आसानी से कैसे डालें नई आदत ?
How To Develop A New Habit Easily ?
“एक अच्छी आदत हमारी ज़िन्दगी बदल सकती है।”
लेकिन नई आदत को जीवन में अपनाना सबसे चैलेंजिंग काम होता है।
इस आर्टिकल में हम सीखेंगे एक आसान सा तरीका
जिससे आप नई आदत विकसित करने में 100% सफल होंगे।
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अपने जीवन की एक छोटी सी घटना सरल शब्दों में बताता हूँ:
दोस्तों, जैसे ज़्यादातर लोगो में एक बुरी आदत होती है और वो है सुबह देर से उठने की। यह आदत मुझमे भी थी। एक समय था जब मैं सुबह 8-9 बजे उठा करता था। मैं इसे एक बुरी आदत कहूंगा क्योंकि सुबह देर से उठने की वजह से मेरा पूरा दिन अस्त-व्यस्त हो जाता था। ऑफिस देर से पहुंचना, काम में देरी, पूरे दिन नींद जैसा महसूस होना, आलस, बदन दर्द इत्यादि।
इस आदत से मैं इतना परेशान था कि इसका असर मेरी सेहत पर पड़ने लगा, मैं अपना काम मन लगा कर नहीं कर पाता था।
बहुत कोशिश की सुबह जल्दी उठने की आदत विकसित करने की लेकिन बुरी तरह फेल हो गया। अलार्म लगाया, रात को जल्दी सोया, घर में सबको बोल के सोता था कि सुबह जल्दी उठा देना, मोटिवेशनल स्पीच सुनी, गाने सुने, खुद को सोने से पहले खूब मोटीवेट किया। पर ये सब तरीके कुछ दिनों तक चले। पर बाद में वही रूटीन फिर से शुरू हो गया; “सुबह लेट उठना“।
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लेकिन वो कहते है ना कि, “पुरे विश्वास से कोशिश करते रहो, एक न एक दिन आपकी problem ज़रूर solve होगी।” मैंने भी ठान लिया था, इस बुरी आदत को अच्छी आदत में बदल के ही दम लूंगा, हार नहीं मानूंगा।
यही कोशिश करते-करते मुझे आदतों की थोड़ी बहुत साइकोलॉजी (मनोविज्ञान) समझ आयी।
थोड़ा रिसर्च किया, आदतों के बारे में जानकारी हासिल की, तब जाकर समझ आया की मेरा जो तरीका था उसमे प्रॉब्लम थी। मैंने अब तक जो तरीके अपनाये थे वो सब कुछ समय के लिए तो काम करते है लेकिन लाइफटाइम तक नहीं।
रिसर्च से मुझे पता चला कि – “जब नई आदतों को बनाने की बात आती है तो आप अपने फायदे के लिए व्यवहार की कड़ियों (Chain Of Behaviours) को जोड़कर देख सकते है।”
आदतों को क्रमबद्ध करना | Habit Sequencing
“नई आदतों को बनाने का सबसे अच्छा और सरल उपाय है कि आप कोई अपनी वर्तमान आदत को पहचान लीजिये
जिसे आप प्रतिदिन दोहराते है और फिर नए व्यव्हार या आदत को सबसे ऊपर ले जाएँ और उसके साथ रोज़ दोहराते रहे।
इसे कहते है आदतों को क्रमबद्ध (Habit Sequencing) करना।”
ऊपर दी गई लाइन्स को फिर से पढ़े और पूरी तरह समझने की कोशिश करें। नीचे दिए गए डायग्राम को भी ध्यान से देखे; आपको अच्छी तरह समझ आएगा Habit Sequencing क्या होता है?
