वो सुनो जो ना कहा गया हो | जेन मास्टर की कहानी

बहुत समय पहले की बात है. चाइना के एक राजा ने अपने बेटे को अच्छा शासक बनाने के मकसद से एक जेन मास्टर के पास भेजा.
जेन मास्टर ने कुछ दिन अपने साथ रखने के बाद युवराज को एक साल के लिए जंगल में अकेले रहने के लिए भेज दिया.
जब युवराज लौटे तो मास्टर ने पूछा, “बताओ तुमने जंगल में क्या सुना?”
“मैंने कोयल की कूक सुनी, नदियों की कल-कल सुनी, पत्तियों की सरसराहट सुनी, मधुमक्खियों की गुंजन सुनी, मैंने झींगुरों का शोर सुना, हवा की धुन सुनी…” युवराज अपना अनुभव सुनाता चला गया.
जब युवराज ने अपीन बात पूरी कर ली तब मास्टर बोले, “अच्छा है, अब तुम एक बार फिर जंगल जाओ और जब तक तुम्हे कुछ नयी आवाजें ना सुनाई दे दें तब तक मत लौटना.”
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एक साल जंगल में बिताने के बाद युवराज अपने राज्य को लौटना चाहता था, पर मास्टर की बात को टाल भी नहीं सकता था, इसलिए वह बेमन ही जंगल की ओर बढ़ चला.
कई दिन गुजर गए पर युवराज को कोई नयी आवाज़ नहीं सुनाई दी. वह परेशान हो उठा. उसने निश्चय किया कि अब वह हर आवाज़ को बड़े ध्यान से सुनेगा!
फिर एक सुबह उसे कुछ अनजानी सी आवाजें हल्की-हल्की सुनाई देने लगीं. इस घटना के कुछ दिनों बाद वह जेन मास्टर के पास वापस लौटा और बोला, “पहले ती मुझे वही ध्वनियाँ सुनाई दीं जो पहले देती थीं, लेकिन एक दिन जब मैंने बहुत ध्यान से सुनना शुरू किया तो मुझे वो सुनाई देने लगा जो पहले कभी नहीं सुनाई दिया था…. मुझे कलियों के खिलने की आवाज सुनाई देने लगी, मुझे धरती पर पड़ती सूर्य की किरणों, तितलियों के गीत, और घांस द्वारा सुबह की ओस पीने की ध्वनियाँ सुनाएं देने लगीं….”
यह सुनकर जेन मास्टर खुश हो गए और मुस्कुराकर बोले, “अनसुने को सुनने की क्षमता होना एक अच्छे राजा की निशानी है. क्योंकि जब कोई शासक अपने लोगों के दिल की बात सुनना सीख लेता है, बिना उनके बोले, उनकी भावनाओं को समझ लेता है, जो दर्द बयाँ न किया गया हो उसे समझ लेता है, अपने लोगों की अनकही शिकायतों को सुन लेता है, केवल वही अपनी प्रजा का विश्वास जीत सकता है, कुछ गलत होने पर उसे समझ सकता है और अपने नागरिकों की वास्तविक आवश्यकताओं को पूरी कर सकता है. ”
दोस्तों, अगर हमें अपनी फील्ड का लीडर बनना है तो हमें भी वो सुनना सीखना चाहिए जो नहीं कहा गया है. यानी हमें उस युवराज की तरह बिलकुल अलर्ट हो कर अपना काम करना चाहिए और अपने साथ काम करने वालों की ज़रूरतों और भावनाओं का ख्याल रखना चाहिए तभी हम खुद को एक ट्रू लीडर की तरह स्थापित कर सकेंगे.
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Maine randomly kuchh zen stories padhi hai, But,i didn’t read this one. Good one & Unique. share karne ke liye dhanyawad.
bahut he sunder kahani hai bachpan me v pda thaa
Appko sari posts catigary me divide karna chahiye
Broad categories me already divided hai.
Bhut hi achha sir
best story
बहुत बढ़िया कहानी गोपाल जी
Aapne bahut achhi post likhi hai
बढ़िया प्रस्तुति
bahut hee sundar sir ji
Bahut badhiya jaankari sir