दोस्तों आज मैं आपके साथ शरीर को स्वस्थ्य रखने से सम्बंधित एक ज्ञानवर्धक लेख share कर रहा हूँ. यह लेख राजस्थान के रहने वाले डॉ. नीरज यादव ने लिखा है. आयुर्वेद में दक्ष Dr.Neeraj, कविताओं और ग़ज़लों का भी शौक रखते हैं. तो आइये जानते हैं उनकी expert advice:
स्वस्थस्य स्वास्थ्य रक्षणम्
बारिश में भीगकर सर्दी का उपचार कराने से बेहतर है कि –
बारिश आने के पूर्व ही छाता लगाकर अपना बचाव कर लिया जाए।
रोगी होकर चिकित्सा कराने से अच्छा है कि बीमार ही न पड़ा जाए। आयुर्वेद का प्रयोजन भी यही है। स्वस्थ के स्वास्थ्य की रक्षा एवं रोगी के रोग का शमन। आयुर्वेद की दिनचर्या, ऋतुचर्या, विहार से सम्बन्धित छोटे-छोटे किन्तु महत्वपूर्ण सूत्रों को अपने दैनिक जीवन में सहज रूप से धारण कर हम अपने आपको स्वस्थ एवं निरोगी बनाए रख सकते हैं –
स्वस्थ रहने के स्वर्णिम सूत्र
- सदा ब्रह्ममुहूर्त (पातः 4-5 बजे) में उठना चाहिए। इस समय प्रकृति मुक्तहस्त से स्वास्थ्य, प्राणवायु, प्रसन्नता, मेघा, बुद्धि की वर्षा करती है।
- बिस्तर से उठते ही मूत्र त्याग के पश्चात उषा पान अर्थात बासी मुँह 2-3 गिलास शीतल जल के सेवन की आदत सिरदर्द, अम्लपित्त, कब्ज, मोटापा, रक्तचाप, नैत्र रोग, अपच सहित कई रोगों से हमारा बचाव करती है।
- स्नान सदा सामान्य शीतल जल से करना चाहिए। (जहाँ निषेध न हो)
- स्नान के समय सर्वप्रथम जल सिर पर डालना चाहिए, ऐसा करने से मस्तिष्क की गर्मी पैरों से निकल जाती है।
- दिन में 2 बार मुँह में जल भरकर, नैत्रों को शीतल जल से धोना नेत्र दृष्टि के लिए लाभकारी है।
- नहाने से पूर्व, सोने से पूर्व एवं भोजन के पश्चात् मूत्र त्याग अवश्य करना चाहिए। यह आदत आपको कमर दर्द, पथरी तथा मूत्र सम्बन्धी बीमारियों से बचाती है।
- सरसों, तिल या अन्य औषधीय तेल की मालिश नित्यप्रति करने से वात विकार,, बुढ़ापा, थकावट नहीं होती है। त्वचा सुन्दर , दृष्टि स्वच्छ एवं शरीर पुष्ट होता है।
- शरीर की क्षमतानुसार प्रातः भ्रमण, योग, व्यायाम करना चाहिए।
- अपच, कब्ज, अजीर्ण, मोटापा जैसी बीमारियों से बचने के लिए भोजन के 30 मिनट पहले तथा 30 मिनट बाद तक जल नहीं पीना चाहिए। भोजन के साथ जल नहीं पीना चाहिए। घूँट-दो घूँट ले सकते हैं।
- दिनभर में 3-4 लीटर जल थोड़ा-थोड़ा करके पीते रहना चाहिए।
- भोजन के प्रारम्भ में मधुर-रस (मीठा), मध्य में अम्ल, लवण रस (खट्टा, नमकीन) तथा अन्त में कटु, तिक्त, कषाय (तीखा, चटपटा, कसेला) रस के पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
- भोजन के उपरान्त वज्रासन में 5-10 मिनट बैठना तथा बांयी करवट 5-10 मिनट लेटना चाहिए।
- भोजन के तुरन्त बाद दौड़ना, तैरना, नहाना, मैथुन करना स्वास्थ्य के बहुत हानिकारक है।
- भोजन करके तत्काल सो जाने से पाचनशक्ति का नाश हो जाता है जिसमें अजीर्ण, कब्ज, आध्मान, अम्लपित्त (प्दकपहमेजपवदए ब्वदेजपचंजपवदए ळंेजतपजपेए ।बपकपजल) जैसी व्याधियाँ हो जाती है। इसलिए सायं का भोजन सोने से 2 घन्टे पूर्व हल्का एवं सुपाच्य करना चाहिए।
- शरीर एवं मन को तरोताजा एवं क्रियाशील रखने के लिए औसतन 6-7 घन्टे की नींद आवश्यक है।
- गर्मी के अलावा अन्य ऋतुओं में दिन में सोने एवं रात्री में अधिक देर तक जगने से शरीर में भारीपन, ज्वर, जुकाम, सिर दर्द एवं अग्निमांध होता है।
