2022 आरंभ काव्य
हर दिन मज़ेदार-सी
शुरुआत कीजिये
हर दिन ज़िंदगी को
सुप्रभात कीजिये
हर दिन निकालिए
फुर्सतों के कुछ पल
हर दिन अपने आप
से भी बात कीजिये
हौसलों के फूल
कहीं सूख न जाये
खारे आँसू की न
बरसात कीजिये
फोन से संबंध यदि
बिगड़ने लगे तो
रूबरू आकर ही
मुलाक़ात कीजिये
काँच की तरह हैं
माँ- बाप के भी दिल
जुबां के हथोड़े से न
आघात कीजिये
कमेन्ट के तीर से
आहत न करें दिल
ऑनलाइन भी न
रक्तपात कीजिये
हर दिन मजेदार सी
शुरुआत कीजिये
हर दिन ज़िंदगी को
सुप्रभात कीजिये
रचना :- गौतम कुमार सागर, वडोदरा
➡ नव वर्ष के अवसर पर यह किवता AchhiKhabar.Com पर साझा करने के लिए हम गौतम जी के आभारी हैं. धन्यवाद.
इन कविताओं को भी पढ़ें:
- “खुद को नई चाल दो” | उर्जा से भरपूर प्रेरणादायक कविता
- गुरु का स्थान – शिक्षक दिवस पर प्रेरक कहानी
- ‘अश्रु’ – स्वतंत्रता दिवस पर कविता
- “हम पेड़ क्यों लगाते हैं?” – कविता
- ये मत सोचो कि…
यदि आपके पास Hindi में कोई poem, article, business idea, inspirational story या जानकारी है जो आप हमारे साथ share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी Id है:[email protected].पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!
ghazaleh says
Nice!