National Technology Day Speech & Essay in Hindi
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस निबंध व भाषण
National Technology Day Essay in Hindi – मानव जीवन के विकास में टेक्प्रौनोलॉजी या द्योगिकी का बड़ा महत्व है। प्रौद्योगिकी मानव कल्याण के लिए वैज्ञानिक ज्ञान का उपयोग है। सुबह उठने से ले कर सोने तक हम ऐसे ऐसे उपकरणों से घिरे रहते हैं जो टेक्नोलॉजी की देन है, यहाँ तक की हमें सही नींद लेने के लिए भी शयनकक्ष में AC, Cooler, पंखे, हीटर और मोस्कीटो किलर जैसे यंत्रों की आवश्यकता है जिनमें कहीं न कहीं प्रौद्योगिकी का उपयोग छोटे या बड़े पैमाने पर हुआ है।
संक्षिप्त में कहें तो प्रौद्योगिकी ह्यूमन लाइफ को आसान बनाती है, कई लोगों के लिए यह एक बेहतरीन करियर का विकल्प है, एक देश, राज्य, शहर या तबके के लिए Tech Innovation गौरवान्वित होने का कारण बनता है। उदाहरण के तौर टेलीफोन की खोज “अलेक्जेंडर ग्राहम बेल” ने की, तो सब लोग जानना चाहेंगे की वह कौन था, किस देश से था और उसकी लाइफ स्टोरी कैसी रही होगी।
भारत में प्रौद्योगिकी दिवस के महत्व की बात करें तो यह दिन प्रति वर्ष 11 May को मनाया जाता है। डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने कहा था कि परमाणु हथियारों से हमारा राष्ट्र मजबूत हुआ है। परमाणु परीक्षण करने का फैसला बहुत महत्वपूर्ण था। गौरतलब है की भारत में 1998 में किए गए पोखरण परमाणु परीक्षण में उनका अहम योगदान था। आइए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस और प्रौद्योगिकी के बारे में जानें।
प्रौद्योगिकी का शुरूआती इतिहास
इतिहासकारों का कहना है की पूर्व काल में मिस्र के लोग समुद्री यात्रा के दौरान अपनी नौका में पवन उर्जा का उपयोग करते थे। इसके अलावा गोल पहिये का आविष्कार 4000 ईसा पूर्व मेसोपोटामिया में हुआ था। आगे चल कर 12वीं शताब्दी में चरखी, लीवर और स्क्रू जैसे सरल उपकरण तैयार कर के उपयोग में लिए जाने लगे। समय का चक्र आगे बढ़ा तब 19वीं सदी में रेडियो, टेलीफोन और टेलीग्राफ का आविष्कार हुआ।
मानवजाति के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धियां थी। 20वीं शताब्दी में अलग अलग चीजों के उत्पादन प्लांट्स में अद्यतन मशीने लगने लगीं, जिस कारण मानव श्रम सरल हुआ। इसी शताब्दी में इन्सान पृथ्वी के बाहर जीवन की संभावनाओं को तलाशने में जुट गया, इस कार्य के लिए भी Technology एक मात्र विकल्प था। आधुनिक युग में IC यानी की इंटिग्रेटेड सर्किट और रोबोट का चलन बढ़ा है। प्रौद्योगिकी विकासचक्र में स्पर्धा बढ़ने के कारण इसका विकास बहुत तेजी से हुआ है।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाने का प्रमुख कारण
भारत की सीमा ऐसे देशों से जुड़ी है जिनमें से कोई कट्टर दुश्मन है, कोई बेहद कपटी देश है, तो कोई अच्छा मगर ज़रूरतमंद देश है ऐसे माहौल में एक विकसित होते और शांतिप्रिय देश की सुरक्षा बेहद गंभीर मसला बन जाता है, भारत इसी सुरक्षा के संकल्प के साथ पहला परमाणु परीक्षण करता है, जो दुर्भाग्यवश सफल नहीं रहता, लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार फिर हिम्मत जुटा कर इस अभियान को आगे बढ़ाती है जिसके सूत्रधार महान वैज्ञानिक डॉ. अब्दुल कलाम बनते हैं। वर्ष 1998 में 11 मई के दिन पोखरण परमाणु परीक्षण किया गया। जिसके बाद अटलजी की तरफ से इस दिन को हर साल National Technology Day के रूप में मनाने का निश्चय किया गया। वर्ष 1999 से यह लगातार जारी है और अनंत काल तक जारी रहेगा।
