Rohit Sharma Biography in Hindi
भारतीय क्रिकेट की शान रोहित शर्मा की जीवनी
T20 World Cup 2024 जीतने वाली भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा की सच्ची कहानी.
कहते हैं, “आग में तप कर ही सोना और निखरता है.” यह कहावत भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार बल्लेबाज रोहित शर्मा पर बखूबी लागू होती है. क्रिकेट जगत में सफलता के शिखर पर पहुंचे रोहित शर्मा ने अपने जीवन में काफी संघर्ष और कठिनाइयों का सामना किया है.
अपनी बल्लेबाजी से विपक्षी टीम की कमर तोड़ने वाले रोहित शर्मा आज कई बड़े रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके है. जिसमे तीन बार एकदिवसीय दोहरे शतक बनाने का कीर्तिमान स्वर्णाक्षरों में अंकित है. एक दिवसीय और टी20 में गेंदबाजों के लिए खौफ का दूसरा नाम बने रोहित करोड़ों क्रिकेट प्रशंसकों के चहेते खिलाड़ी हैं.
Profile Snapshot
नाम | रोहित गुरुनाथ शर्मा |
पिता | श्री गुरुनाथ शर्मा |
माता | पूर्णिमा शर्मा |
जन्म | 30 April 1987, नागपुर |
रहते हैं | मुम्बई |
बचपन
महाराष्ट्र के नागपुर जिले में 30 अप्रैल 1987 को जन्मे रोहित का पूरा नाम रोहित गुरुनाथ शर्मा है. दाएं हाथ के इस बल्लेबाज को आज हम
हिटमैन के नाम से भी जानते हैं. रोहित के पिता गुरुनाथ शर्मा एक नौकरी पेशा व्यक्ति रहे हैं जबकि उनकी माता पूर्णिमा शर्मा ने घर का भार सम्भाला है.
माताजी के विशाखापट्नम के होने की वजह से रोहित तेलगु भाषा बोलने में भी माहिर है. रोहित शर्मा के परिवार में माता पिता के साथ-साथ उनके छोटे भाई विशाल ने भी बचपन में उनके क्रिकेट करियर को संवारने में बेहद सहयोग किया है.
शिक्षा
रोहित की शिक्षा आवर लेडी वेलान्कन्नी हाई स्कूल और स्वामी विवेकानंद इंटरनेशनल स्कूल से हुयी है जबकि आगे की पढाई के लिए रोहित ने रिजवी कॉलेज ऑफ़ आर्ट्स एंड कॉमर्स में दाखिला लिया.
क्रिकेट की दीवानगी
बचपन से ही क्रिकेट से लगाव के कारण रोहित टीवी पर कोई भी मैच देखना नहीं छोड़ते थे इसी के साथ ही गली क्रिकेट भी रोहित ने खूब खेला है जिसमे वह अंतराष्ट्रिय खिलाड़ियों के खेलने के अंदाज को फॉलो किया करते थे. सचिन तेंदुलकर और वीरेन्द्र सहवाग उनके पसंदीदा क्रिकेटर रहे हैं. अपने घर के आस-पास खेलते हुए रोहित शर्मा ने कई पड़ोसियों की खिड़कियाँ भी तोड़ीं, जिसके चलते उन्हें पुलिस कंप्लेंट की परेशानी भी झेलनी पड़ी थी.
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रोहित का संघर्ष
रोहित शर्मा के परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी जिस कारण उन्हें पढाई और खेल सम्बन्धित शिक्षा के लिए कई जगह भटकना पड़ा है. नागपुर, महाराष्ट्र के रहने वाले रोहित के पिता एक ट्रांसपोर्ट कम्पनी में कार्यरत थे जिनकी आय घर खर्च हेतु पर्याप्त नही थी. इसी कारण उन्होंने रोहित को उनके दादा जी के यहाँ मुंबई भेजने का निर्णय लिया.
रोहित के सामने गरीबी बेहद ही बड़ी चुनौती थी. पढाई के साथ-साथ क्रिकेट की कोचिंग के लिए रोहित के पास पैसे नहीं थे और कुछ समय तक रोहित ने खुद ही अपने खेल पर ध्यान दिया और टूटे बल्ले, पुरानी गेंद से ही मैदान में अभ्यास करना शुरू किया.
बच्चे की क्रिकेट की ओर लगन को देख एक दिन उनके चाचा ने हिम्मत जुटा कर पास में ही क्रिकेट एकेडमी में बात की और वहां रोहित का दाखिला करा दिया.
रोहित अपने करियर को एक ऑफ़ ब्रेक गेंदबाज के रूप में दिशा देना चाहते थे जिस कारण वह क्रिकेट एकेडमी में आठवें नम्बर पर बल्लेबाजी करने उतरते लेकिन उनके कोच दिनेश लाड ने उनकी बल्लेबाजी की क्षमता को पहचानते हुए गेंदबाजी से ज्यादा बल्लेबाजी पर ध्यान देने को कहा और तब रोहित को ओपनिंग का मौका दिया गया. जिसमे उन्होंने पहले ही मैच में शतक जमाते हुए सभी का ध्यान अपनी ओर खीचना शुरू कर दिया.
