इमरान ने बड़े उत्साह के साथ एक बिज़नेस की शुरुआत की , पर 5-6 महीने बाद किसी बड़े घाटे की वजह से उसे बिज़नेस बंद करना पड़ा ।
इस कारण से वह बहुत उदास रहने लगा । और काफी समय बीत जाने पर भी उसने कोई और काम नहीं शुरू किया ।
इमरान की इस परेशानी का पता प्रोफेसर कृष्णन को लगा , जो पहले कभी उसे पढ़ा चुके थे । “
उन्होंने एक दिन इमरान को अपने घर बुलाया और पूछा , ” क्या बात है आज -कल तुम बहुत परेशान रहते हो ?”
“जी कुछ नहीं बस मैंने एक काम शुरू किया था पर मैं जैसा चाहता था वैसे रिजल्ट्स नहीं आये और मुझे काम बंद करना पड़ा , इसीलिए थोड़ा परेशान हूँ । “, इमरान बोला ।
प्रोफेसर बोले , ” ये तो होता ही रहता है , इसमें इतना मायूस होने की क्या बात है । “
” लेकिन मैंने इतनी कड़ी मेहनत की थी , मैं तन-मन-धन से इस काम में जुटा था , फिर मैं नाकामयाब कैसे हो सकता हूँ । ” , इमरान कुछ झुंझलाते हुए बोला ।
प्रोफेसर कुछ देर के लिए शांत हो गए , फिर कुछ सोच कर उन्होंने कहा , ” इमरान , मेरे पीछे आओ , “टमाटर के इस मरे हुए पौधे को देखो । “
” ये तो बेकार हो चुका है , इसे देखने से क्या फायदा । “, इमरान बोला ।
प्रोफेसर बोले , ” मैंने जब इसे बोया था तो हर एक वो चीज की जो इसके लिए सही हो । मैंने इसे समय -समय पर पानी दिया , खाद डाली , कीटनाशक का छिड़काव किया , पर फिर भी ये मृत हो गया । “
“तो क्या ?”, इमरान बोला ।
प्रोफेसर ने समझाया , “चाहे तुम कितना भी प्रयास करो, पर अंततः क्या होता है तुम उसे तय नहीं कर सकते । बस तुम उन्ही चीजों पर कंट्रोल कर सकते हो जो तुम्हारे हाथ में हैं , और बाकी चीजों को तुम्हे भगवान पर छोड़ देना चाहिए । “,
“तो मैं क्या करूँ ? अगर कामयाबी की गारंटी नहीं है तो फिर प्रयास करने से क्या फायदा ?”,इमरान बोला ।
“इमरान , बहुत से लोग बस इसी एक्सक्यूज का सहारा लेकर अपनी लाइफ में कुछ बड़ा करने का प्रयास नहीं करते कि जब सफलता की स्योरटी ही नहीं है तो फिर ट्राई करने से क्या फायदा !”, प्रोफेसर बोले ।
“हाँ , ठीक ही तो सोचते हैं लोग । इतनी मेहनत , इतना पैसा , इतना समय देने के बाद भी अगर सफलता चांस की ही बात है , तो इतना सब कुछ करने से क्या फायदा । “, इमरान बाहर निकलते हुए बोला ।
” रुको -रुको , जाने से पहले जरा इस दरवाजे को खोलकर तो देखो । “, प्रोफेसर ने एक दरवाजे की तरफ इशारा करते हुए कहा ।
इमरान ने दरवाजा खोला , सामने बड़े -बड़े लाल टमाटरों का ढेर पड़ा हुआ था ।
“ये कहाँ से आये ?”, इमरान ने आश्चर्य से पूछा।
“बेशक, टमाटर के सारे पौधे नहीं मरे थे । अगर तुम लगातार सही चीजें करते रहो , तो सक्सेस पाने के तुम्हारा चांस बहुत बढ़ जाता है । लेकिन अगर तुम एक -दो फेलियरस की वजह से हार मान कर बैठ जाओ तो तुम्हे लाइफ कोई भी रिवॉर्ड नहीं देती। “, प्रोफेसर ने अपनी बात पूरी की ।
इमरान अब सफलता का पाठ पढ़ चुका था, वह समझ गया कि उसे अब क्या करना है और वो एक नए जोश के साथ बाहर निकल पड़ा ।
दोस्तों , इमरान की तरह ही बहुत से लोग अपनी किसी एक असफलता को ही आगे प्रयास न करने की वजह बना लेते हैं । और ये सच है कि हम चाहे जितने भी प्रयास कर लें final outcome क्या होगा हम इस पर control नहीं कर सकते ,पर ये भी सच है कि जो लोग सफलता का स्वाद चखने के लिए लगातार प्रयास करते रहते हैं उन्हें आज नहीं तो कल वो मिल ही जाती है । याद रखिये कि हर एक नाकामयाबी; कामयाबी की तरफ ही एक कदम होता है ।
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This story is Inspired from: The Dead Tomato Plant – A Story About Focusing On What We Control
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Amol Lavande says
Mujhe to ye 100% Meri apni kahani lagi…Thanks for motiveted us agaian and again..
sundar singh says
Thank you for successful story
preeti shrivastava says
Very true
mohd atif intezar says
I really appreciate this post sir, we should realise that success comes after a long efforts and hordwork, many setback resist u but we have to keep ourself working.
amit kumar says
Right sir Faliour me he success ka raj chupa hi
Aruna Kumari says
mujhe bhi ek aisehi story ki talash thi, thanks for share admin, maine is story se aage kya karna hai sikh liya hai sir…….. !!!!!!!!!!!!!!!!
DR.PARITOSH TRIVEDI says
बेहद सुन्दर और प्रेरणादायक कहानी !
धन्यवाद !
याद रहे – Hard work beats talent !
Ji says
BAHUT KHOOBSURAT LIKA HAI
munesh singh says
Very inspiring story.. thanks for share.
Pawan Kumar says
Great story with moral- Never Give Up
Rachna Tripathi says
Very inspirational story.
Gopal Sir abke is pryas se padhne walo ko bahut ummid milegi.
Thank you sir