पोखरण परमाणु परीक्षण के साथ क्या क्या हुआ
पोखरण परमाणु परीक्षण की सफलता भारत की सुरक्षा प्रणाली को ब्रह्मास्त्र मिल जाने जैसा था। यह दिन भारतीय इतिहास में खास महत्व रखता है। डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम की अगुआई में भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने इस दिन स्वदेशी विमान हंसा-3 का भी सफल परीक्षण किया इसके साथ साथ त्रिशूल मिसाइल का भी सफल परीक्षण हुआ था। इस तरह भारत के वैज्ञानिकों, इंजीनियर और विशेषज्ञों की सहायता से देश परमाणु सक्षम और भय मुक्त हो गया। तकनिकी नवाचार की दिशा में यह दिन वाकई में गार्वांगीत कर देने वाला रहा, जिसे सहर्ष मनना हर एक भारतीय का कर्तव्य है।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस से जुड़े तथ्य
- यह दिन लगातार विकसित हो रही टेक्नोलॉजी के प्रति आम जन की जागरूकता बढ़ाने के लिए सेलिब्रेटी किया जाता है।
- लोगों की जिंदगी बेहतर बनाने के लिए कई वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने जी जान लगा दिया, यह दिन उन्हें धन्यवाद कहने का भी है।
- हमारे राष्ट्र में तकनीकी प्रगति की सराहना और समर्थन करने के लिए 11 मई को भारत में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- 11 मई 1998 के दिवस पर देश ने ऑपरेशन शक्ति के तहत भारतीय सेना के पोखरण परीक्षण रेंज में तीन सफल परमाणु परीक्षण किए ।
- 13 मई को दो और परमाणु परीक्षण किए गए, जिनका नेतृत्व भारत के दिवंगत राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने ही किया था।
टेक्नोलॉजी के प्रकार
कृषि टेक्नोलॉजी : कम मेहनत में ज्यादा फसल पानी है तो, अच्छा वाटर पम्प, ट्रेक्टर, हार्वेस्टर और स्पीयर बहुत महत्वपूर्ण है, यह सब आधुनिक उपकरण टेक्नोलॉजी की देन है। इन्ही के कारण एक किसान की जिंदगी समृद्ध और सरल बनी है।
इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी : किसी भी व्यवसाय या बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिये डाटा एनालिसिस बहुत जरुरी है। जिसमें कंप्यूटर, इंटरनेट वगेरह की जरुरत होगी, एक जगह किया गया परिक्षण सब को त्वरित गति से कहीं पहुंचाने के लिए नेटवर्किंग का भी बड़ा महत्व है। इस तरह Information Technology की आवश्यकता भी आधुनिक युग में अनिवार्य हैं।
चिकित्सा टेक्नोलॉजी : शुगर मापक यंत्र, रक्तचाप मापक यंत्र, लेजर ऑपरेशन, रोबोटिक सर्जरी, सोनोग्राफी और ना जाने कितने टेस्ट और उपचार टेक्नोलॉजी की मदद से संभव हो पाए हैं। यह सब ज़्यादा सटीक और कम लागत वाले होने से अधिक लोकप्रिय है। इसके अलावा कुछ मोर्डन टेक्नोलॉजी वाली चिकित्सा प्रणाली दर्द रहित या कम दर्द देने वाली रहती है, इस लिए भी लोग इसे पसंद करते हैं।
