भारत की टेक्सटाइल इंडस्ट्री
Indian Textile Industry in Hindi
अगर मैं भारत के सबसे बड़े corporate houses का नाम लेने को कहूँ तो अमूमन आप – टाटा, बिड़ला और अम्बानी का नाम ले लेंगे, लेकिन अगर मैं आपसे पूछूँ कि इन तीनो में एक कॉमन बात क्या है तो शायद आप सोच में पड़ जाएं!
मैं बताता हूँ-
इन तीनो में कॉमन है इनकी origin… इनकी शुरुआत. इन तीनो की शुरुआत टेक्सटाइल यानी कपड़ों के धंधे से हुई है.
टाटा बिड़ला अम्बानी की शुरुआत टेक्सटाइल से हुई
1850s में सेठ शिव नारायण बिड़ला ने कॉटन ट्रेडिंग का काम शुरू किया.
1870s में जमशेदजी टाटा ने मुंबई के चिंचपोकली में बंद हो चुकी आयल मिल खरीदी और उसे कॉटन मिल में बदल दिया.
1966 में धीरुभाई अंबानी ने Reliance Commercial Corporation की स्थापना एक पॉलिएस्टर फर्म के रूप में की. बाद में जिसका नाम बदलकर रिलायंस इंडस्ट्रीज कर दिया गया, जो आज दस लाख करोड़ की कम्पनी है.
यानी ये तीनो ही टेक्सटाइल इंडस्ट्री से उठे और आज भारत ही नहीं विश्व के सबसे बड़े बिजनेस घरानों में गिने जाते हैं.
ख़ास है ये टेक्सटाइल इंडस्ट्री
दोस्तों, हज़ारों लोगों को फर्श से अर्श तक पहुंचाने वाली ये टेक्सटाइल इंडस्ट्री कुछ ख़ास है…और आज मैं अजय अजमेरा आपसे इसी बारे में बात करूँगा.
इस लेख में हम बात करेंगे-
- कि टेक्सटाइल इंडस्ट्री दरअसल है क्या?
- इसका इतिहास क्या है?
- ये कितनी बड़ी है?
- इसका भविष्य कैसा है?
- ऐसे कौन से फैक्टर्स हैं जो भारत में टेक्सटाइल इंडस्ट्री की ग्रोथ को सपोर्ट करते हैं.
- और हमारे लिए यहाँ पर क्या opportunity बनती है.
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So, let us start with the most basic question?
क्या है टेक्सटाइल इंडस्ट्री ? / What is textile industry in Hindi ?
दोस्तों, टेक्सटाइल’ शब्द लैटिन शब्द ‘टेक्सरे‘ से लिया गया है जिसका अर्थ है बुनाई करना.
So, basically textile means बुना हुआ कपड़ा.
हिंदी में हम टेक्सटाइल इंडस्ट्री को कपड़ा उद्योग या वस्त्र उद्योग भी कहते हैं.
अब इसे आप ऐसे समझिए…
आपने अभी जो कपड़ा पहना हुआ है वो आप तक कैसे पहुंचा… suppose करिए आपने 100% pure cotton की एक रेड टीशर्ट पहनी है….तो ये आप तक कैसे पहुंची?
जिन्हें नहीं पता उन्हें शायद ये जानकार आश्चर्य हो कि इसकी शुरुआत हुई –
- कॉटन प्लांट या कपास के पौधे के एक बीज से जिसे किसी किसान ने अपने खेत में बोया.
- बीज पौधा बना… पौधे में फूल निकले….मशीन या हाथ से इन फूलों को इकठ्ठा किया गया… ट्रांसपोर्ट द्वारा इन्हें फैक्ट्री में पहुंचाया गया ….कई मशीनों से इन्हें प्रोसेस किया गया… cotton bails या रुई के ढेर बनाये गए….जिसकी सफाई करके और कई अन्य मशीनों की मदद से बना धागा यानी yarn.
