Friends, क्या आपने कभी लम्बी कूद या long jump देखी है . Most probably आपमें से ज्यादातर लोगों ने long jump न सिर्फ देखी होगी बल्कि इसमें part भी लिया होगा .
खैर जो भी हो , क्या आपने ध्यान दिया है जब किसी athlete को long jump करना होता है तो वो क्या करता है ?
क्या वो jump लगाने वाले स्थान पर खड़ा होता है और वहाँ से jump लगा देता है ???
…Noooo…वो तो कुछ कदम पीछे हटता है….दौड़ लगाते हुए आगे बढ़ता है … और फिर jumping line के करीब पहुँच कर छलांग लगा देता है और जम्प पूरी करता है . Isn’t it?
Athlete का ऐसा करना बड़ा natural लगता है …जिसने ये खेल नहीं खेला वो भी आसानी से समझ सकता है कि लम्बा कूदना है तो कुछ पीछे जाकर momentum बनाना और कूद लगाना एक सही technique है …. पर जब खेल से हट कर असल ज़िन्दगी की बात आती है तो ज्यादातर लोग इस बात को digest नहीं कर पाते कि किसी बड़ी achievement को हासिल करने के लिए पीछे भी जाना पड़ सकता है !!!
क्या है “पीछे जाना ” ?
“पीछे जाना ” यानि अपनी current situation, जिसके आप used to हो चुके हैं को छोड़ कर एक uncomfortable situation में जाना है . ये किसी भी form में हो सकता है for instance, आप जो पढाई कर रहे हैं उसे छोड़ कर कुछ और पढाई करना , या कोई और business करने के लिए current business को back burner पे रखना , अपनी job छोड़ कर अपना खुद का काम शुरू करना या कुछ और …
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ध्यान देने वाली बात है कि आप ये काम किसी मजबूरी में नहीं करते आप इसे अपनी मर्जी से करते हैं क्योंकि may be आपकी current situation आपको पसंद नहीं पर फिर भी आप उसके used to हो चुके हैं और अगर वो चलती भी रहे तो भी आप एक comfortable life lead कर सकते हैं .
पर आप जानते हैं कि आप तो लम्बी कूद के लिए बने हैं इसलिए रह-रह कर आपके अंदर एक खलबली सी मचती है कि हटाओ ये सब …छोडो इन छोटी -मोटी चीजों को और लग जाओ अपने बड़े सपनो के पीछे .
क्या होता है जब ऐसे ख़याल आते हैं ?
इन ख़यालों के आने पर maximum लोग हर बार खुद को समझा ले जाते हैं …रुको …अभी risk लेना ठीक नहीं है ….…कुछ दिनों बाद शुरू करेंगे ; लेकिन बाल काले से सफ़ेद हो जाते हैं पर वो कुछ दिन बीतते ही नहीं और आप सालों तक या फिर पूरी लाइफ उसी situation में पड़े रह जाते हैं .
Of course ऐसा हर किसी के साथ नहीं होता पर अगर आप भी इस situation से relate कर पा रहे हैं तो एक बार फिर से सोचिये कि कहीं आपको भी उस athlete की तरह कुछ कदम पीछे जाकर दौड़ लगाने की ज़रुरत तो नहीं है ? कहीं आप अपनी लम्बी छलांग लगाने की ability को दबा कर तो नहीं बैठे हैं ?
और यदि ऐसा है तो पीछे हटने से मत डरिये … ईशवर ने आपको जो काबिलियत दी है उसे अपने बेकार के डर से मत दबाइये … कुछ पीछे हटिये और एक लम्बी छलांग लगा कर अपने सपनो को साकार करिये .
Infosys के co-founder Narayan Murthy को हम सब जानते हैं . Infosys शुरू करने से पहले वह Patni Computer Systems में काम करते थे …पर वो deliberately इस comfortable position से पीछे हटे और भारत की one of the best IT companies found कर दी .
