कबीर दास जी के दोहे / Kabir Ke Dohe संत कबीर दास के दोहे गागर में सागर के समान हैं। उनका गूढ़ अर्थ समझ कर यदि कोई उन्हें अपने जीवन में उतारता है तो उसे निश्चय ही मन की शांति के साथ-साथ ईश्वर की प्राप्ति होगी। Related: संत कबीर दास जीवनी Name Kabir Das / कबीर दास Born ठीक से ज्ञात नहीं (1398 या 1440) लहरतारा , निकट वाराणसी Died ठीक से ज्ञात नहीं (1448 या 1518) मगहर Occupation कवि, भक्त, सूत कातकर कपड़ा बनाना Nationality भारतीय कबीर दास जी के … [Read more...]
रहीम दास जी के प्रसिद्द दोहे हिंदी अर्थ सहित | Rahim Das Ke Dohe
रहीम दास के दोहे Rahim Das Ke Dohe With Meaning in Hindi --1-- बिगरी बात बने नहीं, लाख करो किन कोय. रहिमन फाटे दूध को, मथे न माखन होय. अर्थ: मनुष्य को सोचसमझ कर व्यवहार करना चाहिए,क्योंकि किसी कारणवश यदि बात बिगड़ जाती है तो फिर उसे बनाना कठिन होता है, जैसे यदि एकबार दूध फट गया तो लाख कोशिश करने पर भी उसे मथ कर मक्खन नहीं निकाला जा सकेगा. --2-- रहिमन धागा प्रेम का, मत तोरो चटकाय. टूटे पे फिर ना जुरे, जुरे गाँठ परी जाय. अर्थ: रहीम कहते हैं कि प्रेम का नाता नाज़ुक होता है. इसे झटका … [Read more...]