Speech / Hindi Essay on Corruption
भ्रष्टाचार पर निबंध / भाषण
Friends, corruption पर लिखने में मुझे थोड़ी झिझक हो रही है, क्योंकि सही मायने में इसके बारे में बोलने या लिखने का हक उसी को है जो पूरी तरह से ईमानदार हो…जो कभी किसी corruption का हिस्सा ना बना हो!
But unfortunately मैं सौ फीसदी ईमानदार नहीं हूँ…कभी मैंने पुलिस के चालान से बचने के लिए पैसे दिए हैं तो कभी मैंने रेल यात्रा के लिए unfair means का use किया है… तो कभी मुझे किसी और के भ्रष्टाचार का लाभ मिला है।
अपने आपको सांत्वना देने के लिए बस इतना कह सकता हूँ कि मैं एक serial offender नहीं हूँ; मैंने ज़िन्दगी में बहुत से अच्छे काम भी किये हैं और कर रहा हूँ। हालांकि ये भी सच है कि सौ अच्छे काम कर लेना आपको एक बुरा काम करने का अधिकार नहीं देता… बस इसीलिए इस subject पे लिखने में थोड़ी झिझक हो रही है…काश मैं 100% ईमानदार होता!
खैर, लिखना तो है ही, सो मैं अपनी बात आपसे शेयर कर रहा हूँ…
Essay on Corruption in Hindi
भ्रष्टाचार पर निबंध
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भ्रष्टाचार का क्या मतलब होता है?
शाब्दिक अर्थ की बात करें तो इसका मतलब होता है भ्रष्ट आचरण या bad conduct.
अगर बाकी जीव-जंतुओं की नज़र से देखा जाये तो human beings से अधिक करप्ट कोई हो ही नहीं सकता…हम अपने फायदे के आगे कुछ नहीं देखते…हमारी वजह से ना जाने कितने जंगल तबाह हो गए…कितने animal species extinct हो गए…और अभी भी हम अपने selfish needs के लिए हर पल दुनिया में इतना प्रदूषण फैला रहे हैं हमने पृथ्वी के अस्तित्व को ही खतरे में डाल दिया है।
और ये सब bad conduct ही तो है! भ्रष्टाचार ही तो है; isn’t it.
लेकिन दुनिया करप्शन या भ्रष्टाचार को कुछ ऐसे डिफाइन करती है-
भ्रष्टाचार निजी लाभ के लिए (निर्वाचित राजनेता या नियुक्त सिविल सेवक द्वारा) सार्वजनिक शक्ति का दुरुपयोग है।
सरल शब्दों में कहें तो किसी नेता या सरकारी नौकर द्वारा personal benefits के लिए अपने अधिकार का दुरूपयोग ही भ्रष्टाचार है।
Corruption एक global phenomenon है! शायद आपको जानकार आश्चर्य हो कि दुनिया की Top 50 Corrupt Countries की लिस्ट में भारत का नाम शामिल नहीं है! जी हाँ, अगर Transparency International की रिपोर्ट पे यकीन किया जाए तो China और Russia जैसे देश में यहाँ से ज्यादा करप्शन है!
अब ये बात और है कि उन्होंने किस आधार पर ये रिपोर्ट तैयार की है, पर इतना तो पक्का है की करप्शन कोई अकेले भारत या किसी और देश की समस्या नहीं है…मेरी समझ से ये समस्या इंसान की है…जिसका क्रमिक विकास कुछ ऐसे हुआ है कि वो अपने फायदे के आगे औरों की नहीं सोचता!
