Friends, पिछले दो हफ्ते मैं hospitals के चक्कर लगाता रहा, वजह थी मेरे एक बेहद करीबी रिश्तेदार की तबियत अचानक ही खराब होना. उनकी उम्र 59 साल थी और करीब 10 दिन ICU में रहने के बाद अंततः उनका स्वर्गवास हो गया.
मगर इन 14-15 दिनों में मुझे बीमारी, अस्पताल, डॉक्टर्स और मरीज से सम्बंधित कई प्रैक्टिकल बातें पता चलीं जो सिर्फ अनुभव से ही जानीं जा सकती हैं. मुझे लगता है कि आपको भी इन बातों के बारे में पता होना चाहिए ताकि अगर आपकी life में भी कभी ऐसा पल आये तो आप इन अनुभवों का लाभ उठा सकें.
1. डॉक्टर को दिखाने में देर ना करें:
जैसे ही आपको मरीज में बीमारी के symptoms दिखें आप उसे ignore ना करें, देर करना जानलेवा हो सकता है, जैसा कि इस case में हुआ. डॉक्टर को दिखाने से कुछ दिन पहले ही लोगों ने नोटिस किया कि मरीज को बोलने में कुछ दिक्कत हो रही है, पर इसे ठण्ड का असर मानकर ignore किया गया और जब दिक्कत बिलकुल बढ़ गयी तभी डॉक्टर को दिखाया गया. जब भी आपको कोई ऐसा लक्षण दिखे जो आम नहीं है या पहले उस मरीज में नहीं देखा गया है तो आपको अतिरिक्त सावधानी बरतने की ज़रुरत है.
➡ याद रखिये बिमारी को जितना जल्दी पकड़ा जाए उतना ही मरीज के ठीक होने के chances बढ़ जाते हैं. इसलिए symptoms दिखते ही action लें, देर न करें, खासतौर पर जब मामला किसी old age person का हो.
2. पहले ही बेस्ट जगह दिखाएं
यदि आप मेट्रो सिटी या किसी बड़े शहर में नहीं रहते हैं तो most probably आपके यहाँ quality medical facilities available नहीं होंगी. ऐसे में लोग जो डॉक्टर मिलता है उसी को दिखा लेते हैं. पर ऐसा करना fatal हो सकता है. हमने भी यही गलती की और मरीज को दो दिन एक छोटे हॉस्पिटल में एडमिट कर समय गंवाया. अगर हम पहले ही बेस्ट हॉस्पिटल में ले गए होते तो जान बच सकती थी.
3. एम्बुलेंस वालों या किसी बाहरी की सलाह पर सावधानी से निर्णय लें
जब आप किसी बड़े शहर में मरीज को ले जाने की सोचेंगे तो कई लोग कई तरह की सलाह देंगे. यदि सलाह देने वाला आपका विश्वसनीय ना हो तो उसपर आसानी से भरोसा ना करें.
मैं जब मरीज को गोरखपुर से लखनऊ लेकर जा रहा था तो एम्बुलेंस वाले ने एक प्राइवेट हॉस्पिटल की बड़ी तारीफ की और वहीँ ले जाने को कहा, मैंने भी वहां ले जाने का मन बना लिया था पर अंत में हम कहीं और चले गए. बाद में पता चला कि ambulance वाले का suggested हॉस्पिटल मरीज लाने के लिए उन्हें 10-15 हज़ार रुपये देता है. So be cautious on recommendations!
4. यदि पहली बार में ही बेस्ट हॉस्पिटल ना मिल पाए तो फ़ौरन उसके लिए प्रयास करें
लखनऊ में SGPGI बेस्ट हॉस्पिटल है, पर वहां किसी को एडमिट कराना, वो भी ICU में बहुत-बहुत कठिन है. हमने शुरू में पेशेंट को किसी और हॉस्पिटल में एडमिट करा दिया और जब स्थिति बिगड़ने लगी तब SGPGI के लिए ट्राई किया… बहुत कोशिश के बाद वहां एडमिशन का चांस बना but unfortunately तब तक मरीज की हालत बहुत खराब हो चुकी थी और इस हालत में SGPGI ने उन्होंने लेने से मना कर दिया…. अगर हमने पहले हॉस्पिटल में एडमिट कराते ही एसजीपीजीआई के लिए प्रयास किया होता तो शायद उन्होंने वहां एडमिट कर लिया जाता!
5. Patience रखें, इलाज में वक़्त लगता है
जब आप मरीज को एडमिट कराते हैं तब आप तुरंत ही उसमे सुधार की उम्मीद रखते हैं पर ऐसा नहीं होता…जिस तरह से बीमारी धीरे-धीरे आती है वैसे ही वो जाती भी धीरे-धीरे है. इसलिए डॉक्टर को इलाज करने के लिए वक़्त दें…. धैर्य रखें. कई बार लोग फ़ौरन रिजल्ट न मिलने पर डॉक्टर या हॉस्पिटल बदलने की बात सोचने लगते हैं… पर ऐसा करना सही नहीं है, किसी भी डॉक्टर को इलाज करने के लिए उचित समय दें.
6. जिस हॉस्पिटल में ले जा रहे हैं उसके बारे में ठीक से पता करें
हमने लखनऊ में 4 दिन एक हॉस्पिटल में रहने के बाद doctor की सलाह पे हॉस्पिटल चेंज किया और एक प्राइवेट हॉस्पिटल में चले गए. हमने उस हॉस्पिटल के बारे में थोड़ा बहुत पता किया और शिफ्ट कर गए. पर बाद में हमारा experience अच्छा नहीं रहा. हमसे शुरू में जो expected खर्च बताया गया था reality में वह उसका 3-4 times था, साथ ही नर्सिंग स्टाफ भी unprofessional था और वहां मरीज का खाना भी आपको खुद ही provide करना था. इसलिए अगर मौका हो तो हॉस्पिटल select करने से पहले उसके बारे में ठीक से पता कर लें.
