Shakuntala Devi Biography in Hindi
शकुन्तला देवी की जीवनी
शकुन्तला देवी ( Shakuntala Devi ) हमारे देश की सुप्रसिद्ध गणितज्ञ, लेखिका एवं सोशल वर्कर थीं। भारत सहित पूरी दुनिया में उनका नाम बड़े आदर के साथ लिया जाता है।
मित्रों, हमारी श्रृष्टि अनेक विविधताओं से भरपूर है। परम कृपालु परमात्मा नें हर एक इन्सान को कोई न कोई कौशल दिया है। बस ज़रूरत उसे पहचानने और निखारने की होती है। इसी सनातन तथ्य के साथ आज हम एक ऐसी महान हस्ती के विषय में बताने जा रहे हैं जिन्होंने लगन और मेहनत से अपने गणितीय कौशल को इतना बढ़ा लिया की उन्हें “Mental Calculator” और “Human Computer” की उपमा दी जाने लगी।
जी हाँ हम बात कर रहे हैं भारत की जानीमानी गणितज्ञ एवं समाजसेवी शकुन्तला देवी की। इन्होने अपने इस अद्भुत Mathematical Talent की बदौलत वर्ष 1982 में The Guinness Book of World Records में भी अपना नाम दर्ज कराया।
इसके अलावा शकुन्तला देवी का प्रमुख योगदान Homosexuality या समलैंगिकता के अध्यन को लेकर भी है। संभवतः वह पहली भारतीय थीं जिन्होंने इस विषय पर गहन अध्यन व रिसर्च किया और एक किताब भी लिखी – The World of Homosexuals.
आइये आज हम उनके प्रेरणादायी जीवन व उनसे जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में जानते हैं।
शुरूआती जीवन / Early Life
शकुन्तला देवी का जन्म 4 नवम्बर, 1929 को बेंगलुरु में हुआ था। वह एक रुढीवादी कन्नड़ ब्राह्मण परिवार से आती हैं। उनके पिता परंपरा अनुसार मंदिर के पुजारी बनना नहीं चाहते थे। इसी कारण उन्होंने किसी सर्कस में नौकरी कर ली। अपनी तीन साल की बेटी (देवी) के साथ पत्ते की गेम खेलते वक्त उन्हें उसकी असामान्य स्मरण प्रतिभा का भास हुआ। यह सब वह किसी विशेष प्रशिक्षण के बिना कर लेती थीं, यहाँ तक कि उनकी कभी फॉर्मल स्कूलिंग भी नहीं हुई ।
6 साल की उम्र में उन्होंने मैसूर यूनिवर्सिटी में अपने अद्भुत गणितीय कौशल का प्रदर्शन किया। कुछ दिन बाद सर्कस की नौकरी छोड़ कर शकुन्तला देवी के पिता नें जगह जगह बेटी की प्रतिभा प्रदर्शित करने के लिए प्रोग्राम भी किये। उसके बाद वह अपने पिता के साथ 1944 में लंदन चली गयीं।
विवाह / Marriage
भारत लौटने के बाद वर्ष 1960 में शकुन्तला देवी नें पारितोष बेनर्जी से विवाह कर लिया। उनके पति कोलकाता में एक इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेज ( IAS) ऑफिसर की हैसियत से कार्यरत थे। हालांकि वर्ष 1979 में उनका तलाक हो गया।
राजनीति / Politics
वर्ष 1980 में शकुन्तला देवी नें पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ने का साहस किया। उनका चुनाव क्षेत्र दक्षिण मुंबई और मेडक (वर्तमान – तेलंगाना का एक भाग ) था। मेडक में वह कोंग्रेस की दिग्गज राजनेता इंदिरा गाँधी की प्रतिद्वंद्वी बनी थीं। उन दिनों शकुन्तला देवी का नारा था
मैं इंदिरा गाँधी द्वारा मेडक की जनता को मुर्ख बनाये जाने से बचाना चाहती हूँ।
उस चुनाव में वह 6514 वोटों के साथ 9वें स्थान पर रहीं थी। कुछ समय बाद वर्ष 1980 के आसपास बेंगलुरु लौट आयीं।
किताबें / Books
बहुमुखी प्रतिभा की धनी शकुन्तला देवी नें गणित, ज्योतिष, पज़ल्स, और मानवजीवन से जुड़े संवेदनशील विषय पर किताबें लिखीं, जिनमे प्रमुख हैं –