और शायद ये इंसान के innate nature का ही परिणाम है कि करप्शन सिर्फ चंद लोगों तक सीमित नहीं है बल्कि पूरा का पूरा समाज ही भ्रष्ट आचरण में लिप्त है। हाँ, कुछ ऐसे लोग ज़रूर हैं जो ईमानदार हैं पर majority of people कहीं न कहीं भ्रष्ट हैं।
हो सकता है मैं बहुत pessimistic sound कर रहा होऊं और कुछ लोग मेरी बात से hurt हों, लेकिन अगर हमें किसी समस्या का समाधान ढूँढना है तो समस्या की जड़ को समझना बहुत ज़रूरी है। Of course, ये मेरे अपने थोट्स हैं और कल को मुझे खुद ही ये गलत लग सकते हैं, पर अभी जो मेरा दिल कह रहा है मैं वो आपसे शेयर कर रहा हूँ।
Friends, जब मैं MBA कर रहा था तो मेरा एक दोस्त अक्सर कहा करता था— “ईमानदार वो होता है जिसे बेईमानी का मौका नहीं मिलता!”
Read: दांव-पेंच Hindi Story on Corruption
गाँधी जी से प्रभावित होने के कारण तब मैं उसकी बात से काफी नाराज़ होता था…लेकिन करीब 10 साल के work experience, जिसमे मैंने बहुत कुछ देखा और नज़रंदाज़ किया है, के बाद मुझे उसकी बात पर गुस्सा नहीं आता और लगता है कि वो पूरी तरह न सही पर बहुत हद्द तक सच कहता था!
वैसे तो by definition करप्शन को सीधे सरकार और सरकारी अफसरों से जोड़ कर देखना चाहिए, लेकिन अगर कुछ देर के लिए हम इसकी definition को थोड़ा ब्रॉड कर दें और सिर्फ सरकारी नहीं बल्कि आम लोगों की तरफ भी नज़र उठा कर देखें तो हर तरफ बेईमानी दिख जायेगी –
- दूध का धंधा करने वाला उसमे पानी मिलाता है….
- सेहत दुरुस्त करने के नाम पर नकली दवाईयां बिकती हैं…
- बिजनेस करने वाले अपने फायदे के लिए झूठ बोलने से नहीं चूकते…
- बिजली चोरी को तो लोग अपना अधिकार समझते हैं…
- स्कूल में admission के लिए डोनेशन मांगी जाती है….
- नौकरीपेशा आदमी टैक्स बचाने के लिए फेक मेडिकल बिल्स लगाना गलत नहीं समझता…
- और सरकारी महकमो में करप्शन के बारे में बताने की ज़रूरत ही नहीं है…उनके घोटाले लाख या करोड़ में नहीं होते लाख करोड़ में होते हैं…
पर इस लेख में मैं अपनी बात public sector corruption या सरकारी भ्रष्टाचार तक ही सीमित रखूँगा…क्योंकि दरअसल यही वो भ्रष्टाचार है जो आम लोगों को भ्रष्ट बनने के लिए कभी मदद करता है तो कभी मजबूर!
भारत की पहली महिला IPS officer किरण बेदी का कहना है कि-
इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च करने के लिए रखे गए हर 100 रुपये में से सिर्फ 16 रुपये ही वास्तव में इस काम में प्रयोग होते हैं बाकी के 84 रु गायब हो जाते हैं। ( read more of Kiran Bedi’s Quotes)
अगर पब्लिक सेक्टर में भ्रष्टाचार नहीं होता तो देश की स्थिति बहुत अलग होती-
- हमारे पास अच्छी सडकें होतीं और हादसों में हम अपनों को नहीं खोते
- हमारे पास चौबीसों घंटे बिजली होती और आधी आबादी को अँधेरे में ज़िन्दगी नहीं बितानी पड़ती
- हमारे पास बेहतर स्वस्थ्य सेवाएं होतीं और लोगों की जान इतनी सस्ती नहीं होती
- हमारे किसान खुशहाल होते और और कोई आत्महत्या नहीं होती
- हमारे सभी बच्चे स्कूल जाते और किसी को घूम-घूम कर कूड़ा उठाने की ज़रूरत नहीं होती
- और अगर यहाँ भ्रष्टाचार नहीं होता तो आज 1 अरब 21 करोड़ आबादी वाले देश के पास कम से कम 21 ओलम्पिक मैडल तो होते ही!
