विद्यालय में सब उसे मंदबुद्धि कहते थे । उसके गुरुजन भी उससे नाराज रहते थे क्योंकि वह पढने में बहुत कमजोर था और उसकी बुद्धि का स्तर औसत से भी कम था।
कक्षा में उसका प्रदर्शन हमेशा ही खराब रहता था । और बच्चे उसका मजाक उड़ाने से कभी नहीं चूकते थे । पढने जाना तो मानो एक सजा के समान हो गया था , वह जैसे ही कक्षा में घुसता और बच्चे उस पर हंसने लगते , कोई उसे महामूर्ख तो कोई उसे बैलों का राजा कहता , यहाँ तक की कुछ अध्यापक भी उसका मजाक उड़ाने से बाज नहीं आते । इन सबसे परेशान होकर उसने स्कूल जाना ही छोड़ दिया ।
अब वह दिन भर इधर-उधर भटकता और अपना समय बर्वाद करता । एक दिन इसी तरह कहीं से जा रहा था , घूमते – घूमते उसे प्यास लग गयी । वह इधर-उधर पानी खोजने लगा। अंत में उसे एक कुआं दिखाई दिया। वह वहां गया और कुएं से पानी खींच कर अपनी प्यास बुझाई। अब वह काफी थक चुका था, इसलिए पानी पीने के बाद वहीं बैठ गया। तभी उसकी नज़र पत्थर पर पड़े उस निशान पर गई जिस पर बार-बार कुएं से पानी खींचने की वजह से रस्सी का निशाँ बन गया था । वह मन ही मन सोचने लगा कि जब बार-बार पानी खींचने से इतने कठोर पत्थर पर भी रस्सी का निशान पड़ सकता है तो लगातार मेहनत करने से मुझे भी विद्या आ सकती है। उसने यह बात मन में बैठा ली और फिर से विद्यालय जाना शुरू कर दिया। कुछ दिन तक लोग उसी तरह उसका मजाक उड़ाते रहे पर धीरे-धीरे उसकी लगन देखकर अध्यापकों ने भी उसे सहयोग करना शुरू कर दिया । उसने मन लगाकर अथक परिश्रम किया। कुछ सालों बाद यही विद्यार्थी प्रकांड विद्वान वरदराज के रूप में विख्यात हुआ, जिसने संस्कृत में मुग्धबोध और लघुसिद्धांत कौमुदी जैसे ग्रंथों की रचना की। “
आशय यह है कि हम अपनी किसी भी कमजोरी पर जीत हांसिल कर सकते हैं , बस ज़रुरत है कठिन परिश्रम और धैर्य के साथ अपने लक्ष्य के प्रति स्वयं को समर्पित करने की।
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इन कहानियों को भी ज़रूर पढ़ें:
-Bharat Lakhmani Varanasi , U.P
Bharat is pursuing MBA from Rajarshi School of Management & Technology, Varanasi. He also runs a ready-made garment showroom in the city.
I am grateful to Bharat for sharing this inspirational story with AKC. Thanks a lot.
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Raj Jangir says
Really great inspiring story.
karnail Singh khem karan says
बाल्यकाल में पढाई जाने वाली, एक प्राचीन एवं सत्य कथा |
“करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान |
रसरी आवत जात ते ,सिल पर परत निसान ||”
Purushottam kumar says
Mehnat jo ki ji todkar , hr sauk se muh modkar kr doge dum me faisala .. Mehnat kro mehnat kro.
JAI MA SARSWATI
mukesh kumar says
sir,,,, this the best inspirational story for all students who feel weak themselves….thanks…
Subham Kumar Padhee says
Dhayawaad,mei iss kahani ko kabse dhoond raha tha.
Yaha hamare chauthi kaksha mei tha.Mujhe prerna ki zarurat thi.Mei isse 11 saal baad padh raha hu.bas ek naam matra yaad tha Vardaraaj.
Dhanyawaad
surender singh says
Hi,it is very good storye for those student who are very poor in study.
Rajesh man says
Dear Sir very nice story ,thank u
Man ke Hare haar hai
Man ke JITE JEET !!
Kailas Patil says
wah wah..really true……insaan ki kismat usi ke hath mai hoti ….
Raju Chauhan says
-Bharat Lakhmani Ji! aapka lekh behad sarahniy hai,. asha hai aap future me bi ese lekh likhna jari rakhenge, apko koti-2 pirnaam-9999501499
D K Dhiman says
It is a good story I will share it with my students in the morning assembly.
RAJ says
nice story
n
ye blog bahut hi achchha hai.
stories amazing hai.