आपका सबसे महान गुण – स्वयं के बारे में “सोचना”
प्रिय दोस्तों , क्या आप स्वयं के बारे में सोचते हैं ? शायद आप सोच रहे हों , कि यह तो बहुत आसान काम है | आखिर हम सभी अपने बारे में सोचते हैं ! हैं ना ? थोड़ा ठहरें यहाँ ‘सोचने’ से मेरा तात्पर्य – आपके सबसे महान गुण को खोजने से है |
क्या आप जानते हैं – आपकी सबसे बड़ी सम्पति अर्थात आपका सबसे महान गुण क्या है | हाँ ! मित्रों आपका सबसे प्रमुख गुण ही आपकी सबसे बड़ी दौलत है | तो इसका मतलब है कि हर दौलतमंद आदमी अपने प्रमुख गुणों को जानता है | तभी तो वह इसका सबसे प्रभावी ढंग से प्रयोग कर पाता है | और इसका यह भी मतलब है कि हर सफल और धनवान आदमी स्वयं को सबसे ज्यादा समय देता है | और आप ??
चार्ल्स श्वाब से उनकी सफलता का रहस्य पूँछने पर उन्होंने स्वीकार कि – ‘उनकी सबसे बड़ी सम्पति लोगों को Motivate करने कि उनकी अदभुत क्षमता है ’ यहाँ आश्चर्य कि बात यह है कि उन्होंने यह नहीं कहा कि वे स्टील को सबसे अच्छे तरीके से बनाना जानते हैं ! शायद वे जानते थे कि स्टील बनाना उतना महत्वपूर्ण नहीं है जितना लोगों को MOTIVATE करना और यही कारण था कि चार्ल्स श्वाब 20वीं शताब्दी में सबसे अधिक वेतन पाने वाले एंड्रयु कार्नेगी की कंपनी के President थे | अब आप समझ गए होंगे कि महत्वपूर्ण क्या है ? हाँ बिलकुल ! आप सही सोच रहे हैं –
“स्वयं के बारे में सोचना” हैं ना ?
यहाँ पर मै गुणों के बारे में सोचने के लिए कह रहा हूँ | हो सकता है आप सोच रहे हों कि हमें गुणों के साथ दोषों के बारे में भी सोचना चाहिए | हाँ यह उचित भी लगता है और जैसा कि एक किताब का Title भी है – ‘आखिर छात्र असफल क्यों होते हैं’ जिसमें Students की कमियों और दोषों को रेखांकित किया गया है | लेकिन मै यहाँ स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि स्वयं के दोषों के बारी में सोचना बिलकुल बकवास है | हाँ आप सही सुन रहे हैं बिलकुल बकवास ! यह इतना महत्वपूर्ण है कि मै अपनी बात को दोहरा रहा हूँ – ‘हमें कभी भी अपने दोषों के बारे में नहीं सोचना चाहिए ’ मै इस बात पर इतना जोर क्यों दे रहा हूँ ?? इसके दो कारण हैं —
1. यह एक तथ्य है कि – सम्पूर्ण ब्रह्मांड में हम जिस चीज पर ध्यान केंद्रित करते हैं उस चीज में आश्चर्यजनक रूप से वृद्धि होती है | वे चाहे आपके दोष हों या गुण इस बात से फर्क नहीं पड़ता ,फर्क इस बात से पड़ता है कि आप ‘किस चीज पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं |’ इसलिए आप सावधान रहिये कि आप क्या देखते हैं ,क्या पढते हैं ,और क्या सुनते हैं क्योंकि आप हर पल हर क्षण वही बन रहे हैं जिस बारे में आप सोचते हैं
2. अगर आप इस बात पर विश्वास करते हैं कि – ‘यदि हम अपने दोषों और कमियों को जानेंगे नहीं तो सुधारेंगे कैसे ?’ तब भी आपको अपने दोषों के बारे में सोचने कि आवश्यकता नहीं है , कैसे ? आप यह काम अपने परिवार , कुछ दोस्तों ,और समाज पर छोड़कर निश्चिन्त हो सकते हैं |और अगर आपको इस बात पर विश्वास नहीं हो रहा तो आप अभी से ध्यान देना शुरू कर दें और मै इस बात पर शर्त लगा सकता हूँ कि अभी आप जरा भी अंदाजा नहीं लगा सकते कि वे लोग (आपके परिवार के कुछ सदस्य ,कुछ दोस्त या अन्य लोग ) आपकी गलतियों और दोषों को आपके सामने कितनी बार दोहरातें हैं | हो सकता उनमें से कुछ लोग सचमुच आपकी कमियों को सुधारना चाहते हों पर अनजाने में ही सही वे आपकी कमियों और दोषों को लगातार बढ़ा रहे हैं | यहाँ पर आप सावधान हो सकते हैं , कि आप ऐसे लोगों के संपर्क में नहीं रहेंगे जो निरंतर आपकी गलतियों को बताते हों | तो — हमें क्या करना चाहिए –
