सूरत का गौरवशाली इतिहास – सम्पूर्ण जानकारी | Complete History of Surat in Hindi
सूरत कैसे बना बिजनेस सुपरपावर ? सम्पूर्ण जानकारी
सीरत है… सूरत है
ये शहर बड़ा खूबसूरत है!
नमस्कार, मैं हूँ अजय अजमेरा और आज मैं बात कर रहा हूँ अपनी कर्मभूमि सूरत की. इस लेख में मैं आपको सूरत से जुडी छोटी-बड़ी कई बातें बताऊंगा और इस शहर के भारत के सबसे बड़े कपड़ा बाज़ार बनने की वजह और इसके इतिहास के बारे में भी बात करूँगा.
इस लेख में आपको सूरत के बारे में कई ऐसी बातें पता चलेंगी जिन्हें जान कर आप हैरान भी होंगे और गौरवान्वित भी… इसलिए कृपया ये लेख अंत तक ज़रूर पढ़ें.
दोस्तों, लगभग 30 साल पहले अपनी आँखों में कुछ सपने लेकर मैं राजस्थान के सीकर से निकल कर गुजरात में सूरत की धरती पर आया था…. नमन है इस माटी को जिसने मुझे अपनाया, अपार स्नेह दिया और मुझे अपने पैरों पर खड़े होने के काबिल बनाया.
अगर आप भी सूरत के हैं तो यह अच्छी तरह समझते होंगे कि “हम सूरत वाले इस शहर में बसते हैं और ये शहर हम सूरतियों के दिल में बसता है” लेकिन जो सूरत से नहीं हैं वो भी आज जान जायेंगे कि ऐसा क्यों है! क्या कहूँ मैं सूरत के बारे में … डुमस बीच और ताप्ती नदी के किनारों से लेकर गोपी के तालाब तक….कपड़ा बाज़ार से लेकर हीरा बाज़ार तक…. Vesu के आलिशान restaurants से लेकर University road के स्ट्रीट food तक … इतना कुछ है बताने को कि सोचता हूँ कहाँ से शुरू करूँ.
खैर! चलिए शुरू से शुरू करते हैं. ( Mythological importance of Surat City )
दोस्तों, ऐसी मान्यता है कि भगवान् कृष्ण जब भी मथुरा से द्वारका जाते थे तो बीच में इस स्थान पर विश्राम करते थे… यानी इस धरती पर प्रारंभ से ही भगवान् की कृपा थी… राजा हर्षवर्धन के काल में चायनीज traveler ह्वेन त्सांग ने 630-645 ई० तक भारत में भ्रमण किया था और अपनी पुस्तक सी-यू-की में इस जगह को भारत के बड़े व्यापारिक केंद्र के रूप में वर्णित किया था… नाम बताया था स्वोरात.
सूरत का विकास देखकर आज दुनिया चकित है लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि दो हज़ार साल पहले सूरत मुंबई से भी बड़ा व्यापारिक केंद्र था… दरअसल, सूरत को अपनी geographical location का बहुत लाभ मिला…जैसा कि आप MAP में देख सकते हैं… सूरत से अफ्रीका, मिडिल ईस्ट और उससे होते हुए यूरोप सब कुछ accessible था…इसीलिए सूरत को gateway to the Middle East and Africa कहा जाता था…
उस दौर में सूरत ही वो स्थान था जहाँ से समुद्री जहाज पर सवार होकर हज के लिए यात्री मक्का -मदीना जाया करते थे. यात्रियों की सुविधा के लिए शाहजहाँ ने 1644 में मुग़ल सराय बनवाया था जो बाद में municipal corporation बन गया.
दोस्तों, आप अंदाजा लगा सकते हैं कि सूरत मुग़ल शाशकों के लिए कितना महत्त्वपूर्ण स्थान था. (Mughal attack on Surat city)
ये वो दौर था जब मुख्य रूप से समुद्री जहाज़ों के माध्यम से ही व्यापार हुआ करता था…. और उस वक़्त सूरत बंदरगाह भारत का व्यस्ततम बंदरगाह था… यहाँ पर एक समय में 100-100 देशों के जहाज खड़े रहते थे और उन पर उन देशों के झंडे शान से फहराते थे.
दोस्तों, आज लोग cosmopolitan city की बात करते हैं कि मुंबई – बंगलुरु जैसे शहर cosmopolitan है लेकिन सूरत हज़ार-डेढ़ हज़ार साल पहले ही cosmopolitan बन गया था… जहाँ कई देशों, धर्मों, जातियों के लोग एक साथ मसालों, कपड़ों, हीरों व अन्य चीजों का व्यापार करते थे.
