मित्रों आज हिंदी दिवस है। आप सभी को हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। 🙂
2012 और 2013 में मैंने इस अवसर पर आपसे पहेलियाँ पूछी थीं , पर 2014 में मैं कोई पहेली नहीं बना पाया था। लेकिन 2015 में एक बार फिर मैं आज के दिन एक और पहेली के साथ उपस्थित हूँ।
ये पहेली आसान है या कठिन इसका निर्णय तो आप ही कर सकते हैं। तो आइये इसके बारे में जानते हैं।

हिंदी दिवस की शुभकामनाएं
पहेली :
नीचे दिए गए अनुच्छेद में कुछ हिंदी शब्दों की वर्तनी यानि स्पेलिंग जान-बूझ कर गलत कर दी गयी है और आपको इन्ही शब्दों को पहचानना है।
आप अपने उत्तर कमेंट के माध्यम से या ईमेल (achhikhabar@gmail.com) कर के बता सकते हैं। ध्यान रहे की कमेंट डालते ही वे आपको दिखाई नहीं देंगे , जब मैं उन्हें अप्प्रूव करूँगा तभी वे नज़र आएंगे।
सही उत्तर देने वाले पाठकों के नाम अगली पोस्ट में प्रकाशित किये जायेंगे और जो सबसे पहले सही उत्तर देगा उसकी फोटो ( उपलब्ध होने पर) भी प्रकाशित की जाएगी।
अनुच्छेद इस प्रकार है :
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स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों का एक समुह पिकनिक मनाने एक पार्क पहुंचा। पार्क था तो साधारन सा लेकिन वहां मौजूद हिरण और खरगोस उसे कुछ आकर्षक बना रहे थे। दिवारों पर बने चित्र भी बच्चों को अपनी तरफ खींच रहे थे।
बच्चे खेलने में मस्त थे कि तभी उनकी अध्यापिका श्रीमति शुशमा गुप्ता ने सभी को एकत्रित होने को कहा और बोलीं ,
“बच्चों हम जिस जगह खड़े हैं उसे “सहीद भगत सिंह पार्क ” कहते हैं। स्वरगीय भगत सिंह हमारे आर्दश हैं जिनकी वीरता के उदाहरन आज भी दिए जाते हैं। ऐसे महान क्रांतिकारी की जितनी भी प्रसंशा की जाये वो कम है। प्रभू करे की हमारे अंदर भी देश के प्रति अपना सर्वस्व न्योछावर करने की शक्ति आये। हर महिने ऐसे वीर सपूतों के सम्मान में आयोजित किसी भी कार्यकर्म में हिस्सा अवश्य लें और स्वयं भी उनके दिखाए माग्र पर चलने का प्रयास करें। “
बच्चों ने अध्यापिका की बात गौर से सुनी और पुनः खेलने में व्यस्त हो गए। आज का दिन उनके लिए बहुत अच्छा रहा, जहाँ एक तरफ उन्हें खुब खेलने-कूदने को मिला वहीं दूसरी तरफ कई ज्ञान की बातें जानने को भी मिलीं। अंत में बच्चे ख़ुशी-ख़ुशी अपने घरों को लौट गए।
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मित्रों , बचपन में मैं हिंदी की मात्राओं में बहुत गड़बड़ करता था , और इसके लिए डांट भी पड़ती थी। अब कोई डांटता नहीं लेकिन गलतियां तो अभी भी होती हैं। 😉
खैर ! चलिए आज आप अपनी अक्ल दौड़ाइए और ऐसे शब्दों को ढूंढ निकालिये जिनकी वर्तनी में कुछ गड़बड़ है।
All the best ! 🙂