प्रिय मित्रों अगर आप अपने प्रमुख गुणों और उनके विकास को लेकर गंभीर हैं , तो तेजी से चिल्लाकर कहें –
‘हाँ मै गंभीर हूँ ……’
ओह मैंने सुन लिया, तो शुरू करते हैं – सबसे पहले आप एक सफ़ेद कागज लें और उस कागज के बीच में लिखें – ‘मेरे प्रमुख गुण ’ ‘My special qualities’ और इसके चारों ओर एक गोला खींच दें – कुछ इस प्रकार
फिर इस गोले के दांये-बांये शाखाएं निकलते हुए अपने प्रमुख गुणों को लिखें , मैंने अपने प्रमुख गुणों को इस प्रकार लिखा हैं:
इस प्रक्रिया को Mind Mapping कहते हैं | इसे Tony Buzan ने लोकप्रिय बनाया है | इसके द्वारा आप अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपने मस्तिष्क के दोनों हिस्सों का प्रयोग करते हैं | और आप ऊपर बने चित्र को जितना देखेंगे और पढेंगे उसमे लिखे गुण आपके अंदर समाहित हो जांयेगे |और यह एक Life changing प्रक्रिया है |जिसकी सहायता से आप कठिन से कठिन लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं और आपका लक्ष्य क्या है –अपने प्रमुख गुणों को पहचानना और उनका विकास करना.
———————————————————–
Friends, मुझे ये बताते हुए काफी ख़ुशी हो रही है कि ये बेहतरीन लेख महज 11th Standard में पढने वाले Kuldeep Pandey ने लिखा है. वो S.V.M School, Radha Nagar, फतेहपुर के छात्र हैं. AchhiKhabar.Com की तरफ से उन्हें ढेरों बधाइयाँ. मैं उनके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूँ, और आशा करता हूँ कि वे अपने इस महान गुण से लोगों की सेवा करते रहेंगे. Thanks a lot Kuldeep for sharing this meaningful article. 🙂
निवेदन : यह लेख आपको कैसा लगा. कृपया comment के माध्यम से मुझे ज़रूर बताएं.
vinod sihag says
Thanks kuldeep ye kisi ki zindgi badel sakta h
munna raj says
bhut aacha laga mere ferend janakari ki pa kar
Minakshi Yadav says
I relay inspired very nice Article thanku kuldeep ji
Sabana Seikh says
शुक्रिया कुलदीप जी आपके Ariticle से काफी सकारात्मक सोच को प्रबलता मिली हैं.जिससे बहुत कुछ किया जा सकता हैं.
ARUN DEWANGAN says
अापका लेख बहुत ही अच्छा है श्री कुलदीप जी, मैं आपको धन्यवाद देना चाहता हूं क्योंकि आपने हमारे अंदर के गुणों से अवगत कराया है,
sunil Bishnoi says
Great h life me sab kuch hamare soch par hi depend karta h jesa hm sochte h whi ho ta h
rahul kumar rana says
very nice wording bst of luck
Gopal ram says
thanks kuldeep.
you are really the best motivater .
Nishant says
Its A Nice Post.. Thank you Kuldeep
raj kumar says
I realy inspired this blog thanks Kuldeep
Chhotelal Nishad says
Thanks kuldeep ji aapka ye article bahut hi accha aur upyogi hai…..