यानी आज आप जिस सूरत को diamond और textile हब के रूप में जानते हैं उसके कण-कण में ये बिजनेस सदियों पहले से समाया था… Mughal काल से ही सूरत “जरी” के काम के लिए फेमस था, और ब्रिटिश रूल आने के बाद तो सूरत में टेक्सटाइल का काम बहुत तेजी से बढ़ने लगा…और आगे चल कर यह शहर सिल्क सिटी ऑफ़ इंडिया और टेक्सटाइल हब ऑफ़ इंडिया के नाम से मशहूर हुआ.
दोस्तों, बिजेनस को चलाने के लिए पैसे के सही मैनेजमेंट की ज़रूरत पड़ती है… और ये काम किया काठियावाड़ी सेठों ने…. उस जमाने में उनका सूरत में बहुत मजबूत नेटवर्क था. वे modern day banks की तरह काम करते थे….सूरत में बैठे इन सेठों की हुंडी यूरोप तक में चलती थी…. यानी कोई व्यापारी सूरत में इनके पास १ लाख रूपये जमा करा कर इनसे लिखित में एक कागज ले सकता था… जिसे वह बेल्जियम में दिखाकर यह पैसे प्राप्त कर सकता था…. यानी उन्हें साथ में कॅश लेकर घूमने की ज़रुरत नहीं पड़ती थी….
खैर ये तो बहुत पहले की बात हो गयी अब काल चक्र को घुमा कर थोड़ा आगे बढ़ते हैं. (Surat City Establishment)
दोस्तों, समृद्धि सम्राटों को भी आकर्षित करती है और लुटेरो को भी …. सूरत की संपन्नता के कारण इसे कई बार लूटा गया और कई बार आक्रमण कर इसकी भूमि रक्तरंजित की गयी.
12वीं और 15वीं सदी में सूरत को मुसलमानों ने लूटा, दो बार सूरत को पुर्तगाली साम्राज्य द्वारा तबाह कर दिया गया… बाद में अंग्रजों ने भी इस पर कब्ज़ा किया जिनके छक्के शिवाजी महराज ने छुडाये.
दोस्तों, Modern Day सूरत की नीव डालने का श्रेय जाता है गोपी नाम के एक ब्राहमण को … 1516 में उन्होंने ही गोपी का तालाब बनवाया था जो आज सूरत का एक major tourist attraction है. उन्होंने इस शहर का नाम “सूर्यपुर” या “सूरज” रखा था… जिसे बाद में मुस्लिम शाशकों ने सूरत कर दिया, जिसका अर्थ कुरान शरीफ के chapters की headings होता है.
सूरत शहर बसाने के लिए गोपी को “मालिक” का टाइटल दिया गया और पुर्तगालियों ने उन्हें “Lord of Surat and Bharuch” की उपाधि भी दी.
मालिक गोपी का बसाया हुआ शहर मुग़ल काल में बहुत तेजी से विकसित हो रहा था. इसकी चर्चा पूरी दुनिया में होने लगी…. और यही कारण है कि The British East India Company अपने नापाक इरादों के साथ भारत में सबसे पहले 24 August, 1608 को सूरत के बंदरगाह पर पहुंची और भारतीय मसालों, कॉटन, सिल्क, इंडिगो dye, चाय, हीरे, सोना-चांदी और अफीम का व्यापार शुरू किया.
अंग्रेजो के आने से सूरत और भी तेजी से विकसित होने लगा… उनके माध्यम से भारत ने कई मॉडर्न inventions पहली बार सूरत में ही देखे. फिर 1612,में England ने अपनी पहली Indian trading factory Surat में ही स्थापित की.
सूरत वासियों ने तेजी से नई चीजों को समझा और उनका प्रयोग अपने व्यापार में करने लगे. आज अगर सूरत हीरों और कपड़ों का हब बन पाया है तो इसका पूरा श्रेय सूरत के entrepreneurial लोगों को ही जाता है जिन्होंने अपनी धरती पर सिर्फ व्यापार होते हुए नहीं देखा बल्कि उसे खुद करना सीखा और सूरत को दुनिया के प्रमुख व्यापारिक केन्द्रों में से एक बना दिया. सूरत के लोगों के लिए दोस्तों एक Comment तो बनता है. और अगर आप खुद सूरत से हैं तो इस लेख को इतना शेयर करिए कि हर भारतीय सूरत की ये शानदार कहानी जान जाए.