ऊर्जा टेक्नोलॉजी : सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा जल विद्युत ऊर्जा यह सब यंत्रों में ही तो संचित होती है, इन्हें बनाने के लिये Tech Experts की जरुरत होती है। घर के अंदर जो बिजली आती है, टीवी में जो प्रोग्राम प्रसारित होते हैं, जिन विहेकल्स में फ्यूअल या इलेक्ट्रिक रिचार्ज कर हम घूमने जाते हैं यह सब टेक्नोलॉजी के ही तो उदहारण है। जिनके माध्यम से हम जरुरत अनुसार ऊर्जा का उपभोग करते हैं।
कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी : एक माले के मकान से ले कर बड़ी बड़ी बिल्डिंग्स, ऑफिसिस, पार्क, रेस्टोरेंट पार्किंग, नदी के बांध, पूल, यह सब सटीक तरीके से और मजबूती वाले बनाने के लिए एक प्रॉपर तकनीक का सहारा लेना पड़ता है, जिसमें MAP बनाना, रो मटीरियल्स का सही चुनाव, परफेक्ट मिक्स्चर, कंस्ट्रक्शन के लिए उपयुक्त माहौल और अन्य चीजों में टेक्नोलॉजी का महत्वपूर्ण योगदान होता है। जिसके बिना इतने बड़े बड़े प्रोजेक्ट्स पुरे कर पाना असंभव होता है।
परिवहन टेक्नोलॉजी : उड़ने वाले जहाज, पानी के जहाज, ट्रेन, ट्राम, मोटर गाड़ी, बस, कार्गो प्लेन यह सब टेक्नोलॉजी के ऐसे चमत्कार है जिनके बिना हमारी जिंदगी इतनी आसान नहीं होती जितनी हकीकत में आज है। परिवहन टेक्नोलॉजी के निरंतर विकास के कारण ही आज तत्काल उपचार, सामान की तेज ढुलाई और सस्ता आवागमन संभव हो पाया है। जिन लोगों ने ऐशो आराम की ज़िंदगी छोड़ कर इनमें क्रांति लाने के लिए अथक परिश्रम किया वह सभी महानुभव हकीकत में आदरणीय है।
टेक्नोलॉजी के लाभ
समय का बचाव : दिनचर्या 24 घंटे की होती है। जिसमें एक तिहाई समयआराम करने में और कुछ घंटे खाने पीने में निकल जाते हैं। ऐसे में एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिये कार, बाइक और , ट्रेन का सफ़र , या विमान यात्रा आशीर्वाद समान है, इनसे कई घंटों की पैदल दुरी मिनटों में तय हो जाती है। यह सब प्रौद्योगिकी की ही देन है।
डिजिटल करंसी : Banking सेवा बड़ी पुरानी है, लेकिन कंप्यूटर जगत में एक जगह से दूसरी जगह डिजिटल ट्रांजेक्शन बहुत उपयोगी हो गया है, आज के दौर में देश में ही नहीं दुनियां के अलग अलग कोनों में बैठे व्यक्ति भी व्यापर ऑनलाइन समपन्न कर लेते हैं। यह सब टेक्नोलॉजी से ही संभव हो पाया है।
आदानप्रदान : शरुआती समय में आदान प्रदान चिठियों से होता था, जिसमें कई मौकों पर कम्युनिकेशकन में तो दिन महीने लग जाते थे। लेकिन टेलीफोन, मोबाइल, ई मेल, वीडियो कॉल जैसी सुविधाओं नें जैसे पूरी दुनियां को एक धागे में पिरो दिया है, आज लाखो किलोमीटर दूर बैठा व्यक्ति हमारा चेहरा देख कर Live Screen पर हम से बात कर सकता है, यह अद्भुत सुविधा भी Tech World कि ही देन है।
ब्रह्मांड में खोज : पॉपुलेशन दिन पर दिन बढ़ती जा रही है, जगह कम पड़ने की वजह से मनुष्य पृथ्वी के बाहर जीवन तलाश रहा है, बिना टेक्नॉलोजी के यह अभियान आगे बढ़ाना लगभग असंभव है। इस लिए विज्ञानजगत में भी यह अभिन्न अंग के समान है।
इंटरनेट के लाभ : इंटरनेट पर डेटिंग, जॉब, रिसर्च, एज्युकेशन, कम्युनिकेशन, एंटरटेनमेंट और ना जाने कितनी चीजें आज संभव है, कई लोगों का तो जैसे घर ही इंटरनेट की वजह से चलता है और इंटरनेट भी तो प्रौद्योगिकी के विशालकाय पेड़ की एक डाल ही तो है।