- Astrology for You
- In the Wonderland of Numbers
- Mathability: Awaken the Math Genius in Your Child
- Perfect Murder
- Puzzles to Puzzle You
- Super Memory: It Can Be Yours
- The World of Homosexuals
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विदेश यात्रा और प्रसिद्धि / Foregin Tours & Popularity
शकुन्तला देवी नें Mathematical Skills के बल पर भारत में नाम कमाने के उपरांत विदेशों में भी अद्भुत लोकप्रियता हासिल की। उन्होंने दुनियां के 50 से भी अधिक देशों की यात्रा की और बहुत से शैक्षिक संस्थान और थियेटर्स में अपनी गाणितिक प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इसके अलावा उन्होंने टेलीविज़न पर भी अपनी गणितीय क्षमता का प्रदर्शन किया। वर्ष 1944 में शकुन्तला देवी अपने पिताजी के साथ London गयीं। वहां पर उन्होंने कई संस्था व विद्यालयों में अपनी Maths skills का प्रदर्शन किया। उनकी गणितिक काबिलियत से ब्रिटिश मिडिया चकित रह गया। इसी कारणवश उन्हें वहां पर बहुल लोकप्रियता और विशेष सम्मान मिला।
Human Computer की उपमा मिलने से जुडी बात
5 अक्टूबर, 1950 के दिन BBC Media की जानीमानी होस्ट “Leslie Mitchell” नें उन्हें एक कठिन गणित प्रश्न दिया। शकुन्तला देवी नें उस Math Problem को चुटकियों में सुलझा कर बता दिया। लेकिन उसका जवाब मैच नहीं हुआ। बाद में यह पता चला की, मूल उत्तर गलत था। और शकुन्तला देवी द्वारा बताया गया जवाब सही था। यह बात पुरे विश्व में आग की तरह फ़ैल गयी। चूँकि उस वक्त ना तो शकुन्तला देवी सामान्य हस्ती थीं और ना ही बी.बी.सी मिडिया छोटी संस्था थी। कुछ इस तरह उन्होंने ह्यूमन कंप्यूटर कहा जाने लगा।
BBC Radio प्रोग्राम में Live प्रतिभा प्रदर्शन
सितम्बर, 1973 को विश्व भर में प्रसारित होने वाले रेडियो चैनेल ‘बीबीसी’ द्वारा आयोजित एक प्रोग्राम “Nationwide” में उस समय के चर्चित होस्ट बॉब वेल्लिंग्स द्वारा गणित से सम्बंधित पूछे गए। उस समय सभी जटिल प्रश्नों का सही उत्तर देने के कारण वह पूरी तरह अचंभित हो गए। और इस तरह शकुन्तला देवी की प्रतिभा से उनके प्रसंशकों की संख्या भारत सहित विश्व भर में दिन दुगनी और रात चौगुनी बढती गई।
201 digit number का 23rd root सिर्फ 50 second में
1977 में, डलास में दक्षिणी मेथोडिस्ट विश्वविद्यालय में, देवी को 201-अंक की संख्या का 23rd रूट निकालने को दिया गया। आश्चर्यजनक रूप से उन्होंने सिर्फ 50 second में सही उत्तर दे दिया यूनीवैक 1101 कंप्पयूटर को उसे हल करने में 1 मिनट से अधिक का समय लगा, वो भी एक स्पेशल प्रोग्राम लिखने के बाद।
वो नंबर था –
916,748,676,920,039,158,
098,660,927,585,380,162,
483,106,680,144,308,622,
407,126,516,427,934,657,
040,867,096,593,279,205,
767,480,806,790,022,783,
016,354,924,852,380,335,
745,316,935,111,903,596,
577,547,340,075,681,688,
305,620,821,016,129,132,
845,564,805,780,158,806,771
और उत्तर था – 546,372,891
Shakuntala Devi Biography in Hindi / शकुन्तला देवी की जीवनी व इतिहास
13 अंकों वाली 2 संख्या का गुणा एक चुटकी में
