आज की तेज रफ्तार जिंदगी में हर कोई सबसे आगे जाना चाहता है। ये कहना अतिश्योक्ति न होगी कि हर कोई जीतना चाहता है। जीत का जज़बा किसी भी देश के विकास का सुचक है। परन्तु इस बात पर गौर करना ज्यादा जरूरी है कि हमने सफलता की रेस में आगे बढने के लिए ईमानदारी से कितनी कोशिश की। जिंदगी की प्रत्येक रेस में कभी किसी को जय मिलती है तो कभी किसी को पराजय का सामना करना पड़ता है। लेकिन यदि हम अपना दिमाग खुला रखें तो हर अनुभव हमें समृद्ध बनाता है। सही अभ्यास के साथ जब भी हम अपनी बंधी-बंधाई योग्यता से ऊपर उठकर कुछ … [Read more...]
नेल्सन मंडेला का प्रेरणादायी जीवन
अब्राहम लिंकन और मार्टिन लूथर किंग के विचारों को मानने वाले, दक्षिण अफ्रिका के गाँधी नेल्सन मंडेला का जन्म बासा नदी के किनारे ट्रांस्की के मवेंजो गाँव में 18 जुलाई, 1918 को हुआ था। माता का नाम नोमजामो विनी मेडीकिजाला था, वे एक मैथडिस्ट थीं। पिता का नाम गेडला हेनरी था। वे गाँव के प्रधान थे। उन्होने बालक का नाम रोहिल्हाला रखा, जिसका अर्थ होता है पेङ की डालियां तोङने वाला या प्यारा शैतान बच्चा। बारह वर्ष की अल्प आयु में उनके सर से पिता का साया उठ गया था। नेल्सन मंडेला की प्रारंभिक शिक्षा … [Read more...]
युवा शक्ति के प्रतीक स्वामी विवेकानंद
उन्नीसवीं शताब्दी में विदेशी शासन की दासता से दुखी और शोषित हो रही भारतीय जनता को जिन महापुरुषों ने अंग्रेजों के विरुद्ध संर्घष के लिए प्रोत्साहित किया उनमें, स्वामी विवेकानंद जी प्रमुख थे। अपनी ओजस्वी वांणी से उन्होने जन-मानस के मन में स्वतंत्रता का शंखनाद किया। अपनी मातृभूमि के प्रति उनके मन में अत्यधिक सम्मान था। भारत माता की गुलामी और उसके तिरस्कार को देखकर स्वामी जी का मन व्याकुल हो जाता था। उनके मन में राष्ट्रप्रेम कूट-कूट कर भरा था। मद्रास के अनेक युवा शिष्यों को उन्होने लिखा था कि, “भारत … [Read more...]
भारत रत्न डॉ मोक्षमुंडम विश्वेश्वरैया का प्रेरणादायी जीवन
भारत को गौरवशाली बनाने में हमारे वैज्ञानिकों का विशेष योगदान है। भारत के अनेक वैज्ञानिकों ने हमारे जीवन को सुगम और सरल बनाया है। उनके द्वारा किये गये आविष्कारों से हम सब का जीवन पहले से बेहतर हुआ है और कार्य-प्रणाली अधिक आसान हुई है। ऐसे ही एक वंदनीय वैज्ञानिक एवं श्रेष्ठ अभियंता, आधुनिक भारत के विश्वकर्मा, भारतीय विकास के जनक डॉ. मोक्षमुंडम विश्वेश्वरैया का जन्म 15 सितंबर 1861 कर्नाटक के कोलार जिले में हुआ था, जो सोने की खानों के लिए प्रसिद्ध है। उनके पिता का नाम श्रीनिवास शास्त्री था, जो … [Read more...]
सरस्वति पुत्र अटल बिहारी वाजपेयी | Atal Bihari Vajpayee Biography in Hindi
राष्ट्रिय क्षितिज पर स्वच्छ छवि के साथ अजातशत्रु कहे जाने वाले कवि एवं पत्रकार, सरस्वति पुत्र अटल बिहारी वाजपेयी, एक व्यक्ति का नाम नही है वरन् वो तो राष्ट्रिय विचारधारा का नाम है। राष्ट्रहित एवं राष्ट्रभाषा हिन्दी के प्रबल पक्षधर अटल जी राजनेताओं में नैतिकता के प्रतीक हैं। अटल जी का जन्म 25 दिसम्बर 1924 को ब्रह्ममुहर्त में ग्वालियर में हुआ था। मान्यता अनुसार पुत्र होने की खुशी में जहाँ घर में फूल की थाली बजाई जा रही थी तो वहीँ पास के गिरजाघर में घंटियों और तोपों की आवाज के साथ प्रभु ईसामसीह … [Read more...]