इसी कड़ी में मैं Arvind Kejriwal जी का भी नाम लेना चाहूंगा ….IAS officer की आराम की ज़िन्दगी को छोड़कर राजनीति में उतरना और इतने कम समय में AAP को दिल्ली में इतनी बड़ी सफलता दिलाना किसी फ़िल्मी कहानी की तरह लगता है , पर सच है।
अगर मैं अपनी बात करूँ तो Achhikhabar.Com (AKC) को सम्भवतः हिंदी का सबसे अधिक पढ़ा जाने वाला blog बनाने के लिए मैं भी पीछे हटा . मैंने 2010 के अंत में AKC पर काम करना शुरू किया . साथ ही मेरा IT field का career भी चल रहा था , जो अभी भी जारी है , और शायद कुछ ही और समय तक जारी रहे . पर इस दौरान मेरा पूरा focus AKC पे ही रहा , मैं चाहता तो Job में exceptional कर के अच्छी growth ले सकता था , यहाँ तक कि 2012 में मेरे पास अपनी current designation से 1 level उपर का offer भी था , पर मैंने उसे accept नहीं किया …मैं पीछे हट गया , क्योंकि मैं लम्बी छलांग लगाना चाहता था … अपने दिल की सुनना चाहता था और मैंने वही किया और कर रहा हूँ और आगे भी करता रहूँगा …. क्योंकि मुझे पता है हर इंसान की तरह मेरे अंदर भी कुछ भी कर गुजरने की क्षमता है , जिसे मैं सिर्फ उस काम में लगाना चाहता हूँ जिसे मैं बड़ा समझता हूँ … समय-समय पर ये काम बदल सकता है …आज AKC तो कल कुछ और भी हो सकता है …पर किसी भी वक़्त जो मैं कर रहा होउंगा वो मेरे लिए उस समय का सबसे बड़ा सबसे important काम होगा .
Friends, Ralph Waldo Emerson ने एक बड़ी खूबसूरत बात कही है ,”जीवन की लम्बाई नहीं गहराई मायने रखती है.”
आपको भी सोचना होगा कि कहीं समय के साथ आपका जीवन सिर्फ लम्बा तो नहीं हो रहा …. कहीं रोज-मर्रा की आपाधापी में आप इसे गहराई देने से चूक तो नहीं रहे…. कहीं कुछ बड़ा करने के लिए आपको भी पीछे हटने की ज़रुरत तो नहीं ?
और अगर लगे कि ज़रुरत है तो हर बार की तरह इस बार भी खुद को रोकिये नहीं , आगे बढ़िए , अपने सपनो का पीछा कीजिये और उन्हें हकीकत में बदल डालिये…
All the best !
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kailash Rampura says
THANKS AKC ,
Padhane ke bad ek new thought garnet hoti h .kafhi Acha feel karta hu & i ignore the my failure after read the AKC.
P.Prakhar says
Really it is best, main vi apne sapno ke peeche pada hun pr kabhi kabhi lagta hai ki pta nhi pura kr paunga ki nhi pr jab kabhi aapke post padhta hun to achha lagta hai, confidence badh jata hai. Thank u
Ramsharan singh says
aap ki badaolat mai apni sapno ko badalne me kuch hi kadam ki duri me hoo. thank you sir
veena says
maine long jump bahut khela hae par zindagi maen long jump ka asli matlab abhi maalum hua hae. thank u, thank u, thank u sir.
ABHINANDAN jain says
Sach bat he agar jindgi me aage badna he to perchhe hatne se mat daro jay hind
Anita Sharma says
प्रेरणादायक लेख,
सफलता अक्सर उन लोगों के पास आती है जो जोखिम लेते हैं और काम करते हैं, यह शायद ही कभी उन लोगों के पास जाती है, जो हमेशा कठिनाईयों से डरते हैं।
Hani singh says
mai I A S ki taiyari karata hu aour ye site mera pasandida hai agar koi student mujhase salah lena chahe to le sakata hai mai B H U se snatak kar raha hu
Khilesh says
Sir
Great article
Hats off 2 u sir
प्रवीण पाण्डेय says
जहाँँ भी भ्रम होता है, मूल पर जाना होता है, पीछे जाना होता है।
Vishal says
Jo AKT ke articles padta ho aur use amal me lata ho,vo life me kabhi fail nahi ho sakta.
shailendra rathore says
i am really very happy and motibated from akc