दोस्तों, हम मिडल क्लास या well off लोगों के लिए भ्रष्टाचार के मारे लोगों का दर्द समझना मुश्किल है…लेकिन बस एक बार सोच के देखिये…आप गरीब घर में पैदा हुए होते और सरकारी योजनाओं में धांधली की वजह से आपका बचपन कूड़ा बीनने या ढाबों में काम करने में बीता होता तो आज आप कैसा महसूस करते?? Let us be a little more sensitive and try to understand the damage corruption has done and is doing to our society.
ब्रिटिश राइटर Charles Caleb Colton का कहना था –
भ्रष्टाचार बर्फ के गोले के सामान है, एक बार ये लुढकने लगता है तो बढ़ता ही जाता है . ( Read more Quotes on Corruption)
और अक्सर इस गोले की शुरुआत सरकारी दफ्तरों से ही होती है, यानि अगर हम वहीँ इस गोले को लुढकने से रोक दें तो काफी हद तक भ्रष्टाचार रोका जा सकता है।
किसी भी भारतीय के मन में ये सवाल आना स्वाभाविक है कि आखिर हमारे देश में इतना करप्शन क्यों है?
पहले लोग कहा करते थे की सरकारी कर्मचारियों की सैलरी कम होती है इसलिए वे बेईमानी से पैसा कमाते हैं…पर वो एक weak excuse था…एक के बाद एक कई Pay commissions के आ जाने के बाद भी बहुत से government officials corrupt activities में involve पाए जाते हैं।
यानि कारण कुछ और ही है, इसे थोडा समझते हैं-
Basically, सरकार क्या है? वो हमीं लोगों के बीच से चुने गए जन प्रतिनिधियों का समूह है। और हम कैसे लोगों को चुन कर भेजते हैं…ऐसे नहीं जो सबसे ईमानदार हों….बल्कि ऐसे जो कम बेईमान हों…option ही नहीं होता…करें भी तो क्या?
इसलिए जो लोग सरकार बनाते हैं उसमे ज्यादातर करप्ट लोग ही होते हैं…और अगर थोड़े से भी बेईमान आदमी को पॉवर मिल जाती है तो उसे महा बेईमान बनने में देर नहीं लगती… वो कहते भी तो हैं –
Power corrupts and absolute power corrupts absolutely.
बस फिर क्या सत्ता के नशे में ये नेता IAS officers और bureaucrats को अपने हाथों की कठपुतलियां बना लेते हैं, and in turn, ये हाई रैंक ऑफिसर्स अपने नीचे वालों….और वे अपने नीचे वालों को….and so on….करप्ट बनाते चले जाते हैं….भ्रष्टाचार का गोला बड़ा होता चला जाता है और आम आदमी को भी अपने लपेटे में ले लेता है, और अंत में उसे भी करप्ट बना देता है।
और ये पिछले 70 साल से होता आया है, इसलिए ये बहुत से नेताओं और अधिकारियों की को इसकी लत लग चुकी है। उनके ऑफिस में गाँधी जी की तस्वीर लगी होती है और लिखा होता है, “honesty is the best policy”, लेकिन सही मायने में वे भूल चुक होते हैं कि ईमानदारी भी कोई चीज होती है।
इसके अलावा, individual level पे, आदमी का लालच उसे करप्ट बना देता है। ऊपर का अधिकारी ईमानदार हो तो भी अगर नीचे का आदमी भ्रष्ट है तो वो अपने लेवल पे भ्रष्टाचार करता है।
करप्शन के और भी बहुत से कारण गिनाये जा सकते हैं…पर उससे क्या होगा…फायदा तो तब है जब इससे पार पाने इसका खात्मा करने के बारे में बात हो…इसलिए मैं यहाँ अपने विचार रख रहा हूँ कि –
करप्शन को कैसे रोका जा सकता है?
How to stop corruption in Hindi?