श्रम में कटौती : कुछ लोग टेक्नोलॉजी वाले मशीनों की खोज से खुश नहीं थे। शायद इस लिए क्यों की इसकी वजह से नौकरियां ख़त्म हो रही थीं। जो काम 10 मजदुर कर लेते वह एक अकेली मशीन करने लगी, और वह भी कम लागत पर, लेकिन इसका दूसरा पहलू भी है, सामान की लागत कम हुई, महंगाई घटी और शरीर तोड़ देने वाली अमानवीय मेहनत की जगह मशीनों को लगाया जाने लगा।
हाई टेक एज्युकेशन : पहले के ज़माने में शिक्षा हासिल करना बहुत महंगा था, विकल्प ना के बराबर थे। लेकिन आज Internet Technology नें गरीब और मध्यमवर्ग की इस बड़ी मुश्किल को आसान बना दिया है। किसी भी विषय पर ज्ञान चाहिए, उस पर कंटेंट टेक्स्ट और वीडियो फॉर्मेंट में आसानी से उप्लब्ध है। यह हकीकत में बहुत उपयोगी है।
कमाई के मौके : लिखने में अच्छे हैं तो ब्लॉग बना लो, बोलने में अच्छे हैं तो पॉडकास्ट बनाओ, क्रिएटिव स्किल्स है तो वीडियो बना लो, स्टोरीज, रिल्स, शॉर्ट्स, कोर्स, फनल, लाइव एज्युकेशन, काउंसिलिंग, आप घर बैठे क्या क्या नहीं कर सकते, ना तो दुकान डालनी, ना ही किराए का मकान लेना और ना ही तगड़ा निवेश करना, बस एक सामान्य स्मार्ट फोन, सस्ता 4G या 5G इंटरनेट और Basic Knowledge की स्किल, “इतना काफी है”, Tech World में Professional बनने के लिए।
आज से 50 साल पहले किसने सोचा था कि बिस्तर पर लेटे लेटे फोन पर उँगलियाँ चला कर बिना डिग्री के बिना एक्सपीरियंस के विदेशी करंसी में कमाई संभव है, यह सब श्रेय उन धुरंधरों को ही तो जाता है, जिन्होंने प्रौद्योगिकी के विकास के लिए दिन रात एक कीए और विश्व को इसकी अनमोल सौगाद दे दी। चूँकि कंप्यूटर, मोबाइल, इंटरनेट टेलि कोम्युनिकेशन यह सब टेक्नोलॉजी की ही तो देन है।
मोनोपॉली का अंत : पहले के समय में आर्बिट्रेज बहुत पॉपुलर था। एक देश या राज्य का सामान दूसरे राज्य या देश में बड़े मुनाफे पर बेचा जाता था। तब ट्रांसपोर्ट टेक्नोलॉजी भी विकसित नहीं थी, इसके अलावा इंफॉर्मेशन भी आसानी से शेयर कर पाना असंभव था। लेकिन आज एक फोन कॉल से भाव पता चल जाते हैं, मांग अनुसार फ्लाइट से सामान डिलीवर हो जाता है, वीडियो कॉल से मशीनरी और वस्तुओं की क्वालिटी उसी समय पता चल जाती है, रिव्यू मिल जाते हैं। इस लिए वर्ल्ड एक ओपन मार्केट बन चूका है। जिसमें मुनाफाखोरी अब बहुत कम हो पाती है।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस – National Technology Day
टेक्नोलॉजी के नुकसान :
टेक्नोलॉजी मनुष्य की मानसिक स्थिति को प्रभावित करती है। पहले हम 10 बातें एक साथ याद रखते थे, लेकिन आज 2 बातें भी याद करनी हो तो फोन निकाल कर स्टिकी नोट एप का इस्तमाल करना पड़ता है, पहले पुरे खानदान के लैंडलाइन नंबर मुह ज़ुबानी याद रहते थे लेकिन आज तो माँ बाप के नंबर भी टेलीफोन बुक में देखने पर याद रहते हैं। चिढ़चिढ़ा पन, सिर का दुखना, आँखों का दर्द, मोटापा और ना जाने क्या क्या परेशानियां इस से बढ़ चुकी है।
ट्रक, विमान, मशीन और अन्य उपकरण से ध्वनि प्रदूषण बढ़ता है। जागरूकता फैलाने के लिए कितना भी प्रयास करें, लेकिन इन चीजों को कंट्रोल करना लगभग असंभव है। ज़हरीला धुंवा, लगातार शोर और कभी भी अकस्मात् का भय, यह ऐसे जोखिम है जिनसे कोई भी व्यक्ति अछूता नहीं है। इस तरह टेक्नॉलोजी के लाभ होने के साथ साथ नुकसान भी बहुत है।