वर्ष 1980 में 18 जून के दिन शकुन्तला देवी लंदन के इंपीरियल कॉलेज में उपस्थित थीं। वहा पर कंप्यूटर विभाग द्वारा randomly उन्हें दो 13 अंकीय संख्या निकाल कर दी गयीं। (7,686,369,774,870 × 2,465,099,745,779)। कुछ ही देर में देवी नें इन दोनों संख्या का गुणक (multiplication) कर के बता दिया। यह उत्तर उन्होंने 28 सेकंड में दिया था। (जवाब: 18,947,668,177,995,426,462,773,730 था) उनकी ऐसी गज़ब प्रतिभा से वहां मौजूद सभी लोग रोमांचित हो गए।
लेखक – स्टीवन स्मिथ नें कहा-
यह परिणाम अब तक की सब चीजों से उत्तम है। इसे केवल अविश्वसनीय शब्द से वर्णित किया जा सकता है।
तो इस तरह यह ऐतहासिक प्रसंग…
शकुन्तला देवी के नाम के साथ वर्ष 1982 में The Guinness Book of Records में दर्ज हुआ।
मानसिक गणना पर पुस्तक – Book of Mental Calculations
कोई सिद्धि प्राप्त कर लेना बड़ी बात नहीं। कुछ लोग उसे लम्बे समय तक संभाले भी रख सकते हैं। लेकिन अधिकांश वर्ग अपनी उपलब्धिओं को रहस्य में रखते हैं अथवा उन्हें पेटंट करा लेते हैं। शकुन्तला देवी उनमें से नहीं थीं। उन्होंने बकायदा Mental Calculations पर एक किताब लिखी जिसे “फिगरिंग: द जॉय ऑफ नंबर्स” नाम दिया। इस के अलावा भी उन्होंने विभिन्न माध्यम से मानसिक गणन के अनेको तरीके सार्वजानिक किये थे।
Life Story of Shakuntala Devi in Hindi
पुरस्कार एवं सम्मान Awards & Achievments
- “वर्ष की विशेष महिला” का पुरस्कार एवं गोल्ड मेडल भेंट – दाता: फिलिपिन्स विश्वविद्यालय (वर्ष 1969)
- रामानुजन मैथेमेटिकल जिनियस पुरस्कार – स्थान: वाशिंग्टन डी.सी. (वर्ष 1988)
- असामान्य गाणितिक प्रतिभा हेतु – सम्मान: गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रेकोर्ड में नाम अंकित (वर्ष 1982)
- “लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड” स्थान: मुंबई भारत (वर्ष 2013)
- Google Doodle Honor – 84वें जन्म तिथि निमित – वेबसाईट: गूगल सर्च (वर्ष 2013)
बहु प्रतिभाशाली महिला Multi Telented Lady
एक मानसिक गणक (Mental Calculator) के रूप में उनके काम के अलावा वह एक गुणी ज्योतिषी और कई पुस्तकों की लेखिका भी रही। वह रसोई पकवान विधि और उपन्यास लिखती थीं। इसके अलावा उन्होंने समाज कल्याण तथा दान-पुण्य के काज भी किये हैं।
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रोचक तथ्य Interesting Facts
- ताश खेलते हुए उन्होंने कई बार अपने पिता को हराया। पिता को जब अपनी बेटी की इस क्षमता के बारे में पता चला तो उन्होंने सर्कस छोड़ शकुंतला देवी पर सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित करना शुरू कर दिया।
- शकुन्तला देवी अपने पिताजी के साथ निरंतर सड़कों पर कला प्रदर्शन करती थीं। जहाँ पर वह बिना किसी खास औपचारिक शिक्षा के, जटिल गणित की समस्याओं को बड़ी आसानी से हल कर के बताती थीं।
- वर्ष 1980-90 के दशक में भारत में अगर कोई बच्चा गणित विषय में होशियार हो जाता था तो उसकी प्रशंसा में कहा जाता था की वह, शकुन्तला देवी बन रहा है। संक्षिप्त में कहें तो गणित विषय को छात्रों के बीच प्रसिद्ध करने में शकुन्तला देवी एक नायिका की तरह थीं।
- करियर में अद्भुत शोहरत पाने के अलावा उन्होंने दान-पुण्य कार्य और समाज सेवा प्रवृतिओं में भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। झोपडी में बसने वाले गरीब परिवार के बच्चों की मदद के लिए वह हमेशा आगे रहती थीं। ख़ास कर निर्धन परिवार की बालिकाओं के लिए वह सदैव मददरूप बनती थीं।