बल्ला टूट जाने के डर से शरीर आगे कर देते थे रोहित
एकेडमी में दाखिला लेने के बाद भी रोहित क्रिकेट के सामान को लेकर काफी परेशान रहते थे. कई बार रोहित को बल्ला अपने साथी खिलाड़ियों से माँगना पड़ता या फिर बल्ले के लिए इन्तेजार भी करना पड़ता था.
काफी मुश्किलों के बाद रोहित को पहला बल्ला उनके चाचा ने दिलाया, जिसे वह काफी ध्यान से रखते थे. एक इंटरव्यू के दौरान रोहित ने बताया कि –
बल्ला टूट जाने के डर से वह कई बार खुद को शॉट मारने से रोक लिया करते थे या फिर गलत शॉट खेलने की जगह वह अपने शरीर को आगे कर देते ताकि बल्ले को कोई नुक्सान न हो.
नम आँखों और मुस्कान के साथ रोहित ने बचपन को याद करते हुए अपनी बात को आगे बढ़ाया, क्रिकेट खेलते हुए उन्होंने पड़ोसियों से कई बार डाट खायी है नुक्सान की भरपाई के पैसे न होने के कारण कई बार उनके पिता और चाचा को भी भला बुरा सुनना पड़ता था, लेकिन कहीं न कहीं उन सभी बड़ो का आशीर्वाद और प्यार ही है जिसके कारण आज वह इस मुकाम पर है.
पहला अंतर्राष्ट्रीय मैच
रोहित शर्मा को 2005 में देवधर ट्राफी खेलने का मौका मिला.जिसके बाद रणजी ट्राफी में अच्छा प्रदर्शन करने पर 2007 में उन्हें भारतीय टीम में आयरलैंड के खिलाफ खेलने के लिए जगह दी गयी.जिसके बाद से रोहित शर्मा भारतीय टीम के लिए पारी का आगाज करते आ रहे है.
रोहित को पहला अंतराष्ट्रीय मैच 23 जून 2007 को आयरलैंड के खिलाफ खेलने को मिला जबकि 2013 में रोहित ने भारत के लिए पहली बार सलामी बल्लेबाज की भूमिका निभाई. कोलकाता के ईडन गार्डन और वानखेड़े पर वेस्ट इंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज में लगातार ( 177 और नाबाद 111 ) दो शतक लगाने के बाद रोहित छा गये. हालांकि अपना पहला टेस्ट मैच खेलने से पहले रोहित शर्मा 108 एकदिवसीय अंतराष्ट्रीय मैच खेल चुके थे.
सलामी बल्लेबाज के रूप में पहचाने जाने वाले रोहित शर्मा आज भारतीय टीम के उपकप्तान भी हैं .
विवाह
रोहित की निजी ज़िन्दगी की बात करें तो उनका नाम कई मॉडल्स और अन्य लडकियों के साथ जुड़ चुका है. जिसमे उनका स्कूल के समय का प्यार, जिसे रोहित ने खुद प्रपोज़ किया था भी शामिल है. इसके बाद रोहित सोफिया हयात को लेकर काफी चर्चा में रहे जिसने उनकी डबल सेंचुरी के बाद ट्विटर पर न्यूड तस्वीर साझा करते हुए खलबली मचा दी थी.
पर इन सब बातों पर लगाम लगाते हुए 13 दिसम्बर 2015 को रोहित शर्मा ने अपनी बचपन की दोस्त और स्पोर्ट्स मेनेजर रितिका सज्देह से शादी कर ली.
रोहित के रिकार्ड्स
रोहित शर्मा के आईपीएल करियर पर नजर डालें तो वह आईपीएल के सबसे सफल कप्तानो में शुमार है जिन्होंने अपनी टीम मुंबई को 2 बार ख़िताब भी जिताया है.
हालांकि, रोहित शर्मा का टेस्ट करियर इतनी बुलंदियों तक नहीं पहुँच सका जितनी सफलता उन्होंने क्रिकेट के फ़ास्ट फोर्मट्स में हासिल की.
- तीन बार दोहरे शतक लगाने वाले रोहित विश्व के एकमात्र बल्लेबाज है.
- एक दिवसीय मैच में श्रीलंका के खिलाफ सबसे अधिक 264 रन बनाने का कीर्तिमान भी रोहित के नाम ही.
- रोहित एक पारी में सबसे ज्यादा 16 छक्के लगाने वाले भारतीय क्रिकेटर हैं.
- इस लेख को लिखे जाने तक रोहित
- तीन टेस्ट शतक
- 18 वन-डे इंटरनेशनल सेंचुरीज, और
- 3 T-20 शतक लगा चुके हैं.
हम इन महान उपलब्धियों के लिए उन्हें बधायी देते हैं और उम्मीद करते हैं कि आगे आने वाले कई सालों तक रोहित का बल्ला भारतीय क्रिकट को कामयाबी की बुलंदियों तक पहुंचाता रहेगा.
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Hitman sharma ki baat hi alag h. Next level cricketer
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