किसी हॉस्पिटल के बारे में पता करने का सबसे अच्छा तरीका है उसे विजिट करें और वहां एडमिट मरीजों के परिजनों से उसका फीडबैक लें-
- डॉक्टर्स कैसे हैं?
- एक्चुअल चार्जेज कितने हैं?
- Hygiene कैसी है?
आप इन्टरनेट का भी प्रयोग कर सकते हैं पर मैंने देखा है कि अकसर जो लोग dissatisfied होते हैं वही फीडबैक पोस्ट करते हैं और ऐसे में अच्छे से अच्छे हॉस्पिटल के बारे में आपको बुरी बाते ही अधिक पढने को मिलेंगी.
7. लगातार डॉक्टर से टच में रहें और मरीज की हालत को समझें
एक बार एडमिट कराने के बाद अपनी जिम्मेदारी को पूरा ना मान लें… लगातार मरीज के बारे में डॉक्टर से touch में रहें और उसमे हो रहे सुधार या दिक्कतों के बारे में जानें. ऐसा करने से आप ज़रुरत पड़ने पर किसी अन्य डॉक्टर से second opinion ले सकते हैं. साथ ही आपके अलर्ट रहने से हॉस्पिटल भी आपके मरीज पर ध्यान देता है.
8. Nursing staff file में जो values enter कर रहा है उसे cross check करें
हम जिस हॉस्पिटल में थे वहां कुछ लोगों से पता चला कि कई बार नर्सिंग स्टाफ रिपोर्ट्स की values file में ठीक से enter नहीं करता… और बिना नापे बुखार की reading भी चढ़ा देता है. Doctors जब राउंड पे आते हैं तो वे सिर्फ फाइल पर ही नज़र डालते हैं, ऐसे में अगर वहां गलत वैल्यूज हैं तो ये आपके पेशेंट के लिए नुकसानदायक हो सकता है. इसलिए आप बीच-बीच में खुद भी रिपोर्ट्स और फाइल की वैल्यूज मैच करते रहिये.
9. डॉक्टर से lay man की तरह ही बात करें, अपनी google knowledge ना show करें
आज कल गूगल पर हर जानकारी उपलब्ध है ऐसे में कई बार लोग मेडिकल टर्म्स समझ कर डॉक्टर से उसी भाषा में बात करने लगते हैं. मेरी समझ से ऐसा करना ठीक नहीं है. क्योंकि आपकी knowledge बहुत लिमिटेड है और ऐसे में आप इस तरह से बात करके डॉक्टर को irritate कर सकते हैं.
ये भी ध्यान रखें कि डॉक्टर से बात करते वक़्त बोलेन कम और सुनें ज्यादा. ऐसा करने से डॉक्टर आपको मरीज से सम्बंधित कई महत्त्वपूर्ण जानकारी दे पायेगा, जबकि अगर आप बोलते ही रहेंगे तो डॉक्टर आपको ज्यादा कुछ नहीं बता पायेगा.
10. काउंटर पर जो दवाएं लें उन्हें फ़ौरन receipt से match कर लें
शायद आपको यकीन ना हो पर हम जिस हॉस्पिटल में थे वहां हमें लगभग रोज ही 50 से 70 हज़ार तक की दवाएं लेने के लिए पर्ची थमाई गयी… और कहा गया कि दवा अस्पताल से ही लेनी है… जब आपका मरीज ICU में होता है तो आप फ़ौरन दवा के काउंटर पर जाते हैं और दवाएं खरीद कर ICU में पहुंचा देते हैं… पर ऐसा ना करें… दवा लेते ही उसे दी गयी रिसीप्ट से मैच कर लें… क्योंकि कई बार जानबूझ कर आपसे दवा का चार्ज तो ले लिए जाता है पर पैकेट में दवा डाली ही नहीं जाती. हमारे साथ ऐसा दो-तीन बार हुआ और हर बार जो दवा छूटी होती थी उसकी कीमत हज़ारों में होती थी… इसलिए इस point पर खास ध्यान दें.
Friends, I hope यहाँ दी गयी जानकारी आपके काम आएगी. यदि आप इस लिस्ट में अपनी तरफ से कोई पॉइंट ऐड करना चाहते हैं तो कमेन्ट में ज़रूर लिखें, genuine suggestions को मैं इस आर्टिकल में ऐड कर दूंगा.
Thank You
——————
इन health articles को भी पढ़ें :
- स्वस्थ रहने के आयुर्वेदिक उपाय
- कब तक करते रहेंगे हेल्थ को अनदेखा?
- योग के 10 फायदे
- सर्दी-जुकाम, कफ & कोल्ड का इलाज कैसे करें?
- डायबिटीज के 10 प्रमुख लक्षण और उनकी वजहें
Pravingoswami says
Nice
Chandan Gupta says
10 number. bahut hi badia
Ashish sharma says
Gopal sir….Very thanks to you…..10. number wali bat mere sath hui thi 3 din phle….Medical store wale ne dwai to ni di…But price likh diye they…Vo bhi 500 rs…But mene isse phle apka ye article pdha tha to mene sb usi time match kiya to pta chla ….Apke post se hi ye mind me baat aayi….Thanks sir…
Gopal Mishra says
जानकार ख़ुशी हुई कि आपको इस पोस्ट से फायदा हुआ.
suman soni says
Thank you sir ji
nice post….
ICU k 10 din aur 10 sabak