आज के कपल इतना झगड़ते क्यों हैं ?
Husband Wife Realtionship Issues in Hindi
रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय।
टूटे से फिर ना जुड़े, जुड़े गाँठ परि जाय॥
रहीम दास जी कहते हैं कि, प्रेम का रिश्ता बहुत नाज़ुक होता है। इसे झटका देकर तोड़ना यानी ख़त्म करना उचित नहीं होता। यदि यह प्रेम का धागा (बंधन) एक बार टूट जाता है तो फिर इसे जोड़ना कठिन होता है और यदि जुड़ भी जाए तो टूटे हुए धागों (संबंधों) के बीच में गाँठ पड़ जाती है।
मित्रों, आज जिस तरह की हवा चल रही है उसमें लव मैरिज एक आम बात हो गई है. ये एक ऐसी विधा है जो धर्म या जाति से परे है। इसमें पल में ही ऐसी अनुभूति का एहसास लड़के एवं लड़कियों को होने लगता है कि वो एक दूजे के लिये ही बने हैं और उन्हे एक दूसरे में कोई बुराई नजर नही आती। अंततः आज के अभिभावक भी यही समझते हैं कि बच्चे बालिग हैं मेच्योर हैं तथा आज की परिस्थिती को बेहतर समझते हैं और मनपसंद पार्टनर के साथ ज्यादा खुश रहेंगे।
जिससे वे बच्चों की पसंद को अपनी पसंद बना लेते हैं तथा विवाह की स्वीकृति में कोई अड़चन उत्पन्न नही करते। परंतु आजकल समाचार पत्रों में लव-बर्ड को लेकर जिस तरह की खबरे पढने को मिल रहीं हैं वो ह्रदय को व्याकुल कर दे रहीं हैं। प्यार मोहब्त के चक्कर में पढे कई जोड़ों (कपल) की घटनाओं को पढकर मन अपने विचार लिखने को विवश हो गया।
दोस्तों, ये चट मँगनी और पट ब्याह वाले रिश्ते क्या फेरों में ली गई कसमों को यथार्थ में अपनाते हैं ?
या
सात जन्मों के पवित्र बंधन को सात महिने या सात साल का ही मानते हैं?
क्योंकि अक्सर देखा जाता है कि, कुछ समय पश्चात चार दिन की चाँदनी फिर अँधेरी रात को चरितार्थ करते ये लव बर्ड सिर्फ एक दूसरे की कमियों को ही देखते है। ये वही युगल होते हैं जो शादी के पहले हर कमियों को नजर अंदाज करते हुए एक दूसरे में सिर्फ अपनी दुनिया देखते थे। परंतु वक्त के साथ प्रेम और समर्पण की भावना को पुराना फैशन समझकर तिलांजली दे देते हैं। अपनी पवित्रता को खोता हुआ प्यार आज एक मजाक हो गया है। “आज तू तो कल कोई और” एक स्टेटस सिंबल बन गया है।
“आज प्यार पूजा है या प्यार इबाबत है तथा प्यार दो दिलों का बंधन है जैसे जुमले किताबों में दफन होते नजर आ रहे हैं।
हीर-रांझा, लैला-मजनू के किस्से तो एक ऐसा इतिहास बन गये जो अब दोहराते नजर नही आ रहे।”
आज के अधिकांश युवाओं में रिश्ते और जिम्मेदारी निभाने का साहस कम हो रहा है। बदलते फैशन की तरह रिश्ते भी बदलते जा रहे हैं। पढे लिखे नौजवान कपल जो बङी बङी कंपनियों में कार्यरत हैं, अपने बच्चों के सामने ऐसे लङते हैं ,जैसे उनको अपने बच्चों की भी परवाह नहीं है। परिवार और समाज की तो पहले ही अनदेखी कर चुके हैं। बच्चों की कोमल भावनाएं कितनी प्रभावित हो रहीं हैं, इसका अंदाजा भी नहीं है।
घरेलु अशांति के दुष्प्रभाव
मित्रों, आज के समाचार पत्र में एक ह्रदय विदारक किस्सा पढकर मन लिखने पर मजबूर हो गया। एक होनहार बच्ची जो डॉ. बनना चाहती थी ,उसने इसलिये आत्मदाह कर ली क्योंकि उसके पिता उसकी मां को मारते थे और अक्सर झगङा होता रहता था। वो बच्ची पुलीस के पास भी गई परंतु पुलीस ने भी लङकी की बात नहीं सुनी…. बच्ची के परलोक सिधार जाने पर पुलिस जागी और उसके पिता को जेल भेजी। काश उस बच्ची की मनोस्थिती को उसके अभिभावक या समाज के अन्य लोग समझ पाते। गलती उस मां की भी है जो जुल्म सहती रही और अपनी बेटी को बचा नही पाई।
सोचिये……विचार किजिए….. क्या आत्महत्या के नए कारण की शुरुवात है ये…….?