1) माता-पिता और शिक्षक के माध्यम से:
एपीजे अब्दुल कलाम ने कहा था –
अगर किसी देश को भ्रष्टाचार – मुक्त और सुन्दर-मन वाले लोगों का देश बनाना है तो , मेरा दृढ़तापूर्वक मानना है कि समाज के तीन प्रमुख सदस्य ये कर सकते हैं. पिता, माता और गुरु. (कलाम साहब के बेस्ट इंस्पायरिंग थोट्स यहाँ पढ़ें)
तो पहले स्टेप तो घर से ही शुरू होता है.
जब कोई पिता बच्चे से कहता है कि जाओ अंकल से कह दो की पापा घर पे नहीं हैं…तो वो जाने-अनजाने अपने बच्चे के मन में भ्रष्टाचार का बीज बो रहा होता है।
जब माँ अपने बच्चे की गलती पर पर्दा डाल कर दूसरे के बच्चे को दोष दे रही होती है तो वो भी अपने बच्चे को गलत काम करने के लिए बढ़ावा दे रही होती है।
और जब कोई शिक्षक परीक्षा में नक़ल कराता है या ऐसे होते देख कर भी चुप रहता है तो वो भी अपने शिष्यों को भ्रष्टाचार का पाठ पढ़ा रहा होता है।
माता-पिता और शिक्षक आज जो करते हैं उससे कल के भारत का निर्माण होता है इसलिए बेहद ज़रूरी हो जाता है कि वे बच्चों को उच्चतम नैतिक शिक्षा का पाठ पढाएं और इस पाठ को पढ़ाने का सबसे सशक्त तरीका यही है कि वे उनके सामने कभी ऐसा आचरण न करें जो कहीं से भी wrong या immoral conduct को support करता हो।
2) Proper Systems setup करके :
चूँकि भ्रष्टाचार बस कुछ लोगो तक सीमित नहीं है और ज्यादातर लोग इसमें लिप्त हैं इसलिए हमें checks and balances का एक ऐसा system develop करना होगा जहाँ पहले से set rules and algorithms की मदद से चीजें की जा सकें और किसी व्यक्ति विशेष की सोच का इतना असर ना पड़े।
इसी पॉइंट का extension है- technology का सही इस्तेमाल। हम available technologies के इस्तेमाल से भी करप्शन कम कर सकते हैं। For example: ट्रैफिक रूल्स follow हो रहे हैं, ये ensure करने के लिए high speed cameras का प्रयोग किया जा सकता है और अगर कोई नियम तोड़ता है तो उसे system अपने आप ही fine slip भेज सकता है। इससे लोग rules तो follow करेंगे ही और साथ ही लाखों ट्रक वालों और आम लोगों का exploitation भी कम हो जाएगा।
I know, ये सब करना इतना आसान नहीं है, पर धीरे-धीरे ही सही इस दिशा में बढ़ा तो जा ही सकता है।
3) कानून को सरल बना कर:
रोमन एम्पायर के हिस्टोरियन और सीनेटर टैकिटस का कहना था-
जितना अधिक भ्रष्ट राज्य होगा उतने अधिक कानून होंगे.
ये बात बहुत सही है। जब नियम-क़ानून इतने complex हो जाते हैं कि आम आदमी उसने समझ न सके तो फिर उनका पालन करना उतना ही मुश्किल हो जाता है। और इसी बात का फायदा उठा कर सरकारी अफसर और कर्मचारी उसे exploit करते हैं। For example आपके पास चाहे दुनिया भर के पेपर हों, लेकिन अगर ट्रैफिक पुलिस वाला आपका चालान काटना चाहता है तो उसे कोई नहीं रोक सकता है…इतने नियम हैं कि वो कहीं न कहीं आपको गलत साबित कर ही देगा!