पुरानी आदतों और नयी आदतों को जोड़ना | Linking Old Habits With New Habits
यह सब जानने के बाद मुझे समझ आ गया कि मुझे क्या करना है। “नई आदत को किसी वर्तमान आदत से जोड़ दें जिसे आप रोज़ दोहराते हैं ।
फिर मैंने खुद को देखा और पाया की मैं रोज़ सुबह उठकर पास ही एक डेरी फार्म में दूध लेने जाता था जो मेरी एक वर्तमान आदत थी जिसे मैं रोज़ दोहराता था। अब मुझे यही करना था कि इसी आदत के साथ नई आदत को जोड़ना है यानि सुबह जल्दी उठने की आदत को। फिर मैंने पाया कि उसी डेरी फार्म के पास एक पार्क था जहाँ लोग एक्सरसाइज, योग, वॉक इत्यादि करने आते थे। फिर मैंने देखा की मुझे रोज़ घर पर कुछ मिनट के लिए एक्सरसाइज करने की भी आदत थी जो की एक वर्तमान आदत थी। बस यही से मुझे तरीका समझ आ गया।
मैंने अपनी नई आदत को इन दोनों आदतों के साथ क्रमबद्ध कर दिया और फिर मेरा काम आसान हो गया। यानी कि…
सुबह 7 बजे उठना। –> पार्क में वॉक करना। –> दूध लेकर आना।
इसे डायग्राम के माध्यम से देखते है और समझते है।
दोस्तों, इस आसान तरीके ने मेरी समस्या का समाधान कर दिया और यह नई आदत आज भी कायम है। मैं पिछले 3 सालों से यह रूटीन फॉलो कर रहा हूँ और यह तरीका 100% काम करता है और वो भी अच्छी तरह से। अब तो सुबह जल्दी उठने की आदत; वर्तमान आदत बन चुकी है और मैं आसानी से सुबह जल्दी उठा जाता हूँ।
बस आपको भी यही करना है। खुद को observe करो और देखो ऐसा कौनसा काम या आदत है जिसे आप रोज़ दोहराते हैं बस उसी आदत के साथ अपनी नई आदत को जोड़ दे। आपका काम आसान हो जाएगा।
अपने इच्छित व्यवहार (नई आदत) को हर दिन किए जाने वाले कार्य के साथ जोड़ना ही आदत को जीवन में उतारने की कुंजी है। एक बार जब आप इसमें महारत हासिल कर लेते है, तो आप कई छोटी-छोटी आदतों की श्रृंखला (Series) को एक साथ क्रमबद्ध (Sequence) कर सकेंगे। इस तरीके को “आदतों को क्रमबद्ध करना” जिसे “Habits Sequencing” कहते है।
एक बात और बताना चाहूंगा, जो भी नई आदत आप बनाना चाहते है उसे पूरी तरह स्पष्ट (Clear) रखे।
- “सुबह जल्दी उठना” – Unclear
- “सुबह 7 बजे उठना” – Clear
ऊपर दिए दोनों वाक्यों में फर्क है। पहला Clear नहीं है परन्तु दूसरा Clear है।
आदतों को क्रमबद्ध करने के तरीकों के तीन उदहारण | 3 Habits Sequencing Examples
चलिए 3 और उदाहरण से समझते है ताकि आपको आईडिया मिले की आदतों को क्रमबद्ध करके कैसे आसानी से विकसित कर सकते है।
उदाहरण 1: मान लो आपको रात को डिनर के बाद वॉक करने की आदत विकसित करनी है। अब अगर आपको डिनर के बाद रोज़ बाहर जानें की आदत है (पहली आदत) और उसके साथ कहीं पे बैठ कर फ़ोन पे बात करने की भी आदत है (दूसरी आदत) तो इसके साथ ही आप वॉक करने की नई आदत (तीसरी आदत) भी जोड़ सकते है ताकि आपको वॉक करने की आदत को विकसित करने में कोई ज़्यादा मेहनत नहीं करनी पड़े। नीचे दिए गए डायग्राम से इसे समझे।
उदाहरण 2: ऑफिस से आने के घर बाद हर कोई 5-10 मिनट रिलैक्स होता है कुर्सी पे बैठ कर (पहली आदत) जो हमारी एक रोज़ की आदत होती है और उसके बाद कपड़े बदलने (दूसरी आदत) की भी आदत होती है। अब अगर शाम को ऑफिस से आने के बाद आपको रोज़ नहाने की आदत (तीसरी आदत) विकसित करनी है तो इसे बाकि दोनों आदतों के साथ क्रमबद्ध कर दीजिये ताकि इसे रोज़ दोहराने में आसानी हो।