मोबाइल, इंटरनेट टावर और टीवी, ओडियो टेप जैसे संसाधन का अधिक उपयोग शारीरक हानि पहुंचाता है। ज़्यादा ईयर फोन लगाने से कान के परदे तक ख़राब हो जाते हैं, घर के आसपास लगे मोबाईल टावर नेटवर्क अच्छा देते हैं लेकिन कई गंभीर बीमारियों का कारण भी बनते हैं। लगातार घंटों तक टीवी से चिपका रहने वाला बच्चा मोटा और सुस्त बन जाता है, चश्मे तक लग जाते हैं। इंटरनेट पर कंपीटिशन हद से ज्यादा है, ऐसे में असफलता मिलने पर तनाव भी बढ़ जाता है।
टेक्नोलॉजी की मदद से सोशल मीडिया और इंटरनेट पर उपलब्ध अश्लील कंटेंट तक आसानी से पहुँच बच्चों पर बुरा असर डालती है। कुछ चीज़ें एक उम्र के बाद सीखना और आमझना अच्छा होता है लेकिन आज Techy World में ऐसा बीभत्स और वायोलेन्ट कंटेंट इतनी आसानी से उपलब्ध है कि कम उम्र के बच्चों को यह विचलित कर देता है, इस दूषण पर सरकार भी लगाम लगाने में पूरी तरह नाकाम ही रही है।
ऑनलाइन डाटा सर्वर की पर हैकिंग के खतरे से निजी गोपनियता पर खतरा बना रहता है। 20 या 50 रुपयों का बोनस और कैशबेक लेने के चक्कर में हम मुह उठा कर Pan, aadhar, address, bank और ना जाने क्या क्या details भर देते हैं, टेक्नोलॉजी की मदद से यह संवेदनशील डाटा ऑनलाइन सर्वर्स पर लंबे समय तक पड़ा रहता है, फिर कोई कबूतरबाज इन डाटा को हैकिंग की मदद से हासिल कर, फर्जी डॉक्युमेंट्स बनाने, जासूसी करने, डिजिटल तरीके से चोरी करने या टेलि मार्केटिंग कंपनियों को बेचने में उपयोग लेता है।
टेक्नोलॉजी का अधिक उपयोग और उस पर निर्भरता सहूलियत देने के बदले लोगों को अपना गुलाम बना रही है। जैसे की सुबह उठने पर कई लोग ब्रश हाथ में लेने के बदले फोन का नोटिफिकेशन चेक करते हैं, एक दिन बिजली जाने से फोन बंद रहे तो मुह सिंघाड़े जैसा बना कर बैठ जाते हैं, जैसे बीबी भाग गई हो या कोई उधारी देने वाला दूर का रिश्तेदार मर गया हो। एक दिन बस ट्रेन की हड़ताल हुई तो 2 KM पैदल चल कर घर जाने में दम निकल आता है, यह सब चीज़े साफ बताती हैं कि हम किस हद तक टेक्नोलॉजी के गुलाम बन चुके हैं।
National Technology Day Essay & Speech in Hindi QNA | FAQs
Q – टेक्नोलॉजी कौनसा उपकरण है?
A – यह कोई उपकरण नहीं एक प्रक्रिया है, जो लोगों का जीवन आसान बनाती है, इसके कुछ दुष्प्रभाव भी है।
Q – टेक्नोलॉजी को हिंदी में किस नाम से पुकारा जाता है?
A – इसे शुद्ध हिंदी में प्रौद्योगिकी कहा जाता है।
Q – टेक्नोलॉजी का उपयोग कैसे करना चाहिए?
A – इसपर निर्भर ना बनें, इसके बिना भी जीवन सुंदर है यह एहसास खुद को दिलाएं।
Q – प्रौद्योगिकी दिवस भारत में कब मनाया जाता है?
A – हर साल 11 मई के दिन भारत में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया जाता है।
Q – भारत में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाने का चलन किसने शुरू किया ?
A – यह शुभ कार्य भारत के पूर्व प्रधान मंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने वर्ष 1999 से शुरू किया था।
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