- दूध के साथ दही, नीबू, नमक, तिल उड़द, जामुन, मूली, मछली, करेला आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। त्वचा रोग एवं ।ससमतहल होने की सम्भावना रहती है।
- स्वास्थ्य चाहने वाले व्यक्ति को मूत्र, मल, शुक्र, अपानवायु, वमन, छींक, डकार, जंभाई, प्यास, आँसू नींद और परिश्रमजन्य श्वास के वेगों को उत्पन्न होने के साथ ही शरीर से बाहर निकाल देना चाहिए।
- रात्री में सोने से पूर्व दाँतों की सफाई, नैत्रों की सफाई एवं पैरों को शीतल जल से धोकर सोना चाहिए।
- रात्री में शयन से पूर्व अपने किये गये कार्यों की समीक्षा कर अगले दिन की कार्य योजना बनानी चाहिए। तत्पश्चात् गहरी एवं लम्बी सहज श्वास लेकर शरीर को एवं मन को शिथिल करना चाहिए। शान्त मन से अपने दैनिक क्रियाकलाप, तनाव, चिन्ता, विचार सब परात्म चेतना को सौंपकर निश्चिंत भाव से निद्रा की गोद में जाना चाहिए।
डॉ. नीरज यादव ,एम.डी. (आयुर्वेद) आयुर्वेद चिकित्साधिकारी, बारां
————————————————
I am grateful to Dr. Neeraj Yadav for sharing this article with AchhiKhabar.Com. Thanks a lot !
HI FDOCTER ME 22 YR AGE H MERI OR MERA WIEGHT 50 KG H OR MERI HIEGHT 5’6 H MUJHE SB BHUT PTLA BOLTE H OR MERI DIET BHI ACHI H ME HR SAMBHAV KOSHISH KI H. YAHA TK KI MENE SUPPLMNT BHI LIYA MGR 1 KG KA BHI FRK NAHI LGA. PLEASE HELP ME WHAT I DO? FOR MY FITNESS ? JB KOI MERE SHOLDER PR HATH RAKHTA H TO MUJHE BHUT MAYUSII FEEL HOTA H Q KI HADDI HI H BAS OR KUCH B NHI. PLEASE HELP ME SIR ?
SIR MERI MAMI KE PURE SARIR ME NIRANTAR DARD BNA RAIHTA HAI
dear sir ,
mujhko pet ki problam hai. mere pet mein swaling rehti hai. jiski main kafi dwai khaa chuka hu. par koi aaram nahi aaya. mein homopaithik dwaee bhee khaa raha hu. par syaad usse bhee aaram nahi aa raha hai. plz koi upchar btao .
aapne bahut achhi jankari di hai Eske liye dhanybad
treatment for chronic constipation and piles
hlo sir gud afternoon….sir mera name amita hai ..sir meri sitting job hai or mujhe dhran ki problem hai jo b khana khati hun pachta nhi hai or back m b kafi pain hoti hai sir m apni life se bahut preshan ho chuki hun..sb jgha dikha liya pr koi frk nhi padhta .. pls sir koi upaye btaye……..
Sir My Name is joginder singh
Sir mijhe 2010 se diss me problume jiske vajha se dahine pair me bahut he jyada prob hai Mujhe Upay Batye pl Dr Log ease Satika kahate hai mri karwaya to usme siss ka l5 or s1 me diket bataya or Dr opratation karne ke kahete hai pr opratation se dar lagta hai pl mujhe kya karna chaiye pl sir?
Hi sir,
Teeth with carries decay any ayurvedic treatment.
Sir mere age 17 saal hai aur mera head ka bal jhad kar khali ho raha hai plese sir give me advise plz sir
i m shyam sharma sir aap ko mera pradma mai sir janan chata hu ki gurde kaa darad ho raha hai doctor ko dikhnya to gurada mai patri ki shikyat hai kay kiya jaye sir mujhe gmail par upchar batade