How criticism helps in Hindi?
आलोचना कैसे करती है आपकी मदद?
आज का हमारा आर्टिकल उन सभी लोगों के लिए हैं जो आलोचना से नफरत करते हैं या उससे बचने के उपाय ढूंढते रहते हैं। हमने बचपन से criticism या आलोचना के बारे में negative बातें ही सुनी है- हमें किसी की आलोचना नहीं करनी चाहिए…आलोचना करना बुरी बात होती है… और ऐसी ही कई बातें /
पर आज मैं आपसे कह रहा हूँ कि –
आलोचना में हैं आपकी जिंदगी बदलने की ताकत।
कैसे? ये हम इस आर्टिकल में आगे देखेंगे।
दोस्तों, ये एक सच है कि ज्यादातर लोग आलोचना सुनना पसंद नहीं करते लेकिन ये भी सच है कि बहुत से ऐसे लोग होते हैं जो आलोचना को दूसरों से बेहतर तरीके से हैंडल करते हैं। फिर चाहे आलोचना दोस्तों, टीचर, या परिवार के सदस्यों ने की हो… वे इसे पर्सनल अटैक मानने के बजाय अपनी गलतिया सुधारने और सीखने का एक मौका मानते हैं और अपनी ज़िन्दगी को बेहतर बनाते हैं।
आईये देखते हैं आलोचना कैसे हमारी जिंदगी और संवार सकती हैं?
गलतियाँ पता चलती हैं और सुधरने का मौका मिलता है:
ये human nature है कि हमें अपनी ही गलतियाँ जल्दी दिखाई नहीं देतीं, ऐसे में अगर कोई हमें अपनी गलतियों के बारे में बताये तो हमें उसका उपकार मानना चाहिए, उसपर क्रोधित नहीं होना चाहिए।
अक्सर अध्यापक, माता-पिता और दोस्त आपकी आलोचना करते हैं, इससे आप अपनी गलतियों में सुधार कर पाते हैं अगर कोई व्यक्ति गलतियों के बारे में बताये तो अवेयर हो जाएं और सुधार करें। दोस्तों बड़े-२ उद्यमी भी आलोचना के को अपने लिए बोनस पॉइंट मानते हैं जैसे की फ्लिपकार्ट के संस्थापक सचिन बंसल कहते हैं कि –
आम तौर पर आलोचना लाभदायक होती है।
शायद आपको जानकार आश्चर्य हो लेकिन इसी आलोचना के कारण ने रच दिया वाल्ट डिज्नी जैसा काल्पनिक संसार।
द वाल्ट डिज्नी कंपनी के निर्माता वाल्ट डिज्नी एक साधारण व्यक्ति के रूप में काम करते थे। उन्हें भी अपने जीवन में बहुत से उताव चढाव देखने पड़े। उनको एक समाचार पत्र के संपादक ने उन्हें यह कह कर निकाल दिया था कि उनके पास अच्छे आइडियाज और कल्पनाओ का अभाव है। अपनी इस आलोचना से वाल्ट घबराए नहीं, बल्कि खुद में इतना सुधार किया कि आगे चलकर वाल्ट डिज्नी कम्पनी के संस्थापक बनें और 13 हजार अरब रूपए का साम्राज्य खड़ा कर दिया।
दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति बिल गेट्स का भी कहना है-
आपके सबसे असंतुष्ट कस्टमर आपके सीखने का सबसे बड़ा श्रोत हैं.
आप अच्छे श्रोता बन पाते हैं:
दोस्तों जब आप किसी व्यक्ति की आलोचना को धैर्य-पूर्वक सुनते हैं तो इससे आपको अच्छा श्रोता बनने में मदद मिलती हैं। इससे आप सामने वाले व्यक्ति के नज़रिए का विश्लेषण करते हैं और अलग-अलग एंगल से बात को समझने का प्रयास करते हैं इससे आपको कई नई बाते सीखने का मौका मिलता है। जो आपकी जिंदगी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
विनम्रता बढ़ती हैं:
रचनात्मक आलोचना के कारण आपको अपने अंदर झाँकने का मौका मिलता हैं, आपको महसूस होता है कि दुनिया में कितने प्रकार के विचार मौजूद हैं। इससे आप अपनी कमजोरियों के बारे में जान पाते हैं और उन्हें अपनी ताकत में बदलने का प्रयास शुरू कर देते हैं। दोस्तों जब कोई व्यक्ति आपके भले के लिए आलोचना करता हैं, तो आपके अंदर विनम्रता बढ़ने लगती है और आप positive बनते हैं।
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क्षमा करना सीखते हैं:
जब आप किसी व्यक्ति की आलोचना को सकारात्मक तरीके से लेते हैं, तो आप उसके बारे में बुरा विचार नहीं करते बल्कि आपके अंदर क्षमा का भाव पैदा होने लगता है। आप जानने लगते हैं कि आप से भी गलतियाँ हो सकती हैं…और आप ये भी जानने लगते हैं कि जिन्हें आप गलत समझते थे, दरअसल वे सही हो सकते हैं.. इसलिए आलोचना सुनने और स्वीकारने की प्रक्रिया में कहीं न कहीं आप दूसरों और खुद को क्षमा करना सीख जाते हैं।
“प्रत्येक व्यक्ति द्धारा की गई निंदा सुन लीजिए, पर अपना निर्णय सुरक्षित रख लीजिए। -शेक्सपियर”
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चीजो को अलग तरह से देखते हैं:
कभी कभी हमें लगता हैं की हम जो भी कर रहे हैं वह बेस्ट है। हम अपने नज़रिए से ही चीजो देखने की कोशिश करते हैं। आलोचना से हमारा नजरिया बदल जाता है, और हम वो चीजें भी देख पाते हैं जिनके बारे में हमने सोचा भी नहीं था!