- फिर इन धागों की लड़ियों को red color से dye किया गया…अब इन धागों को horizontally और vertically weave करके यानी बुन करके कपडा तैयार किया गया.
- फैशन डिज़ाइनर के निर्देशानुसार इस कपड़े को कट करके… डिजाईन करके टेलर ने आपकी रेड कलर की 100% pure cotton टीशर्ट तैयार की. ट्रासंपोर्ट द्वारा तैयार हुई टीशर्ट विभिन्न बाजारों में पहुंची फिर आप ऐसे ही किसी बाज़ार गए और किसी दूकान से या शायद ऑनलाइन पोर्टल पर उस टीशर्ट को purchase किया.
अब उस बीज को बोने से इस टीशर्ट को प्राप्त करने तक के सफ़र में जितनी भी चीजें आयीं वो सब टेक्सटाइल इंडस्ट्री का एक हिस्सा हैं. इसके अलावा एक बहुत बड़ा हिस्सा man made fibres या synthetic fibres, जैसे कि नायलॉन, रेयान, polyster इत्यादि से बने कपड़ों का है.
दोस्तों, टेक्सटाइल इंडस्ट्री, एग्रीकल्चर के बाद दूसरी सबसे बड़ी employment generate करने वाली इंडस्ट्री है.
💡 140 Bn$ की ये इंडस्ट्री साढ़े चार करोड़ (4.5 Cr) लोगों को डायरेक्टली और 6 करोड़ लोगों को इनडायरेक्टली रोजगार उपलब्ध कराती है. और यही कारण है कि यह किसी भी सरकार के लिए एक बहुत महत्त्वपूर्ण इंडस्ट्री है.
कितनीं पुरानी है टेक्सटाइल इंडस्ट्री ? History of Textile Industry in Hindi
पर सवाल उठता है कि ये इंडस्ट्री इतनी बड़ी बनी कैसे? इसकी शुरुआत कैसे हुई? इंसान ने कपडे बनाने और पहनने कब से शुरू किये?
दोस्तों, अगर सिर्फ टेक्सटाइल या कपड़ों की बात करें तो आदि मानव जानवरों की खालों को कपड़ों के रूप में इस्तेमाल करते थे.
Stone age यानी पाषाण युग में बुने हुए कपड़ों के मौजूद होने के साक्ष्य हैं.
कई अध्यनों से अनुमान लगाया गया है कि मनुष्य 1 लाख साल से भी पहले से कपड़े पहन रहा है.
और कपड़ा सिलने वाली सुई का आविष्कार 50,000 साल पहले हो चुका था. साउथ अफ्रीका में एक गुफा के अन्दर से bird bone से बनी एक सुई की खोज हुई थी.
अगर भारत की बात करें तो Indus Valley Civilization, जिसे हम हड़प्पा की सभ्यता भी कहते हैं में लोग वस्त्रों के मामले में बहुत विकसित थे. मोहनजोदड़ो में मिली “प्रीस्ट किंग” नाम की साढ़े चार हज़ार साल पुरानी एक मूर्ती में एक व्यक्ति फूलों की कढाई वाला शाल ओढ़े हुए है.
यानी कपड़ों और इंसानों का नाता बहुत पुराना है.
लेकिन अगर हम मॉडर्न एरा की बात करें जबसे textile का mass production शुरू हुआ तो ऐसा औद्योगिक क्रांति यानी industrial revolution के दौरान England में हुआ.
औद्योगिक क्रांति के युग में, 1733 में फ्लाइंग शटल, फ्लायर-एंड-बॉबिन प्रणाली और 1738 में जॉन वायट और लुईस पॉल द्वारा रोलर स्पिनिंग मशीन जैसे आविष्कारों के माध्यम से उत्पादन की गति बढ़ाने के लिए बहुत प्रयास किया गया था। ।
लुईस पॉल बाद में 1748 में कार्डिंग मशीन के साथ आए और 1764 में कताई जेनी भी विकसित की गई।
इसके बाद 1784 में एडमंड कार्टराइट ने पावर लूम का आविष्कार किया।
इन अविष्कारों के कारण 18 वीं शताब्दी में टेक्सटाइल इंडस्ट्री एक मेनस्ट्रीम इंडस्ट्री बन गयी.
