Akshaya Patra Foundation in Hindi
Hello friends, मैं हूँ khayalrakhe.com से Babita Singh और आज मैं आपसे Akshaya Patra Foundation के बारे में बताना चाहती हूँ जो दुनिया के सबसे बड़े lunch program द्वारा भारत में सुविधा से वंचित बच्चों को mid day meal उपलब्ध करा रहा है।
दुनिया का सबसे बड़ा School Lunch Program : अक्षय पात्र
बीते कुछ सालों के दौरान सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या में काफी बढ़ोत्तरी हुई है और बहुत हद्द तक इसका श्रेय जाता है अक्षय पात्र फाउण्डेशन को जिसने न केवल पेट भरने के लिए कठोर श्रम करने वाले बच्चों के छोटे – छोटे हाथों में कागज पेंसिल थमाई बल्कि उनके लिए ताजा और पौष्टिक खाना भी बनाया।इस संस्था का एकमात्र vision है कि –
‘भारत का कोई भी बच्चा भूख की वजह से शिक्षा से वंचित नहीं होगा’।
अक्षय पात्र का अर्थ
अक्षय पात्र का जिक्र हिन्दू ग्रंथ महाभारत में मिलता है। इस पात्र की खास बात यह थी कि इसका खाना कभी खत्म नहीं होता था। अक्षय पात्र नाम वहीँ से लिया गया है और उस दिव्य पात्र के भोजन की तरह ही इस संस्था की कोशिश है कि उनके द्वारा लगातार ज़रूरतमंद लोगों तक भोजन पहुँचता रहे।
अक्षय पात्र फाउण्डेशन की शुरुआत
अक्षय पात्र फाउण्डेशन की शुरुआत जून 2000 में श्री मधु पंडित दास द्वारा की गयी थी।तब यह संस्था केवल बंगलुरु और कर्नाटक के पांच सरकारी विद्यालयों के 1,500 बच्चों के लिए मध्याह्न – भोजन के तहत पौष्टिक खाना मुहैया कराती थी।अपने शुरूआती दिनों में बच्चों को पौष्टिक खाना उपलब्ध कराना संस्था के लिए आसान नहीं था लेकिन कहते है न जहाँ चाह वहां राह खुद ब खुद मिल जाती है।
संस्था की मदद के लिए दो सज्जन पुरुष जिसमें मोहनदास पाई जिन्होंने विद्यालय तक भोजन पहुँचाने के लिए वाहन दान दिया और अभय जैन जिन्होंने कार्यक्रम के विस्तार के लिए योगदान और अधिक दाताओं को लाने का वचन दिया। इसके साथ ही इसकी छोटी सी पहल की शुरुआत हुई।
शुरुआत के पीछे की कहानी
अक्षय पात्र के संस्थापक मधु पंडित दास जब IIT Bombay में पढाई कर रहे थे तभी वे ISKCON Temple से जुड़ गए थे। वे ISKCON के फाउंडर A. C. Bhaktivedanta Swami Prabhupada जी के जीवन से बहुत प्रभावित थे।
प्रभुपाद जी ने कलकत्ता के समीप मायापुर नाम के गाँव में एक दिन खिड़की से बाहर बच्चों के एक समूह को फेंके हुए भोजन के लिए आवारा कुत्तों के साथ लड़ते हुए देखा।इस ह्रदय-विदारक घटना से एक निश्चय उत्पन्न हुआ कि वह अपने सेंटर के १० मील के दायरे में किसी बच्चे को भूखा नहीं रहने देंगे।
आज भी सभी ISKCON temples में निःशुल्क भोजन कराया जाता है। शायद आपको आश्चर्य हो कि अपने struggle days में Steve Jobs भी पेट भर के खाना खाने के लिए अमेरिका में स्थित इस्कॉन टेम्पल जाया करते थे।
ISKCON से जुड़ने के बाद मधु जी भी इन गतिविधियों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने लगे. मधु जी जब एक बार खाना खाने आये कुछ बच्चों से बात कर रहे थे तब उन्हें पता चला कि बहुत से बच्चे सिर्फ इसलिए स्कूल नहीं जाते या स्कूल से जल्दी भाग जाते हैं ताकि वे मंदिर में आकर खाना खा सकें।
मधु जी ने तब निश्चय किया कि वे खुद ही आस-पास के स्कूलों में खाना पहुंचाएंगे और देखते-देखते वे अपने साथियों के साथ बैंगलोर के स्कूलों में पढ़ रहे 1500 बच्चों को भोजन कराने लगे।
इसके बाद बाकी स्कूलों के प्रिंसिपल और टीचर्स भी ISKCON को उनके विद्यालय में बच्चों को खाना खिलाने का निवेदन करने लगे। बहुत से बच्चे अपना स्कूल छोड़ कर ऐसे स्कूलों में जाने लगे जहाँ मधु जी भोजन उपलब्ध कराया करते थे।
इन्ही incidents से प्रभावित हो कर मधु जी ने साल 2000 में Akshaya Patra Foundation की शुरुआत की।
अक्षय पात्र फाउण्डेशन का विस्तार
सरकारी स्कूलों में मिड डे मील को compulsory करते हुए 2001 में सुप्रीम कोर्ट का आर्डर आया कि-
A basic entitlement of every child in every Government and Government assisted Primary Schools with a prepared Mid-day Meal with a minimum content of 300 calories and 8–12 grams of protein each day of school for a minimum of 200 days.
