कुंदन काका की कुल्हाड़ी
Inspirational Hindi Story on Sharpening Your Axe / Skills
कुंदन काका एक फैक्ट्री में पेड़ काटने का काम करते थे. फैक्ट्री मालिक उनके काम से बहुत खुश रहता और हर एक नए मजदूर को उनकी तरह कुल्हाड़ी चलाने को कहता. यही कारण था कि ज्यादातर मजदूर उनसे जलते थे.
एक दिन जब मालिक काका के काम की तारीफ कर रहे थे तभी एक नौजवान हट्टा-कट्टा मजदूर सामने आया और बोला, “मालिक! आप हमेशा इन्ही की तारीफ़ करते हैं, जबकि मेहनत तो हम सब करते हैं… बल्कि काका तो बीच-बीच में आराम भी करने चले जाते हैं, लेकिन हम लोग तो लगातार कड़ी मेहनत करके पेड़ काटते हैं.”
इस पर मालिक बोले, “भाई! मुझे इससे मतलब नहीं है कि कौन कितना आराम करता है, कितना काम करता है, मुझे तो बस इससे मतलब है कि दिन के अंत में किसने सबसे अधिक पेड़ काटे….और इस मामले में काका आप सबसे 2-3 पेड़ आगे ही रहते हैं…जबकि उनकि उम्र भी हो चली है.”
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मजदूर को ये बात अच्छी नहीं लगी.
वह बोला-
अगर ऐसा है तो क्यों न कल पेड़ काटने की प्रतियोगिता हो जाए. कल दिन भर में जो सबसे अधिक पेड़ काटेगा वही विजेता बनेगा.
मालिक तैयार हो गए.
अगले दिन प्रतियोगिता शुरू हुई. मजदूर बाकी दिनों की तुलना में इस दिन अधिक जोश में थे और जल्दी-जल्दी हाथ चला रहे थे.
लेकिन कुंदन काका को तो मानो कोई जल्दी न हो. वे रोज की तरह आज भी पेड़ काटने में जुट गए.
सबने देखा कि शुरू के आधा दिन बीतने तक काका ने 4-5 ही पेड़ काटे थे जबकि और लोग 6-7 पेड़ काट चुके थे. लगा कि आज काका हार जायेंगे.
ऊपर से रोज की तरह वे अपने समय पर एक कमरे में चले गए जहाँ वो रोज आराम करने जाया करते थे.
सबने सोचा कि आज काका प्रतियोगिता हार जायेंगे.
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बाकी मजदूर पेड़ काटते रहे, काका कुछ देर बाद अपने कंधे पर कुल्हाड़ी टाँगे लौटे और वापस अपने काम में जुट गए.
तय समय पर प्रतियोगिता ख़त्म हुई.
अब मालिक ने पेड़ों की गिनती शुरू की.
बाकी मजदूर तो कुछ ख़ास नहीं कर पाए थे लेकिन जब मालिक ने उस नौजवान मजदूर के पेड़ों की गिनती शुरू की तो सब बड़े ध्यान से सुनने लगे…
1..2…3…4…5…6..7…8…
सब ताली बजाने लगे क्योंकि बाकी मजदूरों में से कोई 10 पेड़ भी नहीं काट पाया था.
अब बस काका के काटे पेड़ों की गिनती होनी बाकी थी…
मालिक ने गिनती शुरू कि…1..2..3..4..5..6..7..8..
कुंदन काका प्रतियोगिता जीत चुके थे…उन्हें 1000 रुपये इनाम में दिए गए…तभी उस हारे हुए मजदूर ने पूछा, “काका, मैं अपनी हार मानता हूँ..लेकिन कृपया ये तो बताइये कि आपकी शारीरिक ताकत भी कम है और ऊपर से आप काम के बीच आधे घंटे विश्राम भी करते हैं, फिर भी आप सबसे अधिक पेड़ कैसे काट लेते हैं?”
इस पर काका बोले-
बेटा बड़ा सीधा सा कारण है इसका जब मैं आधे दिन काम करके आधे घंटे विश्राम करने जाता हूँ तो उस दौरान मैं अपनी कुल्हाड़ी की धार तेज कर लेता हूँ, जिससे बाकी समय में मैं कम मेहनत के साथ तुम लोगों से अधिक पेड़ काट पाता हूँ.
सभी मजदूर आश्चर्य में थे कि सिर्फ थोड़ी देर धार तेज करने से कितना फर्क पड़ जाता है.
दोस्तों, आप जिस field में भी हों…. आपकी skills आपकी कुल्हाड़ी है जिससे आप अपने पेड़ काटते हैं… यानी अपना काम पूरा करते हैं…. शुरू में आपकी कुल्हाड़ी जितनी भी तेज हो…समय के साथ उसकी धार मंद पड़ती जाती है…
उदाहरण के लिए- भले ही आप computer science के topper रहे हों…लेकिन अगर आप नयी technologies, नयी languages नहीं सीखेंगे तो कुछ ही सालों में आप outdated हो जायेंगे आपकी आपकी धार मंद पड़ जायेगी.
इसीलिए हर एक individual को कुंदन काका की तरह समय-समय पर अपनी धार तेज करनी चाहिए…अपने industry से जुड़ी नयी बातों को सीखना चाहिए, नयी skills को acquire करना चाहिए और तभी सैकड़ों-हज़ारों लोगों के बीच अपनी अलग पहचान बना पायेंगे, आप अपनी field के winner बन पायेंगे.
तो बताइये आपकी priority list में कौन सी skill है जिसे आप sharp करना चाहेंगे?
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I am now marketing field so me skill sharp
Very nice story. I like it
Very nice story
Branded story
VERY VERY NICE ..!!
Post bahut hi achchhi lagi thanks.
Nice post thanks again.
I have read this article and very beutifully written.
बहुत अच्छी कहानी है | इसकी नोटिफिकेशन मिलते ही मैंने इसे पढ़ा बहुत अच्छा लगा आज और कुछ नया सिखने को मिला |
Sir bahut acha Post hai