भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन में कुछ ऐसी तारीखें हैं जिन्हे कभी भी भुलाया नही जा सकता। 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर के जलियाँवाला बाग में घटी घटना को याद करके आज भी अंग्रेजों के क्रूर अत्याचार की तस्वीर आँखों को नम कर देती है। 13 अप्रैल को जलियाँवाला बाग में उपस्थित अनेक लोगों में जिनमें बच्चे और महिलाएं भी अधिक संख्या में थी, उन सबपर किये गये अमानवीय अत्याचार तथा क्रूरता का उदाहरण अन्यत्र नही मिलता। आज भी जलियाँवाला बाग में अनगिनत गोलियों के निशान जनरल डायर की क्रूरता याद दिलाते हैं। जलियाँवाला बाग … [Read more...]
आप भी कर सकते हैं ज़िंदगियाँ रौशन !
आपने "Joy of Giving" के बारे में ज़रूर सुना होगा. "जॉय ऑफ़ गिविंग" यानि औरों के लिए निःस्वार्थ भाव से की गयी सेवा, जिसके कई रूप हो सकते हैं, जैसे - किसी गरीब छात्र की फीस जमा करना, old age home में वक़्त बीताना, किसी slum में जाकर पढ़ना etc. दोस्तों, ईश्वर ने हमें कुछ ऐसा बनाया है कि हमारी आत्मा को सबसे ज्यादा सुख -संतुष्टि तभी मिलती है जब हम बिना किसी अपेक्षा के औरों की मदद करते हैं . और हममें से लगभग हर कोई ऐसा करना चाहता है …पर unfortunately कर नहीं पाता . लेकिन आज मैं आपके साथ एक ऐसी … [Read more...]
महान वैज्ञानिक मैडम मैरी क्युरी का प्रेरणादायी जीवन
भारत में एवं विश्व के अनेक देशो में अनगिनत महिलाओं ने अपनी उपलब्धियों से अपने देश का नाम रौशन किया है। कुछ महिलाएं अपने कार्य तथा अपनी सोच के कारण हर किसी के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। जनहित और राष्ट्र कल्याण के लिए अपने प्राणों की भी परवाह न करने वाली मैडम क्युरी समस्त विश्व के लिए एक आर्दश उदाहरण हैं। लिंग और सिमाओं से परे हर किसी के लिए मैरी क्युरी प्रेरणा स्रोत हैं। मैडम क्युरी एक रशियन महिला थीं। उनका जन्म वारसा (पोलैंड) में 7 नवंबर 1867 को हुआ था। माता पिता सुयोग्य अध्यापक थे। माँ … [Read more...]
गाँधी जी और उनका ग्राम समाज का सपना !
मित्रों , आज ३० जनवरी है , आज ही के दिन सं १९४८ में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या कर दी गयी थी। इस दिन को हम शहीद दिवस (Martyr's Day) के रूप में मनाते हैं। सत्य और अहिंसा के पुजारी महात्मा गाँधी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उनके करिश्माई व्यक्तित्व तथा उनके विचारों का, न केवल भारत पर वरन पूरे विश्व पर व्यापक प्रभाव पङा है। गाँधी जी आत्म प्रेरित सामाजिक सिद्धान्तकार थे। गाँधी जी ग्राम समाज के प्रबल पक्षधर थे। वे चाहते थे कि सत्ता का विकेन्द्रीकरण हो और गॉव के लोग स्वयं अपना प्रशासन … [Read more...]
स्वामी विवेकानंद का युवाओं को संदेश
आज अत्याधुनिक युग में भी अनेक युवा; स्वामी विवेकानंद जी की बातों का अनुसरण करते हैं एवं उनके उपदेशों को आत्मसात करने का प्रयास कर रहे है। युवाओं में अत्यधिक लोकप्रिय स्वामी विवेकानंद जी ने युवाओं की जिज्ञासाओं का समय-समय पर अत्यधिक सहज और तर्क संगत तरीके से समाधान किया है। स्वामी जी के अनेक प्रसंग आज भी हम सभी के लिए पथ-प्रदर्शक हैं। ऐसे ही एक प्रसंग को आप सबसे साझा करने का प्रयास कर रहे हैं। स्वामी विवेकानंद जी जब अलवर प्रवास पर थे तब एक दिन कुछ युवा अपनी जिज्ञासा शांत करने स्वामी जी के … [Read more...]
भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के चुम्बकीय भाषण
राजनीति के गलियारे में भूतपूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का ओजस्वी भाषण और गम्भीर लेखन अपना एक विशेष स्थान रखता है। उनकी एक आवाज पर सभी कार्यकर्ता एक जुट होकर देशहित के लिये कार्य करने के लिये तद्पर रहते थे। उनके भाषण किसी चुम्बक के समान हैं, जिसको सुनने के लिये लोगों का हुजूम बरबस ही उनकी तरफ खिंचा आता था। विरोधी पक्ष भी अटल जी के धारा प्रवाह और तेजस्वी भाषण का कायल रहा है। अटल जी के भाषण, शालीनता और शब्दों की गरिमा का अद्भुत मिश्रण है। उनकी वाणी में ऐसी मोहनी है कि, लोग … [Read more...]
लोकतांत्रिक समाजवाद के प्रर्वतक जवाहरलाल नेहरु
उच्चकोटी के विचारक तथा लोकतांत्रिक समाजवाद के समर्थक जवाहरलाल नेहरु महान मानवतावादी थे। बच्चों के प्रिय चाचा नेहरु अपने देश में ही नही वरन सम्पूर्ण विश्व में सम्मानित और प्रशंशनीय राजनेता थे। मानव-मात्र का उत्थान, कल्याण तथा उनका सुख एवं आंनद नेहरु जी के चिंतन की धुरी थे। उनका मानवीय दृष्टीकोंण ही था कि, वे गुलामी को मनुष्य पर होने वाला सबसे बङा अत्याचार मानते थे। स्वतंत्रता प्राप्ति हेतु संघर्ष करने वाले देश उन्हे अपना सच्चा हमदर्द और मसीहा मानते थे। मानवीय गरिमा को उच्चतम शिखर तक … [Read more...]
महात्मा गांधी का सत्याग्रह
भारत माता को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त कराने के लिए कई आन्दोलन हुए। जिसमें सत्याग्रह आन्दोलन का अपना एक विशेष महत्व है। "सत्याग्रह' का मूल अर्थ है 'सत्य' के प्रति 'आग्रह', ये दोनो ही शब्द संस्कृत भाषा के शब्द हैं। सत्याग्रह का मूल लक्षण है, अन्याय का सर्वथा विरोध करते हुए अन्यायी के प्रति वैरभाव न रखना। गांधी जी ने दक्षिण अफ़्रीका के ट्रांसवाल में औपनिवेशिक सरकार द्वारा एशियाई लोगों के साथ भेदभाव के क़ानून को पारित किये जाने के ख़िलाफ़ 1906 में पहली बार सत्याग्रह का प्रयोग किया था। … [Read more...]
महान वनस्पति वैज्ञानिक डॉ. बीरबल साहनी
संसार को रोचक जानकारियों से मुग्ध करने वाले पुरा वनस्पती शास्त्र वैज्ञानिक बीरबल साहनी का जन्म 14 नवम्बर 1891 में हुआ था। उनके पिता का नाम प्रो. रुचीराम साहनी था। उनका जन्म शाहपुर जिले के भेङा नामक गॉव में हुआ था। भेढा, दरअसल नमक की चट्टानों से एवं पहाङियों से घिरा हुआ भूगर्भ विज्ञान का अजायब घर जैसा दिखने वाला गॉव था। बालक बीरबल का लालन पालन इस सुंदर रमणीय वातावरण में हुआ। उन्हे बचपन से ही जीवाष्म आदि देखने को मिले। पिता रुचीराम साहनी ने भी घर में बौद्धिक और वैज्ञानिक वातावरण बना रखा … [Read more...]
विचारों की शक्ति
हमारी सकारात्मक सोच, सकारात्मक संवाद और सकारात्मक कार्यों का असर हमें सफलता की ओर अग्रसर करते हैं। वहीं निराशा तथा नकारात्मक संवाद व्यक्ति को अवसाद में ले जाते हैं क्योंकि विचारों में बहुत शक्ति होती है। हम क्या सोचते हैं, इस बात का हमारे जीवन पर बहुत गहरा असर होता है। इसीलिए अक्सर निराशा के क्षणों में मनोवैज्ञानिक भी सकारात्मक संवाद एवं सकारात्मक कहानियों को पढने की सलाह देते हैं। हमारे सकारात्मक विचार ही मन में उपजे निराशा के अंधकार को दूर करके आशाओं के द्वार खोलते हैं। स्वामी … [Read more...]
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