इसके बाद सरकार ने तमाम सरकारी स्कूलों में Mid-day meal scheme implement करने के लिए अक्षय पात्र के साथ हाथ मिलाया और इस स्कीम को कार्यान्वित किया।
शिक्षा का महाभोग अक्षय पात्र आज भारत सरकार एवं कई राज्य सरकारों के साथ साझेदारी और साथ ही कई समाज – सेवी दाताओं की उदारता के साथ दुनिया का सबसे बड़ा लंच फूड प्रोगराम बन गया है।वर्तमान में यह सार्वजनिक – निजी – साझेदारी के आधार पर काम करते हुए भारत के 11 राज्यों में 27 स्थानों पर State – of – the – art – kitchens के माध्यम से आज के समय में 1,689,871 लाख बच्चों को पौष्टिक खाना उपलब्ध करा रही है।
अक्षय पात्र फाउंडेशन का उद्देश्य
बहुत लोगों को यह कहते सुना है कि सिर्फ एक समय के खाना मिलने से क्या फायदा होगा? लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि भारत में कुपोषण और दूसरी health problems की वजह से लाखों बच्चे school छोड़ देते है।भारत में 61 लाख से भी ज्यादा बच्चे कुपोषण के शिकार है जो दुनिया की कुपोषित जनसंख्या की एक तिहाई है। इतना ही नहीं आर्थिक रुप से पिछड़े घरों में 3 वक्त का खाना जुटा पाना भी मुश्किल काम होता है।
बच्चे स्कूल आते है न सिर्फ पढने के लिए बल्कि खाने के लिए भी क्योंकि उनको यहाँ पौष्टिक और पेटभर खाना खाने को भी मिलता है। अक्षय पात्र का उद्देश्य सिर्फ ऐसे बच्चों की भूख को समाप्त करना ही नहीं है बल्कि शिक्षा का सार्वभौमिकीकरण करना भी है।यह इस सोच के साथ कार्य करता है कि ‘भारत का कोई भी बच्चा भूख की वजह से शिक्षा से वंचित नहीं होगा’।
आजकल सभी स्कूलों में बच्चो के पहुँचने का समय लगभग एक है – सुबह साढ़े सात से आठ बजे के बीच।ऐसे में ज्यादातर माएं बच्चों को school सिर्फ एक गिलास दूध पिलाकर भेज देती है और तो और बेहद गरीब परिवारों के बच्चे तो बिना कुछ खाए – पिए स्कूल चले जाते है।
बच्चों को proper diet न मिलने की वजह से उनके शरीर में पौष्टिक तत्वों की कमी होने लगती है।ऐसे में अक्षय पात्र द्वारा उपलब्ध कराया जाने वाला पौष्टिक खाना ही पूरे दिन के लिए उनका एकमात्र पोषण स्रोत होता है।
Akshya Patra द्वारा अपने Mega Kitchen की तरफ से बच्चों को जो पौष्टिक खाना मुहैया कराया जाता है उसमें इस बात का खास ख्याल रखा जाता है कि खाना पौष्टिक हो तथा बच्चों की स्थानीय स्वाद – रुचियों के अनुकूल भी हो।
लेकिन इस अक्षय पात्र का काम – काज बस खाना बनाने के बाद खत्म नहीं हो जाता है। Kitchen के अधिकारी नियमित रूप से स्कूलों में जाकर बच्चों की राय हासिल करते है।पूरे देश में काम कर रही इस foundation के चेयरमैन भी स्कूलों में अकसर आते-जाते रहते है।
National Geographic Channel ने अपनी Mega-kitchen series में अक्षय पात्र को भी शामिल किया था: watch it now
Mid-day meal की वजह से स्कूलों में बच्चों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है और खाना ताजा तथा पौष्टिक होने की वजह से बच्चों का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है। इसीलिए अक्षय पात्र 2030 तक अपने mega kitchen को बढ़ाकर अपनी सेवाएँ 50 लाख बच्चों तक पहुँचाना चाहता है।अक्षय पात्र दूसरें NGO को भी प्रेरणा दे रहा है और ऐसे NGO को अक्षय पात्र फाउंडेशन मुफ्त टेक्नॉलोजी भी मुहैया कराएगा।
