दोस्तों, हम सभी के जीवन में एक गुरु का, एक शिक्षक का महत्त्वपूर्ण स्थान होता है. शिक्षक दिवस ( Teachers Day), गुरु-पूर्णिमा व अन्य अवसरों पर हम गुरु को विशेष सम्मान देते हैं और उन्हें हमारे जीवन में ज्ञान का प्रकाश प्रज्ज्वलित करने के लिए धन्यवाद देते हैं.
आज AchhiKhabar.Com पर मैं आपके साथ अभिषेक सिंह जी द्वारा लिखी; गुरु की आराधना करती एक उत्कृष्ट कविता प्रस्तुतु कर रहा हूँ, जिसे आप इन विशेष अवसरों पर प्रयोग कर सकते हैं.
Shikshak Diwas Par Kavita / गुरु पर कविता
“गुरु वन्दना”
राग रंग का ज्ञान नहीं फिरभी मैं वन्दन करता हूँ,
ऐ गुरुवर तेरे चरणों में मैं भाल से चन्दन करता हूँ।
मेरे जीवन में जो दिखता वो व्यवहार तुम्हीं तो हो,
जो कुछ पाया मैनें उसका तो आधार तुम्हीं तो हो।
नागफनी के काँटो में जो तुमनें फूल खिलाएँ हैं,
वो फूल शब्द में संशोधित हो तुम पर खिलने आएँ हैं।
अक्षर अक्षर जोड़ आपकी महिमा मंडन करता हूँ,
ऐ गुरुवर तेरे चरणों में मैं भाल से चन्दन करता हूँ।
हम अपनी मंजिल पा जायें पूरा जोर लगाते हो,
जब हम आगे बढ जाते तो मन ही मन मुस्काते हो।
हमको अपनीं सुखद छाँव दे जाने वाले तरुवर हो,
हमको सत पथ पर ले जाने वाले मेरे गुरुवर हो।
गाड़ी बंगला नौकर चाकर सब समृद्धी सम्भव है,
ज्ञान आपसे मिला जो हमको वो ही सच्चा वैभव है।
बारम्बार आपका गुरुवर मैं अभिनंदन करता हूँ,
ऐ गुरुवर तेरे चरणों में मैं भाल से चन्दन करता हूँ।
शिक्षा शुचिता और समर्पण बातें गहन सिखाई है,
तमस हृदय का दूर भगाया ज्ञान की अलख जगाई है।
धरती सा धीरज धरनें का ज्ञान फूँकनें वाले हो,
हम सब के सपनों में गुरुवर जान फूँकनें वाले हो।
यदि मुझमें उथला है तो तुम सागर सी गहराई हो,
यदि मुझमें कुछ कमी बची तो तुम उसकी भरपाई हो।
अपनें हिय के भावों से कुछ शब्द आचमन करता हूँ,
ऐ गुरुवर तेरे चरणों में मैं भाल से चन्दन करता हूँ।
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जिला – उन्नाव,
अभिषेक जी एक निजी कंम्पनी में वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं. उन्हें कविराएं एवं गीत लिखने का शौक है. शिक्षक दिवस के अवसर पर गुरु के सम्मान में लिखी इस इस उत्कृष्ट कविता को हमारे साथ साझा करने के लिए हम उनके आभारी हैं.
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Note: This poem on Guru or Teacher may be used by students of class 5, 6, 7, 8, 9, 10, etc to recite on Teacher’s Day or Guru Purnima.
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Nice post I just love it keep it bro
Hii
Nice articles
Shiksha ko lekar apke vichar bahut acche hai bhai….
Once again a nice poem on achhikhabar.
Thanks for sharing
Guru vandana bahut sundar hai.
yeah its great that you mentioned here
sach baat hai agar teacher nahi hote to gyan pana bahut muskil hota
Very well written Abhishek Ji