भारत में textile industry का आगमन
अगर भारत की बात करें तो सन 1818 में देश की पहली कपड़ा मिल कोलकाता के निकट स्थापित की गयी. लेकिन सही मायने में कॉटन टेक्सटाइल इंडस्ट्री की शुरुआत 1850s में हुई, जब एक पारसी कॉटन मर्चेंट ने 1854 में बॉम्बे में कॉटन मिल establish की. धीरे-धीरे सन 1900 आते-आते कोलकाता, मुंबई, अहमदाबाद समेत भारत के कई शहरों में कुल 178 टेक्सटाइल मिल्स रन करने लगीं.
आज का परिदृश्य / Today’s Scenario of Textile Industry in Hindi
अब बात करते हैं आज की. आज भारत में टेक्सटाइल मार्केट कितना बड़ा है? हम दुनिया में कहाँ स्टैंड करते हैं और कैसे हम इस क्षेत्र में खुद को और मजबूत बना सकते हैं.
2018 में घरेलू textiles and apparel industry 140 Bn $ की थी, जिसमें से 100 Bn $ की खपत तो सिर्फ भारत में ही हो गयी और बाकी का 40 Bn $ का माल विश्व भर में एक्सपोर्ट किया गया.
आज ये इंडस्ट्री भारत की कुल GDP का 2.3% contribute करती है. हमारे देश में जितना भी industrial production होता है उसका 13% textile industry ही करती है और भारत के कुल एक्सपोर्ट में भी इसकी 12% की हिस्सेदारी है.
और ऐसा भी नहीं है कि कपड़ा और परिधान उद्योग stagnate हो रहा हो, नहीं ये तो और भी मजबूती से आगे बढ़ रहा है.
2019 से 2021 तक इसकी CAGR (compound annual growth rate) 28% रहने की उम्मीद है.जबकि अगर हम global textile market size की बात करें तो वो 4.24% CAGR के साथ 2025 तक 1.23 trillion USD पहुँचने का अनुमान है.
वहीँ 2024-25 तक हमारे टेक्सटाइल एक्सपोर्ट की वैल्यू 300 Bn $ तक पहुँच जाएगी.
और वर्ल्ड मार्किट शेयर में हम 5% की हिस्सेदारी से बढकर 15% की हिस्सेदारी तक पहुँच जायेंगे.
Growth Drivers
शायद आप सोच रहे हों कि टेक्सटाइल इंडस्ट्री इस तरह की phenomenal growth कैसे attain करेगी?
इसे ऐसे समझिये –
जबरदस्त डिमांड
- भारत दुनिया की सबसे तेजी से ग्रो हो रही अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, जाहिर है इससे लोगों की इनकम बढ़ेगी, जिससे उन्हें अपने कपड़ों व परिधानों पर और अधिक खर्च करने की ताकत मिलेगी.
- बहुत से उद्योग, टेक्सटाइल इंडस्ट्री के उत्पाद प्रयोग करते हैं, उनसे भी डिमांड बढ़ेगी.
रॉ मटेरियल की उपलब्धता
- किसी भी उद्योग के फलने-फूलने के लिए उसमे प्रयोग होने वाले raw material की उपलब्धता बहुत मायने रखती है और इस मामले में भारत एक बहुत मजबूत स्थिति में है –
- पूरी दुनिया में भारत कॉटन और जूट का सबसे बड़ा उत्पादक है.
- पॉलिएस्टर, रेशम (सिल्क) और फाइबर के production में भी हम विश्व में दूसरे स्थान पर हैं.
सस्ता व स्किल्ड लेबर
- इसके अलावा हमारे पास एक बहुत बड़ा एडवांटेज स्किल्ड और unskilled labour की पर्याप्त availability का है. जो कम दाम पर उपलब्ध है जिससे cost of production घट जाता है और हमें competitive advantage देता है.