हाल ही में सरकार ने जो तमाम tax structures हैं उन्हें हटा कर एक GSTax (GST) introduce करने की पहल की है वो इस दिशा में एक अच्छा कदम है।
धीरे-धीरे हमें और भी बहुत से क़ानून simple और people friendly बनाने होंगे, तभी करप्शन कम हो पायेगा।
चुनाव की प्रक्रिया पर बड़ा परिवर्तन लाकर
आज कोई भी ऐसी पार्टी नहीं है जो आपराधिक छवि और दागदार लोगों को टिकट ना देती हो। Election commission को चाहिए कि वो किसी भी हालत में ऐसे लोगों और इनके spouses को चुनाव न लड़ने दे, तब भी जब मामला कोर्ट में चल रहा हो।
आज मुखिया के चुनाव में भी करोड़ों रुपये खर्च होते हैं और सबकुछ जानते हुए भी सरकार चुप रहती है। इसलिए चाहिए कि चुनावी खर्चे की जो लिमिट निर्धारित की गयी है उसपर कड़ी नज़र रखी जाए कि कोई उससे अधिक खर्च ना करे, और ऐसा होता है तो तत्काल उसका टिकट निरस्त किया जाना चाहिए।
जब करप्ट लोग संसद या विधानसभा में पहुँचने से रोके जायेंगे तो भ्रष्टाचार ज़रूर कम होगा।
4) सरकारी काम-काज में transparency ला कर:
कुछ जगहों पर टेंडर्स के लिए ऑनलाइन बिडिंग का सिस्टम लाया जा रहा है, जो की एक अच्छा कदम है। सरकारी काम काज जिनती transparency के साथ होगा भ्रष्टाचार के chances उतने ही कम होंगे।
(Right To Information) RTI कानून इस दिशा में एक बड़ा कदम है। इसे और सशक्त बनाने और इसके बारे में awareness फैलाने की ज़रूरत है।
5) TAT fix करके:
सरकार को public से relateज्यादातर सरकारी कामों के लिए TAT यानि turn around time (वो समय जितने में काम पूरा हो जायेगा) fix करना चाहिए और इसकी जानकारी सम्बंधित विभाग की नोटिस बोर्ड्स पर दी जानी चाहिए।और अगर काम समय पर पूरा न हो तो concerned officer को इसके लिए accountable ठहराया जाना चाहिए।
ऐसा होने पर सरकारी कर्मचारी बेकार में किसी का काम डिले करके उससे पैसे नहीं वसूल सकेंगे।
6) घूस लेने और देने वालों के लिए सख्त से सख्त सजा का प्रावधान करके:
सरकारी नौकरी को 100% सुरक्षित माना जाता है, मतलब एक बार आप घुस गए तो कोई आपको निकाल नहीं सकता है! और अधिकतर होता भी यही है, अगर कोई किसी करप्ट एक्टिविटी में पकड़ा भी जाता है तो अधिक से अधिक उसे कुछ समय के लिए सस्पेंड कर दिया जाता है और वो पैसे खिला कर फिर से वापस आ जाता है!
इस चीज को बदलने की ज़रूरत है। भ्रष्टाचार में लिप्त इंसान अपने फायदे के लिए करोड़ों लोगों का नुक्सान करता है, खराब सडकें, दवाइयां और खान-पान की चीजें लोगों की जान तक ले लेती हैं और इसके लिए जिम्मेदार व्यक्ति को सख्त से सख्त सजा मिलनी ही चाहिए। नौकरी से निकाले जाने के साथ साथ जेल और भारी जुर्माने का भी प्रावधान होना चाहिए। मीडिया को भी ऐसे लोगों को समाज के सामने लाने में कोई कसर नहीं छोडनी चाहिए।
Bribe लेने वालों के साथ-साथ, उन लोगों के लिए भी कठोर सजा का प्रावधान होना चाहिए जो सरकारी कर्मचारियों को रिश्वत या घूस देने की कोशिश करते हैं।
जैसे ही भ्रष्टाचार में लिप्त कुछ लोगों पर क़ानून का डंडा चलेगा…करप्शन का ग्राफ तेजी से नीचे गिरने लगेगा।
7) स्पीडी जजमेंट देकर:
भारत में अपराधियों के बीच डर कम होने का एक बड़ा कारण है यहाँ की बेहद धीमी न्याय प्रक्रिया, जिसे ये फेमस फ़िल्मी डायलॉग “तारीख पे तारीख…तारीख पे तारीख…” बखूबी बयान करता है।
अपराधी जानता है कि अगर वो पकड़ा भी जाता है तो उसे सजा मिलने में दशकों बीत जायेंगे, इसलिए वो और भी निडर होकर अपराध करता है। फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट्स,Ombudsman, और नए judges की भारती और technology के प्रयोग से इस प्रक्रिया को जल्द से जल्द तेज बनाया जाना चाहिए।
We all know- justice delayed is…justice denied!