सही उत्तर जानने के लिए यहाँ क्लिक करें ।
पहले पूछी गयी पहेलियाँ भी काफी रोचक थीं , आप इन्हे भी आजमा सकते हैं :
समुह, पहुंचा, साधारन, वहां, खरगोस, शुशमा, बोलीं, सहीद, स्वरगीय, आर्दश, उदाहरन, प्रसंशा, प्रभू, कार्यकर्म, माग्र, खुब,
समुह,साधारन,हिरण,खरगोस,दिवारों,श्रीमति,शुशमा,सहीद,स्वरगीय,आर्दश,उदाहरन,प्रसंशा,प्रभू, महिने,कार्यकर्म,माग्र,खुब
द्वारा–
अमूल शर्मा
साधारन , खरगोस , स्वरगीय, उदाहरन,
पहली पंक्ति – समूह, साधारण
दूसरी पंक्ति – खरगोश
चौथी पंक्ति – श्रीमती, सुषमा
छठी पंक्ति – शहीद, स्वर्गीय
सातवीं पंक्ति – आदर्श , उदहारण
आठवी पंक्ति – प्रशंसा
नौवी पंक्ति – महीने, कार्यक्रम
दसवी पंक्ति – मार्ग
तेरह्वी पंक्ति – खूब
समुह, साधारन , खरगोस , दिवारों, श्रीमति ,शुशमा , सहीद ,स्वरगीय, आर्दश ,उदाहरन, प्रसंशा, महिने, कार्यकर्म, माग्र ,खुब
समुह – समूह,
साधारन – साधारण
खरगोस – खरगोश
दिवारों – दीवारों
श्रीमति – श्रीमती
शुशमा – सुष्मा
सहीद – शहीद
स्वरगीय – स्वर्गीय
उदाहरन – उदाहरण
प्रसंशा – प्रशंसा
प्रभू – प्रभु
कार्यकर्म – कार्यक्रम
माग्र – मार्ग
खुब – खूब
1. साधारन
2. शुशमा
3. सहीद
4. आर्दश
5. उदाहरन
6. जाये
7. न्योछावर
8. महिने
9. माग्र
10. खरगोस
11. स्वरगीय
in sabhi shabdo me galti hai..
स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों का एक #समुह पिकनिक मनाने एक पार्क पहुंचा। पार्क था तो #साधारन सा लेकिन वहां मौजूद हिरण और #खरगोस उसे कुछ आकर्षक बना रहे थे। #दिवारों पर बने चित्र भी बच्चों को अपनी तरफ खींच रहे थे।
बच्चे खेलने में मस्त थे कि तभी उनकी अध्यापिका श्रीमति #शुशमा गुप्ता ने सभी को एकत्रित होने को कहा और बोलीं ,
“बच्चों हम जिस जगह खड़े हैं उसे “#सहीद भगत सिंह पार्क ” कहते हैं। #स्वरगीय भगत सिंह हमारे #आर्दश हैं जिनकी वीरता के #उदाहरन आज भी दिए जाते हैं। ऐसे महान क्रांतिकारी की जितनी भी #प्रसंशा की जाये वो कम है। #प्रभू करे #की हमारे अंदर भी देश के प्रति अपना सर्वस्व न्योछावर करने की शक्ति आये। हर #महिने ऐसे वीर सपूतों के सम्मान में आयोजित किसी भी #कार्यकर्म में हिस्सा अवश्य लें और स्वयं भी उनके दिखाए #माग्र पर चलने का प्रयास करें। “
बच्चों ने अध्यापिका की बात गौर से सुनी और पुनः खेलने में व्यस्त हो गए। आज का दिन उनके लिए बहुत अच्छा रहा, जहाँ एक तरफ उन्हें #खुब खेलने-कूदने को मिला वहीं दूसरी तरफ कई ज्ञान की बातें जानने को भी मिलीं। अंत में बच्चे ख़ुशी-ख़ुशी अपने घरों को लौट गए।
वर्तनी के हिसाब से निम्न शब्द गलत हैं:
समुह- समूह
पहुंचा- पहुँचा
साधारन- साधारण
हिरण- हिरन
खरगोस- खरगोश
शुशमा- सुषमा
सहीद-शहीद
उदाहरन- उदाहरण
माग्र-मार्ग
आर्दश – आदर्श