दोस्तों हेनरी फोर्ड को कौन नहीं जनता उन्हें भी अपनी जिंदगी में कई बार आलोचनाओ और विफलताओं से होकर गुजरना पड़ा। हेनरी फोर्ड ने ऑटोमोबाइल के बिजनेस में कई बार मात खाई, लेकिन इसी शख्स ने आगे चलकर फोर्ड मोटर कंपनी की नींव रखी। फोर्ड ने ऑटोमोटिव इंडस्ट्री की सूरत बदलकर सिर्फ इसलिए रख दी की क्योकि उन्होंने अपने समकालीन समय के top competitors पर फोकस न करके अपने कस्टमर्स की सुनी, और उनके सुझाव और और आलोचनाओ से Mr.फोर्ड ने ऑटोमोबाइल्स वर्ल्ड में क्रांति ला दी और कारों को हर सामान्य इंसान तक पंहुचा दिया।
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रक्षात्मक बनने की आदत छूटेगी:
आलोचना को सकारात्मक तरीके से लेना सिखाता है कि खुद को सही साबित करने के लिए कभी रक्षात्मक नहीं बनना चाहिए। रक्षात्मक बनने के चक्कर में आप कुतर्क करते हैं, और लड़ाई कर बैठते हैं, जो आपके अंदर की कमजोरियों को सब के सामने दर्शाता है। बहुत अधिक defensive होने से धीरे-धीरे लोग आपसे काटने लगते हैं और आप उनके valuable feedback से हाथ धो बैठते हैं। वहीँ आलोचना को सही ढंग से लेने वाले व्यक्ति में डिफेंसिव बनने की आदत ख़त्म होती है और वो criticism को भी positively लेना सीख जाता है।
याद रखेंगे कि आप PERFECT नहीं हैं:
यदि हर समय लोग आपकी हाँ में हाँ मिलाते जाएं तो आपके अन्दर अभिमान आ सकता है, लेकिन अगर आपके आस-पास critics हैं, और आप अपनी आलोचना सुनना जानते हैं तो आप कभी भी हवा में नहीं उड़ पायेंगे। आप जान पायेंगे कि आप से भी गलतियाँ हो सकती हैं और आप perfect नहीं हैं।
किसी ने सच ही कहा है-
लोगों के साथ आमतौर पर समस्या यही होती है, कि वे झूठी प्रशंसा के द्वारा बर्बाद हो जाना तो पसंद करते हैं, परन्तु वास्तविक आलोचना द्वारा संभल जाना नहीं।
चलिए हम ज्यादातर लोगों से हटकर आलोचना को negatively लेने की बजाये positively लेने का प्रयास करते हैं और आलोचनाओं के दम पर अपनी ज़िन्दगी बदलने का प्रयास करते हैं।
धन्यवाद,
जुगनू नागर
भरतपुर , राजस्थान
Blog: GyanBazar (Please visit for Inspirational Hindi Stories, Quotes, and self-improvement articles)
Jugnu Nagar जी B.A IInd year के छात्र हैं, इन्हें technology में बहुत रूचि है और ये अपने ब्लॉग ज्ञान बाज़ार के माध्यम से लोगों की ज़िन्दगी में एक सकारात्मक परिवर्तन लाना चाहते हैं।
We are grateful to Jugnu ji for sharing his thoughts on How Criticism Helps in Hindi. We hope this article will help people to deal with criticism in a positive way. Thanks a lot!
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vikram kumawat says
such a great article.. its motivatet to like always
Monika says
Articles in ur blog are always inspiring in one way or other ….great work
Nitin Sachdeva says
Very helpful information
kumar says
alochna ko agar ham negative way me le to ham kabhi age nahi badh sakte. alochna hamesha hame better karne ke liye motivate karti h. bs fark h sirf soch ka najriye ka, thanks gopal sir sharing this article
MAHESH says
Gopal sir me to aapka fan raha hu and regular reader. Me bas ye chahta hu aap aise hi kam karte rahiye ham sath hai.
Gopal Mishra says
Thanks Mahesh Ji
akash says
Chlo thik hai .. Main bhi aapki aalochna krta hoon. Bura mt maanna,”aapki website bahut achhi hai lekin is pr ads bahut adult vaale aate h… .inhe thik kr do. Jitna motivation milta hai in ads ko dekh k mitti m mil jaata hai. Kya krein… Hai to hm insaan hi… Aise ads agar thik nhi kr skte to hta hi do agar is website ka maksad paise kmaane se jyaada positivity failana h to!!” Aalochna khatam hui…. ?
Gopal Mishra says
Hi Akash,
Is site par most of the ads jo aate hain wo Google ke hote hain. Aur Google user ke hisaab se hi use ads dikhaata hai. For ex: agar kisi ne do din pahle Google par mobile phones search kiye hain to bahut adhik chance hai ki sites surf karte samay use mobile ke ads dikhein. Isi tarah agar kisi ne adult content search kiya hote hai to google use adult ads show kar sakta hai. Maine apni taraf se kuch sensitive categories block bhi kar rakhi hain but still aise ads dikh jaate hain.
Sorry for the inconvenience.