अक्षय पात्र फाउण्डेशन द्वारा सरकारी स्कूलों में सुविधा से वंचित बच्चों को mid – day meal उपलब्ध कराना एक सराहनीय प्रयास है।श्री मधु पंडित दास को भारत के बच्चों के लिए अक्षय पात्र द्वारा दी जा रही बेजोड़ सेवा के लिए पद्मश्री पुरस्कार से भी नवाजा गया है। इसके अलावा भी अक्षय पात्र को अपने सराहनीय कार्य के लिए दर्जनों अवार्ड्स मिलें हैं जिनके सूचि आप यहाँ देख सकते हैं।
दोस्तों, जो कभी भूखा नहीं सोया वो शायद खाने की कीमत ना समझे पर करोड़ों भारतीय बच्चे जो आधा पेट खाकर या बिना खाए सो जाते है वे इसकी एहमियत बहुत अच्छी तरह समझते हैं। सचमुच अक्षय पात्र जो काम कर रहा है उसकी जितनी सराहना की जाए कम है। आइये हम भी उनकी इस मुहीम का हिस्सा बनें और इस महान काम में अपनी तरफ से योगदान दें। आप सिर्फ 950 रु डोनेट करके एक बच्चे का एक साल तक का खाना sponsor कर सकते हैं। अगर आप सक्षम हैं तो ज़रूर donate करें। डोनेट करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
Babita Singh
Founder KhayalRakhe.Com
नमस्ते दोस्तों, मेरा नाम बबीता है और मैं professionally एक टीचर हूँ और साथ ही एक NGO से जुड़कर women empowerment के लिए काम कर रही हूँ। मैं अपने ब्लॉग khayalrakhe.com के माध्यम से अपने readers से जुड़ी समस्याओं जैसे सेहत, self improvement, रिश्तों की उलझनों को सुलझाने और उनके बारे में aware करने का एक छोटा सा प्रयास है।
We are grateful to Babita Ji for sharing a very informative article on Akshaya Patra Foundation in Hindi.
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kabier says
nice story telling
Ujjwal Chandra says
Some day I will also part of this NGO.
Thank you madhu ji for this effort. I am donating 500 rupees for your kind work.
TIRATH SINGH says
YE SAKSHAT BHAGWAN HI YE KAAM KAR RAHE HAI JO ITNE BACHHO KO KHANA MIL RAHA HAI AUR WANHA KE WORKER AUR ADHIKARI BHI BHAGWAN SE KAM NAHI HAI. AISE HI BHUKO KO KHANA MILTA RAHE ISHWAR SE KAMNA KARTA HU
ashutosh mani tiwari says
very nice work
Vishal thakur says
I like very much…and thanks for #AKSHAYPATRA team and their work. we shuoud take a some learn of them.
Whata thinks,
And thanks to #Gopal sir for inform us
Chander Pal says
nice work…
Anonymous says
it is very effort
manoj kumar says
अक्षय पात्र बहुत महान कार्य कर रहा है इसकी जितनी भी तारीफ की जाये कम होगी. मैंने पूरी video देखि हरेक काम बहुत ही परफेक्शन से किया जा रहा है, इतना अच्छा सिस्टम तो हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में नहीं है खासतौर से vans में लगा GPS सिस्टम. अक्षय पात्र के एक-एक स्टाफ member को प्रणाम, पूरा स्टाफ बहुत अच्छे ढंग से कार्य करता है. एक छोटी सी भी गलती कई मासूमो को नुकशान पंहुचा सकती है. मैं यही कहना चाहूंगा की जैसा इसका नाम है बस वैसा ही यह चलता रहे और भगवान मुझे भी आर्शीवाद दे ताकि मैं भी ऐसा नैक काम कर सकु.
Priyanka Pathak says
बहुत अच्छी जानकारी…