अतुलनीय है हिंदी भाषा
( हिंदी दिवस पर लेख )
नियति हिंदी को भावीभाषा के रूप में प्रतिष्ठित करने में तत्पर है। आज कई भविष्यद्रष्टा का कहना है कि, हिंदी को विश्व – भाषा के रूप में प्रतिष्ठित होने से कोई रोक नही सकता।
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कई देशों में बोली जाती है हिंदी
आंकड़ों के आईने में देखें तो भारत में हिंदी बोलने वालों की संख्या सर्वाधिक है, और विश्व में भी इसका चौथा स्थान है।
शायद आपको जानकार आश्चर्य हो कि हिंदी सिर्फ हिन्दुस्तान में भी नहीं बल्कि विश्व के कई एनी देशों में बोली और समझी जाती है।
- भारत के अलावा फीजी एक ऐसा देश है जहां हिंदी को राज भाषा का दर्जा प्राप्त है।
- मॉरिशस में तो विश्व हिंदी सचिवालय की स्थापना हुई है, जिसका उद्देश्य हिंदीको विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित करना।
गौरतलब है कि, 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा में सर्वसम्मति से हिंदी को राजभाषा घोषित किया गया था। 1950 में अनुच्छेद 343 के अंतर्गत देवनागिरी लिपी में हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया। तभी से हिंदी को विश्वव्यापी सम्मान दिलाने का प्रयास जारी है।
2005 में विश्व के 160 देशों में हिंदी बोलने वालों की अनुमानित संख्या एक अरब, दस करोड़ तीस लाख थी। उस समय चीन की मंदारिन भाषा बोलने वालों का आंकड़ा इससे थोड़ा अधिक था परंतु वर्तमान में हिंदी भारत के अलावा नेपाल, मॉरिशस, सुरीनाम, फिजी, गयाना, ट्रिनीडाड और टोबेगो आदि देशों में बहुतायत में बोली जा रही है।
विश्व मंच पर हिंदी
भारत रत्न अटलबिहारी वाजपेयी जी ने सर्वप्रथम हिंदी को संयुक्त राष्ट्र में स्थापित करवाकर मान बढाया जिसको वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी विश्वव्यापी सम्माननिय बनाने में अग्रसर हैं। उनका सभी देशों के राष्ट्र अध्यक्षों से हिंदी में बात करना एक अनुकरणिय प्रयास है जो हिंदी भाषा को विश्वव्यापी सम्मान दिलाने में सफल कदम है।
हिंदी को गैर हिंदी भाषी क्षेत्रों और देशों में एक विशिष्ट सम्मान और जगह दिलाने का श्रेय बॉलीवुड को भी जाता है। अमेरिका, चीन और रूस समेत कई देशों में हिंदी फिल्मों को बहुत पसंद किया जाता है।
हिंदीभाषा का महत्व कितना है इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि, आज हिंदी देश की उन सात भाषाओं में से एक है, जिसका प्रयोग वेब एड्रेस(URL) बनाने के लिये किया जाता है।
वर्तमान में चीन के 20 विश्वविद्यालयों में हिंदी की शिक्षा दी जा रही है। चीनी न्यूज एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार केवल 70 प्रतिशत चीनी मंदारिन बोलते हैं जबकि भारत में हिंदी बोलने और समझने वालों की संख्या 78 प्रतिशत है। अमेरिका के 50 विश्वविद्यालयों में हिंदी को सम्मान के साथ पढाया जा रहा है, जिसकी संख्या निरंतर बढ रही है।
हिंदी हमारी पहचान
मित्रों, हिंदी एक समृद्ध भाषा है। इसका इतिहास एवं इसकी व्याकरण अत्यंत उन्नत है। हिंदी को भविष्य की भाषा कहना अतिश्योक्ति नही है। 1150 से हिंदी साहित्य की रचना हो रही है, जो निरंतर नई टेक्नोलॉजी में भी विकासशील है।
हिंदी भाषा हमारी संवेदना का प्रतीक है। आत्मियता से ओतप्रोत हिंदी भाषा का सम्मान करना हम सबका कर्तव्य है।
राष्ट्र की पहचान है हिंदी, हमारा अभिमान है हिंदी।
आइये हम सब मिलकर हिंदी को विश्व के शिखर पर ले जायें और हिंदी को सर्वव्यापक और शक्तिशाली बनाने में अपना योगदान दें।
अनिता शर्मा
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हिंदी दिवस पर यह लेख साझा ( Hindi Diwas Essay) करने के लिए हम अनिता जी के आभारी हैं। और हिंदी भाषा को समृद्ध बनाने में आपके योगदान की प्रशंसा करते हैं।
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Sir aap ke quotes bahot hi prernadayak hote hai.
Bahut bhadiya likha hai sir
mast hai article sach main bhut acha article hai or hume hindi bhasha ko aage bhadana chaiye guys
Hindi hamari maatri bhasa hai mujhe ispe garv , dhanayabad
very nice post!
Nice Post Sir Ji…
What an Article, Keep it up
बहुत खूब अनिता जी??
bahut hi achha lekh aapne publish kiya hai..bhai ab google ko bhi ahmiyat deni chahiye hindi ko…aur hindi blogs par CPC ko thoda badhana chahiye.