सरकार का सपोर्ट
- अगर हम Government Support की बात करें तो भी टेक्सटाइल सेक्टर में सरकार ने 100% FDI की अनुमति दी हुई है. और एक्सपोर्ट्स बढाने के लिए ASEAN ( Association of Southeast Asian Nations) देशों के साथ फ्री ट्रेड भी allow किया गया है.
- साथ ही सरकार Scheme For Integrated Textile Parks (SITP) और Technology Upgradation Fund Scheme में भी काफी पैसे इन्वेस्ट कर रही है ताकि private companies के लिए इस सेक्टर को और भी अधिक लुभावना बनाया जा सके और वर्क फ़ोर्स को ट्रेन किया जा सके.
आपके लिए टेक्सटाइल सेक्टर में क्या अवसर हैं… क्या opportunities हैं?
दोस्तों, ये तो साफ़ है कि टेक्सटाइल इंडस्ट्री का भविष्य बहुत उज्ज्वल है. और past की तरह future में भी भारत के कई करोडपति इसी सेक्टर से निकलेंगे. ऐसे में अगर आप भी इस ग्रोथ का हिस्सा बनाना चाहते हैं तो उसके लिए पहला कदम उठाने का सबसे अच्छा समय – ‘अब’ है. The biggest opportunity is “NOW”
अब सोचना ये है कि आप इस सेक्टर में क्या कर सकते हैं?
इसके लिए आपको अपनी मौजूदा स्थिति का आंकलन करना होगा.
- जो लोग बड़ा निवेश करना चाहते हैं वो भारत सरकार द्वारा स्थापित किये जा रहे SITPs में अपना सेटअप लगा सकते हैं.
- जो युवा आज जॉब तलाश रहे हैं वे टेक्सटाइल इंडस्ट्री में अपना भविष्य बना सकते हैं. इस इंडस्ट्री में आपको Engineering, Marketing & Sales, Apparel Manufacturing
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Store Operations, Direct Selling, Fashion Publicity, Designer और अन्य कई तरह की जॉब्स मिल सकती हैं.
For details check here: http://www.sewing.org/html/textilecareers.html
- जो शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं वे फ्यूचर को देखते हुए ऐसी कोई पढाई कर सकते हैं जिससे उनके लिए टेक्सटाइल इंडस्ट्री में प्रवेश करना आसान हो जाए. जैसे –
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Bachelor of Scinece in Textiles
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PhD in Textile Technology Management
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MBA
- Fashion Desiging
- Etc.
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अपना बिजनेस शुरू करने की opportunity
इसके अलावा एक बहुत बड़ी opportunity थोड़े से निवेश के साथ अपना खुद का गारमेंट बिजनेस शुरू करने की है. मैं इसे बड़ा इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि आज से 25 साल पहले मैंने खुद इस opportunity का लाभ उठाया और आज Ajmera Fashion सूरत के सबसे प्रतिष्ठित और बड़े Saree Manufacturer के रूप में जाना जाता है.
और सबसे बड़ी बात कि मैंने अपनी आँखों से इस रूट को अपना कर हज़ारों लोगों को अपना business establish करते हुए देखा है.
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दोस्तों, उम्मीद करता हूँ टेक्सटाइल इंडस्ट्री पर ये जानकारी आपके काम आएगी और साथ ही आशा करता हूँ कि लाखों करोड़ों लोगों की तरह आप भी इस इंडस्ट्री का हिस्सा बना कर अपना उज्ज्वल भविष्य का निर्माण कर पायेंगे.
धन्यवाद!
Ajay Ajmera
Founder Ajmera Fashion
Surat, Gujarat
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Garv Ahuja says
himmat mil gyi fir se ise krne ki thanku sar 🙏🏻
Lila choudhary says
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Irshad says
Thank you so much
Rupesh says
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Ashish Chand says
itni vistrit aur achhi janaki ke liye bahut bahut dhanywaad. kripya hindi me aise aur bhi lekh prastut kare