इसे नीचे दिए गए डायग्राम से समझते है।
उदाहरण 3: कितना अच्छा होगा अगर आप ऑफिस में भी एक नई आदत विकसित करने में सफल हो जाएं। मान लो आपको रोज़ किताब पढ़ने की आदत विकसित करनी है लेकिन समय नहीं मिल रहा। चलिए इसे भी क्रमबद्ध कर देते है ताकि आपके लिए रोज़ किताब पढ़ना भी आसान हो जाएगा और आप अपना नॉलेज बढ़ाने में भी पूरी तरह सफल हो जाएंगे। ज़्यादातर लोग लंच के बाद कम से कम 30 मिनट का ब्रेक (पहली आदत) तो ज़रूर लेते है जो की एक रोज़ की आदत हो गयी। मान लो उस ब्रेक के दौरान आपको कुछ मिनट के लिए अखबार पढ़ने की भी आदत (दूसरी आदत) है।
अब इसी क्रम में 10 मिनट किताब पढ़ने की भी आदत (तीसरी आदत) जोड़ दीजिये ताकि आपको किताब पढ़ने के लिए अलग से समय निकालने की ज़रूरत नहीं। अखबार पढ़ने के बाद किताब पढ़ना ओर भी आसान होगा क्योंकि आप पहले से ही कुछ पढ़ रहे थे और उसके बाद किताब भी पढ़ना ज़ारी रख सकते है। हो गया ना किताब पढ़ने की आदत विकसित करना आसान। चलिए इसे भी डायग्राम से समझते है।
“तो बस अब आप भी इस तरीके को अपनाकर शुरू हो जाएं।
मुझे पूरा विश्वास है आप इसमें 100% सफल होंगे।”
यह तरीका आपको कैसा लगा? मुझे कमेंट करके ज़रूर बताएं। अगर यह पोस्ट आपको अच्छी और फायदेमंद लगी है तो प्लीज़ इसे दुसरो के साथ ज़रूर शेयर करें क्योंकि अच्छी आदतें एक ऐसा ज़रियां है जो किसी की भी ज़िन्दगी बदल सकता है।
All The Best & Thank You So Much!
लेखक: शांतिलाल सुथार
वेबसाइट : https://slsgits.github.io/index.html
शांतिलाल जी एक सॉफ्टवेयर डेवलपर और ट्रेनर हैं। आप अपने फ्री समय में, हिंदी में मोटिवेशनल और लाइफ चेंजिंग आर्टिकल्स लिखना पसंद करते हैं। यह आर्टिकल उसका ही नतीजा है।
We are grateful to Shantilal ji for sharing this useful article on forming new habits. Thank You.
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aadiyogi says
Impressive article.
vaat.in says
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Dharmendra says
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Vidyavision says
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Satender says
Thanks
Vikas Verma says
उदाहरण के साथ जिस प्रकार लेखक ने समझाया है की हम कैसे आदतों को अपनें जीवन में अपना सकते हैं मुझे काफी अच्छा लगा। मैं भी कोशिश करूंगा इसे अपने जीवन में अप्लाई करने की। कई दिनों से मैं सोच रहा हूं जिम जाना शुरू करूं लेकिन सुबह जल्दी उठ ही नही पता! अब अलार्म लगाकर एक बार कोशिश करूंगा एक क्लियर टाइम के साथ।।
ONKARMAL KEDIA says
सुन्दर जानकारी
Anam says
It would be helpful ,the concept sounds good.
pandit Rajkumar Dubey says
बहुत सुन्दर जानकारी
Shantilal Suthar says
थैंक यू गोपालजी यह आर्टिकल पब्लिश करने के लिए। मुझे पूरा विश्वास है रीडर्स को यह आर्टिकल बहुत हेल्पफुल लगेगा।
शांतिलाल सुथार