मेरा उन सभी अभिभावकों से कर जोङ निवेदन है कि , बच्चों को मंहगे खिलौनो की दरकार नही होती बल्की प्यार भरे साथ और आत्मिय माहौल की चाहत होती है। सर्वविदित है कि, बच्चे अधिकांशतः परिवार से देख कर ही सीखते हैं, खासतौर से अभिभावकों के व्यवहार पर उनका पूरा जीवन बनता है।
अतः आप जिनको इस दुनिया में लाए हैं उनके प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाईये वो खुद नही आये हैं आप लाए हैं उनको। पार्टनर में किसी एक को दोषी ठहराना मेरा मकसद नही है। ताली दोनों हाँथ से बजती है। रोटी भी दोनों तरफ से सिकी होती है तभी अच्छी लगती है। मेरा उन सभी अभिभावकों से निवेदन है जो अपने परिवार में दिन-रात कलह (झगड़े) का वातावरण बना रहे हैं.
कृपया अपने अंह के व्यवहार से बच्चों की कोमल भावनाओं को आहत न करिये। दुनिया में सबसे खूबसूरत पल होता है, अपने बच्चों को मुस्कुराते हुए देखना। यकीन मानिये जब आपको पता चले कि उनकी मुस्कुराहट के पीछे का कारण आप हो तो आपको जो खुशी मिलेगी वो कूबेर के खजाने से कम नही होगी । एक जापानी कहावत है कि…
“एक पिता की अच्छाई पहाड़ से भी ऊँची होती है,
एक माँ की अच्छाई समुद्र से भी अधिक गहरी होती है”
प्यार की परिभाषा समझना जरुरी
आजकल तो प्यार का एक नया ही रूप बहुत तेजी से बढ रहा, जिसमें एक तरफा चाहत को प्यार का नाम देकर कुछ मनचले ना सुनने पर लड़कियों पर तेजाब फेंक देते हैं। कुछ तो स्वंय को ही आहत कर लेते हैं ये कैसा प्यार है जो सिर्फ तेजाबी मानसिकता को ही समझता है!
परिवार या समाज की परवाह न करते हुए, धर्म और जाति से परे प्यार की दुहाई देने वाले कुछ लव-बर्ड के अमानवीय किस्से तो रूह को कंपा देने वाले हैं। मन भर जाने के बाद लङकी के साथ हैवानियत भी कांप जाए उससे भी खतरनाक सूलूक करने का किस्सा अक्सर अखबारों में छाया हुआ है। काश प्यार में अंधी हुई लङकियां समय रहते अपने आप को बचा पाती। बङे महानगर हों या छोटे शहर हर तरफ ये आग लगी हुई है।
अनुकूल हो जाना जरुरी
मित्रों, कोई भी परफेक्ट नही होता. हर किसी में कुछ कमी होती है तो कुछ खूबियां भी होती हैं लेकिन अकसर जब हम किसी से नाराज होते हैं तो उस इंसान की केवल कमियों एवं बुराईयों का ही आकलन करते हैं और गुस्से में अपना मानसिक संतुलन खो देते हैं। सामान्य ढंग से स्थिर मनोभाव से भी बात की जा सकती है। तुरंत रिएक्ट करने की बजाय बात का उत्तर बाद में भी दिया जा सकता है, जो बहस को रोकने में सबसे महत्वपूर्ण कारक है। एक-दुसरे की आलोचनाओं को तिलांजली दे दें। शब्द कम समझ ज्यादा हो। अंह भरे अधिकार वाले प्रेम के बजाय परस्पर समर्पण व सम्मान वाले प्रेम से संतानो का जीवन भी रोशन रहता है।
“समाजशास्त्री डॉ. नैन्सी का कहना है कि, माता-पिता का शालीन व्यवहार ही बच्चों में अपने भाई-बहन तथा साथियों के साथ अच्छा व्यवहार करना सिखाते हैं।”
लव- बर्ड से विनय पूर्ण अनुरोध ही कर सकते हैं कि अपने और अपने परिवार को प्यार के ऐसे मजबूत धागे से बांधे जिसे कोई भी तुफान तोङ न सके।
कहते हैं, रिश्ते और रास्ते के बीच एक अजीब रिश्ता होता है। कभी रिश्तों से रास्ते मिल जाते हैं, तो कभी रास्तों में रिश्ते बन जाते हैं इसलिए चलते रहिये और अपने प्यारे से रिश्ते को निभाते रहिये। प्यार कुदरत का दिया हुआ एक अनमोल तोहफा है जिसे दिल से लगा कर रखिये। भले ही हीर रांझा या सिरी फरहाद न बनिये पर अच्छे इंसान जरूर बनिये और इंसानियत को जिंदा रखिये, क्योंकि –
“प्यार के रिश्ते तो…
मुलायम दूब पर शबनमी अहसास हैं…
सात जन्मों का अटल विश्वास हैं।”
अनिता शर्मा
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Stuart says
How is it that after a few years most of the fights start to take place? Maybe this is why divorce is increasing.
Arjun says
actually sabse pahle ek relation me kaam karne se pahle khudpe kaam karna zaruri hai , inner work karna and apni kami ko durr karke hi relationship problems thik ho sakti hai
Zoya King says
How to Make Your Partner Feel Secure in a Relationship
Janaab says
Very nice and interesting information
Yogendra Singh says
Sahi kaha aapne. Aapki post dil ko choo gai.
Madhav Deshpande Mumbai says
really this is a big problem. 90% couples are fighiting unncessarily. arrange marriage is better