नए साल का पहला दिन: अपने जीवन को बदलने की शुरुआत
समझदार मनुष्य अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रयास करता है। इस प्रक्रिया में वह कई गलतियां भी करता है। फिर, अपने निजी अनुभव से सीखता है और आगे बढ़ता है। साल दर साल यह प्रोसेस चलता रहता है।
नए साल का पहला दिन आने से पहले, बीत जाने वाले साल के आखरी दिन यानी 31 December को धूमधाम से मानाने का चलन है। दुनियां के विभिन्न हिस्सों में इस दिन लोग पार्टी करते हैं, एक दूसरे को गिफ्ट देते हैं और पुराने गीले शिकवे मिटा कर आगे बढ़ने का प्रयास करते हैं।
इसके बाद 1 जनवरी के दिन New year’s resolution तैयार किये जाता है। इसके तहत, लोग बुरी आदतें छोड़ने, अच्छे नियम अपनाने और अपने लक्ष्य को पाने के लिए उपयुक्त कदम उठाने का प्रण लेते हैं।
नए वर्ष में कैसे सकारात्मक बन कर सफलता की और अग्रसर होना चाहिए, इसी विषय पर यह छोटी सी पोस्ट आधारित है, कृपया अंत तक पढ़ें और लाभ उठाएं।
पिछले साल से सीख
असफलताएं सब से बड़ी शिक्षक होती हैं। इनका विश्लेषण करना और इनसे सबक लेना लाभदायक है। जो गलतियां एक बार की है, उन्हें दोहराने से बचना है, अगर ये नहीं करते हैं तो प्रगति की राह मुश्किल होगी।
कई बार हम गलतीयों पर शर्म का अनुभव करते हैं, इस आदत को छोड़ने का प्रयास करें, दुनियां में कोई परफेक्ट नहीं होता है,
एक कार्य, आज अगर कोई आसानी से कर पाता है तो आप भी कर सकोगे, 2 दिन देर से ही सही पर कर लेंगे, ये एटीट्यूड बनाओ और ईमानदारी से प्रयास करो।
प्रोसेस का आनंद लीजिए
मान लो, सब बैठे बिठाये मिल गया… एक बंगला आ गया, 2 गाड़ियां है, बड़ा ऑफिस और खुद पॉपुलर भी हो गए। अब क्या?
कई लोग कहेंगे… घूमेंगे फिरेंगे, लाइफ एन्जॉय करेंगे, लेकिन कर कर के कितना एन्जॉय करोगे? क्या 365 days?
उसमें भी तो बोरियत आ जाएगी ना। फिर आएगा आलस्य, फिर बिमारियों का इंतज़ार, और फिर अंत।
ज़रा सोचिए, बुढ़ापे में, आपके पास, “अपने ग्रैंड चिल्ड्रन को सुनाने के लिए”? सक्सेस स्टोरी क्या होगी?
शायद कुछ नहीं…!
इस लिए परिश्रम, विपत्ति, निराशा और पराजय का भी अपना महत्त्व है, वो कहते हैं ना की, जिसने हार का स्वाद ही नहीं चखा वो जीत की कद्र ख़ाख करेगा ! इस लिए नए साल में जो भी Goal बनाओ, उसकी जर्नी को एन्जॉय करना। फिर, प्रोसेस में चाहे कितनी भी मुश्किल पड़े।
वास्तविक लक्ष्य है… “ज़रूरी”
बड़ी इच्छाएं पाल लेने से कुछ नहीं होगा, जो टारगेट सेट किया है वह निर्धारित समय में अचिवेबल होना जरुरी है।
उदाहरण के तौरपर अगर आज कोई AI इंजीनियर 50-70 हजार सैलरी वाली जॉब करता है और अगले एक साल में सैम ऑल्टमैन की चैट जीपीटी को बिट कर के बड़ी कंपनी बना लेने का Goal बनाता है, तो ये शेखचिल्ली के सपने जैसी बात हो जाती है।
किसी यूट्यूब मोटिवेशन वीडियो पर जट से व्यूज़ पाने के लिए तो ऐसी फिक्शन स्क्रिप्ट ठीक है, लेकिन ये Goal वास्तविकता से बहुत दूर है।
भेड़ चाल में ना फसें
जैसे शेयरबाजार में 4 दिन की तेजी देख कर रिटेलर, हीरो वाली एंट्री मारात है, फिर किसी “सी” ग्रेड के सस्ते विलेन के जैसे पीट जाता है और नुक्कड़ पर बैठकर 4 लोगों से कहता है की शेयर बाजार जुआ है, इसमें कोई नहीं कमा पाता।
ऐसा नहीं करना है, जब पानी बह चूका है तो बाल्टी कैसे भर पाओगे? पंगत उठ चुकी है तो भोजन कैसे मिलेगा? जड़ें कट चुकी है तो पौधा कैसे बढ़ेगा?