सुरतियों के बिजनेस acumen के कारण सूरत भारत ही नहीं बल्कि दुनिया का major trading center बन चुका था … जिसे एम्पोरियम ऑफ़ इंडिया के नाम से जना जाता था और यहाँ से भारत कपड़ों, हीरे-जवाहरातों, मसालों, चाय इत्यादि एक्सपोर्ट करता था. इस समय तक सूरत टेक्सटाइल manufacturing और शिप बिल्डिंग के क्षेत्र में अग्रणी बन चुका था.
लेकिन जैसे हर एक रोचक कहानी में होता है सूरत की दास्ताँ में भी एक interesting twist आ गया.
बढ़ते हुए व्यापार के कारण सूरत पोर्ट पर जहाँ एक तरफ लोड बढ़ता जा रहा था वहीं इसके तटों पर जमा सिल्ट के कारण जहाज़ों की आवाजाही मुश्किल होती जा रही थी. यही कारण था कि अंग्रेजों ने सूरत की जगह किसी नए बेहतर प्राकृतिक पोर्ट की तालाश शुरू कर दी… और ये तलाश बॉम्बे जा कर पूरी हुई.
यहीं से बॉम्बे का भारत की आर्थिक राजधानी बनने का सफ़र शुरू हुआ. लेकिन पता है अंग्रेजों ने बॉम्बे को डेवलप करने के लिए किसे चुना…. सूरत की बनिया community को… क्योंकि उनके पास बिजेनस करने का ५०० सालों का अनुभव था और वे एक साथ मिलकर रहना भी जानते थे….हिन्दू, मुस्लिम जैन, पारसी हर तरह की ट्रेडिंग कम्युनिटी सूरत से बॉम्बे आकर व्यापार करने लगी…. इसीलिए आज भी मुंबई के सबसे अमीर लोगों में गुजरातियों की बड़ी संख्या है… और उसमे भी ऐसे लोग सबसे अधिक हैं जिनके पूर्वज कभी सूरत के बाज़ारों में बिजनेस किया करते थे.
दोस्तों, आज दुनिया भर में Mumbai Spirit की चर्चा होती है…. कहते हैं कि चाहे जितनी बड़ी आपदा आ जाए मुंबई अगले दिन काम पे निकल जाती है…. दोस्तों, ये spirit भी सूरत से ही मुंबई ट्रान्सफर हुई है…. सूरत पर कई बार बड़ी आपदाएं आ चुकी हैं लेकिन सूरत हर बार आपदा को अवसर में बदल कर गर्व से खडा हो जाता है …. जब 1994 में प्लेग आया तब सूरत वासियों ने 1996 में सूरत को भारत की cleanest city बना दिया, और आज भी जब पूरा शहर सो रहा होता है तो यहाँ के सफाई कर्मचारी रात-रात भर काम कर शहर को भारत का सबसे साफ़ शहर बना रहे होते हैं….
और कौन भूल सकता है 2006 की बाढ़ को… तब 80 % Surat में पानी घुस गया था … तब दुनिया को लगा कि सूरत अब 10 साल पीछे चला जाएगा और अपनी प्रेजेंट सिचुएशन में आने में इसे 5 साल लगेंगे.
लेकिन हमने दुनिया को हैरान करते हुए सिर्फ २ महीने के रिकॉर्ड समय में सबकुछ सामन्य कर दिया … और मैं बड़े फक्र के साथ बताना चाहूँगा कि जब 2011 में जापान में सुनामी आई तब जापान ने कहा …. “इस भारी आपदा से लड़ने और फिर से राइज करने के प्रेरणा हमें सूरत के लोगों से मिली है जिन्होंने 2006 की बाढ़ के बाद असम्भव को संभव कर दिखाया था.”
सूरत के इस जज्बे के लिए आप क्या कहना चाहंगे …. मुझे कमेंट में पढ़कर ख़ुशी होगी ….so please comment ज़रूर करें …
दोस्तों, सचमुच मेरा शहर सूरत सबसे ख़ास है! आज के परिपेक्ष में भी बात करें तो – (Interesting Facts about Surat)
- सूरत दुनिया का सबसे तेजी से विकसित हो रहा शहर है… per capita income देखी जाए तो साढ़े 4 लाख रु की सालाना per capita income के साथ सूरत भारत में सबसे आगे है.
- सूरत 60 Bn $ की GDP के साथ भारत की टॉप १० रिचेस्ट सिटीज में आता है…
- वहीँ GDP growth rate की बात की जाय तो 11.5% growth rate के साथ सूरत भारत में पहले स्थान पर है.