8) भ्रष्टाचारियों की मदद लेकर:
अगर चोरी रोकनी है तो ये जानना बेहतर होगा कि आखिर चोरी होती कैसे है और इस बारे में चोर से अच्छा कौन बता पायेगा? इसी तरह अगर भ्रष्टाचार रोकना है तो हमें इसमें दोषी पाए गए लोगों की ही मदद लेनी चाहिए कि इसे रोका कैसे जाए! ये सिस्टम के सारे loopholes जानते हैं और एक robust system create करने में काफी मदद कर सकते हैं। May be, हम इस तरह से मदद करने वालों की सजा में कुछ कमी करने का incentive देकर उन्हें मदद करने के लिए motivate कर सकते हैं।
दोस्तों, भ्रष्टाचार पहले ही करोड़ों बच्चों से उनका बचपन; युवाओं से उनकी नौकरी और लोगों से उनका जीवन छीन चुका है। हमें किसी भी कीमत पर इसे रोकना होगा। आज आज़ाद भारत को एक बार फिर देशभक्तों की ज़रूरत है…खादी का कुर्ता पहन लेने और जय हिंदी बोल देने से कोई देशभक्त नहीं बन जाता… देशभक्त वो होता है जो अपने देश की जनता को अपना समझता है और उसके दुखों और समस्याओं के लिए हर हालात से मुकाबला करने को तैयार रहता है।
यदि हमें भारत को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना है तो हमें संसद में नेताओं को नहीं देशभक्तों को भेजना होगा…और अगर कोई देशभक्त न नज़र आये तो हमें खुद वो देशभक्त बनना होगा…तभी कभी मानव सभ्यता का सबसे महान रहा हमारा भारत फिर से दुनिया का माहनतम देश बन पायेगा और हम गर्व के साथ कह सकेंगे—मेरा भारत महान!
जय हिन्द!
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Rama Nand says
Mujhe Pradhan Mantri Bnwa dijiye aap sb 🙏 wada krta hoo corruption 101 % khtm ho jaega 👍😇
The. D. Mahto says
भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सभी सरकारी कार्यालयों में पार्दर्शिता लाने की आवश्यकता है|इसके लिए सरकार को सभी सरकारी कार्यालयों में CCTV Camera लगाने चाहिए और कैमरे में कैद तस्वीरों को कार्यालयों के बाहर लगे Television में पल-पल के कर्मचारियों के कार्य दिखाई जानी चाहिए|
सुरेश कुमार बंसल says
यदि हम भारत से भ्रष्टाचार खत्म करने के प्रति वास्तव में गम्भीर हैं तो इसका एक ही उपाय है कि हम में से अधिकांश को आंदोलन की ताकत से यह मांग सरकार से करके उसे मजबूर करना होगा कि वह कानूनन यह सुनिश्चित करे कि:–
1. प्रत्येक सरकारी विभाग/मंत्रालय के प्रत्येक कार्यालय का एक जालस्थल(Website)आमजन के लिए उपलब्ध हो,जिस पर उस कार्यालय में कार्यरत सभी कर्मचारियों के नाम,पिता का नाम,जन्म तिथि,सम्पर्क सूत्र(mobile number),आधार संख्या,प्रत्येक कर्मचारी के द्वारा सम्पन्न किए जाने वाले कार्यों की सूची,आबंटित/pending कार्यों की वस्तुस्थिति,कार्यालय का कार्य समय इत्यादि की जानकारी उपलब्ध हो.
2. दूरदर्शन(television)पर प्रत्येक मंत्रालय/सरकारी विभाग के जालस्थल(website)का नाम प्रतिदिन आमजन की जानकारी हेतु उपलब्ध होना चाहिए.