वैसे ही कोई फिल्ड, सेक्टर या आईडीया ऑलरेडी सेच्यरेटेड हो चूका है, उससे आप सक्सेस कैसे पा सकोगे? और उसमें कुछ बचा भी है तो, कंपीटिशन भी तो तगड़ा होगा ना !
इस लिए नए साल में अपना अनोखा विज़न बनायें, नई संभावनाएं तलाशें, भेड़ चाल में ना फसें।
कठिन लक्ष्य को Crack करें
नए साल में जो भी लक्ष्य बनाए, उसे प्राप्त करने के लिए “आकर्षक स्ट्रेटर्जी” बनाएं।
इन्सान का स्वभाव है, जब उसे कुछ मुश्किल टास्क मिलता है, उसमें कुछ समझ नहीं आता है तो, गुस्सा आता है, हताशा होती है, नफरत आती है, उस चीज से दूर भागने का मन करता है, अंत में Faliore का Tag लग जाता है और उसका आत्मविश्वास चकनाचूर हो जाता है। इस परिस्थिति से बचने के लिए छोटे लक्ष्य बनाए, या बड़े लक्ष्य को टुकड़ों में तोड़ दें।
उदाहरण के तौरपर अगर आपको एक चित्रकार बनना है, लोगों की आकृति बनाना सीखना है, तो पेन्सिल और पेपर ले कर बैठ जाइए।
पहले तो, पूरा इन्सान ड्रॉ करने की जरुरत ही नहीं है, बस एक हफ्ता फेस बनाए, फिर पंजों के ड्रॉइंग बनाएं, फिर आर्म और लेग्स, फिर बॉडी स्ट्रक्चर। इस तरह एक एक ओपस्टिकल पार करने पर कॉन्फिडेन्स बढ़ेगा।
ऐसी आदत समय जरूर लेगी, लेकिन धैर्य रख कर काम करते रहे तो, Skill ऐसी बनेगी की आपके फिल्ड में कोई आपका हाथ पकड़ नहीं पाएगा। गुरुमंत्र बस ये है कि जटिल कार्य को टुकड़ों में बांट लो और लगन के साथ शुरू हो जाओ।
अनुसाशन का महत्त्व समझें
दूध वाला सुबह 5 बजे उठता है, अगर सुबह जल्दी उठने से लोग अमीर हो जाते तो, आज सारे दूध वाले दौलतमंद होते। ऐसी बातें Jokes में ही अच्छी लगती है।
वास्तविकता में सफल होना है तो समय की कद्र करना सीखना चाहिए, भले ही आप सुबह 10 बजे उठें, लेकिन 11 बझे काम शुरू कर देते हैं तो रोज शुरू हो ही जाना चाहिए। भले ही आप सप्ताह में 3 दिन काम करें, लेकिन वो तीन दिन ऐसा जम के काम करें की सातो दिन काम करने वाले को दूर… पीछे छोड़ दें।
सारांश बस इतना है कि जो नियम आप बनाएं उन पर अनुसाशन से चलना चाहिए, फिर वो नियम जरुरी आराम लेने का हो, एक्सरसाइज करने का हो, ओवरटाइम में काम करना हो, या तंदुरस्त दिनचर्या का हो।
शरीर की मर्यादा और ज़रूरत
आप किसी को आदर्श मानते है, और वो दिन में 18 घंटे काम करे, तो वही काम आप अपने शरीर से ले सकेंगे ये जरुरी नहीं है।
हर एक मानव शरीर की ज़रूरत और खासियत अलग अलग होती है, इस लिए New Year’s resolution के चक्कर में ऐसा स्टेप ना लें जो हानिकारक साबित हो।
शुरआत हमेशा धीमी करें, फिर शरीर की सहूलियत अनुसार उसे धीरे धीरे स्ट्रेच करते हुए बड़े टारगेट दें।
