क्या आप भी उन लाखों लोगों की तरह हैं जो कुछ करना तो चाहते हैं पर किसी कारणवश कर नहीं पाते; जैसे कि-
- आप अपना बिजनेस शुरू करना चाहते हैं पर सही समय का इंतज़ार कर रहे हैं
- अपने बच्चे को पढ़ाना तो चाहती हैं पर उसी समय आपका फेवरेट सीरियल भी आता है
- आप रोज 8 घंटे पढाई करना चाहते हैं पर घर में बहुत डिस्टर्बेंस रहती है
तो आप इस कहानी को ध्यान से पढ़िए, संभव है आपको अपनी समस्या का समाधान मिल जाए.
ज़िन्दगी में ठक-ठक तो चलती रहेगी!
Hindi Story on Doing Your Work
एक सिपाही अपने घोड़े पर सवार हो कर राज्य की सीमाओं का निरीक्षण करने निकला. घंटों चलने के कारण सिपाही और घोड़ा दोनों ही थक गए थे.
सिपाही ने तो अपने पास रखे पानी से प्यास बुझा ली पर बेचारे घोड़े के लिए कहीं पानी नहीं दिख रहा था.
पानी की तलाश में दोनों आगे बढ़ गए. थोड़ी देर चलने के बाद कुछ दूर पर एक बूढ़ा किसान अपने बैल के साथ दिखा.
- पढ़ें: किसान की घड़ी
वह खेतों की सींचाई करने के लिए रहट चला रहा था.
सिपाही उसके समीप पहुँच कर बोला, “काका, मेरा घोड़ा बड़ा प्यासा है इसे जरा पानी पिलाना था.”
“पिला दो बेटा!”, किसान बोला.
सिपाही घोड़े को रहट के पास ले गया ताकि वो उससे गिरता हुआ पानी पी सके.
पर ये क्या घोड़ा चौंक कर पीछे हट गया.
“अरे! ये पानी क्यों नहीं पी रहा?”, किसान ने आश्चर्य से पूछा.
सिपाही कुछ देर सोचने के बाद बोला, “काका! रहट चलने से ठक-ठक की जो आवाज़ आ रही है उससे यह चौंक कर पीछे हट गया.”
“आप थोड़ी देर अपने बैल को रोक देते तो घोड़ा आराम से पानी पी लेता.”
किसान मुस्कुराया,
बेटा ये ठक-ठक तो चलती रहेगी… अगर मैंने बैल को रोक दिया तो कुंएं से पानी कैसे उठेगा…यदि घोड़े को पानी पीना है तो उसे इस ठक-ठक के बीच ही अपनी प्यास बुझानी होगी…
सिपाही को बात समझ आ गयी, उसने फिर से घोड़े को पानी पिलाने का प्रयास किया, घोड़ा फिर पीछे हट गया…पर दो-चार बार ऐसा करने के बाद घोड़ा भी समझ गया कि उसे इस ठक-ठक के बीच ही पानी पीना होगा और उसने इस विघ्न के बावजूद अपनी प्यास बुझा ली.
दोस्तों, इस घोड़े की तरह ही यदि हमें अपनी इच्छित वस्तु पानी है तो जीवन में चल रही ठक-ठक पर से ध्यान हटाना होगा. हमें सही समय के इंतज़ार में अपने प्लान्स को टालना छोड़ना होगा… बहानो के पीछे छुप कर ज़रूरी कम से मुंह मोड़ना छोड़ना होगा…हमें ये कंडिशन लगाना छोड़ना होगा कि हम आइडियल कंडिशन में ही काम करेंगे…क्योंकि ज़िन्दगी में ठक-ठक तो हमेशा ही चलती रहेगी, हमें तो इसी सिचुएशन में अपनी प्यास बुझानी होगी.
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सरिता जैन says
सच ही तो है दिक्कतें तो कभी खत्म नहीं हो सकती उनके साथ ही काम कर लें तो अच्छा है वरना लटका ही रहेगा या हो ही नहीं पायेगा। कहानी अच्छी लगी। …….. जय जिनेन्द्र!
Manish Tiwari says
Kya bat hai
Mind blowing
Vikash Gupta says
बहुत अच्छी सिख देती है यह कहानी है | साथ ही यह सफलता का राह भी दिखाती है |
Kishan kumar says
Very nice story to explain our life sir
Shiv prakash says
Nice
PRAKASH says
Very niccc… Situation ko accept karke… Aage badhna hi Jindagi h… Mano to thak thak… Aur soch badlne ke bad wahi music ban jata h
Karuna Dhende says
Very true after all दिक्कतो का नाम हो जिंदगी है ना!
मस्त
धन्यवाद
Abhay Dixit says
बिल्कुल सही बात गोपाल जी हमारे जीवन में कुछ ना कुछ दिक्कत है आती रहती हैं और हम सोचते हैं कि जब दिक्कत खत्म होगी तब हम कोई काम करेंगे परंतु यदि हम उन दिक्कतों के साथ-साथ उस काम को भी करते जाएं तो अवश्य ही हो काम पूरा होगा
Gopal Mishra says
Nice to see your comment. Hope you are doing good. 🙂
Aswani says
Nice
Parth says
ye ek sachhi kahani hai, sahi waqt ke intzaar me sabhi waqt nikl jaata hai.