Sad Stories in Hindi
एक दुःख भरी कहानी
एक दिन ठेले पर भार अधिक होने के कारण रामू उसे ठीक से सम्भाल नहीं पाया और तेज गति से आती ट्रक से भिड गया। अगले ही पल उसकी मौत हो गयी और उसके पीछे रह गयी उसकी पत्नी जानकी और दो छोटे-छोटे बच्चे गुड्डी और गुडडू।
एक तरफ रामू का अंतिम संस्कार किया जा रहा था और दूसरी तरफ उसके बच्चे बिलख रहे थे… नहीं इसलिए नहीं कि पापा मर गए थे….वे तो भूख से बिलख रहे थे…उन्होंने कई दिनों से पेट भर खाना नहीं खाया था…और आज तो मुंह में एक निवाला भी नही गया था…सो, भूख से रोये जा रहे थे…
माँ-माँ….कुछ खाने को दो न…माँ….बड़ी भूख लगी है माँ…कुछ दो न….
कोई पत्थर दिल भी इस दृश्य को देखकर पसीज जाता… पड़ोसियों को भी दया आ गयी….अगल-बगल से खाना आ गया।
बड़े दिनों बाद आज गुड्डी और गुडडू पेट भर के खाना खा रहे थे।
अजीब विरोधाभास था…एक तरफ लोग रामू की मौत पर दुःख व्यक्त कर रहे थे वहीँ दूसरी तरफ उसके अपने बच्चे बड़े चाव से भोजन कर रहे थे!
जानकी ने अगले कुछ दिन इसी तरह से उधार लेकर और इधर-उधर से मांग कर अपना और बच्चों का पेट पाला…लेकिन ये कब तक चलता? लोगों ने मदद करना बंद कर दी…जानकी पागलों की तरह काम खोजने लगी…लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद भी किसी ने उसे काम नहीं दिया।
जब थक-हर कर घर लौटी तो बच्चे उम्मीद से उसकी तरफ देखने लगे….
गुडडू तुतलाती आवाज़ में बोला-
त्या लायी हो माँ…जल्दी से खिला दो, बलि भूख लगी है…
माँ रो पड़ी और बच्चे समझ गए कि माँ के पास कुछ भी नहीं है…एक पल के लिए अजीब सा सन्नाटा पसर गया…
फिर गुड्डी बोली-
माँ, ये गुडडू कब मरेगा!
“पागल हो गयी है….ऐसा क्यों बोल रही है…..”, माँ ने डांटते हुए बोला।
माँ, जब पापा मरे थे तो उस दिन हम लोगों को पेट भर खाना मिला था….गुडडू मरेगा तो फिर खाना आएगा ना!
गुड्डी की बातें सुनकर माँ कि आँखें फटी की फटी रही गयीं…उसके पास गुड्डी की बात को कोई जवाब ना था!
दोस्तों, ये सिर्फ एक कहानी नहीं है…ये दुनिया के करोड़ों लोगों की हक़ीकत है! इस पर गौर कीजिये, जिस खाने को हम थाली में ऐसे ही छोड़ देते हैं उसकी कीमत को समझिये…बचपन से हमें अन्न का आदर करना सिखाया जाता है लेकिन चूँकि हमने कभी असल भूख नहीं देखी होती इसलिए हम उसका आदर करना नहीं सीखते…एक दिन… बस एक दिन भूखा रह कर देखिये और आप करोड़ों लोगों का दर्द समझ जायेंगे!
मानवीय संवेदनाओं को कुरेदती इन कहानियों को ज़रूर पढ़ें:
- सर्दी की एक रात | एक दर्द भरी दिल छू लेने वाली कहानी
- माँ – Sad Stories in Hindi on Mother’s Day
- मजदूर के जूते – Hindi Stories that make you cry
- पछतावा -Heart Touching Hindi Story
- भोला की चिट्ठी – शिष्य की शिक्षक को मर्मस्पर्शी चिट्ठी
- अक्षय पात्र फाउण्डेशन – ताकि भूख ना रोक सके पढ़ाई
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Note: This sorrowful sad story is inspired from a prank shared on Radio Mirchi Murga by Naved. Thanks Naved for sensitizing us with your program.
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Kamal K. Singh says
The story, the infant’s sorrowful image, touches the heart and brings reality and surroundings of our country clearly. The way it has been described also makes to think seriously about hunger & poverty.
dara sigh thapa says
main apke blog ka kai mahino se subscriber hu lekin mujhe ab apka naya article nahi mil raha.last feb. me mila tha. plz. manage it. thanks.
d. s. thapa says
main apka kai mahino se subscriber hu. par ab mujhe apka artice nahi mil raha. last feb tak mila tha. plz manage it. thanks.
Gopal Mishra says
Kripya apna spam folder check karein ya Promotions aur social tab me dekhein.
vijay rayka says
दिल को छु लेने वाली कहानी ।
gyanipandit says
Heart Touching story, ek aur garib ek nivale ke liye tarsata hain aur ek ek aur shadi ya kisi samaroh me khana fek diya jata hain, agar ann ki kimat har koi samajhale to duniya me koi bhukha nahi rahenga.
siddhartha gautam says
ek dum sahi kaha hai sir aapne
aisi soch sabki honi chahiye
thanks sir
अमरेन्द्र झा says
आज के समय में कहानी से मानवीय संवेदना नही जगती ।कुछ कानून और दंड का प्रावधान किया जाए तो ही कुछ हो सकता है
Gopal Mishra says
शायद आप सही कह रहे हैं….संवदेना कुछ ही लोगों को जगाती है पर क़ानून masses को लाइन पे ला सकता है…
Haidar Khan says
Just Heart Touching Story ;(
राजेश यादव says
दरअसल हमने चाहे जितनी भी तरक्की कर ली हो, लेकिन भारत अभी भी एक गरीब देश है।
इसलिए हमें न सिर्फ वेस्टेज को रोकना चाहिए बल्कि मितव्ययता से भी रहना चाहिए।
ANSHUL GUPTA says
yah bat bilkul sahi hai.
mahatma Gandhi kahte the-“ish prathvi ke pass sabhi ka pet bharne ke liye ann hai par kuchh log jitna ann barvad karte hai utna hee ann dusaro ke liye kam pad jata hai”
isliye khana kabhi barvad na kare.
agar aaj aapke pas koi cheej ifrat mai hai to iska matlab hai ki aap kisi dusare ka hissa mar rahe hai.
thank you
Gopal Mishra says
Thanks for adding Gandhi Ji’s point.
ANSHUL GUPTA says
your Welcome sir
vishnu says
that’s good