MRDEWASI says
Hum indian youth sabhi kahte hai ki corruption hato kya kabhi humne socha ki kahi hum to corruption to nahi karta hai. Is paragraph me ye bat bilkul right hai corruption vo nahi karta hai jise moka nahi milta iska sabse acha example hum dekhe to jange ki hum sochte the ki bank worker corruption nahi karte hai but jab not bandhi hui to ye is se piche nahi rahe.so hamre bharat me corruption vo aadmi hi nahi karta hai jise moka nahi milta hai.vese to me ek 18 sal ka hu lakin kya karu mere des ki is condition ko dekhkar sochata ho ki kya yhi mera bharat hai jo ek samya visvguru tha.lakin if hum indian youth soch le ki hum corruption mitayenge to sayd it may be possible.ye keval gov. par pressure dalne se nahi hoga if hum khud apne vatan ke liye kam puri nahi 90% honesty se kare to bhi corruption khatam ho sakta hai lakin present india me youth apne kam ka kam dhyan rakhte hai or ache worker ko bhi piche dhakel deta kya aase hoga mera des safal are hum khud kuch karnge tabhi to badhega India.abhi ek acha example dheke to clean india mission ke gov ne prayas kia vo kuch had tak safal bhi raha lakin jo sarkari place par safai karte hai ek bhi pure man se nahi karte hai aisa kyo hai agar vo sirf paiso ke liye hi kar rahe hai to vo bhi inko sarakar deti hai to phir aisa kyo ye keval or keval corruption hi hai .abhi koi women apne gar ke pass safi karti hai to vo apne gar ko saf karti hai or padosi kai gar ke pas kura kar deti hai.mera kahena bus itna hi ki hume jo bhi kam mile use puri imandari se kare chahe vo ek nokar ka hi kyo na ho.
THANKS
Adarsh devrari says
Bhrastachar khatm karne ke liye hame un bhrastachari karmchariyo ko apne desh se hatana pade ga jo ki ghoose laker doosro ko agge bhade te h bhrasta char hamare desh m bahut taji se bad raha h
Pragati says
I just want to share a point that is an advanced as well as practical education is very important for today’s children. Students should be told that not only India but the whole world needs doctors and engineers but also a good leader. Political field is obviously a disgusting one but it’s we who can make a difference, a change because the power is always in people’s hands. First we need to change our mindset only then can the whole world become corruption free.
Ramesh pawar says
भ्रष्टाचार प्रशासन का एक बड़ा हिस्सा है.जाहीर है कि प्रशासन उसे रोकने हेतु कोही कदम नही उठायेगा.लेकीन NGO एक ऑप्शन है.सामाजीक काम करने वाली संस्था ओ को अगर कुछ कानुनी अधीकार. मानसन्मान. और प्रशासन मे कुछ हद तकलिफ शामील करे
. तो भ्रष्टाचार काफी हद तकलिफ कम किया जा सकता है.लेकिन इन्ही सामाजिक कार्यकर्ता और संघटना ओ को प्रशासन के अधिकारी दबाते है.उनका मानसिक खच्चीकरण करते है.और ये लोग हताश होके सामाजिक काम करने से पिछे हटते है.इन्ही सामाजिक कार्यकर्ता और संघटना ओ को प्रशासन डरता है.क्यो की ये अपना काम सिर्फ और सिर्फ समाज हित मै करते है.
Sudhanshu verma says
Yadi him bhrasta char ke khilaf ladai shuru large hai air kisi adhikari ke pass ya igrs PR complaint large hai air adhikari hmari gopniyta nhi bnatta hai air bhrast logo ko hmara pta btata hai to iske khilaf kis kanun me us adhikari ko dandit karne ka adhikari ha .plz reply kare .jisko bhi jankari ho
ओम प्रकाश शर्मा says
पैसा लेकर सेवा करने वाला हर मनुष्य धनपशु यानि भ्रष्टाचारी है, ऐसौ को पशुऔ जैसी सख्त सजा मिलनी चाहिये.