कुछ ही दिनों में दीपावली आने वाली है। उम्मीद करता हूँ आपकी तैयारियां भी जोरों पर होंगी। आप भी अपने घर की साफ़-सफाई में जुटे होंगे और उसकी साज-सज्जा के लिए भी खरीदारी कर रहे होंगे.
दीपावली दीपों का त्यौहार है, दीपावली का अर्थ ही होता है दीपों की कतार. लेकिन आज के आधुनिक युग ने इस त्योहार को बदल कर रख दिया है। वो दीपक कहीं खो से गये हैं जो वास्तव में इस त्यौहार की आत्मा हैं. अब उनकी जगह इलेक्ट्रिक लाइटों और झालरों ने ले ली है।
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इस लेख के माध्यम से मैं आपको उन मिट्टी के दीपकों की याद दिलाना चाहता हूँ जिन्हें जलाकर हम सब बड़े हुए हैं. आज मैं अच्छीखबर.कॉम के माध्यम से आप सबसे पुनः उन दीपकों को उनका उचित स्थान देने की अपील कर रहा हूँ…और ऐसा मैं सिर्फ अपनी emotions की वजह से नहीं बल्कि दीपकों के प्रयोग के महत्त्व व फायदों की वजह से कह रहा हूँ. तो आइये जानते हैं कि –
क्यो इस्तेमाल करने चाहिए मिट्टी के दीपक?
1. बारिश के खत्म होने के बाद हमारे वातावरण में बहुत से कीट-पतंग और हानिकारक रोगाणु बड़ी संख्या में घूमते रहते है। इनकी वजह से बहुत सी बीमारिया फैलती हैं। जब हम दीपावली पर मिट्टी के दीपक जलाते है तो वे ना सिर्फ हमें रौशनी देते हैं, बल्कि उनकी लौ में जल कर चारों ओर फैले कीट-पतंग और रोगाणु भी समाप्त हो जाते हैं।
2. बिजली के शो लाइट की जगह मिट्टी के दीपक प्रयोग करने चाहिए क्योंकि ये लाइटों की अपेक्षा ये अधिक आकर्षक भी लगते हैं और हमारे शरीर के लिए भी उपयोगी है।
3.अगर हम मिट्टी से बने दीपक इस्तेमाल करते है तो आमतौर पे उसका पैसा एक गरीब कुम्हार के घर जाता है और उसका घर भी रौशन होता है. और इस कारण से आर्थिक दृष्टिकोण से भी ये चाइनीज लाइटो की तुलना में हमारे देश के लिए बेहतर विकल्प है.
4. दीपक के प्रकाश की किरणें चुंबकीय बल पैदा करती हैं जो मानव की त्वचा के माध्यम से प्रवेश करती हैं और तंत्रिकाओं को सक्रिय करती हैं।
5. मिट्टी के दीपक निर्माण के समय, टूट जाने पर एवं फेक देने पर पर्यावरण को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाते हैं, जबकि इलैक्ट्रिक लाइट वगैरह ज़्यादातर प्लास्टिक से बने होते है जो वातावरण के लिए ठीक नहीं है।
विभिन्न तरह के दीपक जलाने के फायदे व महत्त्व
दीपावली पर दीपको मे विभिन्न प्रकार के तेलों एवं घी का प्रयोग किया जाता है। आइये जानते हैं कि इसके क्या लाभ हैं-
गाय के घी का दीपक- गाय का घी आनंद और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है एवं सेहत के लिए भी अत्यंत उत्तम व लाभदायक माना जाता है।
तिल के तेल का दीपक- माना जाता है की तिल के तेल के दीपक जलाने से बुरे प्रभाव हट जाते है एवं अशुभ घटनाएं टल जाती है। इस तेल के दीपक से त्वचा सबंधित रोगो में भी लाभ मिलता है।
अरंडी के तेल का दीपक- माना जाता है की इस तेल के दीपक जलाने से आध्यात्मिक बुद्धि का विकास होता है और खुशियो का आगमन भी होता है।
वनस्पति तेल का दीपक- वनस्पति तेल को पर्यावरण का सबसे अच्छे प्रकाश के स्त्रोत के लिए जाना जाता है। माना जाता है की इनके प्रयोग से घर मे शांति एवं खुशियाँ आती हैं।
और इन सबसे बढ़कर-
दीपक खुद जलकर दूसरों का जीवन प्रकाशित करने की सीख देते हैं.
आइये, इस दीपावली एक बार फिर हम अपने बचपन की ओर लौटें और मिट्टी के दीपकों से इस जग को रौशन करें।
आप सभी को दीपावली ही हार्दिक शुभकामनाएं!

बहुत अच्छी बात शेयर की है आपन… आपका बहुत बहुत धन्यवाद…
Nice post sir,logo ko ab jagruk hone ki jarurat hai patakhe kam diye jada jalane ki jarurat hai.
Nice article
nice china ke saman se bache
Nice post, जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतना अंधेरा धरा पर कही रह न जाये
बहुत अच्छा लेख । एक तरफ जहां मिट्टी के दीपक जलाने से घर रोशन होता है तो दूसरी तरफ इससे कई लोगो के घर मे चूल्हे जलते है ।
सही कहा आपने। ये दीपक जलाकर भी रोशनी दे सकते है तो क्या हम अपनी जिंदगी का एक छोटा सा हिस्सा कुर्बान नही कर सकते क्या जिन्हें इनकी जरूरत है!
दीपावली पर मिट्टी के दीपक जलाना हमारी परंपरा का हिस्सा है और आत्मदीपो भव आध्यात्म की अंतिम सोपान | साथ ही जैसा की आपने कहा कि दीपक खुद जलकर दूसरों के जीवन को प्रकाशित करने की बहुत ही सार्थक सीख देते हैं | बिजली से चलने वाली झालरें केवल ऊपरी चमक -दमक है | हम सभी को दीपावली में मिट्टी के दीपक जलाने चाहिए |सार्थक आलेख
आपने इस लेख को सही रूप से पढ़ा और समझा इसके लिए धन्यवाद।
Bahut hi achhi jankari.
such a good post
धन्यवाद Achhikhabar.com