झोलाछाप ऑनलाइन गुरुओं से बचके
शरीर की मजबूती के साथ साथ मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना भी जरुरी है। नेगिटिव थॉट्स मश्तिष्क में ना आने दें। अथॉरिटी ना हो, उनका या उनकी बातों का अन्धविश्वास ना करें। किसी से बराबरी कर के खुद को कोसें नहीं। हड़बड़ी में राय बना कर, कोई बड़ा निर्णय ना लें। बस इतना विचार करें की जो इन्सान शार्टकट से सफल बन जाने का टोटका परोस रहा है, वो खुद क्यूँ अम्बानी-बंबानी नहीं बन जाता।
उदहारण के तौरपर…
अगर 30 की उम्र में आपके पास इतना पैसा नहीं है तो ये करें, अगर 40 की एज में आप इस हाल में हैं तो आपके साथ ये हो सकता है, फलाना, ढिमका, ये वो…
सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो कंटेंट भरे पड़े हैं, जहाँ 4 व्यूज पाने के लिए यूजर्स को भयभीत किया जाता है।
ऐसे कंटेंट देख कर / पढ़ कर, कई लोग डिप्रेशन में चले जाते हैं। खुद को कोसने लगते हैं। या अनशन डिजिटल कोचिंग, गाइडिंग और काउंसिलिंग प्रोडक्ट में पैसे बर्बाद कर लेते हैं।
नए साल में ऐसे बदलीपास (टेम्परेरी) मोटिवेशन स्पीकर्स, फेक डिजिटल मार्केटर्स और कबूतरबाजों से बचना है। खुद के मन को ऐसे ट्रेन करो की, Life में कुछ मिला तो अच्छा, ना मिला तो ऊपर वाले की मर्जी, हमारा काम है प्रयास करना, और प्रयास की जर्नी में खुश रहना।
कृतग्य बनें अपनों के साथ समय बिताएं
जब तक जीवन है तब तक काम रहेगा। इस लिए अपनों को समय दीजिये, दोस्त, भाईबहन, माता-पिता, जीवनसाथी और आपके पड़ौसी इन सब के साथ समयान्तर पर कम्युनिकेट करें, यथासंभव इन्हें मदद करें। क्यूँ की जरुरी नहीं है कि पैसा, रुतबा और खुद की ताकत के दम पर आप पूरा जीवन स्वावलंबन से बिता लोगे, कभी न कभी सब की जरुरत पड़ती है।
इसके अलावा कुछ व्यव्हार ऐसे भी बनाएं, जहाँ हिसाब की जगह कर्त्तव्य और करुणा प्राथमिकता पर हो। ऐसा करने से एक तो खुद के, अच्छा इन्सान होने का संतोष होता है, खुद को मानसिक शांति मिलती है। और आप ऐसे लोग कमा लेते हैं जो, आपके बुरे वक्त में सब से पहले आपका हाथ पकड़ेंगे।
आपदा में अवसर खोजना सीखो
सरकारी नीतियां बदल गई, रो मटीरियल मेहेंगा हुआ, नया कॉम्पिटिटर आ गया, कुछ इनोवेशन हो गया, ऐसी परिस्थितियों में नौसिखिया उद्यमी परेशान हो जाएगा, उसे सामने बड़ा Loss या डूबता हुआ अपना Business नज़र आएगा।
वहीं, एक कुशल बिजनेसमैन इस नुकसान में अवसर ढूंढेगा, नई टेक्नॉलोजी में निवेश करेगा, सफल स्पर्धक को पार्टनर बना लेगा, नए नियम और कायदे-कानून को अपने फेवर में यूज करने का जूगाड़ बना लेगा। और अपनी वेल्थ में। एक या दो “0” और जोड़ लेगा। वर्ष 2025 में आपको भी ऐसा ही स्मार्ट और फौलादी एटीट्यूड बनाना है।
