvedic Chikungunya Treatment in Hindi
Caution: किसी भी आयुर्वेदिक दावा का सेवन करने से पहले डाक्टरी सलाह ले लेना बेहतर होगा।
आयुर्वेद में चिकनगुनिया से मिलती जुलती एक बीमारी संधि-ज्वर यानि “जोड़ों का बुखार” का उल्लेख मिलता है। इसलिए वैद्यों द्वारा इस बीमारी के कई आयुर्वेदिक उपचार बताये गए हैं। आयुर्वेद में शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढाने पर जोर दिया जाता है ताकि हम बीमार ही ना पड़ें।
- चिकनगुनिया होने से रोकने के लिए इन्थुक्न्थ्म कश्या और विल्वाडी गुलिका का प्रयोग किया जाना चाहिए।
- शहद और नीबू का मिश्रण लेने से इस बीमारी में आराम मिलता है।
- बुखार कम करने के लिए तुलसी का प्रयोग करें।
- खूब आराम करें, अधिक सोयें और खूब पानी पीयें।
- एक healthy diet maintain करें और ताजे फल और सब्जियों का सेवन करें।
- चिकनगुनिया से छुटकारा पाने के लिए हमारा immune system काफी है, पर खुद को आराम देकर आपको अपनी बॉडी को सपोर्ट करना होगा।
- शुरू के दो-तीन दिन बुखार रह सकता है जिसे manage करने के लिए आप paracetamol ले सकते हैं। बाकी कोई भी दवालेने के लिए एक बार डॉक्टर से ज़रूर कंसल्ट करें।
- चिकनगुनिया बुखार के दौरान नॉन-वेज खाना अवॉयड करना चाहिए।
- जोड़ों के दर्द के लिए नारियल तेल से हल्की-हल्की मालिश की जा सकती है।
- गाजर के जूस का सेवन करने से body की immunity बढती है और शरीर को आराम मिलता है।
- जिन जोड़ों में दर्द है उनसे हलकी exercise करना भी दर्द को कम करता है।
- माना जाता है कि कीरायत का काढ़ा पीने से इस बीमारी में फायदा होता है। हालंकि, ये चीजें डॉक्टर की दवा के साथ-साथ चलायी जाई जानी चाहियें।
- हरदा, आंवला और बेहड़ा से मिलकर बना त्रिफला चूर्ण खाने से चिकनगुनिया के लक्षण कम होते हैं।
- चिकनगुनिया की वजह से हो रहे जोड़ों के दर्द को ठीक करने के लिए योगराज गुग्गुल, त्रिफला गुग्गुल, पुनर्नवा, वैट-गजनकुश, सिंघनाद गुग्गुल, दशमूल अरिष्ठा, निर्गुन्डी और चित्रक का प्रयोग किया जा सकता है.
- यदि चिकनगुनिया से ग्रसित व्यक्ति के White Blood Cell (WBC) में गिरावट आई है तो उसे अश्वगंधा, सुवर्णा-मालिनी-वसंत, स्वर्ण-पर्पाटी, अभ्रक भष्म और सतवारी दिया जा सकता है।
- चिकनगुनिया वायरस इन्फेक्शन को ख़त्म करने के लिए पिपली, तुलसी, भृंगराज, यष्टीमधुक, भूमीमालाकी, योगिराज गुग्गुल और सुदर्शन चूर्ण का प्रयोग किया जा सकता है।
चिकनगुनिया का होमियोपैथी इलाज / Homeopathic Chikungunya Treatment in Hindi
Homeopath practitioners होमियोपैथी की दवा Eupatorium perf चिकनगुनिया को प्रिवेंट करने में कारगर है। इसके आलावा इस रोग में – Pyroginum, Rhus-tox, Cedron, Influenzinum, China and Arnica जैसी दवाएं दी जाती हैं।
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Thank You!
Gopal Mishra
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Thank you for this information for chikenguliya
nice post and current topic what a grrat combination gopal sir
apkki es jankri ke liye bahut bahut dhanyawad.
Coconut water is also a good solution. Coconut water बीमारी को ठीक नहीं करता लेकिन निश्चित रूप से रोग को तेजी से सुधारता है।
good
thank you sir for share such usefull information..
Aaj sabse jyaada log mosquitoes ki vajah se hi bimar hote he or kitne log to chikunguniya or dengue ki vajah se apni jaan bhi gvaate he or iski treatment kaafi expensive he,aapki is mhtvpurn jaankari se sabko bhut faayda hoga
Aapne bahut hi achhi jankari aur iska treatment bata kar diya hai.hamare elake me bhi chikan gunia se bahut se parivar grast hain.jesa aapne likha vahi sab kuch ho raha
hai. esme left leg me sujan jyada aur body ke anya hisso me bhi aa raha hai.
ESKI EK MEDICINE JISKO YAHA KI BHASA ME GILOI KAHATE HAI ESKA JUSE HAI. RAMDEV BABA NE BHI ISKA JUSE TAYAR KIYA HAI.
So relevant & informative information about ckichengunya, thanks
चिकनगुनिया के बारेमें बहुत फायदेमंद जानकारी.
काफी महत्वपूर्ण जानकारी दी आपने