दोस्तों आज मैं आपके साथ स्वामी विवेकानंद जी के जीवन से सम्बंधित एक प्रेरणादायक प्रसंग share कर रहा हूँ.इसे Ms. Anita Sharma ने लिखा है. अनीता जी Indore की रहने वाली हैं, और वह नेत्रहीन बच्चों को शिक्षा प्रदान करने का नेक काम करती हैं. You Tube पर अपने द्वारा की गयी recording के ज़रिये वह ऐसे बच्चों को बैंक , इत्यादि प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होने में सहयोग करती हैं. स्वामी जी के आदर्शों में यकीन रखने वाली अनीता जी का मानना है कि : ” इंसान की सेवा भगवान की सेवा है “
AKC की तरफ से उनके इस महान कार्य के लिए ढेरों बधाइयाँ और शुभकामनाएं.मैं AKC के readers से अनुरोध करूँगा कि यदि वो किसी नेत्रहीन व्यक्ति को जानते हैं तो कृपया You Tube पर मौजूद इनकी recordings के बारे में ज़रूर बताएं.
शिष्टाचार
स्वामी विवेकानंद जी ने कहा है कि–विश्व में अधिकांश लोग इसलिए असफल हो जाते हैं, क्योंकि उनमें समय पर साहस का संचार नही हो पाता और वे भयभीत हो उठते हैं।
स्वामीजी की कही सभी बातें हमें उनके जीवन काल की घटनाओं में सजीव दिखाई देती हैं। उपरोक्त लिखे वाक्य को शिकागो की एक घटना ने सजीव कर दिया, किस तरह विपरीत परिस्थिती में भी उन्होने भारत को गौरवान्वित किया। हमें बहुत गर्व होता है कि हम इस देश के निवासी हैं जहाँ विवेकानंद जी जैसे महान संतो का मार्ग-दशर्न मिला। आज मैं आपके साथ शिकागो धर्म सम्मेलन से सम्बंधित एक छोटा सा वृत्तान्त बता रही हूँ जो भारतीय संस्कृति में समाहित शिष्टाचार की ओर इंगित करता है|
1893 में शिकागो में विश्व धर्म सम्मेलन चल रहा था। स्वामी विवेकानंद भी उसमें बोलने के लिए गये हुए थे।11सितंबर को स्वामी जी का व्याखान होना था। मंच पर ब्लैक बोर्ड पर लिखा हुआ था- हिन्दू धर्म – मुर्दा धर्म। कोई साधारण व्यक्ति इसे देखकर क्रोधित हो सकता था , पर स्वामी जी भला ऐसा कैसे कर सकते थे| वह बोलने के लिये खङे हुए और उन्होने सबसे पहले (अमरीकावासी बहिनों और भाईयों) शब्दों के साथ श्रोताओं को संबोधित किया। स्वामीजी के शब्द ने जादू कर दिया, पूरी सभा ने करतल ध्वनि से उनका स्वागत किया।
इस हर्ष का कारण था, स्त्रियों को पहला स्थान देना। स्वामी जी ने सारी वसुधा को अपना कुटुबं मानकर सबका स्वागत किया था। भारतीय संस्कृति में निहित शिष्टाचार का यह तरीका किसी को न सूझा था। इस बात का अच्छा प्रभाव पङा। श्रोता मंत्र मुग्ध उनको सुनते रहे, निर्धारित 5 मिनट कब बीत गया पता ही न चला। अध्यक्ष कार्डिनल गिबन्स ने और आगे बोलने का अनुरोध किया। स्वामीजी 20 मिनट से भी अधिक देर तक बोलते रहे|
स्वामीजी की धूम सारे अमेरिका में मच गई। देखते ही देखते हजारों लोग उनके शिष्य बन गए। और तो और, सम्मेलन में कभी शोर मचता तो यह कहकर श्रोताओं को शान्त कराया जाता कि यदि आप चुप रहेंगे तो स्वामी विवेकानंद जी का व्याख्यान सुनने का अवसर दिया जायेगा। सुनते ही सारी जनता शान्त हो कर बैठ जाती।
अपने व्याख्यान से स्वामीजी ने यह सिद्ध कर दिया कि हिन्दू धर्म भी श्रेष्ठ है, जिसमें सभी धर्मो को अपने अंदर समाहित करने की क्षमता है। भारतिय संसकृति, किसी की अवमानना या निंदा नही करती। इस तरह स्वामी विवेकानंद जी ने सात समंदर पार भारतीय संसकृति की ध्वजा फहराई।
धन्यवाद,
अनिता शर्मा
YouTube Channel: Anita Sharma Visit for Educational & Inspirational Videos
Blog: रौशन सवेरा
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अनिता जी दृष्टिबाधित लोगों की सेवा में तत्पर हैं। उनके बारे में अधिक जानने के लिए पढ़ें – नेत्रहीन लोगों के जीवन में प्रकाश बिखेरती अनिता शर्मा और उनसे जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।
I am grateful to Anita Ji for sharing this wonderful article with AchhiKhabar.Com.
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Thank you Anita ji, You are doing noble work.
anitaji aap bahut accha kam kar rahi hai
mere pass bhi ek inspirational story hai.
lekin vah marathi bhasha me.
kya aap usse prakashit karenge??
Please write it in Hindi and send.
I am very happy to read this article. Realy this is very important for young peole.
Dr s k jha
thanx to anita g …you are doing a good job….swami ji is my ideal and i am very happy read about Swami ji…Swami g is a great soul for all INDIANS and he always live in our heart….
Aapka bhi dhanyawad sharma ji log to padhna bhi nhi chahte ya sayad apni sankiriti ko bhul rhe hain agar aap mujhse kisi bhi subj pe baat karna chaho to plese reply
Wakai bahut achcha kaam kar rahi hai aap. Swamiji ki kahani bahut prernadai hai. Dhanyvaad..
Really nice msg for all youngstar
….miss anita ..
is kam me …me bhi aapki help kargu.. because its also my dream.
I have specially thanks to Smt. Anita
these true stories/quotes/essay or thoughts of our leader or any other popular personality which they have done in their life. really we salute to them in all way and they give us light to walk on that path to improve condition of our home/country and of our life. so i always like to read on AKC mail which i receive everyday and i m very thankful to those persons who are contributing their valuable time to show us good and right path in our life. we are proud to get these people in this world and in our country specially. thanks to all
anita ji mujhe sahity padana bahut achha lagta hai aap ka lehk pada ker kuch lihkne ka man hua jai hind
thanks anita ji aapka work acha hai aap jaise hi log is des ko sudhar sakte hai