युगदृष्टा जवाहरलाल नेहरु Pandit Jawaharlal Nehru Essay in Hindi
Pandit Jawaharlal Nehru Essay in Hindi पंडित जवाहरलाल नेहरु पर हिंदी निबंध व जीवनी युगदृष्टा जवाहरलाल नेहरु जी का जन्म 14 नवम्बर, 1889 को इलाहाबाद के एक अतिसंपन्न परिवार में हुआ था। कानून शास्त्र के ज्ञाता मोतीलाल नेहरू उनके पिता थे जो जटिल से जटिल मामलों को भी बङी सरलता से हल कर देते थे। उनकी माँ का नाम स्वरूप रानी नेहरू था। Related: लोकतांत्रिक समाजवाद के प्रर्वतक जवाहरलाल नेहरु (नेहरु जयंती पर लेख) मोतीलाल जी के घर में कभी भी किसी प्रकार की घार्मिक कट्टरता और भेद-भाव नही बरता जाता था। … [Read more...]
विज्ञान की अमर विभूति सर जगदीश चंद्र बसु
Sir Jagadish Chandra Basu Life Essay in Hindi सर जगदीश चन्द्र बसु की जीवनी पेङ पौधौं से संबन्धित सवालों की जिज्ञासा बचपन से लिए, धार्मिक वातावरण में पले, जिज्ञासु जगदीश चंद्र बसु का जन्म 30 नवंबर, 1858 को बिक्रमपुर हुआ था, जो अब ढाका , बांग्लादेश का हिस्सा था । आपके पिता श्री भगवान सिंह बसु डिप्टी कलेक्टर थे। उस दौर में अफसर लोग अपने बच्चे को अंग्रेजी स्कूल में ही पढाकर अफसर बनाना चाहते थे। परन्तु पिता श्री भगवान सिंह बसु अपने बेटे को अफसर नही बल्की सच्चा देश सेवक बनाना चाहते थे। इसलिए … [Read more...]
समय का सदुपयोग Hindi Essay on Importance of Time
समय का सदुपयोग / Hindi Essay on Importance of Time समय, सफलता की कुंजी है। समय का चक्र अपनी गति से चल रहा है या यूं कहें कि भाग रहा है। अक्सर इधर-उधर कहीं न कहीं, किसी न किसी से ये सुनने को मिलता है कि क्या करें समय ही नही मिलता। वास्तव में हम निरंतर गतिमान समय के साथ कदम से कदम मिला कर चल ही नही पाते और पिछङ जाते हैं। समय जैसी मूल्यवान संपदा का भंडार होते हुए भी हम हमेशा उसकी कमी का रोना रोते रहते हैं क्योंकि हम इस अमूल्य समय को बिना सोचे समझे खर्च कर देते हैं। विकास की राह में समय की बरबादी … [Read more...]
जय श्री कृष्ण | श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर निबन्ध
श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर निबंध Shree Krishna Janmashtami Essay in Hindi यशोदा नंदन, देवकी पुत्र भारतीय समाज में कृष्ण के नाम से सदियों से पूजे जा रहे हैं। तार्किकता के धरातल पर कृष्ण एक ऐसा एकांकी नायक हैं, जिसमें जीवन के सभी पक्ष विद्यमान है। कृष्ण वो किताब हैं जिससे हमें ऐसी कई शिक्षाएं मिलती हैं जो विपरीत परिस्थिति में भी सकारात्मक सोच को कायम रखने की सीख देती हैं। कृष्ण के जन्म से पहले ही उनकी मृत्यु का षड्यंत्र रचा जाना और कारावास जैसे नकारात्मक परिवेश में जन्म होना किसी त्रासदी से … [Read more...]
१५ अगस्त : स्वतंत्रता दिवस 15th August Independence Day Essay in Hindi 2022 For Students
१५ अगस्त : स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 15th August Independence Day Essay in Hindi For Students 2022 आजादी कहें या स्वतंत्रता ये ऐसा शब्द है जिसमें पूरा आसमान समाया है। आजादी एक स्वाभाविक भाव है या यूँ कहें कि आजादी की चाहत मनुष्य को ही नहीं जीव-जन्तु और वनस्पतियों में भी होती है। सदियों से भारत अंग्रेजों की दासता में था, उनके अत्याचार से जन-जन त्रस्त था। खुली फिजा में सांस लेने को बेचैन भारत में आजादी का पहला बिगुल 1857 में बजा किन्तु कुछ कारणों से हम गुलामी के बंधन से मुक्त नही हो सके। वास्तव … [Read more...]
- « Previous Page
- 1
- …
- 3
- 4
- 5
- 6
- 7
- 8
- Next Page »