चलना ही ज़िंदगी है, रुकना मौत बराबर
आप कौनसे फिल्ड में हो, क्या करते हो, कब से कर रहे हो, ये मायने नहीं रखता।
बस खुद को ये समझा लो के, ना मैं रुकूँगा… ना ही हारूँगा।
Baby Steps लो, लेकिन आगे बढ़ो।
अपने लक्ष्य पर, अगर निरंतर लगे रहोगे तो….
बेवकूफ, क्या समय बर्बाद कर रहा है, तुजसे नहीं होगा, कुछ नहीं कर पाएगा, ऐसा बोलने वाले,
कल खुद कहेंगे…
मुझे पता था, ये अलग है, कुछ कर के दिखाएगा। मैं जानता था इसका फ्यूचर ब्राइट है।
Inshort : विवेचकों को सुनो, कहीं गलती कर रहे हो, तो सीख लो, लेकिन खुद पे भरोसा है, अपने विचार में सही हो तो, “अड़ जाओ”,
लोगों की कड़वी बातों को अपने कपड़ों पर लगी फालतू धुल समझ कर, उन्हें झटक कर, आगे बढ़ जाजो।
निष्कर्ष :
नए साल को अपने जीवन की नई शुरुआत के तौरपर देखें। पिछले वर्ष की गलतियों को सुधार कर, उनसे सीख ले कर आगे बढ़ें।
मधुर वाणी, एकता और परोपकार के गुण अपनाएं, फिजूल खर्ची से बचें, लोगों से कम्युनिकेट करें, अपने लक्ष्य और उसकी प्रगति का समयान्तर पर अवलोकन करें।
नाकामी देख कर निराश न बनें, सफलता देख कर दंभ ना करें। जीवन में काम मन का हुआ तो अच्छा, ना हुआ तो भी अच्छा, मायने सिर्फ ये रखता है कि आप “प्रयास” कैसा करते हैं।
महात्मा गांधी जी के शब्दों में –
“अपने विचारों को बदलिए,
विचार बदलने से आदतें बदलेंगी,
आदतें बदलने से चरित्र बदलेगा,
और चरित्र बदलने से…
आपका भाग्य बदल जाएगा।”
नए साल की हार्दिक शुभकामनाएं! आपका यह वर्ष खुशियों और सफलताओं से भरा हो।”
Read Also :
- Job Interview में सफल होने के 10 Tips
- बार्बर से बिलिनेयर तक
- Business सफल बनाने के 10 Golden Rules
- आपकी Success Diary
- Tension से निकलने के 5 तरीके
- ज़िन्दगी में progress ना कर पाने की 5 वजहें ?
- बनाएं इस साल को अपनी life का सबसे बड़ा साल
Did you like the “New year’s resolution 2025” “नए साल का पहला दिन: अपने जीवन को बदलने की शुरुआत” इस विषय पर आधारित यह लेख” आप को कैसा लगा? यह कमेन्ट में जरुर बताइयेगा |
यदि आपके पास Hindi में कोई article, business idea, inspirational story या जानकारी है जो आप हमारे साथ share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी Id है achhikhabar@gmail.com पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks
Really motivating
bahut achhi psot for new yer