- सूरत ही वो शहर है जहाँ पहली बार सड़कों पर CCTV कैमरे लगाए थे… Flyovers की संख्या के मामले में भी यह शहर भारत में सबसे आगे है.
- सूरत की हीरा मंडी विश्व विख्यात है… पृथ्वी पर जितने भी हीरे हैं उनमे से 90% से अधिक की कटाई और पॉलिशिंग का काम सूरत में ही होता है.
- और मैं अपनी इंडस्ट्री यानी टेक्सटाइल इंडस्ट्री की बात करूँ तो सूरत सफलता के शिखर पर खडा है. सूरत कपड़ा उद्योग लगभग साढ़े 7 लाख बुनाई मशीनों के साथ सूरत हर रोज 25 मिलियन मीटर कपड़े का उत्पादन करता है।
- अकेले अजमेरा फैशन हर साल दस लाख से अधिक गारमेंट्स manufacture करता है जिसे दुनियाभर के ३० से अधिक देशों में एक्सपोर्ट किया जाता है.
सूरत की एक और खासियत है…. (unique specialty of Surat)
हम सूरत वाले स्ट्रीट फ़ूड जम कर एन्जॉय करते हैं… हम सड़कों पर बैठ कर मस्ती से स्ट्रीट फ़ूड का लुत्फ़ उठाते हैं … यहाँ तक की लोग घरों से dishes बना कर लाते हैं और साथ में रोड साइड में बैठ कर खाते हैं….ऐसा कल्चर कहीं और देखने को नहीं मिलता…
दोस्तों, किसी भी सूरत में सूरत आगे बढ़ते रहने वाला है… अगर आप भी साथ में ग्रो होना चाहते हैं तो इस शहर से नाता ज़रूर जोड़िये…. खासतौर पर जो लोग कपड़ों का बिजनेस कर रहे हैं या करना चाहते हैं वे यहाँ manufacture हो रहे क्वालिटी प्रोडक्ट्स को कम से कम दाम में प्राप्त कर अपने बिजनेस में बड़ा मुनाफ़ा कमा सकते हैं.
इस काम में मेरी कम्पनी अजमेरा फैशन 30 सालों से कपड़ा व्यापारियों की मदद कर रही है और हर साल 20 हाजार से अधिक लोग हमारे साथ जुड़ कर कपड़ों का बिजनेस शुरू करते हैं…. अगर आप भी रेडीमेड गारमेंट का व्यापार शुरू करना चाहते हैं तो हमसे ज़रूर संपर्क करें.
इन्ही शब्दों के साथ मैं इस लेख को समाप्त करना चाहूँगा. उम्मीद है आपको सूरत की पूरी जानकारी देने का मेरा ये प्रयास अच्छा लगा होगा.
आपका दिन मंगलमय हो और आप जीवन में खूब तरक्की करें!
जय सूरत जय भारत
दोस्तों, उम्मीद करता हूँ टेक्सटाइल इंडस्ट्री पर ये जानकारी आपके काम आएगी और साथ ही आशा करता हूँ कि लाखों करोड़ों लोगों की तरह आप भी इस इंडस्ट्री का हिस्सा बना कर अपना उज्ज्वल भविष्य का निर्माण कर पायेंगे.
धन्यवाद!
Ajay Ajmera
Founder Ajmera Fashion
Surat, Gujarat
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FAQs
Q1. सूरत किस लिए विख्यात है ?
A1: सूरत अपने वस्त्र और हीरा उद्योग के लिए विख्यात है?
Q2. सूरत किस नदी के किनारे स्थित है?
A2: तापी / ताप्ति
Q3. सूरत का पुराना नाम क्या था?
A3: स्वोरात
Q4: क्या सूरत भारत का सबसे स्वच्छ शहर है?
A4: नहीं, सूरत दुसरे नंबर पर है, cleanest city of India इंदौर है.
Q5: सूरत की लीडिंग टेक्सटाइल कम्पनी कौन है?
A5: अजमेरा फैशन
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Hemant says
i am also from surat . i really dont know about this , thanks for sharing such historical information.
Nikhil says
keep share blogs on more cities & states history. it is very intresting
POSJITU says
Hi i am Arief , Actually i read your article using google translate ,
Trending News says
Thanks for the post
Mahadev Dp says
I Am Surat Your write so much information in this single blog thanks for that
Rakshak Mart Express says
thanks for sharing about surat history. it’s really interesting things.
keep share blogs on more cities & states.
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Hridoy Hasan says
nice blog post and very helpful.