- वर्ष 2013 में 4 नवंबर के दिन शकुंतला देवी को उनके 84 वें जन्मदिन के अवसर पर Google Doodle से सम्मानित किया गया। गूगल इसमें अपने Search Engine पेज पर प्रसिद्ध लोगों का चित्र लगा कर उन्हें सम्मानित करता है।
- शकुन्तला देवी द्वारा लिखित पुस्तक, “द वर्ल्ड ऑफ होमोसेक्सुअल” (1977) भारत में समलैंगिकों का पहला व्यापक अध्ययन है। उन्होंने ज्योतिष और स्मरण शक्ति (Memory Power) जैसे अन्य उपयोगी विषयों पर भी लिखा है।
शकुन्तला देवी की मृत्यु / Death of Shakuntala Devi
वर्ष 2013 के अप्रैल महीने में शकुन्तला देवी की तबियत बिगड़ी। तब उन्हें बेगलुरु के एक नामी अस्पताल में भर्ती कराया गया। उस वक्त वह सांस की समस्या से पीड़ित थीं। उपचार की हर एक मुमकिन कोशिश हुई। लेकिन समय बीतने के साथ उन्हें दिल और गुर्दों की भी समस्या हो गयी। 21 अप्रैल 2013 के दिन ह्रदय गति रुक जाने से अस्पताल में ही उनकी मृत्यु हो गयी।
शकुन्तला देवी की विचारधारा / Ideology of Shakuntala Devi
- जीवन में गणित के बिना आप कुछ भी नहीं कर सकते हैं। अगर ध्यान से देखें तो आपके आसपास सब कुछ गणित है, संख्या है।
- मेरे पास कोई कार नहीं है। मैं ऑटो-रिक्शा में सवारी करना पसंद करती हूं क्योंकि मुझे आम जनता का हिस्सा बनना पसंद है। मैं खुद को दूसरों से महान या ज्ञानी दर्शाने में विश्वास नहीं रखती हूँ। मुझे एकल होना पसंद नहीं।
- पढाई सिर्फ स्कूल जाना और डिग्री हासिल करना नहीं है। यह आपके ज्ञान को बढ़ाने और जीवन की सनातन सच्चाई कोअवशोषित करने के बारे में है।
- यदि एक इन्सान अपने शरीर की मांसपेशियों या किसी अंग का उपयोग नहीं करते हैं, तो वह कमजोर या बेकार हो जाता है। ठीक वैसे ही दिमाग के साथ भी ऐसा ही है। जितना अधिक आप इसका इस्तेमाल करते रहेंगे वह उतना ही और बेहतर बनेगा।
शकुन्तला देवी पर फिल्म / Hindi Movie on Shakuntala Devi
शकुन्तला देवी की बायोपिक “शकुन्तला देवी” साल 2020 में आने वाली है। इस फिल्म में मशहूर एक्ट्रेस विद्या बालन उनका किरदार निभाएंगी।
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➡ शकुन्तला देवी के बारे में और अधिक जानने के लिए Wikipedia पर जाएं.
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Devendra sharma says
गोपाल जी आप की हर स्टोरी बेहतरीन होती है.ऐसे ही कहानिया पोस्ट करते रहिये बहुत बहुत धन्यवाद
margdarsan says
Sunder jankari share karne ki liye dhyanyabad.
aap readers ki liye hamesha achi post share karte hain.
subhkamnayen
अजय says
बहुत गर्व महसूस होता है जानकर कि हमारे भारत देश में ऐसे लोग हैं जो किसी और देश में नहीं । मेरा भारत महान ♥️♥️
Nikhil Kumar says
बहुत ही बढ़िया जानकारी साझा की है आपने।
Ravi Banjare says
शकुन्तला देवी जी के बारे जानकर अच्छा.
Anam says
Wah bahut hii achhi jeevani . thank you
Ganpat Ram says
Very informative biography sir thank you
rhyma arora says
Very nice biography, Thanks for sharing
Vikki Taneja says
Definitely a child prodigy. We can’t even read as fast as she is calculating.
Parth says
Thanks a lot for a detialed information.